मुझे खूब चोदो भैया मेरी वासना शांत करो
जी हां जैसा कीआपने पढ़ा मुझे खूब चोदो भैया मेरी वासना को शांत करो ऐसा ही बोली थी कल रात को अपने मुंहबोले भैया को क्यों की पति जब चोद नहीं पाया तो क्या करती कब तक मैं बिना चुदाई के रह पाती। दोस्तों हरेक महिला को एक दिन ये कदम उठाना ही पड़ता है जिसकी वासना पूरी नहीं होती। आज मैं भी उसी लाइन में खड़ी हूँ। जब मेरी चुत की गर्मी शांत नहीं हुई तभी मैं एक कदम उठाई। आज मैं आपको sexkahani.net के माध्यम से अपनी चुदाई की कहानी आपके समक्ष रखने जा रही हूँ।
मेरा नाम दीपिका है मैं दिल्ली में रहती हूँ, मैं दिल्ली में अपने पति के साथ रहती हूँ मेरी शादी के करीब तीन साल हो गए हैं पर एक दिन भी ऐसा नहीं गया जिस दिन मेरी चुदाई मेरे तरीके से हुई हो। चुदाई तो मेरी रोज होती है पर कभी भी मेरे पति का लौड़ा मेरी चूत के अंतिम छोर तक नहीं पहुंचा। रोजाना प्यासी की प्यासी ही रह जाती हूँ।
मैं खूबसूरत हूँ हॉट हूँ मेरी चूचियां बड़ी बड़ी और गोल गोल है। मेरे गोल गोल और बाहर निकले हुए चौड़े गांड किसी का भी लौड़ा खड़ा कर देता है। ऐसा कोई भी मर्द नहीं है है जो मुझे एक बार मुड़कर नही देखता। पर करूँ क्या इतना कुछ होते हुए भी मुझे कोई चोदने वाला नहीं है। मैं आपको बताती हूँ मैं क्यों नहीं अपने पति से संतुष्ट नहीं हो पा रही हूँ। दोस्तों मेरा पति मुझे चोदता तो रोज है पर वो मुझे खुश नहीं कर पाता कारन है
- पति का लौड़ा बहुत ही छोटा है
- मुझे चोदने की बजाय वो मेरी चूचियों में ज्यादा लगा रहता है। वो सिर्फ मेरी चूचियों से खेलता है।
- वो जब भी लौड़ा मेरी चूत में घुसाता है वो जोर जोर से धक्के नहीं दे पाता है।
- जब वो चूचियों को पकड़ता है तो हौले हौले से दबाता है मुझे ऐसा लगता है मेरी चूचियों को जोर जोर से दबाये और पिए।
- उसका लौड़ा छोटा होने की वजह से मेरी चूत में पूरा नहीं जाता है।
- जब मैं जोश में आती हूँ उसका वीर्य गिर जाता है। मैं जब उसको दबोचती हु वो अपने आपको को छुड़ाने की कोशिश करता है। वीर्य गिरते ही वो तुरंत ही सो जाता है। मैं जब तक अपनी ब्रा भी पहन नहीं पाती तब तक वो सो चुका होगा है
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दोस्तों अब आप ही बताओ मैं क्या करूँ ? क्या मुझे भी हक़ है की नहीं की मैं अपनी वासना की आग को बुझाउ।
दोस्तों मैं काफी इंतज़ार की की पति ठीक हो जाये। पर ऐसा नहीं हुआ मैंने कई हाकिम से लेकर अच्छे डॉक्टर तक दिखाई ताकि मेरी चुदाई की लाइफ ठीक हो जाये पर ऐसा नहीं हुआ।
हारकर मैं बाहर मुँह मारने को तैयार हो गई। और मैं फँसाई एक अपने बगल में रहने वाले भैया को. पहले उनकी पत्नी से दोस्ती की उनकी पत्नी स्कूल में टीचर है। फिर उनके घर आने जाने लगी और फिर अपने जाल में या यूँ कहिये की अपने हुस्न अपने मस्तानी चाल की जाल में फंसा ली।
एक दिन भैया की वाइफ स्कूल गई और मेरे पति भी दिल्ली से बाहर गए मैं उनके यहाँ सुबह नौ बजे ही पहुंच गई। और उनको सोते हुए ही पकड़ी तुरंत ही मैं उनके रजाई में चली गई और लौड़ा पकड़ ली। लौड़ा पकड़ते ही सांप की भांति फुफकारने लगा। मैं भी कहाँ कम थी तुरंत ही अपने मुँह में लेकर सोटने लगी चाटने लगी। मेरी फिर उन्होंने मेरी ब्रा तक खोल दी पेंटी भी उतार दी।
अब मैं उनके बदन को और वो मेरी बदन को चाटने लगे चूमने लगे। हम दोनों ही सिक्सटी नाइन की पोजीशन में आ गए वो मेरी चूत को चाट रहे थे और मैं उनके लौड़े को चूस रही थी थी पहली बार लंबा और मोटा लौड़ा मेरे हाथ लगा था इसलिए मेरी चूत काफी गीली हो गई थी। मेरे रोम रोम सिहर रहे थे ऐसा लग रहा था की मुझे चोद दे। मुझे पूर्ण विस्वास था की आ मेरी वासना की आग पहली बार इस मोठे लौड़े से बुझेगी। और दोस्तों फिर शुरू हुआ चुदाई का खेल।
दोस्तों, वो मुझे निचे कर दिए और वो ऊपर रखकर पहले मेरी पैरों कोई अपने कंधे पर रखे और अपना लौड़ा मेरी चूत पर लगाया और जोर से अंदर घुसा दिया। पहली बार मेरी चूत की अंतिम छोर तक उनका लौड़ा पंहुचा था। मैं बाग़ बाग़ हो गई थी शरीर में करंट दौड़ने लगी। मेरे होठ सूखने लगे मेरी चूचियां और निप्पल और भी टाइट हो गए थे मैं खुद से ही अपने चूचिओं को दबा रही थी और वो जोर जोर से मुझे चोदने लगे। मैं भी कह रही थी मुझे खूब चोदो भैया मेरी वासना को शांत करो।
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दोस्तों मैं पहली बार चुद रही थी जैसी चुदाई की मुझे जरुरत थी। मेरे मुँह से आह आह की आवाज निकल रही थी। मैं आह आह ओह ओह ओह ओह कर रही थी और वो कह रहे थे आह क्या माल हो आह क्या माल हो। दोस्तों गजब का माहौल हो गया था कमरे में। ;
वो मुझे पलट दिया और मेरी गांड में अपना लौड़ा थूक लगा कर घुसा दिए। ये मेरा पहला अनुभव था गांड मराने का। आज मेरी चूत भी चुदी और गांड भी। पहली बार मैं खुश हुई चुदवा कर। अब मैं काफी खुश हूँ मेरी ज़िंदगी बदल गई है। अब मैं अपने इस नाजायज रिश्ते को बरकरार रखना चाहती हूँ ताकि अपनी ज़िंदगी जी सकूँ। जरुरत पड़ी तो अपने पति को भी छोड़ सकती हूँ।
दोस्तों अब मैं पूर्ण खुश हूँ। पर आपको भी पता है जिसको जितना मिलता है कमी होने लगती है। अब मैं किसी और हॉट मर्द के बारे में सोच रही हूँ ताकि बदल बदल कर चुदवा सकूँ। मैं दूसरी कहानी जल्द ही आपको sexkahani.net कर द्वारा प्रकाशित करुँगी तब तक के लिए धन्यवाद.
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