चुद गई अपने किरायेदार लड़कों से गेंग बेंग किया मेरे साथ ..मुझे और कसकर चोदोदो दो दो दो..
Hindi Sex Story : हेलो दोस्तों मैं अंतरा आप सभी का sexkahani.net में बहुत बहुत स्वागत करती हूँ। मैं पिछले कई सालो से इसकी नियमित पाठिका रही हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती जब मैं इसकी सेक्सी स्टोरीज नही पढ़ती हूँ। आज मैं आपको अपनी कहानी सूना रही थी। आशा है की ये आपको बहुत पसंद आएगी।मेरी उम्र 26 साल की है। मैं देखने में बहुत ही सेक्सी लगती हूँ। मेरी फिगर 34 30 36 हैं। मेरी गांड बहुत ही खूबसूरत निकली हुई है। मेरी गांड जब मैं चलती हूँ तो धमाल मचाती है। मेरी बूब्स बड़े बड़े है। मेरी बूब्स भी बहुत ही सॉफ्ट है। मेरी बूब्स बिल्कुल मक्खन की तरह है। जो भी इन्हें एक बार दबाता है। बस वो इसका दीवाना हो हो जाता है। मेरी दोनों मुसम्मी का रस सब खूब जब के चूसते है। मेरी चूत बहुत ही रसीली है। मेरी चूत की दोनों पंखुड़ियां बहुत ही लाल हैं। मैं अब तक कई लोगो से चुदवा चुकी हूँ। लेकिनमुझे सबसे ज्यादा मजा जब आया था। जब मुझे मेरे ही घर में किराये पर रहने वाले लड़को ने मिलकर चोदा। दोस्तों मै आपका ज्यादा समय नष्ट न करके अपनी कहानी पर आती हूँ।
दोस्तों मेरा घर लखनऊ में महानगर में है। मै एक बहुत ही बड़े घर की बेटी हूँ। मेरे पापा का बहुत बड़ा खुद का एक बिज़नस है। मेरे बड़े भाई भी पापा के काम में हाथ बटाते हैं। मेरा घर बहुत बड़ा है। मेरे घर के पीछे वाले रूम में कई सारे लडके रहते है। वो यहाँ तैयारी करने आये थे। वो सारे के सारे बहुत ही स्मार्ट लगते थे। सारे के सारे एक से बढ़कर एक थे। वो भी हमे घूर घूर के देखते थे। जब भी मैं पीछे छत पर जाती तो वो सब हमे ही निहारते रखते थे। ऐसा लगता जैसे वो मुझे अभी के अभी चोद ही डालेंगे।
मेरा भी मन चुदने को हो रहा था। धीरे धीरे हम लोग एक दुसरे के दोस्त बन गये। फिर मुझे उनका नाम पता चला। रोहित, अभय और अभिषेक तीनो का नाम था। अब इस समय सिर्फ तीनो ही रूम पर रह रहे थे। मुझे जब भी मौका मिलता हम उनके रूम में जाते और बाते करते थे। हम एक दूसरे के बहुत ही करीब हो गए। एक दिन अभिषेक ही था। उस दिन मुझे उसने किस किया। कुछ देर तक चुम्मा वाला ही प्रोग्राम चला। बाद में सब आ गये। तो वही प्रोग्राम रोकना पड़ा।
एक दिन सभी लोग मेरी भाभी के घर किसी पार्टी में चले गये। मैं उस दिन चुदवाने के मूड में थी। मैंने जाने से इंकार कर दिया। घर से सब लोग चले गए। रात के 8 बज गए थे। मैंने दरवाजा बंद किया। मै उनके रूम पर चली गई। तीनो बैठे हुए थे। उन्होंने मुझे बिठाया। फिर बात करने लगे। बात करते करते मुझे अभिषेक किस कर लिया। क्योंकि वो मुझे पहले भी कर चुका था। ये देख कर कुछ देर बाद सब एक एक करके किस करने लगे। थोड़ा डरते डरते अभय किस करने लगा। मुझे सबसे हैंडसम वही लग रहा था। मैंने उसे ज्यादा देर तक किस किया। बस अब क्या था। सारे के सारे मुझपे बरसने लगें। मैने भी कब तक इसी का इंतजार किया था। मै भी रोहित को पकडे हुए जोर जोर से किस कर रही थी। उसके बाद एक एक करके मुझे किस करने लगें। अभिषेक मुझे अब किस करने लगा। अभय और रोहित मुझे सहला रहे थे। मैं गरम हो रही थी।
अभिषेक मेरी गुलाब जैसी नाजुक होंठो को चूस रहा था। मैं भी उसका अच्छी तरह से साथ दे रही थी। वो मेरी गुलाबी होंठो को चूस कर लाल लाल कर दिया। अब अभिषेक होठो का चूसने का आनान्द ले लिया था। अभय भी मुझे खड़ा करके। मेरी गालों को चूमते हुए। मेरी होंठों पर किस करने लगा। मेरी होंठों को अभिषेक चूस रहा था। अभय मेरी पीठ पर कंधे कों सहलाते किस कर रहा था। रोहित मेरी गांड को दबा रहा था। अभिषेक बैठ के अपने खड़े मीनार जैसे लंड पर बैठा लिया। उसका खड़ा लंड मेरी गांड में चुभ रहा था। लेकिन मुझे मजा आ रहा था। रोहित और अभय मेरी हाथों पकड़ को पकड़ कर अपना लंड सहलवा रहे थे। अभिषेक अपने लंड को गांड में चुभते हुए मेरी संतरे जैसे बड़े बड़े मम्मो को दबा रहा था। मेरी होंठो को भी चूम रहा था। मै भी गरम हो के कहने लगी. चूसो और चूसो मेरी होंठों को चूसो आज ….चूस… चूस…. कर इसका सारा रस पी लो।
तीनो कहने लगे. साली तुझे कब से ताड़ता था। आज जाके तुझे चोदने कक मौका मिला है। आज तुझे हम तीनों दोस्त मिल के चोदेंगे। मैंने कहा. साले तुम लोग सिर्फ बात ही करोगे या कुछ करोगे भी। इतना सुनते ही रोहित और अभय अपना कच्छा खोलने लगे। दोनों अपने बड़े बड़े लंड को निकाल कर मेरी मुँह के सामने होंठो पर लगाने लगे। मै उनका लंड चूसने लगी। उनके लंड को मैं लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी। कभी मै रोहित का तो कभी अभय का लंड चूस रही थी। मुझे बहुत मजा आ रहा था। अभिषेक खड़ा हुआ और अपने लंड को हिलाने लगा। उसका लंड बहुत बड़ा था। तीनो ने मिलकर मुझे खड़ा किया। तीनो अपना अपना हाथ मेरी जिस्म में लगा रहे थे। अभिषेक मेरी चूत में अपना हाथ लगा रहा था।
मैं चुदने को बेहाल हो रही थी। अभय पीछे से मेरी गांड में अपना लंड लगा रहा था। रोहित ने मेरी टी शर्ट को उतार कर मुझे ब्रा में कर दिया। मेरी गोरी गोरी मम्मो को देखकर वो पागल हो रहे थे। अभय पीछे से मेरी ब्रा को पकड़ कर पीछे किस करने लगा। मेरी चूत गीली हो रही थी। रोहित अपने आलमारी से चॉकलेटी फ्लेवर का मैनफोर्स कंडोम निकाला। तब तक मेरी ब्रा को अभय ने निकाल दिया। अभिषेक मेरी सलवार का नाड़ा खोलने लगा। तीनो मुझे चोदने को तैयार थे। अभिषेक ने सलवार का नाड़ा खोल दिया। मेरी सलवार को दूर फेंक दिया। मै पैंटी में थी। मेरी पैंटी को निकाल कर मुझे लिटा दिया।
अभिषेक ने मेरी टांगो को फैलाकर मेरी चूत के दर्शन किया। मेरी चूत को तीनों देख रहे थे। मुठ मार कर अपना लंड मोटा और बड़ा कर रहे थे। अभिषेक मेरी चूत के बहुत ही करीब था। मेरी चूत को हाथों से छूकर अपना मुँह मेरी चूत पर लगा दिया। मेरी चूत चाटने लगा। मेरी मुँह से सी.. सी …सी …सी …सी ..सी इस्सीसी… की आवाज निकल गयी। मै गर्म हो गयी। मैं गरम हो चुकी थी। मै कहने लगी. “माँ के लौड़े….तेरी बहन की चूत….तेरी माँ की चूत….चाट और चाट मेरी चूत को!!! और अच्छे से पी मेरी चूत!!”चाट चाट और चाट आह….चाट। इतना कह ही रही थी की अभय अपना मोटा लंड मेरी मुँह में रख दिया। और चूसने को कहा। मेरा मुँह उसके लंड ने भर दिया। मै कुछ बोल भी नहीं पा रही थी। अभिषेक मेरी चूत की दोनों गुलाब की पंखुड़ी को बारी बारी से चूस कर चूत के दाने को काट रहा था। मैं अब रोहित का लंड हाथ में पकड़ कर मुठ मार रही थी। अभिषेक ने कॉन्डोम का पैकेट फाड दिया। मेरा सबसे अच्छा मेरापसंदीदा कॉन्डोम को अपने लिंग पे चढ़ा रहा था।
अभय अपना लंड मेरी मुँह से निकालकर मेरी चूत चाटने में लगा गया। मै गर्म हो चुकी थी। वो अपना जीभ मेरी चूत में अन्दर तक डाल डाल कर चाट रहा था। अभिषेक से ज्यादा मजा दे रहा था। मेरी चूत चाटकर उसने मुझे चुदाई के लिए ब्याकुल कर दिया। मेरी चूत अपना जल त्याग कर रही थी। रोहित भी अब मुझे अब चोदने के लिए अपना लंड खड़ा कर दिया। मुझे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था। मैं. “सालो! अब मुझसे कंट्रोल नही हो रहा है. सी सी सी सी…. प्लीस जल्दी से मेरी चुद्दी [चूत] में लंड डाल दो और जल्दी से चोदो!!” कोई तो डालो अपना लंड जल्दी से मुझसे अब नहीं रहा जाता।
इतना कह ही रही थी कि अभिषेक कॉण्डोम लगा के आ गया। बोलने लगा. “ले ले ले!! रंडी!! आज जी भर कर चुदवा ले!! आज मेरा मोटा लंड खा ले रंडी!!” इतना कहकर वो अपने लंड को मेरी चूत के छेद पर रख दिया। मेरी चूत उसके लंड को अंदर लेने को तैयार थी। उसने झटका दिया और उसका आधा लंड ही अंदर गया होगा की लगा की मेरी चूत फट गयी। मै जोर से चिल्लाई “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…आह आह उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….”।
इतने पर एक झटका और लगाया और पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया। मै “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” चिल्लाती रही। वो मुझे चोट पे चोट दिए जा रहा था। मैं अपनी हाथों से चूत को सहल्क रही थी। रोहित मेरी बूब्स दबा रहा था। मै चुदाई से आनंदित मस्त थी। अभय भी कॉण्डोम पहनने लगा। अभिषेक मुझे चोद रहा था। मै अभिषेक को बोल बोल के और जोश में ला रही थी। मैं .“हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… चोदो चोदो…. आज मेरी चूत फाड़ फाड़कर इसका भरता बना डालो जाननननन….”। वो जोर जोर से चोदने लगा। अपनी स्पीड को बढ़ा लिया। अब अभय भी लाइन में कॉण्डोम लगाये खड़ा था। अभिषेक अपना लंड चूत से निकाल कर मेरी मुँह में रख दिया। अभय अब मेरी टांगो को उठा दिया।
मैं एक पैर पे खड़ी थी। एक टांग को उठा कर अभय ने अपना लंड चूत में घुसा दिया। वो भी अब मुझे चोदने लगा। मै अभिषेक का लंड कॉण्डोम सहित चूस रही थी। अभय चुदाई की रफ़्तार बढाता ही जा रहा था। मैं “ हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” बोल रही थी। पूरा कमरा इसी दर्द भरे मस्त मस्त आवांजो से भर गया।कुछ देर तक अभय मुझे ऐसे ही चोदता रहा। अभिषेक जाकर सोफे पर बैठ गया। उसका लंड मीनार की तरह खड़ा था। एक एक करके हमे चोद रहे थे। रोहित भी मुझे चोदने को उत्तेजित था। अभय ने मुझे छोड़ा ही था कि रोहित ने मुझे झुकाकर अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया। उफ्फ्फ कितना बड़ा और मोटा लंड था। मेरी चूत दुपुर दुपुर कर रहीं थी। वो मेरी चूत को फाड़ रहा था। मैं बहुत ही ज्यादा गर्म ही गई थी। मुझे चुदाई को इतना मस्त थी की चाहे मेरी चूत ही क्यों ना फट जाये। मै. “…..आआआआअह्हह्हह…चोदो चोदो…. आज मेरी चूत फाड़ फाड़कर इसका भरता बना डालो जाननननन….”चोदो आज चोद कर इसका भरता बना डालो। कचरा कर डालो मेरी चूत का फाड़ डालो आज इसे चोदो चोदो। रोहित मेरी जान चोदो आज चुदाई का भरपूर आनान्द दो मुझे। अभिषेक ने बैठ कर मुझे अपने खड़े लंड पर मेरी चूत को रख कर अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया। धीरे धीरे मुझे चोदने लगा। मेरी चूत कई बार झड़ चुकी थी। मैं भी उछल उछल कर चुदवा रही थी। मै भी उसके लंड को ऊपर नीचे होकर चुदवा रही थी।
अभय मेरी चूंचियों को दबाने लगा। मेरी चूचियों को दबा दबा कर उसे टाइट कर रहा था। कुछ देर बाद जब मुझे अभिषेक चोद लिया। फिर तीनो ने एक बार फिर मुझे कुत्तो की तरह चाटना शुरू किया। मै भी चुदाई से अब खुश हो चुकी थी। मुझे खड़ा कर दिया। अभय मेरी गीली गीली चूत को चाट कर उसका सारा निकला पानी चाट रहा था। रोहित मेरी गांड सहला कर चूम रहा था। अभिषेक मेरी बूब्स को अपने मुँह में भरकर चूस रहा था। लग रहा था मेरी मुसम्मी का सारा जूस आज पी ही के छोड़ेगा। मेरी चूंचियों के निप्पल को काट रहा था। मैं फिर से और गरम हो गई। अभिषेक ने मेरा हाथ पकड़ा और अभय ने मेरी दोनो टांगो कोफैला कर उसके बीच में अपना लंड रखकर मुझे उठा कर चोदने लगा। उसकी चोदने की स्पीड बहित ही बढ़ गयी थी।
मेरी चूत फटने फटने को हो रही थी। मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा था। मैं “आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….ओह्ह्ह्हह्ह….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….” चिल्लाने लगी। लेकिन वो बहुत ही जोश में था। अब वो झड़ने वाला था। उसने झट से अपनी कॉण्डोम उतारी और मेरी मुँह में मुठ मारने लगा। कुछ देर बाद चिल्लाते हुए उसने अपना सारा माल मेरी मुँह में डाल दिया। अभय के लंड का सारा माल मै पी गयी। अभिषेक मेरी गांड मारना चाहता था। उसने मुझे झुकाया और अपना मोटा लंड मेरी गांड के छेद से सटा दिया। उसने धक्का मार लेकिन उसका थोड़ा सभी लंड मेरी गांड में नहीं घुसा।
मैंने कहा. रहने दो अभिषेक नही तो मेरी गांड फट जायेगी। वही पास में रखे तेल को लगाकर। मेरी गांड में अपना लंड पेलने लगा। मेरी गांड में इस बार उसने आधा लंड ही घुसा पाया। मै जोर से चिल्लाई.हाय मेरीगांड!!!!!! मेरी गांड फट गयी “……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….”मादरचोद साले तूने मेरी गांड फाड़ डाली। मै गालियां देने लगी। मेरी गांड में बहुत दर्द हो रहा था। उसने फिर से धक्का मारा और अपना पूरा लंड मेरी गांड में समाहित कर दिया। मैं दर्द से तड़प रही थी। कुछ देर तक वो मेरी धीरे धीरे गांड मार रहा था। फिर मेरी गांड का दर्द जैसे ही आराम हुआ। वो 180 कि स्पीड में मेरी गांड मारने लगा। मेरी गांड फट गयी। मै दर्द से और जोर जोर से चिल्लाने लगी। कुछ देर बाद मेरी गांड मार के अभिषेक और रोहित दोनों एक साथ चोदने लगे। रोहित मेरी गांड मारा रहा था। अभिषेक मेरी चूत का भोषडा बनाने के लगा था। पहली बार मैं दो लोगो से एक साथ चुद रही थी। ये सालें ब्लू फिल्मो की तरह मुझे चोद रहे थे। अभय का लंड पकड़ कर मैं मुठ मार रही थी। मै. “…अई…अई….अई….अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्……उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….चोदोदोदो…मुझे और कसकर चोदोदो दो दो दो” दोनों मुझे और जोर जोर से चोदने लगे। मै भी चुदवा रही थी।
दोनों अपना अपना लंड एक साथ पेलते मेरी तो जान ही निकल जा रही थी। मेरी चूत लगातार अपना पानी छोड़ रही थी। घच्च घच्च की आवाज मेरी चूत से निकल रही थी। दोनों झड़ने वक़्ले हो गए थे। दोनों अपनी स्पीड तेज कर रहे थे। जितना तेज हो सकता था। दोनों उतना तेज ही चोद रहे थे। कुछ देर बाद दोनों झड़ने की अवस्था में हो गए। दोनों ने कॉण्डोम निकाल कर फेंक दी। अपना अपना लंड मेरी मुँह के सामने करके मुठ मारने लगे। अभिषेक ने कुछ माल मेरी मुँह में कुछ चेहरे पर गिरा दिया। रोहित ने भी अपना सारा माल मेरी आँखों के करीब चेहरे पर गिरा दिया। सब बेहाल होकर बिस्तर पर गिर गए। मुझे तीनो ने बीच में लिटा लिया। मुझे छेड़ छेड़ के मजा ले रहे थे। कोई मेरी बूब्स दबाता कोई मेरी चूत में उंगली करता। मुझे बहुत ही मजा आया। हमे जब भी मौका मिलता है। मैंने अपना कपडा पहना और अपने रूम में चली आयी। कुछ देर बाद सब लोग आ गए। हम लोगो को जब भी मौका मिलता है। हम लोग खूब चुदाई करते हैं। अब तक मैंने कई बार उनसे चुदवाया है।
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