सामने वाली लौंडिया की चूत चुदाई
दोस्तो, मेरा नाम लियोन क्रूज.. मैं हूँ तो भारतीय पर अभी मैं मियामी.. फ्लोरिडा से हूँ।
मैं वहाँ बॉक्सिंग करता हूँ.. मतलब एक मुक्केबाज हूँ। अभी हाल ही में मैं भारत आया हुआ हूँ.. क्योंकि मेरा मन अब इंडियन लड़कियों पर आया हुआ है।
अन्तर्वासना.कॉम के बारे में मुझे मेरे दोस्त ने बताया था। मैंने इस वेबसाइट को खोला तो मुझे अच्छी-अच्छी कहानियाँ मिलीं.. इसमें से बहुत सारी कहानियों ने मेरा लण्ड खड़ा कर दिया।
मुझे इतनी सारी कहानियां पढ़ कर ऐसा लगा कि मुझे भी अपनी कहानियां भेजना चाहिए.. तो मैं भी अपनी कहानियाँ आपके सामने प्रस्तुत करने जा रहा हूँ।
मित्रो.. मेरा रंग गोरा है.. मेरी 5.9 इंच की हाईट है.. मेरी शादी अभी तक हुई नहीं है.. क्योंकि मुझे लड़कियों के नखरे पसंद नहीं हैं और न ही मैं किसी प्यार-व्यार में इंटरेस्ट लेता हूँ। मैं बचपन से ही बड़ा अकड़ वाला हूँ। मैं चूंकि मूलतः भारत का ही हूँ इसलिए भारत में अपने घर पर रहने आया हुआ था।
यहाँ आकर देखा कि इधर का पूरा इलाका ही बदल चुका है। यहाँ पर मेरे घर के अलावा और प्लॉट्स और मकानात थे.. जब मैं भारत छोड़ कर गया था.. तब तो बिलकुल मेरे घर के अलावा वहाँ किसी का घर नहीं था.. सिर्फ कुछ झोपड़े वगैरह थे।
यह बदलाव देख कर मुझे अच्छा लगा कि यहाँ सब बदल चुका है।
मैं अपने घर गया.. वहाँ की गैलरी से मुआयना किया.. तो देखा कि मेरे पड़ोस में और मेरे ठीक आगे वाले घर पर एक लड़की रहती थी.. जिसका नाम प्रिया था।
एक और लड़की.. जो मेरे पड़ोस में रह रही थी.. उसका नाम जोया था।
चूंकि यहाँ तो सब बदल गया था.. मुझे तो समझ नहीं आ रहा था.. पर मैंने अपने आप पर काबू रखा और कॉफ़ी पीते-पीते टहलने लगा।
मेरी नज़र जोया पर पड़ी.. तो मेरा लण्ड खड़ा हो गया.. क्या लग रही थी.. वो किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी, उसके बड़े-बड़े चूतड़.. बड़े-बड़े मम्मे.. आह..
उसकी फिगर तक़रीबन 32-28-36 की रही होगी और वो गोरी तो इतनी अधिक थी कि उसके सामने दूध भी फीका पड़ जाए।
तभी कुछ आवाज आई तो मेरी नज़र आगे वाली छत पर गई.. वहाँ प्रिया खड़ी थी.. जो मुझे ही देख रही थी।
वो तो ज़ोया से भी घातक दिखती थी.. बिलकुल 36-25-36 के आस-पास के फिगर वाली किसी हूर से कम नहीं दिखती थी। उसका रंग तो पूछो ही मत.. जैसे जन्नत से खुद कोई हूर आई हो।
इतने में मेरी कॉफ़ी भी खत्म हो गई.. पर उन लड़कियों से मेरा मन ख़त्म नहीं हुआ था।
अब मैंने सोचा कि क्यों न प्रिया को पटाया जाए। मैंने प्रिया को पटाने में पूरी जी-जान लगा दी, उसके घर वाले मुझे पहचानते थे।
अरे उसके घर वाले क्या.. पूरा इलाका मुझे पहचानता था।
उसकी मम्मी ने मेरे आने की ख़ुशी में खाना रखा और मुझे खाने पर बुलाया, मैं अगले दिन प्रिया के घर पर खाना खाने गया..
उसकी मम्मी को रसोई में कोई काम था तो उसने प्रिया से कहा- तुम खाना परोस दो..
तो प्रिया ने मुझे खाना परोसा.. खाना खाकर अच्छा लगा।
इलाके के सारे लोग मुझे जानते थे कि मैंने अच्छी पढ़ाई की और विदेश में जा कर आया हूँ।
तो प्रिया की मम्मी ने मुझसे कहा- प्रिया को भी थोड़ा पढ़ाई में मदद किया करो..
तो मैंने ‘हाँ’ कह दिया.. और तब से अगर प्रिया को कोई दिक्कत आया करती थी तो वो मुझे पूछने मेरे घर आ जाया करती थी.. पर कभी कभार ही।
एक दिन प्रिया मेरे पास अपनी साइंस की किताब ले कर आई और पूछने लगी- ये स्पर्म क्या होता है और ये सवाल भी मुझे समझा दो..
मैंने प्रिया को समझाया- स्पर्म लड़कों में होता है.. जो सेक्स करने पर जब लड़के मेहनत करते हैं तो एक रस निकलता है.. जिससे बच्चा पैदा होता है।
उस सवाल में कुछ और ही लिखा था.. मैंने वो भी उसे समझाया।
फिर एक दिन उसने मुझे गले से लगाया और कहा- मुझे भी आपके साथ अमेरिका चलना है.. प्लीज मुझे भी अपने साथ ले चलो।
तो मुझे कुछ अजीब सा लगा कि अचानक इसने ऐसा क्यों कहा..?
उसने अचानक से मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया और कहा- प्लीज ले चलो न..
मैं कहता भी क्या.. क्योंकि मुझे पता था अमेरिका में तो किस ऐसे ही लेते हैं तो मैंने कुछ नहीं कहा और चुपचाप उसे करने दिया।
वो धीरे-धीरे मुझे किस करते-करते मेरे लंड को सहलाए जा रही थी। मैंने उससे कहा- ये सब ठीक नहीं है..
पर उसने मेरी एक ना सुनी।
खैर.. छोड़ो.. मुझे भी इतने बाद एक इंडियन लड़की मिली.. तो मैं भी चालू हो गया। मैंने भी उसका साथ दिया और हम दोनों एक-दूसरे को पागलों की तरह चूम-चाट रहे थे।
फिर मैंने उसके टॉप को और उसने जो जींस पहनी थी.. उसे भी उतार दिया।
उसकी काली ब्रा में उसके चूचे निकलने को बेताब दिख रहे थे। लेकिन अभी बारी उसकी थी.. उसने भी मेरी टी-शर्ट को उतारा और मुझे चूमने लग गई।
मैंने भी वक़्त न गंवाते उसकी ब्रा भी खोल दी.. फिर उसकी चूचियों को चूस-चूस कर उसे एकदम चुदासा और गरम कर दिया। मैंने एक चूची को अपने मुँह में और एक को हाथ से मसला.. तो उसकी सिस्कारियाँ निकलने लगीं।
‘अहह.. ओह्ह..’
मुझे भी जोश आ गया.. मैंने उसके जिस्म पर बची हुई चड्डी को भी निकाल दिया और उसके बीच में मुझे एक गोरी सी बिना झाँटों वाली चूत दिखी।
उसकी गदराई जवानी को देखकर मैं तो उससे चोदने को पागल सा हुआ जा रहा था.. पर मैंने भी समझा कि सब्र का फल मीठा होता है।
यही सब सोचते-सोचते उसने मेरे कपड़े कब निकाल दिए.. पता ही नहीं चला। हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए। अब वो मेरा लंड चूस रही थी और में उसकी चूत चाट रहा था।
फिर धीरे-धीरे वो और गरम होती चली गई। मैंने सब्र न करते हुए उसे उठाया और बैठा दिया।
उठते ही उसने मुझे गले लगाया।
‘आई लव यू.. उह उम्हा..’ करके एक जोरदार किस किया।
मैंने भी उसे ‘आई लव यू’ कहा और उसे बिस्तर पर चित्त लिटा दिया।
मुझे उसकी चूत देख कर ऐसा लग रहा था कि मेरा 7 इंच का लौड़ा इस जरा सी फांक में नहीं जाएगा.. तो मैंने थोड़ा उसकी चूत पर और थोड़ा मेरे लंड पर तेल लगाया.. और धीरे से उसकी चूत में मैंने लंड पेल दिया।
वो चीखी.. पर मैंने उसके होंठों से होंठ लगा रखे थे। तो कुछ चीख नहीं निकल पाई और उसकी आवाज दब सी गई। मैं धीरे-धीरे उसकी चूत में लंड पेलता गया.. डालते गया और वो सिस्कारियाँ और कराहें लेते जा रही थी.. लेते जा रही थी।
‘आह्ह्ह.. मेरे राजा.. जल्दी करो.. जल्दी.. प्लीज.. आई लव यू.. अह्ह्ह..’
अब धीरे-धीरे मैंने अपनी स्पीड इतनी बढ़ा दी कि मुझमें और पंप मशीन में कोई फर्क नहीं रहा। वो तक़रीबन 3 बार झड़ चुकी थी और मेरा भी अभी निकलने ही वाला था।
मैंने अपनी स्पीड इतनी कर दी कि उसकी चूत सूजने लग गई और गरम भी हो गई।
फिर बीस-तीस झटकों के बाद मेरा माल निकल पड़ा और मैंने सारा स्पर्म उसकी चूत में ही छोड़ दिया। अब मैं उससे लिपट कर सो गया।
हम एक घंटे बाद उठे.. साथ नहाए और और एक किस करके ‘आई लव यू’ कह कर प्यार करने लगे। फिर वह अपने घर चली गई।
यह थी मेरे घर के सामने रहने वाली लौंडिया की चुदाई की कहानी.. पर तभी मेरा ध्यान मेरे घर की छत की खिड़की पर गया.. मेरा ध्यान उधर खड़ी जोया पर गया.. जो हमें चुदाई करते हुए पता नहीं कब से देख रही थी।
फिर मैंने अपनी पड़ोस वाली के साथ क्या किया.. वो अगली कहानी में बताऊँगा.. तब तक के लिए अलविदा।
मुझे मेल करके जरूर बताएं.. मेरी पहली कहानी आपको कैसी लगी।
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