इंग्लिश सीट पर चूत मरवाई
प्रेषिका : नीना
हाय दोस्तो !
सभी अन्तर्वासना पढ़ने वालों को मेरी तरफ से यानि कि नीना की तरफ से गीली चूत के साथ प्रणाम !
मैंने अन्तर्वासना पर लगभग सभी कहानियाँ पढ़ी हैं और आज मैं आपके सामने अपनी एक मस्त चुदाई लेकर आई हूँ।
नाम नीना है, उम्र उन्नीस साल, गोरा रंग, कसा हुआ बदन, गोल गोल वक्ष, पतली कमर !
वैसे तो मैं छोटी ही थी जब मैंने अपनी चूत का चीरहरण करवा डाला था।
उसके बाद कई लड़कों ने मुझे चोदा- स्कूल में, स्कूल जाते रास्ते में पड़ने वाले बाग़ में, जहाँ मेरे आशिक मेरी इन्तज़ार करते और छुट्टी के बाद उन बागों में रासलीला रचाई।
उसके बाद मुझे वो स्कूल छोड़ना पड़ा क्यूंकि वो दसवीं तक था। माँ ने मुझे शहर मामा जी के घर भेज दिया। एक तो मामी के बच्चा होने वाला था दूसरा स्कूल घर की बग़ल में था बस यही बात ठीक नहीं थी। ऊपर से रात को जब मामा मामी मजे लेते तो मैं छुप कर देखती।
मामी मुँह में लेकर, मुठ मारकर मामा का पानी निकालती। यह देख मेरी चूत गीली हो जाती, सोचती कि मामा को ही पटा लूँ !
लोहा गर्म तो था ही, चोट मारनी रह गई थी।
तभी मेरा स्कूल शुरू हो गया। कुछ ही दिनों में मेरा सोनू नाम के लड़के के साथ अफेयर चल पड़ा। आधी छुट्टी में खाली क्लास में उसकी मुठ मारती, कभी चूस भी लेती।
वो तो मुझे अपने दोस्त के घर में ले जाना चाहता था। उसके दोस्त के मम्मी पापा ऑफिस में जॉब करते थे, बहन हॉस्टल में रहती, घर खाली होता। दोनों मेरी चूत मारने के लिए उतावले थे। मैं चाहते हुए भी नहीं जा पा रही थी। मेरे न जाने से वो मुझसे खफा रहने लगा।
आखिर एक दिन मैंने मन बना ही लिया। सुबह स्कूल जाने के लिए निकली लेकिन आगे निकल गई। शहर था, मुँह पर चुन्नी डाल उसके साथ चिपक गई और हम सीधा उसके दोस्त के घर चले गए।
जाते ही उसने मुझे दबोच लिया, पागलों की तरह मुझे चूमने लगे। दोनों ने मुझे बिस्तर पर लिटा कर नंगी कर दिया।
मैंने सोनू का तो कई बार चूसा था, विपन का लौड़ा उस से भी ज्यादा मस्त निकला।
भूखे भेड़िये को मांस मिला हो उसी तरह एक ने मेरा एक मम्मा मुँह में डाला दूसरे ने दूसरा ! हाय !
मैंने दोनों के लौड़े पकड़ रखे थे। हाय क्या मजा था एक साथ सोनू और विपन के नीचे लेटकर !
इतने में डोर-बेल बजी। विपन की फटने लगी, उसने रसोई में से देखा- उसकी मामी, मासी, उसका लड़का खड़े थे।
सारा स्वाद ख़राब हो गया। अब क्या करते वो कपड़े पहन कर बोला- तुम दोनों पीछे वाले हिस्से में चले जाओ, चाबी ले लो !
वहीं दरवाज़ा खोल कर चले जाना, उधर कोई नहीं आयेगा। हम दोनों ने कपड़े उठाये, पीछे चले गए। ऊपर से खुला हुआ था, कोई भी अपनी छत से देख सकता था। एक बाथरूम था, मैं उसमें घुस गई, सोनू भी वहीं आ गया। उसने विपन को मोबाइल पर कहा कि पीछे कोई न आये, वरना तुझे इसकी चूत कभी नहीं मारने दूंगा। हम बाथरूम में हैं।
कह कर हम फिर चिपक गए। जगह काफी थी, मैंने उसको सीट पर बिठा खुद नीचे बैठ कर उसके लौड़े को चूसने लगी। वो आहें भरने लगा- हाय रानी और चूस चूसती जा ! साली रंडी !
मैं उठी, उसको वहीं बैठे रहने को कहा। उसका लौड़ा छत की तरफ तना हुआ खड़ा था। मैंने टांगे खोली और उसके ऊपर गई, चूत पे रखते हुए उसपर बैठती गई और उसका पूरा लौड़ा अन्दर डलवा लिया। पहली बार उसने अन्दर डाला था, उसको बहुत मजा आने लगा। मैं उठ उठ कर चुदने लगी- हाय ! चोरी का गुड़ कहते हैं कि ज्यादा मीठा लागे ! वोही बात थी ! वहां बहुत मजा आने लगा।
फिर मैंने इंग्लिश सीट पर बैठ गई।सोनू मेरी टांगें उठा मेरे ऊपर आते हुए बीच में आ गया और मैंने पकड़ कर निशाने पर लगा दिया। उसने अन्दर डाल दिया- बहन की लौड़ी ! साली ! पक्की रंडी है ! सब जाने तू !
उसने तेज़ धक्के देने शुरू किये।
हाय मैं झड़ने वाली हूँ ! उह अह उह !
वो और तेजी से ठोकने लगा।
हाय हाय ! जोर दे कर ! हाय फाड़ दे कमीने ! इतने दिन से नाराज़ बैठा था ! लगा दम ! हाय साईँ ! मार, मेरी मार ! करते हुए दोनों लगभग एक साथ ढीले पड़ गए उसने मेरा मम्मा मुँह में लेकर निपल काट दिया।
और जैसे उसने अपना लौड़ा मेरी फ़ुद्दी से बाहर निकाला, मैंने झट से मुँह में डाल सारा रस चाट लिया।
तभी विपन ने दरवाज़ा खटकाया- मैं हूँ !
अबे साले रुक !
दरवाज़ा खोला, मैं सलवार पहन चुकी थी, ब्रा बंद करने वाली थी कि उसने रोक दिया- छोड़ो !
मुझसे वो बोला- सब गए ! अब आओ, आराम से अन्दर बैठते हैं ! कोल्ड ड्रिंक पियो !
अभी छुट्टी में काफी वक्त था, मैंने सोचा दोहरा मजा ले ही लिया जाये !
मौका तो था ही !
ठीक है विपन ! छुट्टी के टाइम तक मैं यहीं हूँ !
उसके बाद क्या क्या हुआ ? मैंने खूब मजे लूटे !
यह मैं आप सब के सामने जल्दी ही लाने वाली हूँ !
इतंजार का फल मीठा होवे, समझे ना !
आपके जवाबों का इंतज़ार रहेगा
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