पहली बार चुदाई कॉलेज गर्ल के साथ
कुछ उमर की पहली मंजिल थी..
कुछ रास्ते थे अनजान बहुत..।
कुछ हम भी पागल थे..
कुछ वो भी थे नादान बहुत..।
कुछ उसने भी ना समझाया..
ये प्यार नहीं आसान बहुत..।
आखिर हमने भी खेल लिया..
जिस खेल में था नुकसान बहुत..।।
काश वो वापस आ जाए..
ये दिल है अब सुनसान बहुत..।
तेरी उम्मीद तेरा इंतजार करता हूँ..
मैं तुझे कल भी प्यार करता था..
मैं तुझे अब भी प्यार करता हूँ।।
हैलो साथियो.. मैं रोहित.. हरियाणा के हिसार जिले से.. उम्र 19.5 साल.. कद 5’6″.. लंड 7 इंच लंबा 2.8 इंच मोटा.. अपनी पहली व सच्ची कहानी लेकर हाजिर हूँ। कहानी में लड़की का नाम काल्पनिक है।
बात उस समय की है.. जब मैं बीटेक के पहले साल में था.. अब दूसरे में हूँ। एक लड़की थी.. उसका नाम रितु था। उसके फिगर का कुछ अंदाजा नहीं है.. पर था बड़ा लाजवाब।
जब मैंने क्लास के पहले दिन उसे देखा तो उस पर फिदा हो गया था.. पर उससे बात नहीं कर पाया था।
एक हफ्ते तक बस उसे देखता रहा.. फिर एक दिन दोस्तों के कहने पर उससे बात की और मेरी उससे दोस्ती हो गई।
वो बहुत सुंदर थी.. इसलिए वो जब भी बात करती.. मैं उसके चेहरे को देखता रहता था।
इस तरह हमें कोलेज में दो महीने बीत गए। फिर एक दिन हम मूवी देखने सनसिटी गए.. वहाँ मैंने उसे पहली बार किस किया.. जिसका उसने कोई विरोध नहीं किया।
उसके बाद तो मैंने उसे कई बार किस किया व जब चाहे उसके मम्मे दबाता रहता था। उसने मुझे कभी नहीं रोका।
उसके मम्मे एकदम अनार की तरह गोल व तने हुए थे।
फिर एक दिन मैंने उससे कहा- मैं तुमसे कमरे पर अकेले मिलना चाहता हूँ।
उसने बड़े ही प्यार से मुस्कुराकर कहा- आखिर क्या इरादा है तुम्हारा.. कमरे पर ले जाकर क्या करोगे?
मैंने कहा- कुछ भी तो नहीं..
उसने कहा- मिल तो लूँगी.. पर कुछ उल्टा-सीधा तो नहीं करोगे ना..
मैंने कहा- वो क्या होता है?
उसने कहा- इतने भोले मत बनो.. बताओ क्या चाहते हो?
मैंने कहा- इतनी भोली तो तू भी नहीं है.. अकेले कमरे पर बुला रहा हूँ तो समझ जा..
उसने कहा- शादी से पहले कुछ नहीं।
मैंने कहा- मुझ पर विश्वास नहीं?
उसने कहा- बहुत है।
मैंने कहा- मैं कभी धोखा नहीं दूँगा तुम्हें।
उसने कहा- शादी करोगे मुझसे?
मैंने कहा- वादा करता हूँ तुम्हें कभी छोड़ कर नहीं जाऊँगा और शादी भी करूँगा।
उसके बाद हम एक दिन कमरे पर मिले जहाँ आते ही मैंने उसे अपनी बाँहों में भरकर बिस्तर पे लेटा लिया और उसके होंठों को चूसने लगा।
काफी देर तक उसके होंठों को चूसने के बाद उसके टॉप में हाथ डालकर उसके मम्मों को दबाने लगा।
अब वो धीरे-धीरे गर्म हो रही थी व उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं।
फिर मैंने उसका टॉप उतार दिया व ब्रा में हाथ डालकर उसके मम्मे दबाए।
फिर मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी।
उसके मम्मे इतने सेक्सी थे कि ब्यान नहीं कर सकता।
रितु भी अब गर्म हो रही थी.. उसने मुझे कस कर बाँहों में भर रखा था। मैंने उसकी जीन्स व पैन्टी भी उतार दी। अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी, उसकी चूत पर छोटे-छोटे बाल थे।
मैंने अपने कपड़े उतारे.. तो वो मेरा लंड देखकर बोली- ओओ.. ये तो बहुत बड़ा है.. इससे तो बहुत दर्द होगा।
मैंने उससे कहा- एक बार तो होना ही है।
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फिर मैंने अपना लंड रितु के हाथ में दे दिया.. जो पहले से ही लोहे की सख्त रॉड की तरह हो चुका था।
वो धीरे-धीरे मेरे लंड को सहलाने लगी। मैं भी एक हाथ से उसकी चूत सहलाए जा रहा था।
अब वो पूरी तरह गर्म हो चुकी थी। मैंने अपना लंड उसकी चूत पर सैट करके धीरे से झटका मारा.. तो लंड फिसल गया।
उसकी चूत एकदम टाइट थी.. तो मैंने उसकी चूत और मेरे लंड पर थूक लगाकर एक जोर का झटका मारा.. तो लंड आधा रितु की चूत में चला गया।
वो दर्द से बुरी तरह चिल्लाने लगी.. मेरी भी हालत खराब थी.. क्योंकि हम दोनों की सील टूट चुकी थी ‘आइइइइ… उहहहह…’
वो बोली- बाहर निकालो.. नहीं तो मैं मर जाऊँगी।
उसकी चूत से खून आ रहा था।
फिर कुछ देर रुकने के बाद उसका इशारा पाकर एक और जोर का झटका मारा.. तो लंड पूरा अन्दर चला गया। वो जोर से चिल्लाने लगी.. तो मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए, उसके मुँह से ‘गुंउउउ… उउउउ…’ की आवाज आ रही थी।
कुछ देर बाद हम दोनों को ही मजे आने लगे और करीब 7-8 मिनट बाद दोनों एक साथ झड़ गए।
उस दिन हमने एक बार और चुदाई की।
यह मेरा उसके साथ पहला और आखिरी सेक्स था। इसके तीन दिन बाद एक सड़क हादसे में वो मुझे हमेशा के लिए अकेला छोड़ गई।
इसके बाद मैंने किसी लड़की से दोस्ती नहीं की.. बस रितु ही याद आती रहती है।
मैं कई दिनों से अन्तर्वासना पढ़ रहा था.. तो मैंने भी मेरी एकमात्र सच्ची कहानी लिख दी, आपको कैसी लगी जरूर बताएं।
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