धोखेबाज गर्लफ़्रेन्ड को खुल्लम-खुल्ला चोदा
दोस्तो, मेरा नाम राम है और मैं कन्नौज का रहने वाला हूँ.. बचपन से ही मैं बहुत शरारती हूँ और इंटरनेट पर कहानियाँ पढ़ने का बहुत शौकीन हूँ।
पहले मुझे इंटरनेट पर प्रेरणा दायक कहानियाँ पढ़ने का शौक था.. लेकिन जब मैं और जवान हुआ तो मुझमें और चीजों में इंटरेस्ट आना शुरू हो गया और मैं अन्तर्वासना पर कहानियाँ पढ़ने लगा। आज तो यह हालत है कि बिना अन्तर्वासना खोले मुझे नींद नहीं आती है।
आज मैंने सोचा हमेशा आप लोगों की आपबीतियाँ बहुत पढ़ चुका हूँ.. अब अपना अनुभव आपसे शेयर करूँ।
किस्मत से मैं 6 फीट का फिट बंदा हूँ.. लड़कियाँ चाह कर भी इग्नोर नहीं कर पाती हैं।
बात उस समय की है.. जब मैं कानपुर में जॉब करता था और मेरी गर्लफ्रेण्ड दिल्ली में रहती थी, वो कभी-कभी मेरे पास आ जाती थी और हम मज़े करते थे।
लेकिन अचानक मुझे पता चला कि वो किसी और से प्यार करती है.. मुझसे तो बस अपने शरीर की प्यास बुझाने आती है.. तो मैं बहुत दुखी हो गया, मेरी भूख-प्यास सब चली गई.. बहुत प्यार जो करता था उससे.. पर मैंने उसे नहीं बताया।
मेरे कुछ दोस्त मुझे बहुत अच्छे से जानते हैं.. वो समझ गए और मेरे बिना बताए उन्होंने मुझसे कहा- तू गांड पर लात मार उसकी.. तुझे उसके जैसी हज़ारों मिल जाएंगी।
मैंने उनकी बात मान ली.. और मैंने अपने ऑफिस में कुछ लड़कियों को भाव देना शुरु किया।
इसका जल्द ही असर शुरू हो गया..
अब ऑफिस में मेरी 3 और गर्लफ्रेण्ड थीं और मैं उनको अपने कमरे पर बुला कर चुदाई कर लेता था।
मैं बदल-बदल कर सबको कमरे पर बुलाता इसलिए वे सब मुझ पर मरती रहती थीं।
इस ऑफिस की छोरियों की चुदाई में मैं ये भूल गया कि मेरी गर्लफ्रेण्ड भी है भले उसमें मेरी रूचि खत्म हो गई थी।
एक दिन अचानक उसका फ़ोन आया- मैं रूम पर आ रही हूँ.. शाम को घर वापस मत जाना।
बताना चाहूँगा कि हर शनिवार को मैं घर जाता हूँ।
मैंने उसकी बात मान ली और मैंने घर पर काम का बहाना बना दिया।
वो शाम को टाइम से कमरे पर आ गई और उसने मेरा रूम साफ किया और मेरे कपड़े धो कर खाना आदि बनाया।
अब हम दोनों ने हमेशा के जैसे एक साथ खाना खाया और बिना कपड़ों के बिस्तर पर आ गए।
मुझे लड़कियों के साथ कपड़ों में सोना अच्छा नहीं लगता.. इसलिए वो रात भर मेरे लम्बे और मोटे लण्ड का मज़ा लेती रही।
लेकिन मुझे अब कोई अफ़सोस नहीं था क्योंकि अब मैं और लड़कियों के साथ भी सो चुका था। उसे ये नहीं पता था तो मैंने सोचा कि चलो इस छुपन-छुपाई का अंत किया जाए।
तो फिर रात में जब वो सो गई तो मैंने अपने ऑफिस की ही एक बंदी को सुबह कमरे पर जल्दी बुलाया।
वो मेरी गर्लफ्रेण्ड के उठने से पहले ही कमरे पर आ गई।
मेरे कहे अनुसार वो मेरे साथ चिपक कर लेट गई।
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फिर मैंने अपनी गर्लफ़्रेंड को जगाया और उसके सामने मैंने अपने ऑफिस वाली गर्लफ़्रेंड को नंगी किया, उसके मुँह में अपना मोटा लण्ड डाला।
वो सब देख रही थी.. लेकिन कुछ न बोली.. क्योंकि वो भी समझ चुकी थी कि मैंने सब जान लिया है।
फिर मैंने उसको भी पास बुलाया.. वो पहले से नंगी थी। फिर मैंने दोनों की एक साथ चुदाई की। अब हमारे बीच सब खुल चुका है.. अब वो अपनी सहेलियों को भी लेकर आती है और मुझसे चुदवाती है।
दोस्तो.. यह बस मेरी चुदाई के शुरूआती दिनों की बात थी.. अगर आप लोग और सुनना चाहेंगे तो बताऊँगा कि कैसे पहली बार मैंने अपनी मौसी की लड़की की चुदाई की।
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