बीवी को अपने दोस्त से चुदवाया
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अमर है और में बेंगलोर का रहने वाला हूँ. आज में आप सभी को अपनी एक ऐसी रोचक मस्त सेक्सी कहानी सुनाने जा रहा हूँ जिसको पढ़कर आप लोगों को बहुत मज़ा आएगा. में आज अपनी वो सच्ची बात उस चुदाई के बारे में बताने जा रहा हूँ जिसको मेरी पत्नी ने मेरे कहने पर किया, पहले तो वो मुझसे मना करती रही, लेकिन फिर उसने अपनी चुदाई के मज़े मेरे दोस्तों से लिए और मुझे वो सब कर दिखाया जिसके लिए में उससे हमेशा कहता था और जिसको देखकर में बड़ा खुश हुआ.
दोस्तों मेरी शादी को पूरे पांच साल हो गये है और मेरी बीवी का नाम सुमन है. मेरी बीवी सुमन दिखने में बहुत ही सुंदर है और उसके बूब्स भी बहुत अच्छे आकार के बड़े आकर्षक लगते है, क्योंकि उसके बूब्स एकदम गोरे बड़े आकार के उभरे हुए मस्त दिखाई देते थे जो हर एक सेक्सी औरत में होना चाहिए वो सब बातें उसमे है.
दोस्तों अब तक हमारी सेक्स लाइफ बहुत ही अच्छी तरह से चल रही थी और हम सेक्स में बहुत मज़े करते थे, लेकिन अब कुछ दिनों से हमारे सेक्स में कुछ कमी आ गई थी हमे चुदाई करते समय उतना मज़ा नहीं आता था जितना पहले आता था.
दोस्तों मेरे मन में हमेशा से था कि में अपनी पत्नी सुमन को किसी दूसरे मर्द के साथ उसकी मस्त चुदाई करते हुए देख सकूं, लेकिन उस काम के लिए सुमन कभी भी राज़ी नहीं होती थी और में हर कभी रात को उसके साथ सेक्स करते हुए सुमन को बोलता था कि क्या वो कोई दूसरे आदमी से अपनी चुदाई करवाना चाहेगी? लेकिन वो मना कर देती और वो मुझसे कहती कि उसे यह सब अच्छा नहीं लगता है, लेकिन मैंने भी अब मन ही मन में ठान लिया था कि मुझे अब कैसे भी करके सुमन को किसी दूसरे मर्द से उसकी मस्त चुदाई करते हुए देखना ही है.
दोस्तों मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त है जो दिल्ली में ही रहता है, उसका एक दिन मेरे पास फोन आया उसने मुझसे कहा कि वो बेंगलोर में अपनी किसी ट्रैनिंग के लिए आना चाहता है तो क्या वो एक महीने के लिए हमारे यहाँ पर रुक सकता है अगर में उसको हाँ कहूँ तो?
अब मेरे मन में आया कि यह एक बहुत अच्छा मौका है और मैंने उसको तुरंत हाँ कर दिया एक हफ्ते के बाद मेरा वो दोस्त जिसका नाम अशोक है वो हमारे घर पर रहने के लिए आ गया मैंने उसको अपना पूरा घर दिखाया उसका कमरा दिखाकर उसमे अपने दोस्त का सामना भी रख दिया.
फिर दो चार दिन के बाद ही वो हमारे साथ बहुत अच्छी तरह से घुलमिल गया था और वो अब हमारे साथ एक परिवार के सदस्य की तरह हो गया था. अब हर रात को खाना खाने के बाद हम तीनो बैठकर बहुत हंसी मज़ाक किया करते थे और इधर मैंने गौर किया कि अब अशोक मेरी पत्नी सुमन की तरफ धीरे धीरे आकर्षित होने लगा था.
जब सुमन मेक्सी में होती तो वो उसके बूब्स को बार बार देखता था और अब मुझे लगने लगा था कि शायद मेरा वो सपना भी अब बहुत जल्दी साकार हो जाएगा. फिर में हर रोज रात को सुमन के साथ सेक्स करते समय उससे अशोक के बारे में बात करने लगा था और कभी में उससे कहता कि में अशोक हूँ और में उसकी चुदाई कर रहा हूँ.
अब जब मुझे लगने लगा कि सुमन को भी अशोक के बारे में बातें करनी अच्छी लगने लगी है तो में समझ गया था कि अब लोहा बहुत गरम हो चुका है और ऐसे ही करीब 15 दिन निकल गये. अगले दिन मैंने सुमन से पूछा कि क्या उसको अशोक से अपनी चुदाई करवाना पसंद है? तो उसने ना कहा और फिर मैंने सुमन से कहा कि क्यों ना अशोक से चुदवाकर देखा जाए, तुझे भी मज़ा आ जाएगा और मुझे भी.
वो मेरे बहुत बार कहने समझाने पर अशोक से अपनी चुदाई करवाने के लिए राज़ी हो गई. फिर मैंने उससे कहा कि वो अब अशोक को अपनी तरफ कैसे भी करके आकर्षित करें, वो सेक्सी कपड़े पहने बड़े गले की मेक्सी पहना करे और अगले एक दो दिनों तक सुमन मेरे बताए हुए तरीके से अशोक को अपनी तरफ आकर्षित करने लगी थी. वो कभी जालीदार मेक्सी तो कभी बिना बाँह की बड़े गले की मेक्सी पहनकर अशोक के पास बैठ जाती.
फिर उसके गोरे जिस्म का वो सेक्सी नजारा देखकर अशोक का लंड टाइट होने लगता था. उनकी नजर मेरी पत्नी के बदन से हटने को तैयार ही नहीं होती थी वो घूर घूरकर अपनी खा जाने वाली नजर से मेरी पत्नी को देखता. फिर मैंने सोचा कि अब मुझे अपना आखरी काम करना चाहिए इसलिए मैंने अपने मन में विचार बनाकर अशोक से कहा कि में दो दिन के लिए शहर से बाहर जा रहा हूँ तो इसलिए तुम मेरे पीछे से घर का और उसके साथ साथ अपनी भाभी का भी खयाल रखना. तब उसने कहा कि यह भी कोई कहने की बात है? अमन तुम बिना चिंता के चले जाओ कोई बात नहीं है घर पर में हूँ और सब सम्भाल लूँगा.
फिर में सुबह ही अपने घर से चला गया और शाम को में अशोक के आने से पहले ही घर में आ गया तब मेरी पत्नी भी उसकी एक दोस्त से मिलने गई थी और उसने यह बात मुझे पहले ही बता रखी थी.
फिर में पहली मंजिल जो की हमेशा बंद रहती है वहां पर से छत पर जाकर बाहर निकलने का भी एक गुप्त रास्ता है. में उस जगह चला गया और छुपकर नीचे बैठ गया और में उन दोनों के आने का इंतजार करने लगा. फिर शाम को करीब सात बजे अशोक और सुमन घर पर आ गए. शायद वो दोनों साथ में गए थे और वो बाज़ार से अपने साथ कुछ सामान भी लेकर आए थे. में वो सब कुछ ऊपर से देख रहा था.
दोस्तों सुमन जो कि बहुत शर्मीले स्वभाव की थी, वो आज मेरे दोस्त अशोक के साथ बड़ी हंस हंसकर बातें कर रही थी और जो सामान वो दोनों लेकर आए थे, उसमे से उन्होंने दो तीन पैकेट बाहर निकाले और फिर उनको उन्होंने एक एक करके खोले. तब मैंने देखा कि उसमे ब्रा और पेंटी सेट्स थे, जिसको देखकर में बहुत चकित हो गया था क्योंकि कुछ ही घंटो में मेरी पत्नी मेरी उम्मीद से ज्यादा इतनी आगे निकल जाएगी ऐसा मैंने कभी नहीं सोचा था.
अब अशोक मेरी पत्नी से कह रहा था कि भाभी यह आप पर बहुत अच्छा लगेगा यह आपके गोरे बदन को चार चाँद लगा देगी. फिर सुमन ने उससे कहा कि तुम पागल हो और यह ठीक नहीं है, तब अशोक ने सुमन से कहा कि भाभी ज़रा आप इसको पहनकर मुझे दिखाओ ना और इतना कहते हुए उसने सुमन को अपनी बाहों में ले लिया.
फिर सुमन उससे छूटने की कोशिश करने के साथ साथ कह रही थी कि तुम यह क्या कर रहे हो अशोक? तब उसने कहा कि भाभी प्लीज मुझे यह पहनकर एक बार दिखाओ ना, में देखना चाहता हूँ कि आप इन ब्रा, पेंटी में कैसी लगती हो? प्लीज मुझे एक बार दिखा दो. अब सुमन उससे दूर हटकर वो पैकेट लेकर अंदर चली गई और तब मैंने मन ही मन सोचा कि लगता है कि आज भी मेरा वो सपना तो अधूरा ही रह जाएगा सुमन तो गुस्सा होकर अंदर चली गई है, लेकिन थोड़ी ही देर बाद मैंने देखा कि सुमन उस नई ब्रा, पेंटी को पहनकर अपने रूम से बाहर चली आ रही थी वो बहुत कमाल की सेक्सी लग रही थी.
अशोक ने जैसे ही उसको देखा वो उस पर लपक पड़ा अशोक और ने उसको अपनी बाहों में भर लिया. अब सुमन ने भी उसको अपनी बाहों में ले लिया और अब वो दोनों एक दूसरे को चूमने चाटने में बिल्कुल लीन हो गए थे और कुछ देर बाद अशोक ने ब्रा को नीचे सरकाकर सुमन के बूब्स को चूसना शुरू कर दिया और सुमन ने अब अशोक का लंड अपने हाथ में ले लिया था और उसका लंड देखकर में भी हैरान रह गया. सुनम भी बहुत चकित थी, वो मेरे से कुछ ज्यादा बड़ा था और मोटा भी था. दोस्तों अब मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि यह वही सुमन मेरी पत्नी है जो कि हमेशा मेरे पूछने पर मना करती थी मेरी बात को बीच में ही काट देती थी.
अब वो दोनों ही पूरे नंगे हो गए थे और फिर अशोक सुमन की चूत को चाटने लगा. वैसे मैंने कभी भी सुमन की चूत को नहीं चाटा था और अशोक सुमन की चूत चाट रहा था और सुमन को बहुत मज़ा आ रहा था. वो जोश में आकर आह्ह्ह्ह ऊह्ह्ह्हहह कर रही थी. अब उसने कहा कि अशोक प्लीज अब तुम मुझे जल्दी से चोदो ना आह्ह्ह्ह अब मुझे इतना मत तरसाओ आओ चोद दो मुझे, मेरी इस चूत को शांत कर दो. फिर अशोक ने अपना लंड सुमन की छोटी सी चूत के मुहं पर रखा और ज़ोर से धक्का दे दिया जिसकी वजह से लंड अंदर चला गया.
अब वो हल्का सा चिल्लाई और फिर ऊफ्फ्फ्फफ्फ आह्ह्ह्हह्ह ज़ोर से धक्के मारो आईईईईइ और ज़ोर से अशोक. अब अशोक ज़ोर ज़ोर से धक्का लगा रहा था और सुमन उछल रही थी थोड़ी देर के बाद वो दोनों झड़ गए और सुमन ने अशोक को अपने दोनों हाथों से पकड़कर अपनी नरम गोरी बाहों में जकड़ लिया.
में उसके चेहरे को देखकर तुरंत समझ गया था कि सुमन को मेरे दोस्त के साथ अपनी चुदाई करवाने के बहुत मज़ा आया है और यह सिलसिला अगले दिन रात को भी चालू रहा और उन दोनों ने बहुत जमकर मस्ती मज़े किए में उनको छुपकर देखता रहा और मज़े लेता रहा. फिर अगले दिन जब में अपने काम से जब वापस लौटकर अपने घर आया तो मैंने देखा कि सुमन तब बहुत खुश थी और उसके चेहरे पर एक अजीब सी चमक थी और उस रात को जब में सुमन के साथ लेटा हुआ था उनके निप्पल से खेल रहा था और में उसकी चुदाई करने वाला था.
फिर उसने मुझे सब कुछ सच सच बता दिया कि अशोक के साथ उसने चुदाई की है सुमन के मुहं से यह बात सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा कि उसने यह बात मुझसे नहीं चुपाई है और उसके बाद हम लोगों ने अपने मिलने वाले से अदला बदली करके चुदाई के मज़े भी लिए. अब सुमन को यह सब अच्छा लगने लगा और में उसके सामने किसी की भी पत्नी गर्लफ्रेंड बहन कोई भी लड़की की चुदाई करता हूँ और वो भी मेरे सामने किसी से भी अपनी चुदाई करवाती है हमे अपना काम अपनी मर्जी से करने की पूरी पूरी अनुमति है.
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