गर्लफ्रेंड की सहेली की प्यासी चूत और गांड
नमस्कार दोस्तो, मैं बैड मैन फिर से एक बार हाजिर हूँ आप लोगो के सामने, मेरी पिछली देसी हिंदी सेक्स कहानी
गर्लफ्रेंड की कुंवारी सहेली की हॉट चुत की चुदाई
में आप लोगों ने पढ़ा कि कैसे मैंने और जूही ने योजना बना कर नाज़ की चुदाई की.
हांलाकि उस दिन के खेल के बाद फिर कभी मौका नहीं मिला कि हम तीनों एक साथ फिर वो चुदाई का खेल खेल सकें, लेकिन जूही और नाज़ जब भी कभी मिलती तो मैं हमेशा नाज़ के मम्मे दबा दबा के उसको उत्तेजित कर देता और फिर बिना चोदे छोड़ देता, उसका परिणाम यह निकला कि हम दोनों ने बिना जूही की जानकारी के चुदाई का भरपूर आनन्द उठाया; जूही को कभी शक नहीं हुआ कि हम दोनों उसकी जानकारी के बिना आपस में चुदाई कर रहे हैं।
अब आते है नाज़ को मैंने फिर से कैसे चोद चोद के उसकी चूत की चटनी निकली; इस बात पर।
मैंने पिछली कहानी में नाज के फिगर का जिक्र किया था फिर से बता देता हूँ नाज का फिगर: 5 फीट 2 इंच की हाइट, 34″ के कसे हए चुचे, 32″ की कमर और 36″ की गांड रंग गोरा है.
तो बात ऐसी है कि एक दिन मैं और जूही पार्क घूमने गए थे, पता नहीं कहाँ से वो आ धमकी और मुझे जूही के सामने ही गर्म करने लगी.
जूही का इशारा पा कर मैं खुले आम नाज के चुचों को मसलने लगा और चूत में ऊपर से उंगली कर के छोड़ दिया.
फिर मैंने और जूही ने लंच किया और जूही अपने घर निकल गयी, मैं अपने घर आ गया.
घर वाले सब बाहर गए हुए थे, रविवार का दिन भी था, सोचा था कि घर में जा कर आराम से नंगा हो कर आराम करूँगा, पर शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। मैं घर पहुंचा तो देखा कि नाज़ वहां पहले से खड़ी है, मैं उसे अंदर ले गया और दरवाज़ा बंद करते ही उसके रसीले होंठों पर किस करना शुरू कर दिया, कामवासना से अभिभूत होकर जहां नाज़ खड़ी थी वहीं पर उसने अपना पर्स और चाबी गिरा दी.
मैंने चुम्बन करते हुए उसका कोट उतार दिया वो मेरे लन्ड को पकड़ कर दबाने लगी, मैंने उसकी सलवार उतार दी और कुर्ते के अंदर हाथ डाल कर ब्रा खोल दी। फिर वो मुझे धक्का दे कर अपने पूरे कपड़े उतार कर नंगी हो गयी, उसकी ऎसी कामुकता देख मैं भी पूरा नंगा हो कर उससे लिपट गया और नाज़ को किस करते करते अपने रूम के बेड में पटक कर उसके खरबूजे जैसे मीठे चुचों को मसल मसल कर चूसने लगा, उसके चुचे ऐसे कड़े हो गए थे जैसे सच में खरबूजे दबा रहे हैं।
नीचे वो मेरे लन्ड को पकड़ के दबा रही थी, दर्द के आलम में दोनों बहुत मज़े से चुम्मा चाटी कर रहे थे। थोड़ी देर बाद दोनों कुछ देर के लिए रुक गए, मैं किचन से जाकर डेयरी मिल्क की चॉकलेट ले आया और 2 टुकड़े नाज़ के दोनो चुचों के ऊपर रख दिया, एहसास ऐसा था जैसे गर्म तवे के ऊपर किसी ने ठंडा पानी डाल दिया; ठंडी चॉकलेट उसे और उत्तेजित करने में लगी थी और उसके गर्म चुचे चॉकलेट को पिघलाने में लग गए.
चॉकलेट के 2 टुकड़ों को मैंने उसकी चूत में फंसा कर रख दिया, 2 टुकड़ों को थोड़ा सा मसल कर के अपने लंड में लगा दिया, 2 टुकड़े उसकी नाभि के आसपास लगा कर उसे लिप किस कर के गर्म करना शुरू कर दिया।
पांच मिनट में चॉकलेट उसके चुचों में, नाभि में और चूत में मिक्स होने लगी और फिर मैंने उसके चुचों को पकड़ के उं पर से चॉकलेट चाटना शुरू किया और उसे इतना उत्तेजित कर दिया कि उसने खुद उठ कर मेरा लन्ड मुँह में लेकर चूस चूस कर पूरी चॉकलेट चाट कर लन्ड खड़ा कर दिया और वो मेरा लन्ड छोड़ने का नाम ही नहीं ले रही थी।
मुझे याद आया कि मैंने नाज़ की चूत में चॉकलेट रखी है जो अब तक उसके नमकीन पानी के साथ मिक्स हो गयी थी।
मैंने नाज़ को सीधा लेटाया और उसकी गांड के नीचे तकिया रख कर उसकी चूत को ऊपर उठा ली और चूत को मुँह में लेकर जीभ से चॉकलेट को चाटना शुरू कर दिया. साथ ही उसके भग्नासा को दांतों से हल्के से काट देता जिससे वो तड़प उठती।
चूत के अंदर 2 उंगली डाल कर उसे ज्यादा तड़पाने का आनंद मिल रहा था। चॉकलेट का मीठा और चूत का नमकीन टेस्ट ऐसा लग रहा था मानो कोई लस्सी में चॉकलेट डाल कर पी रहा है।
इतने में नाज़ ने अपना रस मुँह में छोड़ दिया और उसका रस मुँह में भर के उसके होंठों से होंठ लगा दिया और पूरा रस का मज़ा उसे भी दे दिया।
नाज़ ने फिर से मेरे लन्ड को पकड़ कर चूसना शुरू कर दिया और मैं उसकी चूत में उंगली करना शुरू कर दिया।
पांच मिनट में वो सांसें तेज़ करने लगी और मेरे को चुदाई के बोलने लगी। वैसे चुदाई का मन तो मेरा भी बहुत कर रहा था, पर सोचा कि इस कामुक लड़की को थोड़ा और तड़पाया जाए।
मैंने नाज़ को बोला- आज मैं बिना कंडोम तेरी चुत चुदाई करूँगा और पूरा वीर्य चूत में डाल के 15 मिनट बाद हटूँगा। इस तरह से चुदवाने का मन है तो बोल?
पर नाज़ न नुकुर करने लगी, वो बोली- नहीं, पिछली बार डाल दिया था तो चिंता के मारे सो नहीं पाई, जब तक महीना नहीं आ गया, इस बार नहीं… और जो बोल लो।
मैंने सोचा कि अच्छा मौका है तो बोला- ठीक है, गांड मरवायेगी? पहले पूरा लन्ड गांड में डालूंगा और बाद में चूत चुदाई होगी। तेरे पास 2 ऑप्शन हैं, या तो अंदर झड़वा ले या गांड मरवा ले।
वो बोली- गांड मार लो… पर अंदर नहीं झड़ने दूंगी।
मैं रूम से जाकर वेसलीन ले आया और लन्ड में लगा कर छोड़ दिया, फिर उसकी गांड में वेसलिन लगा के उंगली अंदर डालने लगा.
वो चिहुँक उठी तो मैं बोला- अभी तो बस उंगली गयी है, बोल अभी भी मौका है?
तो नाज़ बोली- नहीं… गांड ही मरवाऊंगी।
मैं भी बोला- ठीक है।
फिर उसकी गांड में अच्छे से वेसलीन लगा कर उसको घोड़ी बनाया और लन्ड टिका के धक्का मार तो लन्ड का टोपा गांड में जा घुसा और नाज़ का चिल्लाना चालू!
मैं भी हँस कर बोला- और चिल्ला साली… गांड मारने का मज़ा ही चिल्लाने में आता है!
फिर मैंने जोर का शॉट मार कर आधा लन्ड उसकी गांड में घुसेड़ दिया।
नाज़ की हालत दर्द के मारे खराब थी, आँखों से आंसू, मुंह से चिल्लाना, गांड से थोड़ा सा खून सब आनंदमयी नज़ारा था, चूंकि मेरे घर के आसपास कोई रहता नहीं है तो किसी के चीखने चिल्लाने में और ज्यादा मज़ा आता है।
इधर मैं उसके खरबूजे दबा कर उसे शांत कर रहा था तो उसने थोड़ा गांड हिलाई और मैंने संकेत समझ कर एक जोर झटका लगा दिया जो उसे तकलीफ देता हुआ पूरा उसकी गांड में था.
नाज की आंखें बाहर, जबान से आवाज़ आना कम हुई और एकदम शिथिल होकर लेटी रही।
मैं उसे पूरा लेटा कर उसके ऊपर गांड में लन्ड डाले लेटा रहा और नीचे से चुचों को दबा रहा था।
फिर वो थोड़ा नार्मल हुई तो मैं बोला- शुरू करें?
नाज़ बोली- मादरचोद, पहले क्यों नहीं बोला कि इतना दर्द होगा?
तो मैं बोला- साली कुतिया, जब चूत में डाला था तब दर्द हुआ था तो अभी पता नहीं था कि गांड में डालूंगा तो दर्द होगा? चल अब नखरे मत दिखा, गांड खुल गयी है चुदवा ले आराम से।
फिर मैंने उसको वापस घोड़ी बनाया, लन्ड को सुपारे तक बाहर निकाल कर उसमें थोड़ा सा सरसों का तेल डाल कर फिर से अंदर डाल दिया तो सरसों के तेल के झार से गांड के दर्द में चुनमुनाहट हुई तो फिर उसने गाली देना शुरू कर दिया- मादरचोद, पूरी गांड आज ही मार देगा क्या?
मैंने उसके मुंह में हाथ लगा कर भरपूर चुदाई शुरू कर दी और उसको बोला- हरामखोर, रंडी साली… तेरी चूत की सारी गर्मी आज उतार दूंगा.
वो अब थकने लगी तो मैंने लन्ड बाहर निकाल कर फिर से तेल में लन्ड और गांड भिगो कर अंदर तक डाल दिया. 10 12 धक्के लगा कर चूत में उंगली कर के चूत का छेद खोल दिया और अचानक से लन्ड चूत में डाल दिया.
नाज़ इस हमले के तैयार नहीं थी और वो चिल्ला उठी.
मैं भी बोला- चिल्ला साली कुतिया, मादरचोद मेरे से जूही के सामने चुचे दबवाती है, हम दोनों के बीच मे दूरी लाने की कोशिश कर रही है। आज तेरी चूत को इतना चोदूंगा कि हफ़्तों तक सूजन नहीं जाएगी।
फिर मैंने उसको पुशअप वाले स्टाइल में जमीन में लेटने के लिए बोला और उसकी दोनों टांगों को अपने कमर में फंसा कर खड़े हो कर चोदने लगा, 2 मिनट में वो थकने लगी तो उसको अपनी गोद में उठा कर दोनों पैर क्रॉस कमर में बांधने को बोला और लन्ड चूत में डाल कर खड़े खड़े चुदाई शुरू कर दी।
उसके चुचे ऐसे हिल रहे थे जैसे पानी भरा गुब्बारा कोई पकड़ के हिला रहा हो।
दस मिनट में वैसे ही कभी नार्मल, कभी दीवार के सहारे उसको चोदता रहा और वो छोड़ देने के लिए बोलती रही।
इस पूरी प्रक्रिया में उसकी चूत ने 4 बार मेरे लन्ड को अपने काम रस से नहला दिया था, पर मेरा लन्ड तो झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था।
वो बोली- प्लीज छोड़ दो!
मैंने 5 मिनट का टाइम और मांग कर उसको बिस्तर में लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़ कर चुदाई करने लगा।
उसकी हालत कुछ ऐसी हो गईं जैसे किसी को करंट के 2-3 झटके मार के छोड़ दिया गया हो।
अब मुझे भी थकान हो गयी थी, मैं उसकी चूत में लन्ड डाल कर उसके ऊपर ही लेट गया था। नाज़ मेरे वजन को सह नहीं पा रही थी, जैसे ही वो थोड़ा सा हिलने लगी तो मैं उठ कर फिर झटके मारना शुरू कर दिया और 3 मिनट में उसकी चूत में ही छूट गया, मेरे वीर्य से उसकी चूत लबालब भर गई।
मैंने उठ कर उसकी चूत में हाथ लगा के रस को बाहर आने से रोक दिया, फिर उसको उठा कर बाथरूम में ले गया और वहां हाथ से दोनों के कामरस का मिश्रण उसकी चूत से निकाल कर उसको चटाने लगा।
वो पहले मना करने लगी फिर मैंने उसको थोड़ा सा टेस्ट करवा कर पूछा तो उसको टेस्ट अच्छा लगा।
फिर हम दोनों साथ में नहाए, एक दूसरे को रगड़ रगड़ के फिर से गर्म कर दिया; नहा कर ऐसे ही नंगे बाहर आए, थकान मिटाने के लिए गरम गरम चाय पी।
और नाज़ कपड़े पहन के तैयार हो गयी घर जाने के लिए।
तभी मेरे दिमाग कुछ सूझा, संडे का दिन था घर के आस पास कोई आने वाला नहीं था, मैंने बोला- बाहर चलो, खुले में मेरा लन्ड चूसना… बहुत मज़ा आएगा।
वो मना करने लगी तो मैं गुस्सा दिखाते हुए बोला- जब पार्क में खुले आम तू मेरा लन्ड पकड़ सकती है, मैं तेरे चुचे मसल सकता हूँ तो तू यहां लन्ड भी चुसेगी, चूस नहीं तो तेरी पैंटी उतार के खुले में चोद दूंगा।
मरती क्या न करती!
मैं लन्ड निकाल के खड़ा हो गया और वो घुटने के बल बैठ कर मेरा लंड चूसने लगी. दस मिनट तक लन्ड चूस चूस कर लाल कर दिया उसने… मैंने पूरा माल उसके मुंह में छोड़ दिया और वो पूरा चाट चाट कर पी गयी।
फिर मैंने उसको लम्बा लिप किस किया और दोनों चुचों को मसल कर दबाता रहा, फिर वो अपने घर चली गयी।
दोस्तो कैसी लगी मेरी देसी हिंदी सेक्स कहानी? आप लोगों के मेल के इंतजार में।
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