एक ही झटके में पूरा का पूरा लंड अंदर
हैल्लो सेक्स समाचार डॉट कॉम के दीवानों, में भी आपकी तरह सेक्स समाचार डॉट कॉम की बहुत बड़ी फेन हूँ और कई सालों से में इसकी कहानियाँ पढ़कर अपने आपको मस्त किए जा रही हुई हूँ और आज में भी अपना एक सच्चा सेक्स अनुभव आप सभी के साथ शेयर करने जा रही हूँ। यह मेरी पहली सच्ची कहानी है और अब मेरा परिचय, मेरा नाम फरहीन है और में मुंबई में रहती हूँ। में अभी तक कुंवारी हूँ और मेरे फिगर का साईज मेरे बूब्स 36 इंच, कमर 34 इंच और 40 इंच कूल्हे है। बहुत सारे लड़के मेरे जिस्म के सेक्सी अंगो को घूर घूरकर देखते है और मुझे उनका ऐसा करना बहुत अच्छा लगता था, लेकिन में भी अपने फिगर को देखकर मन ही मन बहुत गर्व महससू करती और अपने फिगर को उन सभी को ज्यादा से ज्यादा दिखाती और उन्हें अपनी तरफ आकर्षित करती थी। मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता था और अब में सीधे अपनी आज की कहानी पर आती हूँ।
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दोस्तों यह उन दिनों की बात है जब में एक कॉलेज में पढ़ती थी और वो मेरा पहले साल मेरा विषय आर्ट्स था और उससे पहले मेरे पहले वाले बॉयफ्रेंड से मेरा ब्रेकअप हो चुका था। उससे मेरा चक्कर कुछ समय तक ही चला था। तभी एक दिन कॉलेज के एक समारोह में मेरी मुलाकात एक लड़के से हुई थी जिसका नाम आसिफ़ था, वो दिखने में बहुत ठीकठाक था उसका रंग गोरा और उसकी लम्बाई करीब 5.11 होगी और वो दिखने में थोड़ा तन्दुरुस्त भी था और उसने मुझे पहली नज़र में ही पसंद कर लिया था और दूसरे दिन उसने मुझसे अपने प्यार का इजहार भी किया। मैंने भी थोड़ा नखरा दिखते हुए कुछ देर में उसका वो प्यार का आग्रह स्वीकार कर लिया, क्योंकि में अपने पहले वाले ब्रेकअप से थोड़ी उदास सी हो गई थी इसलिए मुझे अब किसी का साथ चाहिए था जो अब मुझे मिल चुका था और अब हम फ़ेसबुक पर फोन पर दिन रात बात करते थे, कॉलेज में मिलते थे, उधर उधर घूमते थे। दोस्तों इस बीच आसिफ़ की पढ़ाई पूरी हो चुकी थी, लेकिन फिर भी वो मुझसे मिलने कॉलेज में आता था। अब हम फोन पर धीरे धीरे सेक्सी बातें भी करने लगे थे, लेकिन एक दिन वो मुझे एक बार फिल्म दिखाने ले गया और फिर दो टिकट लेकर वो बिल्कुल आखरी वाली सीट पर मेरे साथ बैठकर सही मौका देखकर मेरे जिस्म के सेक्सी अंगो के साथ छेड़छाड़ करने लगा।
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दोस्तों पहले तो में उसके यह सब मेरे साथ करने से बहुत शरमाई, लेकिन फिर कुछ देर के बाद मुझे भी उसका यह सब मेरे साथ करना धीरे धीरे अच्छा लगाने लगा था। इसलिए मैंने उसे मना नहीं किया और उसने कुछ देर मेरे बूब्स को दबाकर, मसलकर अच्छी तरह निचोड़कर मुझे जोश में लाकर पूरी तरह गरम करके छोड़ दिया और उसके बाद हम वहां से अपने अपने घर पर चले आए। फिर मैंने अपने घर पर पहुंचकर उसके बारे में बहुत बार सोचा तो मुझे बहुत घंटो तक नींद नहीं आई, में बस उसके ही बारे में सोचती रही और ना जाने कब में सो गई। फिर दूसरे दिन उसने मुझे अपने घर पर बुलाया, लेकिन उस समय में उसके घर पर जाने के लिए तैयार नहीं थी इसलिए मैंने उसे साफ साफ मना कर दिया। फिर वो मुझसे बहुत बार आग्रह करने लगा और मुझसे बोला कि मेरी जान मुझे तेरे साथ कुछ जरूरी बात करनी है। अब मैंने एक बार फिर से उसे मना किया तो वो मुझसे बोला कि में तुम्हे तुम्हारे कॉलेज से आकर ले जाऊंगा। फिर मैंने भी बोला कि में भी देखती हूँ कि तुममें कितना दम है? और फिर वो करीब 15 मिनट में हमारे कॉलेज में आ गया और मुझे जबरदस्ती वहां से अपने साथ में लेकर आ गया। में उसे वहां पर देखकर बहुत चकित हो गई क्योंकि मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं था कि वो जो अभी कुछ समय पहले कह रहा था वो वैसा कर भी सकता है, लेकिन उसने वैसा ही किया और में चुपचाप उसके साथ चली गई। दोस्तों उस दिन मैंने बड़े गले की कमीज़ पहनी हुई थी और मेरी सलवार पूरी जालीदार थी। में उस सलवार कमीज़ में बहुत सेक्सी लग रही थी और मेरे बड़े बड़े बूब्स मेरी उस कमीज़ से बाहर झांक रहे थे और मेरी गांड का वो बड़ा सा आकार साफ साफ नजर आ रहा था। Hindi Sex Stories, Indian Sex Stories, Hindi Font Sex Stories, Desi Chudai Kahani, Free Hindi Audio Sex Stories, Hindi Sex Story, Gujarati sex story, chudai
फिर थोड़ी देर के बाद में हम घर पर पहुंचे और हमने कुछ खाया पिया और उसके बाद आसिफ़ ने कंप्यूटर चालू किया और मुझे अपने पास बुलाया और मुझसे अपनी गोद में बैठने के लिए बोला। फिर वो कंप्यूटर पर लगा हुआ था और में उसकी गोद में बैठी हुई थी। अब उसने कंप्यूटर पर एक ब्लूफिल्म को लगाया और अब वो धीरे से मेरी कमीज़ को थोड़ी सी ऊपर उठाकर ज़िप खोलकर मेरी गांड में अपना लंड रगड़ने लगा था। फिर में कुछ देर बाद एकदम से उठ गई तो उसने मुझ को पकड़ कर एक दीवार से चिपका दिया और अब हम लोग स्मूच करने लगे थे और वो नीचे से मेरी सलवार में अपना एक हाथ डालकर मेरी चूत पर हाथ घुमा रहा था। वो मेरी चूत को सहलाकर मेरे जिस्म को गरम कर रहा था। फिर मैंने सही मौका देककर उसको एक धक्का मारकर थोड़ा पीछे हट गई। उसने मेरा हाथ पकड़कर ज़ोर से खींचा और मुझे उसने एक बार फिर से दीवार से चिपका दिया और मेरे गले पर किस करने लगा और वो मेरी सलवार के अंदर हाथ डालकर मेरी चूत पर उंगली घुमा रहा था। मेरी सलवार एलास्टिक वाली थी इसलिए उसका हाथ उसके अंदर बहुत आसानी से चला जाता था।
फिर कुछ देर चुम्मा चाटी, चूत को सहलाने, बूब्स को दबाने निचोड़ने के बाद उसने मुझे बेड पर लेटा दिया और अब वो अपनी टीशर्ट को उतारकर मेरे ऊपर लेट गया और वो मुझसे में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ कहकर मुझे फिर से स्मूच करने लगा उसने अब मुझे उल्टा लेटने को कहा और मेरी कमीज़ की ज़िप को नीचे किया और कमीज़ को आधी बाहर निकाल दिया और मेरे बूब्स पर किस करने लगा मैंने अंदर ब्रा तो पहनी ही नहीं थी बस पीछे से एक हुक था तो उसने उसको खींचकर निकाल दिया। मेरी ब्रा का हुक टूट गया। फिर उसने मेरी ब्रा को दूर फेंक दिया और फिर मेरी सलवार को उतारकर फेंका और अपनी पेंट को भी उतारकर फेंक दिया और फिर मेरे बूब्स पर किस किया चूमा, चाटा, दबाया और ऐसे करते करते उसने मेरी पेंटी को अपने मुहं से नीचे किया। अब वो मेरी चूत पर किस करने लगा था और मैंने नहीं करने दिया तो उसने मेरे हाथ को पकड़कर अपने हाथ से दबा लिया और अब वो मेरी चूत को पागलों की तरह चूमने चाटने लगा और फिर एक ही झटके में मेरी पेंटी को भी उतारकर उसने दूर फेंक दिया और अपनी अंडरवियर को भी निकालकर फेंक दिया। फिर उसने अपने लंड पर थोड़ा तेल लगाया और थोड़ा अपनी उंगली पर लगाकर हल्का सा उंगली को मेरी चूत में घुसाया और फिर वो मेरी चूत के ऊपर चड़ गया उसने मेरी चूत में अपना लंड सेट किया और मेरी चूत के अंदर एक ही झटके में पूरा का पूरा लंड अंदर घुसाकर मुझे ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा। मैंने उसको बहुत टाईट पकड़ लिया और हम दोनों बहुत बार किस और स्मूच करे थे और मेरे मुहं से आईईईईईईई की आवाज निकल रही थी आआआहह उउउफफफफफफ्फ़। फिर कुछ देर बाद जब वो लगातार धक्के दे रहा था तो मुझे बहुत दर्द हो रहा था तो मैंने उससे अब लंड को बाहर निकालने के लिए बोला, लेकिन उसने मेरी एक बात भी नहीं सुनी और जब उसने मुझे पहली बार चोदना शुरू किया तो मुझे बहुत दर्द हो रहा था और में उसकी वजह से बेहोश हो गई थी और वो मुझे पागलों की तरह लगातार ताबड़तोड़ धक्के लगाकर चोद रहा था और में एक मछली की तरह मचल रही थी आहहह्ह्ह्ह ऊऊहह उूउउफफफफ्फ़ आआअहह आसिफफफ्फ़।
फिर उसने अचानक से मुझे चोदते हुए मेरे बूब्स पर काटा और मेरे निप्पल पर जीभ लगाकर चाटने लगा। दोस्तों मैंने महसूस किया कि उसका लंड बहुत बड़ा, मोटा और लंबा भी था, शायद 7 इंच या 8 इंच का था और बहुत सांवला भी था। वो बस मुझसे में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ जान शादी के बाद हम रात दिन सेक्स करेंगे यह कह रहा था और मुझे लगातार किस करता जा रहा था और बुरी तरह से चोदे जा रहा था। फिर वो कुछ देर बाद नीचे बैठकर मुझे चोदने लगा और में अब भी लेटी हुई थी। तो वो मेरे बूब्स को दबा था जिसकी वजह से मुझे बहुत दर्द हो रहा था। अब अचानक से उसका लंड मेरी चूत से फिसलकर बाहर निकल गया और उस दो मिनट के लिए में बस बिल्कुल ठंडी पढ़ गयी फिर भी मेरा दर्द कम नहीं हुआ और मुझे बहुत दर्द हो रहा था। दोस्तों ये कहानी आप चोद्काम डॉट कॉम पर पड़ रहे है। Hindi Sex Stories, Indian Sex Stories, Hindi Font Sex Stories, Desi Chudai Kahani, Free Hindi Audio Sex Stories, Hindi Sex Story, Gujarati sex story, chudai
फिर मैंने उससे कहा कि बस अब बहुत हो गया। प्लीज अब बंद करो, बहुत हुआ मुझे बहुत दर्द हो रहा है। तो आसिफ़ बोला कि लंड को अब लंड को बाहर निकालने का तो सवाल ही नहीं है और अब मेरा वीर्य जब तक नहीं निकलता तब तक में तुझे चोदता रहूँगा और फिर कुछ देर बाद वो बोला कि मेरा वीर्य निकलने वाला है मेरा दिमाग़ खराब मत करना। वो फिर से मेरी चूत को ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा तो उसका एक बार फिर से लंड अचानक से फिसलकर मेरी चूत से बाहर निकल गया। तो मैंने उसको धक्का मारा तो उसने मुझको उल्टा लेटा दिया और मेरे एकदम टाईट हाथ पकड़कर अब मेरी गांड में लंड डालने लगा। वो तेल लगाकर मेरी गांड में डालने की कोशिश करने लगा, लेकिन फिर भी बराबर नहीं जा रहा था तो उसने मेरी गांड में तेल लगाया और फिर गांड में पूरा दम लगाकर लंड को घुसा दिया। फिर से मेरे हाथ वैसे ही पकड़कर मेरी गांड मारने लगा और में बहुत बुरी तरह से चिल्ला रही थी और चीख रही थी आईईफफफ्फ़ छोड़ दो मुझे आअहह उह्ह्हह्ह मुझे बहुत दर्द हो रहा है और अब वो मेरी गांड को ज़ोर ज़ोर से मार रहा था। फिर उसने मेरे मुहं में मेरा दुपट्टा घुसाया और मेरे दोनों हाथ पकड़ रखे थे। में दर्द की वजह से रो रही थी और में अब ना आवाज़ कर सकती और ना उसको अपने ऊपर से हटा सकती थी। उसने मेरे मुहं पर ज़ोर से एक हाथ रखा और दूसरे हाथ से मेरा हाथ टाईट पकड़ लिया और वो बस चालू था उसका वीर्य निकलने तक। अब वो अपने लंड को मेरी गांड में आधा अंदर डालता और फिर बाहर निकालता और तेल लगाने के बाद भी पूरा नहीं झड़ा था। वो अब बहुत परेशान हो गया था और में अब तक दो बार झड़ चुकी थी।
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फिर उसने अपना लंड बाहर निकाला और मुझे बैठाकर बोला कि इसको चूसो। फिर मैंने उससे यह सब करने से साफ मना कर दिया तो उसने मेरे बाल पकड़कर अपने लंड को जबरदस्ती मेरे मुहं में घुसा दिया और अब वो मेरे मुहं को चोदने लगा था और वो अपने लंड को मेरे पूरे हलक तक डाल रहा था। फिर जैसे ही कुछ देर बाद उसका वीर्य निकलने वाला था तो उसने अपना लंड बाहर निकाला और पूरा वीर्य मेरे मुहं पर गिरा दिया और मेरे बूब्स पर भी गिरा दिया। फिर आसिफ़ ने उठकर अपनी पेंट को पहना और मैंने भी जल्दी से अपने आपको साफ किया और पानी से अपने जिस्म को धोने बाथरूम में चली गई, लेकिन अब भी उसका मन मेरी इतनी देर तक चुदाई करने से नहीं भरा तो वो मेरे पीछे से आया और मुझे बाथरूम में पीछे से पकड़कर मेरी गांड में अपना लंड रगड़ने लगा। में उससे बोली कि आसिफ़ प्लीज अब बस भी करो मुझे अब अपने घर पर भी जाने दो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है और वैसे भी तुमने आज मेरे दोनों छेद को चोदकर फाड़ दिया है।
फिर वो बोला कि फरहीन तू आज मुझे पूरे मज़े लेने दे मेरी जान और यह बात बोलते हुए उसने मेरी गांड में अपना लंड घुसा दिया और अब वो मुझे वहीं पर थोड़ा सा झुकाकर डॉगी स्टाइल में मेरी गांड मारने लगा और मेरे बूब्स को मसलने लगा, वो बहुत ज़ोर ज़ोर से चोदे जा रहा था और में कुछ नहीं कर पा रही थी। मेरी हालत अब बहुत खराब थी क्योंकि मेरी पहली बार चुदाई हुई थी जिसकी वजह से मेरी चूत से और अब गांड से भी बहुत खून भी निकलने लगा। उसने बाथरूम में चोदा और फिर कुछ देर चोदते चोदते उसने अपना पूरा वीर्य मेरी गांड में छोड़ दिया और मेरी गांड पर अपना लंड साफ करके बाहर चला गया। फिर में अपने आपको साफ करके बाहर आई और अपने कपड़े पहनने लगी और में उससे बोली कि में अगली बार कभी भी तुम्हारे घर पर नहीं आउंगी। तो वो मुझसे सॉरी बोला और मुझे मनाने लगा। में फिर भी नहीं मानी, लेकिन फिर भी उसने कुछ देर के बाद मुझे कैसे भी करके मना लिया और अब में मान गई उसके बाद में हर सप्ताह दो से तीन बार उसके घर पर जाकर चुदने लगी। मुझे भी अब उससे चुदवाना अच्छा लगने लगा था और मुझे भी उसकी चुदाई में अब बहुत मज़ा आने लगा था ।।
धन्यवाद …
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