एक वकील की चुदाई कथा
बिपिन
मुझे सेक्स बहुत पसंद है, खासकर भाभीओं के साथ तलाकशुदा, विधवा और जो महिलायें सेक्स से संतुष्ट नहीं हैं वो, इनके साथ सेक्स करने के लिए अलग-अलग तरीके ढूँढ़ता रहता हूँ और आज अपना एक अनुभव बताने उपस्थित हुआ हूँ।
मैं एक 30 वर्षीय युवक हूँ। लम्बाई 6 फिट, गोरा हट्टा-कट्टा जवान हूँ। मैं पेशे से वकील हूँ। मेरे नाम बिपिन है और मैं धुले, महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ।
अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ। एक दिन मुझे एक कॉल आया, उसे अपनी पति के खिलाफ तलाक का केस करना है और उसने मुझे उसका पता दिया और कहा कि शाम को घर आना। मैंने उससे कहा कि मैं किसी के घर नहीं जाता हूँ, अगर उसे जरुरत है तो वो मेरे ऑफिस आ जाए।
लेकिन उसने मुझे उसकी समस्या बताई और मैं शाम 6 बजे उसके घर पर चला गया। उसका घर दिखने में बहुत ही सुन्दर था। वहाँ पहुँच कर मैंने दरवाजा खटखटाया, दरवाजा खुला और मैं देखता ही रह गया।
एक दमदार गरम महिला, नाम ज्योति, उम्र लगभग 40-45 साल। उसने अपना फिगर अच्छे ढंग से संवारा हुआ था। गोल-गोल नारंगी टाइप के स्तन, उसकी फिगर कुछ 32-30-32 की रही होगी।
वो हसीना मेरे सामने थी और उसने मुझे अन्दर आने के लिए कहा, फिर पानी दिया और चाय बना कर ले आई।
और फिर मैंने उनसे केस के बारे में पूछने लगा और उन्होंने मुझे बताया कि उसे उसके पति ने दस साल पहले छोड़ कर दूसरी शादी कर ली है और उसे घर से निकाल दिया है। वो उसकी मम्मी के घर रहती है। घर में कोई भी मर्द नहीं है और उसके माता-पिता तीन साल पहले गुजर चुके हैं।
मैं उनकी बात मन लगा कर सुन रहा था और अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहा था। मेरे इस बर्ताव से ज्योति बहुत खुश हुई। मैंने उनसे कुछ कागजात के लिया कहा और उन्होंने मुझे एक-दो दिन बाद बुलाया।
जब दो दिन बाद मैं उनके घर गया, तब उस वक़्त वो बहुत ही सेक्सी दिख रही थी। उसने एक सेक्सी लाइट पिंक नाईटी पहन रखी थी और वो मेरे भावों को नोटिस कर रही थी।
उसने मुझसे पूछा- आपकी कोई गर्ल-फ्रेंड है?
मैं एकदम सन्न रह गया और मुझे बहुत अजीब सा लगा। उसकी जुबान से यह सुनने की कभी उम्मीद नहीं थी कि इतने जल्दी दरवाजा खुल जाएगा।
मैंने जवाब देते हुए कहा- आप जैसी सुन्दर लड़की मिली नहीं इसलिए बनाने का मौका मिला नहीं। मैंने उसे अचानक मेरे समीप पाया और मैंने उसे ‘प्रपोज’ कर दिया- क्या आप मेरी गर्ल-फ्रेंड बनोगी?’
उसका चेहरा गुस्से से लाल हो गया और बोली- आप मेरे घर से चले जाओ।
मुझे उससे ऐसी आशा नहीं थी और मैं उससे ‘सॉरी’ बोलकर वहाँ से चला गया।
फिर 3 दिन के बाद उसका कॉल आया और उसने ‘हेल्लो’ बोलते ही ‘सॉरी’ बोलना शुरू’ कर दिया और आज रात को अपने घर आने को बोला। शाम को मैं उसके घर गया। आज तो वो बिल्कुल मदहोश कर देने वाली अदा से मुझे देख रही थी। उसकी नशीली आँखें मुझे और भी पागल कर रही थीं।
उसने दरवाजा बंद करके मुझे मेरे होंठों पर चुम्बन करने लगी और मैं उसे थोड़ा नखरे दिखाते हुए उस से अलग हो गया, उसने फिर से ‘सॉरी’ बोला।
तो तब मैंने उससे कहा- ठीक है, क्या चहिए आपको?
वो बोली- मैं आपकी गर्ल-फ्रेंड बनना चाहती हूँ।
मैं बोला- ठीक है, चलो कपड़े उतारो, अपने और मेरे भी।
वो एकदम से डर सी गई। मैं उसके होंठों पर चुम्बन करने लगा और वो ‘आहें’ भरने लगी- श्ह्ह्ह आःह्ह. आई लव यू जान।’
ज्यादा वक़्त बर्बाद न करते हुए मैंने खुद ही उसके शरीर से साड़ी उतार दी और उसके संतरे जैसे स्तनों को चूसना शुरू कर दिया और वो जोर-जोर से बड़ी आवाज़ में ‘आहें’ भरने लगी- स्स्स्शह… अहा… और चूस्सो… और जोर से… पी लो इनका सारा रस आज आआ… सश…’
5 मिनट बाद हम 69 अवस्था में आ गए और मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया। उसकी चूत पर थोड़े बाल थे, पर नशीले लग रहे थे।
क्या खुशबू आ रही थी उसकी जांघों और चूत में से !
मैं उसकी चूत चाट-चाट कर रसीली कर रहा था और उसकी चूत के होंठों मुँह में लेकर चूस रहा था। अपनी जीभ उसकी चूत में अंदर डाल कर उसे चाट रहा था और पूरा कमरा उसकी सिसकारियों से गूंज रहा था।
‘आह्ह्ह… माँ… मर गई जान ! और चूसो… बहुत मजा आ रहा है… प्लीज और चूसो… और जोर से और ! और वो जोर जोर से अहा श्ह्ह्ह आह्ह और जोर जोर से।’
वो अपनी चूत को मेरे मुँह में पर फिराने लगी और 20 मिनट बाद झड़ गई। अब मैंने उसको पलंग के किनारे बैठने को बोला और अपना लंड उसके मुँह के पास ले जाकर उस को चूसने का इशारा किया।
वो थोड़ा नाटक करने लगी और बोली- मैं ऐसी नहीं हूँ, मैंने आज तक किसी पराए मर्द के साथ सम्भोग नहीं किया। अपने पति के सिवाय किसी के लंड को नहीं चूसा।
मैंने उससे कहा- आज ले लो मेरा!
और मैंने अपना अंडरवियर उतार कर लंड निकाला। मेरा 8 इंच लम्बा लंड देख कर उस का बुरा हाल हो गया और वो मना करने लगी मगर इतना सब होने के बाद कौन इंसान बिना उसकी चूत फाड़े बिना रह सकता था।
मैंने जबरदस्ती उसका मुँह थोड़ा खोलकर अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया और उसे समझाया कि वो आराम-आराम से इसे चूसे।
मेरे समझाने के बाद वो मान गई और लंड के सुपारे को मुँह में लेकर धीरे-धीरे चूसने लगी। कुछ देर बाद उसने खुद ही मेरा आधे से ज्यादा लंड अपने मुँह में डालकर चूसना शुरू कर दिया। लगभग 15 मिनट के बाद उसके नर्म होंठों पर मेरे लंड का वीर्य छूट कर गिरने लगा और वो उसे अपने मुँह में लेकर गटक गई।
कसम से आज जितना मजा लंड चुसवाने में आया था, जिंदगी में कभी नहीं आया था।
फिर हम एक-दूसरे को फ़िर चूमना शुरू कर दिया। अब हम दोनों जन्नत की सैर कर रहे थे। हम दोनों का शरीर एकदम गर्म चुदाई की आग में जल रहा था।
कुछ समय बाद उसने मेरा लंड हाथ में लेकर खुद ही अपने चूत में पेलने के लिए चूत के मुँह पर रख दिया और बोली- चलो वकील साब, मुजरिम पेश करो, डाल दो इसे अन्दर, साली बहुत मचलती है, बहुत परेशान करती है, आज इसकी तड़प मिटा कर, इसे शांत कर दो, फाड़ दो इसे, मुझे चाहे कितना भी दर्द हो, मगर तुम मत रुकना।
फिर मैंने आराम-आराम से उसकी चूत पर लंड रगड़ा और धीरे से अपना लंड उसकी चूत के अन्दर उतार दिया।
उसके मुँह से ‘आआह्ह्ह… आराम से !! मर गई जानू… अहह…हा…’ आवाजें आने लगी।
फिर अपना पूरा लंड उसकी चूत में बिल्कुल अन्दर तक उतार कर में कुछ ढेर उसके ऊपर आ गया और उसके मम्मे चूसने शुरू कर दिए। अब हम दोनों चुदाई के मजे में चूर थे। मैं अपना लंड गोल-गोल उसकी चूत में घुमाने लगा। वो अपनी कमर को और ऊपर उठाकर उचकाने लगी और लंड को और ज्यादा अन्दर लेने के कोशिश करने लगी। फिर 10 मिनट बाद ही वो झड़ गई, पर मेरा अभी झड़ने का मन दूर-दूर तक नहीं था।
वो थक चुकी थी। मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसकी चूत में फिर से पूरा लंड पेल दिया और मेरा लंड उस की बच्चादानी को छू रहा था। वो अपने चूतड़ उछाल-उछाल कर जोर-जोर से चुद रही थी और बड़बड़ा रही थी- और जोर से… और जोर से… और 25 मिनट की इस चुदाई में वो चार बार झड़ गई।
मैंने भी उसकी चूत को अपने लंड के वीर्य से पूरा भर दिया और उसके बाद में भी उसके ऊपर ही गिर गया। इस जोरदार चुदाई से वो काफी खुश नजर आ रही थी और मुझे धन्यवाद बोला।
एक-दूसरे को चुम्बन करने के बाद हमने अपने कपड़े एक-दूसरे को पहना दिए और मैं वहाँ से चला आया।
अब जब हमारा मन करता है तो हम एक-दूसरे की जरुरत पूरी करते हैं।
मैं आपके मेल का इंतजार करूँगा।
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