दोस्त की गर्लफ्रेंड को जम कर चोदा
मेरे प्यारे दोस्तो, मैं पाकुड़ जिला, झारखंड से हूँ. यह मेरी ट्रू सेक्स स्टोरी है.
मेरा एक दोस्त, जो मुंबई में रहता है, वो मुंबई से आने वाला था.
जब मेरा दोस्त मुंबई से आ गया, मेरे दोस्त ने मुझे बताया- मेरी एक गर्लफ्रेंड यहीं पास के गाँव की है. जो मुझसे उस वक्त जुड़ गई थी, जब उसका एक अंजान नंबर से फोन आया था. वो खूब सेक्स चैट करती है और चुदाने को तैयार है. मैं ख़ास तौर पर उसी से मिलने आया हूँ.
उसके बाद हम दोनों दोस्तों ने उस लड़की को लेकर खूब बातें की. मेरे दोस्त ने मुझसे कहा- मैंने उसे आज का टाइम दिया है.. क्या तुम उसे चोदोगे?
मैंने कहा- तुम बोलते तो बहुत कुछ हो.. मगर होता कुछ भी नहीं है.
उसने कहा- आज पक्के में सब कुछ होगा.
मैंने कहा- फिर ठीक है मगर होना चाहिए.. ऐसा न हो कि केएलपीडी हो जाए.
उसने कहा- चिंता मत करो सब ओके होगा.
मैंने उससे पूछा- कहां जाना होगा?
तब उसने मुझे बताया- पास के ही गाँव की रहने वाली है, वो आज अपनी भाभी के साथ वो पास वाले हॉस्पिटल पर आने वाली है.
मैंने कहा- अपना कब जाना होगा.
उसने कहा- बस 11 बजे तक चलेंगे.
हम दोनों अपने घर से 11 बजे निकल गए, कुछ देर में हॉस्पिटल पहुँचे. मेरे दोस्त ने उसे फोन करके पूछा तो तो मालूम हुआ कि वो अस्पताल के अन्दर थी.
मेरे दोस्त ने मुझसे कहा- तुम अन्दर जाओ, मैं उसे दुबारा फोन करता हूँ. जो लड़की फोन उठाये, तुम उसे देख कर बताना कि कैसा माल है, अगर खराब लगेगी तो हम दोनों वापस चले जाएंगे.
क्योंकि मेरे दोस्त ने भी उसे पहले कभी नहीं देखा था, उसने तो सिर्फ फ़ोन के ज़रिए ही उसे पटाया था.
अब मैं अन्दर चला गया. मेरे दोस्त ने फोन किया. मैंने देखा कि एक मस्त लड़की ने फोन उठाया.
मैंने फ़ौरन बाहर जाकर मेरे दोस्त को बताया कि माल चुदाई के मतलब का एकदम मस्त है.
फिर कुछ देर बाद हम दोनों उस लड़की से मिले. उसके साथ बहुत देर तक बात की.
फिर मैंने अपने दोस्त से बोला कि अब जल्दी ले चलो.
इस बात से वो लड़की मुस्कुराई और बोली- मुझे भाभी को बता कर जाना पड़ेगा.
तब मैंने भाभी के पास जाकर बोला कि भाभी हम लोग पास के पार्क घूमने के लिए जा रहे हैं.
इस पर भाभी ने कहा कि तो मैं क्या यहाँ अकेली रहूंगी?
मैंने कहा कि आप तब तक दवा ले लो, हम लोग बस आधे घंटे में आते हैं.
फिर तीनों लोग मोटर साइकल पर बैठ कर निकल गए. मैं बाइक चला रहा था, मेरे पीछे मेरा दोस्त और उसके पीछे वो काँटा लड़की बैठी थी. मेरा दोस्त उस लड़की के साथ रोमांस कर रहा था. कुछ देर में हम लोग पार्क में आ गए. मैंने अपने दोस्त से कहा कि तुम उसे लेकर अन्दर जाओ और जगह देख कर उसे चोदना. वो दोनों पार्क के अन्दर चले गए. मैं कुछ देर बाद अन्दर गया तो देखा कि पार्क में बहुत भीड़ थी.
फिर मैंने अपने दोस्त को ढूँढा, वो दोनों एक झाड़ी के नजदीक बैठे थे. मुझे देख कर मेरा दोस्त मेरे पास आया और उसने मुझसे कहा कि दोस्त इधर ऐसी जगह नहीं है कि उसे चोद सकूँ.. चल वापस चल.
तब मेरे दिमाग़ में एक जगह याद आई और मैंने अपने दोस्त से कहा कि पार्क से जल्दी निकल, मैं तुझे सही जगह ले चलता हूँ.
फिर मैं मोटर साइकल पर बैठ कर उन दोनों को ले जाने लगा. तब उस लड़की ने कहा कि किधर ले के जा रहे हो?
तो मैंने कहा कि तुम लोग चुपचाप रहना.. मतलब की जगह चल रहे हैं.
वो चुप हो गई.
फिर मैं एक सुनसान पहाड़ पर बाइक ले कर चला गया, ये पहाड़ ज्यादा ऊँचा नहीं था, मैंने मोटर साईकिल भी पहाड़ पर चढ़ा दी. फिर हम सब उतर गए.
इसके बाद मैंने अपने दोस्त से कहा कि जा जल्दी जा कर चोद ले.. फिर मैं आता हूँ.
मेरा दोस्त उसे एक आड़ में ले गया. मैं रुक गया. थोड़ी देर बाद मैं जब उन दोनों के सामने गया तो मैंने देखा कि मेरा दोस्त उसे लेटा कर चोद रहा था. मेरे दोस्त का लंड 5″ लंबा और 2″ मोटा था. उस समय लड़की एकदम नंगी थी, उसका 36-30-34 का फिगर गजब का था. वो लौंडिया एकदम कड़क माल थी. इधर मेरा लंड 7″ लंबा और 2.5″ मोटा था. उस नंगी लड़की को देख कर मेरा लंड तो एकदम उछल कर खड़ा हो गया.
मेरा दोस्त उसके बड़े बड़े दूध मसल रहा था और साथ में उसे दबादब चोद भी रहा था. तभी मैंने देखा कि अब दोस्त की लंड पेलने की स्पीड बढ़ गई और वो झड़ गया.
झड़ने के एक पल बाद वो उस लड़की के ऊपर से हटा और अपने कपड़े पहनने लगा. उस वक्त मैं थोड़ा साइड में हो गया.
मेरा दोस्त आया और उसने मुझे आँख मार कर कहा- जा दोस्त, अब तेरा नम्बर.
तब मैंने सोच लिया कि इसके 5″ के लंड ने उसे पूरा मजा नहीं दिया होगा, साला जल्दी जल्दी के चक्कर में जल्दी से फुस्स भी हो गया. मैं अपना लंड सहलाता हुआ जब उस लड़की के पास गया, तब तक लड़की ने भी अपने कपड़े पहन लिए थे.
मैंने कहा- यार ये क्या कर रही हो.. मेरा क्या होगा?
तब वो लड़की बोलने लगी- क्या तुम भी चोदोगे?
मैंने कहा कि और नहीं तो क्या, मैं यहां क्या चौकीदारी के लिए आया हूँ?
वो लड़की मुझे मना करने लगी, तब मैं उसे मनाने लगा, लेकिन वो मानने को तैयार ही नहीं थी.
तब मैंने उसे कस कर पकड़ कर किस करने लगा, कम से कम उसे 5 मिनट तक किस किया.
अब वो भी धीरे धीरे मेरा साथ देने लगी. अब तक उसकी कामुकता फिर से जाग गई थी, उसकी कामवासना अब उसके काबू में नहीं थी.
तब मैंने उसके कपड़े उतार कर उसे पूरी नंगी कर दिया. उसके बाद मैं उसके 36″ के मम्मों को खूब मसलने लगा. वो पूरी तरह से पागल होने लगी. उसी समय उसने जल्दी से नीचे बैठ कर मेरा पैंट खोला और देखा कि 7″ का लंड एकदम कड़क और झटके मार रहा है.
वो खुश हो गई, उसने फटाक से मेरा लंड अपने हाथ में लिया और मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी. उस जालिम ने मेरा लंड इतना ज्यादा चूसा कि मेरा उसी वक्त एक बार झड़ गया. वो मेरा सारा माल पी गई.
फिर हम दोनों कुछ देर के लिए बैठ गए. इसके बाद उसने मेरे लंड को सहलाया और फिर से चूसना शुरू कर दिया.
अब वो किसी रंडी की तरह मेरा लंड चूस रही थी. मेरा लंड पूरा लोहा हो गया. तब मैंने अपने लंड को उसकी चुत के पास ले गया. मैंने देखा कि वो भी एकदम से चुदासी सी है और उसकी कसी हुई चुत पूरी तरह से गीली है.
मैं अपने लंड से उसके चुत को सहलाने लगा, वो पूरी तड़प रही थी और बोल रही थी- जल्दी डालो.. नहीं तो मैं मर जाउंगी. तुम्हारे दोस्त ने मुझे पूरा मजा नहीं दिया था.
अब मैं बिना देर किए उसकी चुत पर पिल पड़ा और एक ज़ोर का झटका दे मारा. मेरा सुपारा ही घुसा था कि वह बहुत ज़ोर से चिल्ला उठी. मेरा दोस्त उसकी चीख को सुन कर भागता हुआ हम लोगों के पास चला आया.
वो पूछने लगा- क्या हुआ?
तब मैंने कहा- कुछ नहीं.
वो मुझे उस लड़की के ऊपर चढ़ा हुआ देख कर देख कर वापस चला गया.
अब मैं थोड़ी देर तक उसे किस करता रहा और जब वो सामान्य हुई तो उसके बाद मैं अपने लंड को उसकी चुत में धीरे धीरे अन्दर डालने लगा. अभी मेरा लंड सुपारे से एक दो इंच ही ही अन्दर गया था कि वो फिर से मचली, मैं उसे ज़ोर से किस करने लगा. कुछ देर दर्द का आलम चला फिर वो भी पागलों की तरह किस करने लगी.
अब मैंने मौका पाते ही एक ज़ोर का झटका मारा और इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चुत में घुसता चला गया और वो तड़फ उठी. लेकिन इस बार मेरा मुँह उसके मुँह पर जमा हुआ था जिससे वो चीख नहीं पाई. एक दो मिनट बाद सब ठीक हो गया और मैं धीरे धीरे उसे चोदने लगा. अब उसे भी मज़ा आने लगा, वो पूरी सिसकारियां मार रही थी. धीरे धीरे मैंने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया.
अब वो पागलों की तरह गांड उठा कर लंड लेने लगी.
कुछ ही देर में वो कहने लगी- और ज़ोर और ज़ोर से.. आह.. मैं गई..
इतने में वो झड़ गई. दो मिनट रुकने के बाद मैंने उसे अपने ऊपर आने को कहा. वो मेरे ऊपर बैठ कर अपनी गांड उछाल उछाल कर मुझसे चुदवाने लगी. कुछ देर चोदने के बाद मैं भी झड़ने वाला था.
मैंने कहा- मैं झड़ने वाला हूँ, कहां झड़ा दूं?
वो मुझे कहने लगी- मेरी चुत में ही डाल दो.
मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई और बीस दमदार शॉट मार कर झड़ गया.
उसके बाद कुछ देर तक हम लोग चूमा चाटी करके अपने अपने कपड़े पहनने लगे. वो लड़की मुझसे कहने लगी कि उसका वाला तो बहुत छोटा था, आज तुमने मेरी चुत चोद कर मुझे बहुत मज़ा दिया. क्या तुम एक काम कर सकते हो?
मैंने पूछा- क्या?
“क्या तुम मुझे रोज चोद सकते हो?”
मैं समझ गया कि ये साली बहुत बड़ी वाली चुदक्कड़ चालू माल है.मैंने कहा- और मेरा दोस्त?
उसने कहा कि उससे मुझे थोड़ा भी मज़ा नहीं आया.. वो साला 5 मिनट में गिर गया.. तुम मेरे साथ काफी तक टिके रहे. मुझे तो आज ऐसा लग रहा था कि मैं आज जन्नत में हूँ.
मैंने उससे कहा कि एक काम करना तुम मेरे लिए एक मस्त माल खोजो ताक़ि उसके साथ तुझे भी चोद सकूँगा.
उसने ओके कहा.
उसने मेरा नम्बर माँगा, मैंने दे दिया. उसके बाद हम दोनों वहां से निकल कर मेरे दोस्त के पास आए. अब हम दोनों मोटर साइकिल उठा कर वापस उसे हॉस्पिटल छोड़ने चले गए.
वहां उसकी भाभी बहुत गुस्से में थी क्योंकि हम लोगों ने सिर्फ़ आधा घंटा कहा था और एक घंटे से भी ज्यादा हो गया था.
जैसे भाभी के पास पहुँचे, भाभी के तेवर अलग थे. शायद वो अपनी ननद को देख कर मन ही मन सोच रही थी कि आज तो उसकी ननद की चुत चुद ही गई होगी. उसने ननद की तरफ देखा तो ननद बहुत खुश थी.
हम दोनों दोस्त वहां से निकल कर घर चले आए.
दो दिन बाद मेरे मोबाइल में उसका फोन आया कि उसने मेरे लिए एक मस्त माल ढूंढ लिया है.
मैं ये सुन कर बहुत खुश हो गया और मैंने उससे पूछा कि कब मिलना है?
उसने कहा कि कल मेरे एरिया में नाइट का प्रोग्राम है, तुम कल रात 8 बजे पहुँच जाना.
मैंने ओके कहा.
दोस्तो मैं इस किस्से को फिर कभी बताऊंगा कि उसने जो मेरे लिए ढूँढा था उसे मैंने कैसे चोदा और इस बार गांड मारने का भी मजा लिया, वो नया वाला कांटा भी एकदम कुंवारी सील पैक माल थी.
आपको मेरे ये ट्रू चुदाई की कहानी कैसी लगी, मुझे ज़रूर मेल करें, मेरी मेल आईडी है.
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