कबाड़ी के खेल में गांड मरवाई

कबाड़ी के खेल में गांड मरवाई

दो दोस्तों मेरा नाम विक्रम है मैं दिखने में बहुत हैंडसम हु. मेरी हाईट ६ इंच है और मेरे लंड का साइज ७ इंच है. लड़कियां मेरी बहुत दीवानी है और मेरे लंड को लेने के लिए तड़पती रहती है.

दोस्तों आज आपके लिए फिर से एक मस्त चुदाई कहानी लेकर आया हूं आप इस कहानी का मजा उठाइए.

सर्दी का मौसम है और इस बार सर्दी भी जमकर पड़ रही है जिससे सिर्फ चुदाई में बहुत मजा आ रहा है. आप सब तो जानते हो कि मैं आजकल के गुडगाव में रहता हूं और वही अपने ऑफिस में सीनियर के साथ उसकी प्यारी बीवी बन कर एक ही कमरे में रहता हूं.

उसने मुझे एक डार्क पिंक कलर की नाइटी और कुछ ब्रा पेंटी ले कर दी हुई है क्योंकि वह मुझे हर रात उस के दिये इन्ही कपड़ों में देखना चाहता है.

मैं उसके सामने डेली ब्रा पेंटी में बिस्तर पर आता हूं और उसका ७ इंच लंबा लंड  मेरी आंखों के सामने होता है और वह डेली रात को मेरे मुंह में और गांड में अच्छे से चुदाई करता है और अपनी बाहों में भर कर मुझे सुलाता है. उसकी गांड पर मेरा लंड  हमेशा लगा होता है और अगर उसकी सुबह होने से पहले आंख खुल जाती है तो वह मेरी गांड को फिर से चोद देता है. मुझे एक लंड बार बार लेने की आदत नहीं है मेरी गांड को नए नए लंडो का पानी पीना पसंद है.

जब वह कभी काम से सिलसिले से बाहर जाता है तो में गली के और जानकारी के लड़कों को बुलाकर खुद को चुदवाता हूं और उन के लंड मेरी गांड को जबरदस्त तरीके से मारते हैं.

हम एक किराए के घर में रहते हैं और वहां की गली बंद है और हमारा घर कोने वाला है एक बार जब मुझे उसके बाहर जाने का पता चला तो मैंने उस के जाते ही कई लंडो का घर में स्वागत किया और उनके बड़े लंडो को अपनी गांड में स्वागत किया.

सर्दी के मौसम में बारिश पड़ने से ठंडी और भी ज्यादा हो गई थी, एक दिन में छत पर कपड़े उतारने गया तो मैंने देखा के साथ वाले खाली प्लॉट में रद्दीवाला अपना लंड बहार निकाल कर पेशाब कर रहा है, और में उस के लंड को आंखें फाड़ फाड़ कर देख रहा हु, उसका लंड काला, मोटा और बहुत बड़ा था, जिसे उसने अंडरवियर में डाल दिया था और गली में आवाजे लगाते हुए निकल गया.

मैंने उसे पटाने के चक्कर में घर के न्यूज़ पेपर इकट्ठे कर के स्टोर में रख दीए और उसका अगले दिन आने का इंतजार करने लगा. अपने दिन बहुत तेज बारिश भी चल रही थी इसलिए मैं ऑफिस नहीं गया. और अपने कमरे में खुद को नंगा करके रजाई में सो गया. जैसे ही मुझे रद्दी वाले की आवाज सुनाई दी, मैं टी शर्ट और स्वेटर डाल कर बाहर आ गया. मैंने देखा कि वह अकेला नहीं था, उसके साथ में एक जवान लड़का भी था.

मैंने कहा कुछ रद्दी है.

उसने कहा लाओ जी.

मैंने न्यूज़पेपर स्टोर से उठाकर लाया और दे दी.

रद्दीवाले ने कहा : बस??

मैंने कहा नहीं स्टोर में और भी कुछ सामान पड़ा है जिसे निकालने में आपकी जरूरत पड़ेगी.

उसे जैसे पता चल गया था कि मैं उसे किस बात का इशारा दे रहा हूं.

वह बोला क्या बात ठंड नहीं लगती? कच्छे में हो.

अरे नहीं बस ऐसे ही. अब उसकी पीठ पर थपथपाते हुए बोला “आओ चाय पीते हैं”

उतरना कहां से है. उसने पूछा.

मैं उसे स्टोर में ले गया और कहा उठाना मुझे.

उसने मुझे मेरे चूतड़ से पकड़कर उठाया और मैंने तो थोड़े से न्यूज पेपर उतार लिए.

रद्दी वाला बोला : बस.

उसने मुझे नीचे उतार दिया और मैं उसको अपनी बाहों में भर लिया और उसके लंड  पर हाथ रख कर जोर जोर से मसलने लगा, उसने भी बिना कुछ कहे मुझे जोर से जकड लिया.

मैंने उसे कहा : रूम में चले?

उसने कहा : वह बाहर खड़ा है.

मैंने कहा : अरे कोई बहना लगा दे.

उस ने कहा : ठीक है.

मैं जैसे ही रूम में दरवाजे से अन्दर गया रजाई में घुसते ही खुद को पूरा नंगा कर लिया, इतने रद्दी वाला भी आ गया, उसने अपने सारे कपड़े फटाफट उतार कर मेरे पास आ गया और अपना हाथ मेरे चूतड़ पर ले गया और मेरा हाथ उसके लंड  पर तेजी से चला गया.

तभी उसने मेरी तरफ अच्छे से देखा तो वह हैरान रह गया और बोला तुम्हारी तो लड़कियों जैसी छाती है.. वो उसे जोर जोर से चूसने लगा और निपल को चाटने लगा. तभी वो उपर आकर अपना लंड मेरी गांड पर रखने लगा पर तभी मेंने उसे अपनी तरफ खींचा और उसका ७ इंच लंबा लंड मुंह में उतार लिया और जोर जोर से ऊपर नीचे करने लगा.

तभी उसके झटके जोर जोर से तेजी पकड़ने लगे और उसने एक ही पल में अपना सारा पानी मेरे मुंह में निकाल दीया, जीसे मेरा पूरा मुह भर गया और वह मुझ पर गिर गया और मैंने उसका लंड साफ कर दिया. तभी उसका दोस्त अन्दर आया और बोला : यह क्या कर रहे हो?

रद्दीवाले ने कहा : क्यों बे मेरा लंड नहीं है क्या?

दोस्त ने कहा : अरे मैं तो कब से बहार खड़े अपना लंड पकड़कर तुम्हें देख रहा था.

मेने कहा : आव आव मेरे पास आव.. मेरी सेक्स की प्यास देख कर दोनों हैरान हो गए.

तभी मैंने उन्हें बाहर जाने को कहा और कहा जब में बुलाऊ तभी अंदर आना. वह चले गते और मैं भी अपनी बॉडी पर स्प्रे लगा लिया और ब्लैक ब्रा पेंटी डालकर लाल नाइटी पहन ली और उन्हें आवाज लगाकर अंदर बुलाया.

में बेड पर बीचोबीच जा कर बैठ गया और उन्होने मुझे दोनों तरफ से घेर लिया और उन्होंने जैसे ही मुझे नाईटी लुक में देखा तो वह हैरान रह गए, उन्होंने जट से मुझे नंगा कर दिया और मेरी गांड पर एक एक करके उंगली डालने लगे.

मैंने अब दुसरे वाले को कहा : तू अपना लंड मेरे मुंह में डाल दे.

और पहले वाले को कहा : तू मेरी गांड को चाट कर उंगली उसे मार.

मैं दूसरे वाले का लंड मुंह में लेकर चूसने लगा और वह भी मेरे मुंह में जोर जोर से अंदर बाहर करने लगा और इधर पहले वाले का लंड खड़ा हो गया.

पहले वाला बोला : घोड़ी बन जा तेरी गांड लंड से मारता हूं.

में घोड़ी बन गया और उसके लंड का अपनी गांड में स्वागत किया.

उसने मेरी गांड में लंड डालकर जोर जोर से चोदने लगा और इधर में दूसरे वाले का लंड मुंह में लेकर चूसने लगा, तभी दूसरे वाला बोला मेरा निकलने वाला है.

अब उसने अपनी स्पीड तेज कर दी और सारा पानी मेरे गले में उतार दिया. मैंने उसका सारा पानी पी लिया और लंड को चाट कर साफ कर दिया और वह फिर से खड़ा हो गया.

अब पहले वाला मेरी गांड जोर जोर से चोदने लग गया और काफी देर बाद मेरी गांड में अपना सारा पानी निकाला. अब मैं थक चुका था पर अब दूसरा लंड मेरी गांड में जाने को तैयार था. मेने उसका भी स्वागत किया और चुदवाने लग गया. करीब २० मिनट बाद उसका भी निकलने लग गया और वह जोर जोर से हांफने लग गया.

अब मैंने दोनों के लंड को मुह में लेकर चाट लिया, इतने में उनके लंड फिर से खड़े हो गए. अभी मैं उनके ऊपर आकर खुद को चुदवाने लग गया.

पहले वाले का लंड गांड में टक्कर मार रहा था और दूसरे वाले का लंड मुंह में धक्के मार रहा था, दोनों का कुछ ही देर में निकल गया और हम तीनो एक दूसरे को प्यार करने लग गए. फिर मैं वहां से उठकर रजाई में बैठ गया.

वह दोनों खड़े हुए और कपड़े डाल कर बोले : साले आज जितना मजा तूने हमें दीया है उतना तो कभी किसी की चूत मारने में भी नहीं आया. अब बता हमें फिर से चुदाई का मौका कब देगा?

मेने कहा : अब तो मेरा घर वाला भी आने वाला है इसलिए घर पर तो मौका कम ही मिलेगा, अगर बाहर कुछ बना तो बताना.

वह चले गए उनकी जाते ही में गहरी नींद में सो गया.

कबाड़ी के खेल में गांड मरवाई

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कबाड़ी के खेल में गांड मरवाई