मामा की कुंवारी लड़की रिया की चुदाई
दोस्तो, मैं अपनी और अपने मामा की लड़की की कहानी आप लोगों के सामने ब्यान कर रहा हूँ. आप इसे सच या कल्पना जो भी मानें.. बात उस समय की है.. जब मैं 21 साल का था और मामा की लड़की 18 की थी। उसका नाम रिया है.. वो दिखने में बहुत सुन्दर है.. उसका फिगर लगभग दीपिका पादुकोण की तरह है।
एक बार गर्मियों की छुट्टियों में वो हमारे घर आई हुई थी।
शाम को खाना खाने के बाद मैं बिस्तर पर लेटा था.. तभी रिया मेरे पास ही आकर लेट गई और बोली- मेरे सर में दर्द हो रहा है।
मैंने उससे कहा- तुम सीधे लेट.. जाओ मैं तुम्हारा सिर दबा देता हूँ।
तो वो सीधे लेट गई।
सीधे लेटने से उसकी ब्रा टॉप के गले से दिखने लगी। उसकी ब्रा देख कर मेरा मूड बनने लगा.. लेकिन मैंने जैसे-तैसे अपने दिमाग पर काबू किया।
मैं काफी देर तक उसका सर दबाता रहा थोड़ा आराम होने के बाद उसको नींद सी आने लगी तो वो बोली- मैं यही सो जाऊँ?
मैंने कहा- सो जाओ..
मुझे भी हल्की नींद सी आ रही थी.. तो मैं भी सोने के लिए लेट गया। मैं जब लेटा.. तो उसका सर मेरी गर्दन के पास आ गया और उसकी चूचियाँ मेरे सीने से सटी थीं।
मुझे पता नहीं क्या हुआ.. मैंने उसके माथे पर एक चुम्मी कर ली, इस पर वो कुछ बोली तो कुछ नहीं.. पर थोड़ी मुस्कराई.. इससे मेरा हौसला और बढ़ गया।
अब मैंने उसके ऊपर हाथ रख लिया और उसको अपनी तरफ खींचा.. जिस पर वो मुझसे सटकर लेट गई।
मैंने थोड़ी देर बाद हाथ उसकी पीठ पर फेरना शुरू कर दिया.. जिससे उसकी साँसें तेज चलने लगीं।
अब उसने भी अपना हाथ मेरे ऊपर रख लिया, मैंने और उसे अपनी तरफ खींचा.. तो वो मुझसे सट गई।
मैंने उसको चूमना शुरू कर दिया.. वो गर्म होने लगी और वो भी मज़ा लेने लगी।
काफी देर चूमने के बाद वो बोली- भैया कोई आ जाएगा।
मैंने उसे कहा- तुम मेरे साथ चादर में अन्दर होकर लेट जाओ।
उसने चादर अपने ऊपर ओढ़ ली। अब तो वो मुझसे और भी सटकर लेट गई.. उसने अपनी दोनों बाहें मेरी गर्दन में डाल लीं। मैंने अपना हाथ उसकी चूची पर फेरना शुरू कर दिया.. इस पर वो थोड़ा सीधी लेट गई।
मैंने उसकी एक चूची दबाई.. तो उसके मुँह से ‘आह’ निकल गई।
मैंने उसके कान में कहा- आवाज मत निकाल.. कोई सुन लेगा।
मैंने उसकी ब्रा के अन्दर हाथ डालकर उसकी चूचियों पर हाथ फेरना चालू कर दिया.. जिससे वो अपनी आँखें बंद करके मज़ा लेने लगी।
फिर मैंने उसकी ब्रा को हटाया.. तो वो चादर से चूची ढकने लगी.. तो मैंने मना किया और उसकी एक चूची पीने लगा।
वो भी अब मेरा सर अपनी चूचियों में दबाने लगी।
मैंने अपना एक हाथ उसके लोअर में डालना चाहा.. तो वो मना करने लगी।
मैंने थोड़ा जोर डाला.. तो उसने मेरा हाथ छोड़ दिया।
जैसे ही मैंने उसकी पैन्टी में हाथ डाला.. तो मुझे मेरा हाथ गीला सा लगा।
वो अब अपनी आखें बंद किए हुए थी.. इस पर मैंने उसकी चूत पर सर ले जाकर किस किया.. तो वो करवट लेकर लेट गई।
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मैं भी उससे सटकर लेट गया.. जिससे मेरा लंड उसकी चूत पर टकराने लगा। इस पर उसे पता नहीं क्या हुआ.. वो थोड़ा सा हटकर लेट गई।
मैंने उससे पूछा- क्या हुआ?
वो कुछ नहीं बोली.. मैंने फिर पूछा- इससे पहले कभी किसी के साथ किया है?
उसने ‘नहीं’ में सर हिलाया।
मैंने अब हाथ चूत पर फेरना.. फिर चालू कर दिया। उसकी साँसें और भी तेज हो रही थीं। मैंने एक उंगली उसकी चूत में डाल दी.. जिस पर उसकी ‘आह’ निकल गई। उसे थोड़ा दर्द भी हुआ.. जिस कारण वो अपना सर इधर-उधर को करने लगी।
मैंने थोड़ी देर उंगली ऐसे ही डाले रखी.. जिससे उसका दर्द कम हुआ और वो अपनी चूत को हिलाकर मज़ा लेने लगी। मैंने उसकी चूत में उंगली अन्दर-बाहर करना तेज कर दिया.. जिससे वो जल्दी ही अपना माल छोड़ने लगी। मैंने उसका सारा माल चादर से साफ़ कर दिया।
अब मैं उसके ऊपर आ गया और उसे चूमने लगा.. वो भी अब मुझे चूमने में लगी थी। मैंने अपना लंड उसकी चूत पर लगाया.. और एक धक्का लगाया। चूत कसी होने के कारण लंड फिसल गया।
मैंने दुबारा लंड को चूत के छेद पर लगाया और इस बार थोड़ा और जोर लगाया.. जिससे लण्ड चूत को रगड़ते हुए अन्दर चला गया.. मैंने उसके मुँह को अपने होंठों में दबा रखा था.. जिससे उसकी चीख मुँह में ही रह गई।
वो बहुत ही दर्द भरे स्वर में मुझसे बोली- उह..भैया.. मुझे दर्द हो रहा है.. इसे बाहर निकाल लो।
मैंने उससे कहा- कुछ देर ऐसे ही रहो.. दर्द कम हो जाएगा और मज़ा भी आएगा।
इस पर वो लेटी रही.. थोड़ी देर बाद उसकी कमर ने हिलना चालू कर दिया.. तो मैंने भी अपने धक्कों की गति बढ़ा दी।
अब हम दोनों चुदाई का मज़ा ले रहे थे वो धीरे कह रही थी- भैया आज आपने मेरी सील तोड़ दी है.. अब क्या होगा.. किसी को पता चल गया.. तो मैं क्या करूँगी?
मैंने उसे समझाया- सब ठीक हो जाएगा। तेरा पहली बार है न.. इससे ऐसा हो रहा है।
अब रिया अपनी चूत उठाकर चुदवा रही थी। वो खुशी से चूत चुदवाए जा रही थी.. ज्यादा कसी चूत होने से मेरा माल भी जल्द ही निकल गया।
हम दोनों ने अपना-अपना माल साफ़ किया और साथ में ही सो गए।
रात में जब मैं जागा.. तो देखा कि वो ऐसे ही चादर से बाहर खुले में सो रही है।
मैंने उसकी चूची को पीना शुरू कर दिया.. जिससे रिया जाग गई।
उसके बाद मैंने उसकी फिर से चुदाई की। अब चुदाई में दोनों को मजा आ रहा था। दो बार की चुदाई में मन नहीं भरा तो तीसरी बार मैंने उसे सोफे पर लिटा कर चोदा।
फिर तो जब तक वो मेरे यहाँ रही.. मैं उसे चोदता रहा।
अब जब भी हम मिलते हैं.. मौक़ा मिलते ही चुदाई जरूर करते हैं।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर मेल कीजिएगा।
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