अंग्रेज कन्या की चुदाई
प्रेषक : जिम्मी पटेल
मेरा नाम जिमी है, मैं 26 साल का जवान लड़का हूँ। मेरे लंड की आकार 8 इंच है और तीन इंच मोटा है। मैं अन्तर्वासना का पुराना वाचक हूँ, अपनी एक सच्ची कहानी लिखने जा रहा हूँ। आशा है कि आप सबको अच्छी लगेगी। यह मेरी पहली कहानी है।
मैं अभी लन्दन में रह रहा हूँ, यहाँ जॉब के लिए यहाँ आया हूँ मैं !
मेरी अभी जॉब गोरे लोगों के साथ है और ज्यादातर गोरी लड़कियों के साथ करनी पड़ती है और कभी कभी उनके साथ लन्दन के बाहर यात्रा भी करनी पड़ती है और होटल में भी रहना पड़ता है।
एक बार मुझे और मेरी साथी ‘फैरी’ को एक साथ लन्दन के बाहर दो दिन के लिए जाना था। हम दोनों जाते एक साथ हैं पर हमारा होटल का कमरा अलग होता है लेकिन इस बार भगवान् को कुछ और ही मंजूर था। उस समय फेस्टिवल की वजह से हमको एक ही कमरे में रहना पड़ा था। उसको मुझ पर पूरा विश्वास था और मैंने भी कभी उसे गलत नजर से नहीं देखा था। फिर हमने होटल में चेक इन कर दिया।
मैं फैरी का फिगर बताता हूँ, वह एक बहुत ही सेक्सी पर साधारण सी लड़की है, उसका किसी के साथ चक्कर नहीं है और अभी तक वह कुंवारी है यानि उसने कोई सेक्स नहीं किया है। उसकी उम्र 24 साल है और उसके चूचे 34 और चूतड़ 36 इन्च हैं।
उस समय वहाँ पर बारिश का मौसम था, हम डिनर करने के लिए बाहर निकले और थोड़ी देर बाहर ही घूमे। उतने में एकदम से बारिश शुरु हो गई। होटल आते आते हम दोनों पूरे भीग गए थे। होटल के रूम में आते ही उसने अपना टॉप उतार दिया और वह सिर्फ ब्रा में ही थी। मैंने कभी भी इस तरह उसे नहीं देखा था, मैं तो उसे देखता ही रह गया और एकदम से उसने मुझे कहा- मैं नहाने जा रही हूँ। उसके अन्दर जाते ही मेरे मन में उसके लिए सेक्स जाग उठा। मैंने बाथरूम का दरवाजा थोड़ा सा खोल कर देखा तो मैं देखता ही रह गया। उसके बड़े बड़े चूचे और चूतड़ देख कर मैं तो दंग ही रह गया। उसकी चूत पर छोटे छोटे बाल थे और उसकी बगल में भी थोड़े थोड़े बाल थे।
जब वह बाथरूम से बाहर आने की तैयारी में थी, तब मैं वहाँ से हट गया और बेड पर बैठ गया। मैंने भी अपना टीशर्ट निकाला और मेरे बदन पर सिर्फ़ पैंट रह गई। वह मेरे सीने को घूर रही थी। मेरी पूरी छाती में और बगल में काफी बाल हैं और मैं जानबूझ कर तौलिया वहीं भूल कर बाथरूम में चला गया। बाथरूम में मैं सिर्फ़ अण्डरवीयर में नहाया और बाद में मैंने तौलिया माँगा। जब वह तौलिया देने आई तब मैंने बाथरूम का दरवाजा पूरा खोल दिया ताकि वह मुझे पूरा देख सके !
और उसकी नजरें सीधे मेरे लंड पर पड़ी जो उस समय अण्डरवीयर के बाहर आने के लिए उछल रहा था।
मैं अपने रात्रि के कपड़े पहन कर बाहर आ गया, मैंने नीचे अण्डरवीयर नहीं पहना था। उसने भी एक हल्का से टॉप पहना था जो उसके घुटनों तक था। बाद में हम ऐसे ही बात करते रहे।
बातों बातों में मैं उसे सेक्स की बात पर ले आया। मैंने उसे पूछा- आज तक तुमने सेक्स क्यों नहीं किया?
तो उसने बताया- मुझे मर्द के गुप्त अंग अच्छे नहीं लगते।
बस वैसे ही बात करते करते हम एक ही बेड में सो गए पर मुझे नींद नहीं आ रही थी, मुझे उसको चोदने की इच्छा हो रही थी। जब मैंने उसे देखा तब वह गहरी नींद में सो रही थी।
तभी मैं अपना हाथ उसकी नंगी टांगों पर फ़िराने लगा और उत्तेजनावश उसके ऊपर चढ़ गया। वह एकदम से जाग गई और घबराकर दूर हो गई।
तभी मैंने एकदम से उसे पकड़ लिया और अपने नीचे दबा कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। और वह छुटने की नाकाम कोशिश करती रही।
बाद में मैंने ऐसे ही दबाए रख कर उसे मनाने की कोशिश की। तब उसने बताया कि उसे सेक्स ही पसंद नहीं है।
बाद में मैंने उसे सिर्फ़ एक बार सेक्स करने पर जोर दिया तो वह सेक्स के लिए मान गई पर वह सेक्स के लिए मन से तैयार नहीं थी।
उसी समय मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और साथ साथ उसके भी ! वह सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी।
मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा था कि वह आज मेरे साथ सेक्स कर रही है। पर उसका चेहरा देख कर लग रहा था कि वह सेक्स करने के लिए मन से तैयार नहीं थी।
फिर मैं उसके चूचे चूसने लगा। वह मेरी बगल की बदबू की वजह से चिल्लाने लगी पर उसके पास और कोई चारा नहीं था। फिर मैंने उसकी ब्रा और पैंटी को भी उतार दिया और उसे जोर जोर से चूमने लगा।
फिर मैंने उसे मेरा लंड मुँह में लेने को बोला तो उसने मना कर दिया। पर मैंने जोर जोर से उसे चूमा किया उसकी बगल में किस करना चालू किया। और अचानक मैंने मेरा लंड उसके मुंह में सरका दिया, मैं उसके मुंह को चोदने लगा। उसका न मन होने पर भी उसने मेरा लण्ड चूस लिया।
मैंने जोर जोर से उसके चूचे दबाने चालू किये और एकदम मेरा शरीर अकड़ने लगा तो उसको मालूम पड़ गया कि मेरा वीर्य अब छूटने वाला है। तो वह लंड बाहर निकलने की कोशिश करने लगी पर मैंने जोर से उसके मुँह को पकड़ कर रखा और उसके मुँह में मेरा वीर्य गिरा दिया, उसे न चाहते हुए भी पी जाना पड़ा।
फिर मैंने उसे मेरी गांड चाटने को बोला तो उसने मना कर दिया। फिर मैंने उसके पूरे शरीर को किस किया, उसके स्तनों को जोर जोर से दबाने लगा और उसकी चूत को चाटने लगा, तब वो आनन्द के मारे जोर जोर से चिल्लाने लगी।
फ़िर मैंने उसके ऊपर आकर अपना लंड उसकी चूत पर रखा और जोर से धक्का दिया। सिर्फ आधा लंड अन्दर गया होगा और उसके आंसू गिर पड़े। फिर भी मैंने तरस न खाते हुए दूसरे धक्के में पूरा लंड अन्दर डाल दिया। और वह मुझसे चिपक कर उसके नाख़ून मेरी कमर में गड़ाने लगी। मैं वैसे ही अन्दर-बाहर करता रहा और थोड़ी देर बाद उसका दुख कम हो गया और वो भी मेरा साथ देने लगी।
फिर जब मेरा वीर्य छूटने वाला था तब मैंने उसकी चूत में पूरा पानी निकाल दिया। थोड़ी देर हम ऐसे ही पड़े रहे। फिर मैंने देखा तो चादर पर खून के धब्बे थे, वह भी खून देख कर रोने लगी।
मैं उसे बाथरूम में ले गया और हम दोनों साथ में नहाये। जब हम बाहर निकले तो वह ठीक से चल भी नहीं पा रही थी। मैंने चूत पर छोटा तौलिया लगाया और उसे सुला दिया।
उसके अगले दिन ही वह लन्दन वापस आ गई और उसके एक दिन बाद मैं भी लन्दन आ गया। उसके बाद उसने कभी मुझे घास नहीं डाली। आज भी मैं सेक्स के लिए तड़प रहा हूँ।
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