फेसबुक से चूत चटवाने तक
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार..
मेरा नाम इतिका अग्रवाल है और मैं एक 25 वर्षीय युवती दिल्ली की रहने वाली हूँ.. यहाँ मैं एक शिक्षिका हूँ।
यह कहानी मेरी खुद की है.. कि कैसे मैंने अपने नेट-फ्रेंड से सेक्स करवाया।
मैंने अन्तर्वासना की कई कहानियों जैसे ‘अजनबी के साथ सेक्स’ आदि कहानियाँ पढ़ी हैं.. जिनमें कई महिलाओं ने अपने अजनबी साथी के साथ सेक्स किया।
इसके बाद मैंने सोचा कि क्यों ना मैं भी किसी अजनबी नेट फ्रैंड के साथ सेक्स करूँ क्योंकि मुझे इसमें कई फायदे नजर आए। एक तो जब कोई महिला या लड़की अपने बॉयफ्रेंड या पति के साथ सेक्स करती है तो हम लोग अपनी शारीरिक आवश्यकताओं को शर्म के कारण बता नहीं पाती हैं और पति या बॉयफ्रेंड का निकलने के बाद वो तो हट जाते हैं और हम शर्म के कारण ये बोल नहीं पाते कि अभी हमें संतुष्टि नहीं मिली है।
जो महिलाएँ या लड़कियाँ यह कहानी पढ़ रही होंगी.. वो मेरी बात को अच्छे से समझ रही होंगी।
दूसरा यह कि मैं एक इज्जतदार शिक्षिका हूँ.. तो बॉयफ्रेंड नहीं बनाना चाहती क्योंकि आजकल के बॉयफ्रेंड किस्म के लोगों को तो आप जानते ही हो.. एक बार चुदवा लो.. तो सर पर बैठ जाते हैं और तो और.. बिना गाली के बात नहीं करते हैं।
ऐसा नहीं है.. कि मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं रहा हो.. आज से दो साल पहले जब मैं बी.एड. कर रही थी.. तो मेरा एक बॉयफ्रेंड था.. उसने मेरे साथ सेक्स किया केवल थोड़ी चुम्मी करके मेरी पजामी को उतार कर डाल दिया और दस मिनट भी नहीं चला।
मैं भी शर्म के कारण उससे कुछ नहीं कहा और घर लौट आई। घर आकर कॉल पर बोला था कि देखा मैंने कैसी चुदाई की तुम्हारी चूत फाड़ दी.. जबकि साला ढंग से मुझको चोद ही नहीं पाया था, मैं अधूरी रह गई थी।
इसके बाद मुझे उस पर गुस्सा आया और मैंने उससे बात करना बंद कर दिया।
मेरी एक हसरत शुरू से थी कि कोई मेरी चूत को भी पोर्न मूवी की तरह से चाटे, किंतु यह सुख मुझे मेरे बॉयफ्रेंड से नहीं मिला।
अब कहानी पर वापिस आती हूँ।
अभी 15-20 दिन पहले facebook पर मेरा एक दोस्त बना था.. उसका नाम राहुल शर्मा था और उसकी उम्र 23 वर्ष थी। वो उत्तर प्रदेश का रहने वाला था।
वो मुझसे शुरू से फ्लर्ट कर रहा था। शुरू में तो कुछ नहीं पर बाद में मुझे उसकी बातों में मज़ा आने लगा था। धीरे-धीरे हमारी बातें सेक्स चैट तक पहुँच गई थीं।
मैंने उससे कहा- क्या तुम मुझे चोदने दिल्ली आ सकते हो?
उसने ‘हाँ’ कर दी।
तयशुदा दिन पर वो दिल्ली आ गया, मैंने रूम का इंतज़ाम पहले से कर लिया था।
जब मैं उसे दिल्ली स्टेशन पर रिसीव करने पहुँची। तो वो मुझे देखता रह गया मैं भी उसे देखती रह गई।
वो पीली शर्ट एंड जीन्स में आकर्षक लग रहा था। मैं भी सफ़ेद सलवार सूट में एकदम पटाका माल लग रही थी।
वहाँ से टैक्सी लेकर हम कमरे में पहुँचे।
कमरे में पहुँचते ही उसने मुझे चुम्बन करना स्टार्ट कर दिया। सूट के ऊपर से ही उसने मेरे मम्मों को दबाना चालू कर कर दिया। फिर उसका एक हाथ सलवार के ऊपर से मेरे चूतड़ पर चलने लगा।
फिर उसने मेरे सूट को उतार दिया और मेरी सलवार को उतार दिया। मैं सफ़ेद ब्रा और लाल पैंटी में उसके सामने खड़ी थी.. वो मुझे देखता ही रह गया।
वो ब्रा के ऊपर से मेरे ऊपर से मम्मों को सहलाने लगा और पैंटी के ऊपर से चूत को सहलाने लगा। मेरी चूत बुरी तरह से पनिया चुकी थी।
फिर उसने मुझे पलट दिया और पैंटी के ऊपर से मेरे चूतड़ देखने लगा। छोटी सी चड्डी में मेरे भरे हुए चूतड़ उसे बहुत मस्त लग रहे थे। वो उन्हें मस्त होकर दबाने लगा, मुझे भी मस्त मज़ा आने लगा।
मेरा वो कोई अपना तो था नहीं.. तो मुझे भी उससे बिलकुल शर्म नहीं आ रही थी।
मैंने भी उसकी शर्ट और पैन्ट उतार दिए, फिर उसने मेरी ब्रा और पैंटी उतार दी, अब मैं उसके सामने बिल्कुल नंगी हो गई।
वो मेरे मम्मों को सहलाने लगा और मुँह में लेकर पीने लगा।
फिर वो धीरे-धीरे नीचे आने लगा.. मेरी नाभि में जीभ डालने लगा।
अब बस मेरा सपना सच होने वाला था जो मैं हमेशा से सोचती रही थी कि कोई मेरी चूत को चाटे।
उसने मेरी चूत में उँगली डाली और सहलाने लगा, फिर उसने मेरी चूत से अपना मुँह लगा दिया।
मैं तो एकदम से हिल गई।
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वो अपनी जीभ को बाहर निकाल कर चूत को मस्त चाटने लगा।
मैंने जितना सोचा था.. मुझे उससे कहीं ज्यादा अपनी चूत चटाई में मज़ा आ रहा था। ऐसा लग रहा था इस मज़े से मैं मर ही जाऊँगी।
मैं जोर से उसके सर को अपनी चूत पर दबाने लगी और जल्द ही मेरी चूत से माल निकल गया।
मैं इतनी जोर से झड़ी.. कुछ पूछो ही मत आप लोग.. इतना मज़ा तो मुझे अपनी चूत में लंड डलवाने में भी नहीं आया था.. जितना आज अपनी चूत को चटवाने में आ रहा था।
इसके बाद उसने अपना लंड निकाला और कन्डोम चढ़ा लिया। उसका लंड 8 इंच मोटा प्रतीत हो रहा था और 3 मोटाई का लग रहा था.. जोकि मेरे पहले बॉयफ्रेंड से कभी बड़ा था।
उसने मेरी गांड के नीचे तकिया लगा कर मेरी चूत पर अपना लंड लगा कर एक धक्का लगा दिया और उसका लंड मेरी चूत में घुसता चला गया।
मेरी चीख़ निकल गई, वो ‘दे-दनादन’ धक्के लगाने लगा।
मुझे उसका लंड लेने में बहुत मज़ा आ रहा था और मैं मज़े में सीत्कार करने लगी।
इसके बाद मैं उसके ऊपर आ गई और मैं ऊपर से अपने चूतड़ हिला-हिला कर उसका लंड अपनी चूत में लेने लगी।
वो भी साथ में कभी मेरे मम्मों को दबाता और कभी मेरे चूतड़ सहलाता। करीब 20 से 30 मिनट की दमदार चुदाई के बाद मैं झड़ गई।
इसके बाद मैं बाथरूम गई और थोड़ी देर बाद उसने मुझे घोड़ी बनाकर पीछे से मेरी चूत में लण्ड डाल दिया और इसके बाद शुरू हो गई मेरी ताबड़तोड़ चुदाई.. जो चलती रही।
इस अनवरत चुदाई से मेरी सारी चुदाई की मनोकामनाएं पूर्ण हो गई थीं। इस तरह 11 बजे से 4 बजे तक हमने जम कर विभिन्न सेक्स क्रियाओं का आनन्द लिया।
अब तक राहुल मुझे 3 बार दिल्ली आकर चोद चुका है एवं मैंने अपने ही विद्यालय की एक विधवा शिक्षिका राधिकाजी को भी राहुल से चुदवाया है। वो भी पति की मृत्यु के 4 साल बाद सेक्स करके बहुत खुश हैं।
आज मैं अपनी लाइफ में बहुत खुश हूँ.. कि बिना लोक-लाज की शर्म और बेइज्जती के.. सेक्स का पूर्ण आनन्द उठा रही हूँ।
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