ससुर से कई राते चुदवाकर ही मुझे लड़का हुआ और मेरा बाँझ होने का कलंक खत्म हुआ
मैं अहमदाबाद की रहने वाली हूँ। मैं एक गुजराती हूँ। मेरे २ भाई थे जो अपनी अपनी जिन्दगी में डूबे हुए थे। वो सिर्फ अपनी अपनी बीबियों की बात सुनते थे और मेरी और माँ की कोई देखभाल नही करते थे। मेरे पिता तो पहले ही खत्म हो चुके थे। जब मैं जवान हो गयी और चुदने लायक हो गयी तो मेरी माँ को मेरी बड़ी चिंता होने लगी। उन्होंने मेरे दोनों भाइयों से मेरे लिए लड़का देखने को कहा। पर दोनों सिर्फ अपनी अपनी बीबियों की गुलामी करते रहते और माँ और मुझ पर कोई ध्यान नही देते। कुछ दिन बाद मेरे दोनों भाइयों ने मेरी शादी पास के एक शहर में कर दी। बस वो मुझसे किसी तरह मुक्ति पाना चाहते थे। बाद में जब मैं अपने पति के घर गयी तो पता चला की लड़का कुछ नही करता है, बेरोजगार है और शराब भी पीता है।
पर मेरा पति रात में मस्त चुदाई करता था इसलिए मैं अपनी ससुराल में सुखी होकर रहने लगी। उसने २ साल तक मेरी रोज रात में चुदाई की और भरपूर मजा दिया, पर इसके बाद भी दोस्तों ना तो मैं गर्भवती हुई और ना मेरे कोई बच्चा हुआ। धीरे धीरे मेरी सास की सहेलियों ने उनके दिमाग में बात डाल दी की कहीं मैं बाझ तो नही हूँ। मेरी सास मुझे आये दिन ताना मारने लगी।
“बहु ….आज अस्पताल जाकर अपनी जांच करवा ले!!” मेरी सास बोली
“माँ जी मैं अकेली नही जाउंगी। या तो इनको [मेरे पति] भेजिये या आप चलिए!!” मैंने कहा
मेरी सास मन ही मन में सोच रही थी की अगर बहू बाँझ निकल जाएगी तो मैं इसे भगा दूंगी और अपने लड़के की दूसरी शादी कर दूंगी। पर डॉक्टर ने सारी जांच करने के बाद बताया की मैं ठीक हूँ। मुझ में कोई कमी नही है, हो सकता है की मेरे पति में कमी हो। ये बात सुनकर मेरी सास का मुंह बन गया था। क्यूंकि वो मुझे हमेशा कोसती रहती थी। पर अब उनके लड़के में ही कमी थी। रात में मेरा पति शराब पीकर आया और तरह तरह की गंदी गंदी गालियाँ बकने लगा और मुझे बार बार बाँझ कहने लगा।
“सुनिए जी, मैं आज डॉक्टर के पास जांच कराके आई हूँ। मैं पूरी तरह से सही हूँ। इसलिए डॉक्टर ने आपसे जांच करवाने के लिए कहा है!!” मैंने पति से कहा। बस इतना कहते ही वो चिढ गया और उसने मुझे २ ४ झापड़ मार दिए। मैं रोने लगी और अगले ही दिन मैं अपने मायके चली आई। मेरा भाई मुझे कोसने लगा की इस तरह मायके आने से बहुत बदनामी होगी और मैं तुरंत ससुराल लौट जाऊं। पर मेरी माँ ने मेरा पक्ष लिया और दोनों भाइयों को खूब डाटा।hindi sexy kahani,xxx stories,hindi sex kahaniya,sexy kahaniya,xxx story in hindi,सेक्स स्टोरी,sexy hindi story,sex kahaniya,hindi sexy kahaniya,hindisexstory,nonvegstory,hindi sexy stories,marathi sex,hindi sex stori,xxx story hindi,desi sex story,hindi hot story,sex stori,hindi xxx story,hot story in hindi,marathi sex katha,hindi sex,xxxstory
“एक तो तुम लोगो ने उस लड़के की जाच पड़ताल नही की और उस शराबी से मेरी फूल जैसी बेटी की शादी कर दी!! और अब तुम लोगो को बेइज्जती की बड़ी फिक्र हो रही है। अगर वो नामुराद मेरी बेटी के साथ मार पीट करेगा तो मैं उसे ससुराल नही भेजूंगी!!” मेरी माँ ने कहा। इस तरह से एक महीना गुजर गया। मैं मायके में ही थी। मेरे पति का बार बार फोन आता था, पर मैं कोई बात नही करती थी। धीरे धीरे उनको चूत की तलब महसूस होने लगी। और वो मुझे ले गये और दुबारा हाथ न उठाने की बात कही। ससुराल आने पर पति ने जांच करवाई तो डॉक्टर ने बताया की उनमे कमी है और मैं कभी भी माँ नही बन पाउंगी। ये बात जानकर धीरे धीरे मेरी ससुर की नियत मुझ पर खराब होने लगी और एक दिन उन्होंने दोपहर में जब घर पर कोई ना था मेरा हाथ पकड़ लिया।
“ससुरजी….ये क्या कर रहे है????” मैंने क्रोधित होकर पूछा
“बहू…मेरा बेटा तुझे चोद चोदकर माँ नही बना सकता है, पर मैं बना सकता हूँ। मेरे अंदर कोई कमी नही है!!” ससुर बोले। मैं दंग थी की वो किस तरह की अनाप शनाप बात कर रहे है। बात साफ थी मेरे ससुर मेरी गदराई जवानी का मजा लूटना चाहते थे और मजे मारना चाहते थे। वो मुझे कसकर और रगड़कर चोदना चाहते थे। ससुर जी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और जबरन मुझे बाँहों में भर लिया और मेरे रसीले होठ चूसने लगे।
“बचाओ……बचाओ!!” मैं मदद के लिए आवाज लगाई। इतनी देर में मेरे पति और माँ आ गये। मजबूरन मेरे ससुर को मुझे छोड़ना पड़ा। मैं फूट फुटकर रोने लगी। पति को मैंने बताया की उसका बाप ठरकी हो गया और मुझे कसकर चोदना चाहता है। और कह रहा है की वो मुझे बच्चा दे सकता है। इस बात पर मेरी सास और पति ने मेरे ससुर का पक्ष ले लिया।
“बापू…सही ही तो कह रहे है। अगर मैं तुमको चोद nonveg story चोदकर बच्चा नही दे सकता हूँ तो क्या हुआ। बापू तुमको आराम से बच्चा दे सकते है। घर की बात घर में रहेगी और किसी को मेरे नामर्द होने का पता भी नही चलेगा। ये बहुत कमाल का आइडिया है” मेरे पति बोले और ससुर जी का पक्ष लेने लगी। सास भी इस बात से सहमत थी। धीरे धीरे तीनो लोग मुझ पर दबाव बनाने लगे की मैं ससुर जी से कसकर चुदवा लूँ और बच्चा कर लूँ।
“मैं कोई रंडी या छिनाल नही हूँ जो पति के सिवाय किसी भी मर्द के साथ सो जाऊं और चुदवा लूँ!” मैंने अपने पति से साफ़ साफ़ कह दिया। पर दोस्तों वो लोग धीरे धीरे मेरे उपर दवाब बनाने लगे।
“बहू…..बहुत सी बहुवे ऐसा करती है। जब उनके पति उन्हें माँ नही बना पाते तो वो ससुर से चुदवाकर माँ बन जाती है। इसमें हर्ज ही क्या है। ससुर से बच्चा होगा तो उसमे भी इसी परिवार का खून ही होगा और पति से होगा तो इसमें में हमारे परिवार का ही खून रहेगा” मेरी सास ने मुझे एक दिन प्यार से समझाया। मेरे पास कोई दूसरा विकल्प भी नही था। मैं आखिर जाती कहाँ। क्यूंकि मेरे दोनों भाई तो हमेशा अपनी अपनी बीबियों की चूत में घुसे रहते थे और मेरा आना पसंद नही करते थे। इसलिए दोस्तों, मुझे मजबूरन सबसे छुपकर ये समझौता करना पड़ा। मैं राजी हो गयी।
“ठीक है माँ जी….आज रात मैं ससुर जी के कमरे में चली जाउंगी!!” मैं कहा। पुरे दिन मैं जबरदस्त टेंसन में रही। मेरा ससुर तो मुझे वैसे ही चोदना चाहता था और अब तो उसे एक बढ़िया बहाना भी मिल गया। रात हो गयी और मजबूरन मुझे ससुर के पास जाना पड़ा।
“बहू..!! जरा सजसंवरकर अपने ससुर के पास जाना!!” मेरी सास बोली। मैं नहाने चली गयी और मैंने बाथरूम में अपनी झाटे अच्छे से शेव कर ली। बिलकुल चिकनी चूत बना ली और कई बाल्टी से साबुन मल मल कर नहाया। मेरा जिस्म बहुत गोरा हो गया था और किसी नगीने की तरह चमक रहा था। नहाकर मैंने बिलकुल नही लाल रंग की मस्त साडी पहन ली और सारा सृंगार मैंने कर लिया। अलमारी से मैं बिलकुल नई चूड़ियों का सेट पहन लिया। अपनी मांग में मैंने सिंदूर भर लिया पर आज ये सिंदूर मेरे पति के नाम का नही था, बल्कि मेरे ससुर के नाम का था। क्यूंकि आज रात मेरे ससुर मेरी नथ उतारने वाले थे। मैंने गले में मंगल सूत्र डाल लिया और एक हार भी डाल लिया। पैरों में मैंने बिलकुल नई पायलें पहन ली और सज संवरकर अपने ससुर के कमरे में दूध का ग्लास लेकर पहुच गयी।
“आओ आओ बहू…मैं कबसे आपका इन्तजार कर रहा था!!” ससुर जी बोले
“ससुर जी …..दूध आपके लिए!!” मैंने कहा और दूध का ग्लास उनकी तरह बढाया। वो हँसने लगे।
“बहू….आज मैं ये वाला दूध नही बल्कि तेरा दूध पियूँगा!!” ससुर बोले। मैं लजा गयी। धीरे धीरे उन्होंने वो मुझसे प्यार करने लगे और मुझे बाहों में भर लिया और अपने पास बगल में लिटा लिया। मैं अच्छी तरह से जानती थी की आज इस पलंग पर मेरी पलंग तोड़ चुदाई होने वाली है। ये बात मैं अच्छे से जानती थी। ससुर जी ने मुझे बाहों में भर लिया और मेरे गोरे गोरे और फूले फूले गालो पर किस करने लगे। मुझे बड़ा अजीब लग रहा था, क्यूंकि आज तक मेरे गुलाबी होठो का चुम्बन सिर्फ मेरे पति ने ही लिया था। ससुर जी धीरे धीरे मेरे रसीले होठ चूस और पी रहे थे और धीरे धीरे उनके हाथ मेरे जिस्म पर इधर उधर जाने लगे थे। मैं मजबूर थी। मेरे पास कोई चारा नही था। आज मुझे ससुर से रात भर कसकर चुदवाना ही था बच्चा पाने के लिए।
फिर मेरे ससुर के हाथ मेरे ३८” के बड़े बड़े गोल गोल रसीले दूध पर पहुच गये और वो मजा लेकर मेरे दूध दबाने लगे।“….हाईईईईई, उउउहह, आआअहह” मैं कसमसाई। कुछ देर बाद ससुर ने अपना शर्ट पेंट निकाल दिया और मेरे दोनों हाथ सीधे कर दिए और मेरी लाल रंग के ब्लाउस की एक एक बटन खोलने लगे। मेरा दिल धक धक कर रहा था। कितनी बड़ी बात थी आज मैं अपने ससुर से चुदवाने जा रही थी, उनका लंड खाने जा रही थी। कुछ देर बाद उन्होंने मेरा ब्लाउस खोल दिया और निकाल दिया। अब मैं ब्रा में उनके सामने पड़ी थी। फिर उन्होंने मेरी ब्रा भी निकाल दी। मेरे २ बड़े ही हसीन दूध आज ससुर जी के सामने थे। मेरे उपर लेट गये और मेरे हसींन दूध मजा लेकर पीने लगे। मेरे ३८” के चुचे बहुत ही बड़े और विशाल थे। ससुर उसे मजे से चूस रहे थे।
ससुर फिर हपर हपर करके मेरे दूध पीने लगे। वो जोर जोर से काली काली निपल्स को दांत से पकड़ कर उपर की ओर खींचते तो मेरी चुचि उपर की तरफ उठ जाती। मेरी गदराई छातियाँ इतनी बड़ी थी की मुश्किल ने उनके हाथ में आ पा रही थी। वो तेज तेज मेरे दूध को दबा रहे थे। मेरे रसीले स्तन किसी स्पंज छेने की तरह लग रहे थे। जिस तरह से छेने को दबाने पर रस टपकने लगता है और छोड़ दो तो छेना अपने आकार में फिर से वापिस आ जाता है, ठीक उसी मेरे मेरे दूध के साथ हो रहा था। जब ससुर जोर से मेरे दूध दबाते थे तो वो पिचक जाते थे, पर जैसे ही वो छोड़ते थे, फिर से मेरे रसीले दूध उतने बड़े हो जाते थे। इस तरह से ससुर मुझे बड़े प्यार से मेरे दूध खीच खीच कर पीने लगे। मुझे बहुत जोर की यौन उतेज्जना होने लगी। मैं कामातुर हो गयी। ससुर जी का लंड खाने को मैं तपड रही थी।
पर अभी तो वो मेरे दूध पीने में ही बेहद व्यस्त थे। मेरी दोनों चुचि की निपल्स को दांत से काट रहे थे और खींच खींच कर किसी लीची की तरह चूस रहे थे। मैंने दावे से कह सकती थी की मेरे दोनों गोल गोल दूध बड़े मीठे होंगे। मैंने अपनी आँखों से देखा ससुर जी का लंड किसी बिजली के खम्भे की तरह खड़ा हो गया था। बड़ी देर तब वो मुझे अपनी बीबी की तरह मेरे दोनों दूध अदल बदल कर पीते रहे। उसके बाद ससुर जी मेरे बगल ही लेट गये और मुझे अपना लंड चूसने के लिए दे दिया। मैंने इतना बड़ा लौड़ा आज तक नही देखा था। ससुर जी का लंड तो किसी गधे के लंड की मोटा और लम्बा था। मैंने डरते डरते ससुर का लंड हाथ में लिया।
“ससुर जी….ये तो बहुत लम्बा है। ये कैसे जाएगा मेरे भोसड़े में??” मैंने सहम कर पूछा
“अरी बहू!!..यही तो उपर वाले के कमाल है की चाहे कितना बड़ा या लम्बा लंड हो औरत की चूत में समा ही जाता है और मजे से उसकी चूत मारता है। तू बिलकुल परेशान मत हो!!” ससुर बोले। मैं सहमकर उनका लंड हाथ में लेकर फेटने लगी और जल्दी जल्दी अपने हाथ को उपर नीचे करने लगी। मन ही मन में मेरे दिल में लड्डू भी फूट रहा था की ये रसीला लंड आज मुझे सारी रात चोदेगा और खूब मजा देगा। ये सब सोचकर मैंने ससुर का लंड मुंह में ले लिया और किसी लोपीपॉप की तरह चूसने लगी। कुछ देर बाद मुझे भी मजा आने लगा। किसी रंडी छिनाल की तरह मैं ससुर जी का लंड चूस रही थी। मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैं ससुर के लंड से मंजन करने लगी। गले के आखरी छोर तक मैं उनके मीठे और रसीले लंड को मुंह में लेकर चूस रही थी। ससुर जी “….आआआआअह्हह्हह… .. हा हा हा.. ओ हो हो….” कर रहे थे।
मुझ जैसी खूबसूरत औरत के रसीले होठ से लंड चुस्वाने का सौभाग्य आज उनको मिल रहा था। ये बहुत ही बड़ी बात थी। फिर मैंने अपने मुंह से उनका लौड़ा निकाल दिया। मेरे मुंह में उनका २ ४ चम्मच माल छूट गया था। मुझे मजा आ रहा था। मैंने ससुर का लंड मुंह से निकाल दिया और उससे खेलने लगी। अपने चेहरे पर लंड से प्यार भरी थपकी देने लगा। ससुर जी के १२ इंची लंड तो मेरे चेहरे के जितना बड़ा था। वो अपने रसीले लौड़े से मेरे चेहरे की लम्बाई नाप सकते थे। फिर ससुर भी अपने मोटे लौड़े से मेरे चेहरे को मारने लगे। फिर मैं उसकी गोलियां चूसने लगी। आज तो मैं किसी रंडी छिनाल की तरह बर्ताव कर रही थी। मैं ४० मिनट तक अपने ससुर जी का रसीला लंड चूसा।
ससुर का लौड़ा आराम से मेरे भोसड़े में घुस गया था और फिसल रहा था। उन्होंने मुझे चोदना शुरू कर दिया था। मैं चुद रह थी और ससुर के सिलबट्टे जैसे मोटे लंड का स्वाद ले रही थी। मेरे होठ बड़े ही खूबसूरत और रसीले थे। ससुर जी बार बार मेरे होठो पर अपनी उँगलियाँ फिरा रहे थे और मुँह से मेरे होठ भरकर उसका पूरा रस चूस रहे थे। मैंने अपनी दोनों टाँगे उपर कर ली थी। मैं अपने ससुर के लौड़ा का माल बन गयी थी। उनकी चुदासी रंडी मैं बन गयी थी। मेरी चूत में सनसनी होने लगी थी। तेज धक्के वो मेरी रसीली चूत में दे रहे थे। मुझे बहुत मजा मिल रहा था। वो जोर जोर से हच हच करके गहरे धक्के मेरी बुर में मार रहे थे। मुझे बहुत जादा मजा आ रहा था। एक अजीब सा नशा मुझे चढ़ रहा था। मेरा कान झनझना रहा था। पूरा बदन काँप रहा था। मैं किसी सूखे पत्ते सी काँप रही थी। मेरे दिल की धड़कन तेज हो गयी थी। मेरी रगों का खूब बहुत तेज दौड़ रहा था। मैं चुद रही थी।
ससुर मुझे पुचकार रहे थे और मेरे मत्थे पर किस कर रहे थे। वो एक बेहद एक्सपर्ट चुदैया थे। मेरी चूत को जोर जोर से मथते रहे। मेरे भगंकुर को वो मजे से सहलाते रहे जिससे मुझे जादा से जादा यौन उतेज्जना प्राप्त हो। फिर मैं भी अपनी चूत और उसके दाने को जल्दी जल्दी रगड़ने लगी। मेरी उँगलियों के ठीक नीचे ससुर का मोटा लंड मेरी चूत में अंदर और बाहर आ जा रहा था। ससुर ने मुझे २ घंटे तक चोदा फिर झड़ गए। मेरी रसीली चूत में उन्होंने अपना सारा माल गिरा दिया। दोस्तों इसी तरह मैंने ३ महीने अपने ससुर से जी भरकर चुदवाया और ९ महीने बाद मुझे एक सुंदर सा लड़का पैदा हो गया। मेरा लड़का हुबहू मेरे ससुर पर पड़ा था। अब बच्चा होने के बाद मेरी ससुराल में सब लोग मुझसे बहुत खुश थे।
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