मेरी वृंदा की जी भर के चुदाई
अर्जुन
हैलो दोस्तो, मेरे खड़े लण्ड से सभी रसीली चूत वाली लड़कियों, भाभियों, आँटियों को और मेरे सभी लंड वाले भाईयों को नमस्कार।
मैं आपको अपने बारे में बता दूँ, मेरा नाम अर्जुन है और मैं भोपाल से हूँ। मेरा लंड 9 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है। अब मैं सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ, अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है।
बात आज से एक साल पहले की है। मैं नेट से नए दोस्त बनाने के लिए लड़कियों की मेल आईडी ढूंढ कर रहा था, तो मुझे एक मेल आईडी मिली, जो मेरे लिए लिए नई थी और वो मेल आईडी कुछ अच्छी लगी तो मैंने उस मेल आईडी पर एक मेल कर दिया।
अगले दिन उसका मेल आया कि आप कौन हो?
तो मैंने उसे बताया कि मैं तुम्हारा एक दोस्त हूँ और मैं तुमसे दोस्ती करना चाहता हूँ, क्या तुम मुझसे दोस्ती करोगी?
उसने कहा- हाँ..!
उसने मुझसे मेरा नाम पूछा, तो मैंने अपना नाम अर्जुन बताया और उसने अपना नाम वृंदा बताया।
उसने बताया कि वह देहरादून से है और मैंने उसे बताया कि मैं भोपाल से हूँ।
उसने यह भी बताया कि वह शादीशुदा है, तो मैंने उसे बताया क़ि मेरी शादी नहीं हुई है।
तो उसने कहा- कोई बात नहीं।
यहाँ से हमारी बातें होना शुरू हो गईं, फिर धीरे-धीरे हमारी दोस्ती अच्छी हो गई। फिर धीरे-धीरे हम सेक्स की बातें करने लगे।
मैंने उससे उसके पति के बारे में पूछा तो उसने बताया- वह आर्मी में है।
‘ओके..!’
मैंने उससे साइज़ पूछा तो उसने अपना साइज़ 36-30-36 बताया।
उसने मेरे लंड का साइज़ पूछा तो मैंने उसे अपना साइज़ 8 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा बताया।
एक दिन मैंने उससे उसका नम्बर माँगा पहले तो वो देने से मन कर रही थी, पर मेरे बार-बार मांगने पर उसने दे दिया तो मैंने भी उसे अपना नम्बर दे दिया।
इसके बाद हमारी रात में या दिन में घंटों बातें हुआ करती थीं, हम रात-रात भर फ़ोन सेक्स भी किया करते थे।
मैंने उससे उसकी फोटो मांगी, तो उसने मुझे मेल कर दी और मैंने उसे अपनी फोटो मेल कर दी।
दोस्तो, वो फोटो में क्या गज़ब लग रही थी, मैं अपने शब्दों में बता नहीं सकता। लग रहा था कि जैसे मानो परिस्तान से कोई परी धरती पर आई हो।
एक बार उसने फ़ोन पर बताया कि मेरा अब बहुत मन करता है मिलन का, अब रहा नहीं जाता।
मैंने कहा- जान चिंता न करो जब हम मिलेंगे तब जी भर कर प्यार करेंगे।
उसने कहा- हाँ ये तो है, पर मिलेंगे कब..!
तो मैंने कहा- जल्दी ही मिलेंगे।
फिर मैं उसे बिना बताए दो दिन बाद देहरादून पहुँच गया। मैंने उसे फ़ोन किया कि मैं देहरादून आ गया हूँ।
तो उसने कहा- ठीक है मैं आधे घंटे में लेने आती हूँ।
तो वह आधे घण्टे बाद स्टेशन लेने आई।
जैसे ही मैंने उसे देखा तो दोस्तो, मैं उसे देखता ही रह गया। क्या गज़ब की लग रही थी..! मानो स्वर्ग से कोई अप्सरा धरती पर उतर आई हो।
वह मेरे पास आई और हम एक-दूसरे से गले मिले और वह अपने घर पर ले गई।
हम करीब आधे घंटे में उसके घर पहुँचे।
हम दोनों घर में गए, तो उसने कहा- तुम सही समय पर आए हो, घर के सभी लोग शादी में गए हैं, वे दो-तीन दिन नहीं आयेंगे।
तो मैंने कहा- अच्छा है न… अब हमें यहाँ तीन दिन तक कोई रोक-टोक नहीं होगी।
तो उसने कहा- मैंने तुमसे तभी तो कहा था कि तुम सही समय पर आए हो और मुझे ये पता नहीं था कि तुम यहाँ मेरे लिए इतनी जल्दी आ जाओगे।
तो मैंने कहा- मेरी जान की कोई तमन्ना हो और वह पूरी न हो तो ये कैसे हो सकता है।
तो उसने मुझे गेस्ट-रूम में बैठाया और थोड़ी देर में चाय-नाश्ता लेकर आई।
तो मैंने कहा- मुझे तुम्हारा वाला नाश्ता करना है।
तो वो बोली- वो भी मिलेगा, पहले ये तो करो…!
तो मैंने कहा- ठीक है।
फिर हमने चाय-नाश्ते के थोड़ी देर बाद अपने पति के बारे में बताने लगी कि मेरे पति का लंड छोटा है और जब वह चोदते हैं, तो वे जल्दी ही झड़ जाते हैं।
तो मैंने कहा- मैं हूँ न.. तुम्हारे लिए आज मैं तुम्हें जी भर के चोदूँगा।
वह मुझे अपने बेडरूम में ले गई और उसने कहा- थोड़ी देर रुको, मैं अभी आती हूँ।
तो वह बाथरूम में गई और जब वह थोड़ी देर बाद आई तो मैं उसे देखता ही रह गया।
क्या गज़ब लग रही थी…!
वो एक जालीदार गाऊन पहने कर आई। यार क्या गज़ब कि लग रही थी दोस्तों उस गाऊन में से उसकी काले रंग की ब्रा और काले रंग की पैंटी दिख रही थी।
दोस्तों उसको इस लिबास में यदि कोई बुड्डा भी देख ले तो उसका लंड उसी समय खड़ा हो जाए। उस समय मेरा भी वही हाल था। मेरा लंड मेरी पैंट को फाड़ कर बाहर आना चाहता था। वो पैंट में तम्बू बन गया था।
मैं तुरंत खड़ा हुआ और अपनी वृंदा को अपनी बाँहों में ले लिया, उसके मखमली होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे चूमने लगा- म्म्म्मूऊह्ह्ह्हाआ…! और वह भी मेरा साथ देने लगी और हम करीब दस मिनट तक एक-दूसरे को चूमते रहे।
फिर मैंने उसका गाऊन निकाल दिया और अब वह मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी।
फिर मैं धीरे-धीरे अपने एक हाथ से उसकी एक चूची को दबाने लगा और साथ ही साथ अपनी वृंदा के होंठों को चूम रहा था।
अब मैंने सिर्फ अपने नेकर को छोड़ कर अपने सभी कपड़े उतार दिए।
फिर उसने कहा- इसे क्यों छोड़ दिया… इसे भी उतारो न…!
तो मैंने कहा- सब काम मैं ही करूँगा क्या…? तुम ही उतारोगी इसे तो…!
उसने कहा- ठीक है..!
उसने जैसे ही मेरा नेकर उतारा, तो मेरा लंड फनफनाता हुआ बाहर आ गया।
उसने जैसे ही मेरा लंड देखा तो उसने कहा- यह तो बहुत बड़ा है, मैं इसे कैसे झेल पाऊँगी…! इससे तो मेरी चूत फट जाएगी..!
तो मैंने देर न करते हुए उसकी ब्रा और पैंटी भी उतार दी, मैंने उसे गोद में उठाया और बेड पर लेटा दिया। अब मैं उसके दूसरे चूचे को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और उसके मुँह से ‘आआह्ह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह’ की मधुर आवाज निकलने लगी।
मैं अपने दूसरे हाथ से उसके चूत को सहलाने लगा तो उसकी सिसकारी और तेज हो गई ‘आआह्ह्ह्ह ऊऊम्म्म्माआ ऊऊह्ह्ह्हाआ…!’
फिर वह उठी और मुझे लेटने को कहा, तो मैं उठा और बेड पर लेट गया। वह मेरी दोनों टांगों के बीच में आकर बैठ गई और मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी।
मेरे मुँह से ‘आआह्ह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह आआह्ह्ह्ह..!’ की आवाजें आने लगीं। अब मुझे लग रहा था कि मैं स्वर्ग की सैर कर रहा हूँ।
अब वह जोर-जोर से मेरे लंड को चूसने लगी और मैं ‘आआह्ह्ह्ह’ करता रहा, मैं अब अपनी वृंदा के मुँह को चोदने लगा, मेरा लंड उसके गले तक जाने लगा।
करीब दस मिनट के बाद मैंने उससे कहा- डार्लिंग मैं झड़ने वाला हूँ।
तो उसने कहा- मेरे मुँह में ही झड़ जाओ..!
तो मैंने अपने धक्के तेज कर दिए और मैं उसके मुँह में ही झड़ गया- आआह्ह्ह्ह ऊऊम्म्मम…
और वह मेरा पूरा रस पी गई और मेरे लंड को चाट-चाट कर साफ़ कर दिया।
अब बारी मेरी थी, अब मैंने अपनी वृंदा को बेड पर लिटाया और उसकी दोनों टांगों के बीच में आ गया और मैंने जैसे ही अपना मुँह उसकी मखमल जैसी चूत पर रखा तो उसके मुँह से एक मीठी सी सीत्कार निकल गई- आआह्ह्ह्ह…!
और मैं उसकी चूत को चूसने लगा, उसे बहुत मज़ा आ रहा था।
थोड़ी देर बाद हम 69 की स्थिति में आ गए, मैं उसकी चूत चाटने लगा और वो मेरे लंड को चूसने लगी।
अब मैं अपनी वृंदा की चूत को जोर-जोर से चूस रहा था और मैं उसकी चूत की दाने को रगड़ रहा था, मैं बार-बार उसकी चूत के दाने को अपनी जीभ से रगड़ रहा था और इसी बीच मैंने अपनी एक उंगली उसकी गाण्ड में डाल दी जिससे उसे मज़ा आने लगा और वह भी मेरे लंड को मज़े ले-ले कर चूस रही थी।
अब मैंने अपनी वृंदा की चूत में अपनी जीभ डाल दी और उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा। थोड़ी ही देर में उसकी चूत से उसका काम-रस निकलने लगा, जिसकी अमृत जैसी एक-एक बूँद को मैं चाट गया।
अब वह कहने लगी- जान अब और इंतज़ार मत कराओ.. चोद दो मुझे..!
तो मैं देर न करते हुए उसकी दोनों टांगों के बीच आ गया और अपने लंड को उसकी चूत के ऊपर रगड़ने लगा और मेरी वृंदा के मुँह से ‘आआह्ह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह’ की आवाज आने लगी।
मैंने अपने लंड को उसके चूत के मुँह पर रखा और धक्का दिया।
मेरा लंड अभी उसकी चूत में थोड़ा घुसा ही था कि वो चिल्लाने लगी।
अब मैंने एक और धक्का दिया तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया और उसके मुँह से एक जोर की चीख निकल गई- आआह्ह्ह्ह मरररर गईईईईइ…!
अब मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए जिससे उसकी आवाज कमरे से बाहर न जा सके। मैं उसके ऊपर थोड़ी देर ऐसे ही लेटा रहा। मैं उसके होंठों को चूसने लगा और थोड़ी देर बाद जब उसका दर्द कम हुआ तो वह अपने चूतड़ उठाने लगी, तो मैं समझ गया कि अब उसका दर्द कम हो गया है।
अब मैंने एक जोर का धक्का दिया तो अब मेरा पूरा का पूरा लवड़ा उसकी चूत में घुस गया और उसने चीखने की कोशिश की।
चूँकि मेरे होंठ उसके होंठों पर थे, इसलिए वृंदा की आवाज नहीं निकल सकी और मैं लौड़ा उसकी चूत में डाले हुए लेटा रहा और उसके होंठों को चूस रहा था। मैं उसकी चूचियों को अपने हाथों से दबा रहा था।
थोड़ी देर बाद वो अपने कूल्हों को हिलाने लगी, अब मैं समझ गया कि मेरी वृंदा का दर्द अब कम हो गया है, तो मैंने अब धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए और वह भी मेरा साथ देने लगी।
अब मैं धीरे-धीरे अपनी वृंदा को चोदने लगा। कुछ ही पलों के बाद मैं धक्के तेजी से लगाने लगा और अब उसके मुँह से ‘आआह्ह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह’ की आवाज आने लगी।
अब कहने लगी- जोर से और जोर से चोदो मुझे.. फाड़ दो मेरी चूत आआह्ह्ह…!
यह सुन कर मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और उसे तेजी से चोदने लगा।
थोड़ी ही देर बाद वह बोली- मैं आने वाली हूँ..!
और यह कहते हुए झड़ गई और मेरा लंड मेरी वृंदा के काम-रस से भीग गया और अब पूरा कमरा मेरी सेक्सी वृंदा की आवाज से गूंज रहा था।
थोड़ी देर बाद मैं नीचे लेट गया और वृंदा मेरे ऊपर आ गई और मेरी तरफ मुँह करके मेरे ऊपर बैठ गई।
उसने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत में डाल लिया और वह जोर-जोर से ऊपर-नीचे होने लगी। मैं भी नीचे से धक्के लगाने लगा।
उसके मुँह से मादक सीत्कारें ‘आआह्ह्ह्ह ऊऊम्म्म्म आआह्ह्ह्ह..’ आने लगीं।
अब वह जोर-जोर से चुद रही थी और कह रही थी- और जोर से चोदो.. मेरे राजा और जोर से ऊऊम्म्म्म..!
अब पूरा का पूरा कमरा मेरी वृंदा की आवाजों से गूंज रहा था और वह एक बार और तेज चिल्लाते हुए झड़ गई।
फिर थोड़ी देर बाद मैंने उससे कहा- चलो अब घोड़ी बनो।
तो वह घोड़ी बन गई और मैं उसके पीछे गया और अपना लंड उसके चूत पर पीछे से रखा और एक जोरदार धक्का दिया और मेरा लंड उसकी चूत में एक बार मैं ही पूरा का पूरा घुस गया और मैं उसको पीछे से ही चोदने लगा और वह आआह्ह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह.. करने लगी।
मैं पीछे से उसके लटकते चूचों को दबाने लगा और तेजी से उसे चोदने लगा।
थोड़ी देर बाद कहने लगी- मैं अब दुबारा झड़ने वाली हूँ….!
और यह कहते हुए वह एक बार और झड़ गई।
करीब 30 मिनट की चुदाई के बाद मुझे लगा कि अब मैं झड़ने वाला हूँ तो मैंने उससे कहा- अब मैं झड़ने वाला हूँ, तो मैं कहाँ निकालूँ…?
तो उसने कहा- मैं भी अब एक बार और झड़ने वाली हूँ और मैं तुम्हारे रस को अपनी चूत में ही लेना चाहती हूँ।
तो मैंने उसे नीचे लिटाकर अपने धक्कों की स्पीड तेज कर दी और करीब 14-15 तेज धक्कों के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए।
झड़ने के बाद मैं उसे अपनी गोद में उठा कर बाथरूम ले गया और एक साथ नहाए, वहाँ हमने एक बार और चुदाई की।
शाम को उसने कहा- जानू, आज मैं पहली बार जी भर कर चुदी हूँ।
तो मैंने कहा- तो जान ये बताओ कि कैसा लगा..!
तो उसने कहा- मैं अपनी इस चुदाई को अपने जीवन मैं कभी नहीं भूलूंगी।
फिर मैं उसके पास तीन दिन रुका रहा था और तीनों दिन और रात बहुत चुदाई की।
तो दोस्तो, यह थी मेरी चुदाई की कहानी। आप जरूर बताना कि मेरी कहानी आपको कैसे लगी।
[email protected]
#मर #वद #क #ज #भर #क #चदई