बीवी मायके गई तो मेरी याद आई
नमस्कार मित्रो, मैं परीक्षित एक नई कहानी के साथ!
मेरी कहानी
सुहागरात के 15 दिन बाद ही
में आपने जाना कि प्रिया मेरे मित्र चिंटू की बचपन की मित्र है और वो हमसे उम्र में सिर्फ 1 साल ही छोटी है, उसका चिंटू के प्रति ज्यादा लगाव है। उसकी सील भी चिंटू ने ही तोड़ी थी उसकी शादी (चिंटू) की शादी के बाद!
मेरे दोस्त की गर्लफ़्रेंड
प्रिया कोई चालू लड़की नहीं है, वो मेरे दोस्त की दोस्त है, पता नहीं कैसे उसने मेरे साथ भी सम्बन्ध बना लिये थे। मेरी शादी के दो हफ़्ते बाद ही मैंने उसे चोदा था।
चिंटू के कारण प्रिया और मेरा आपस में बहुत ही अच्छा सम्बन्ध बन गया है।
यह बात जुलाई/अगस्त की है जो मेरे साथ में हुई थी, मेरी पत्नी गर्भवती थी और मायके में थी और मुझे सेक्स किये हुए 2 माह हो चुके थे, पर जीवनसंगिनी और होने वाले बच्चे के लिए ही मैं ये सब कुछ कर रहा था। मैं और मेरी बीवी नियमित फोन पर बातें करते रहते थे।
अब मैं कहानी पर आता हूँ, मैं घर पर अकेला ही था, मेरे घर के लोग भी बाहर गए हुए थे, मुझे प्रिया की याद आई, मैंने चिंटू को फ़ोन किया, मगर वो शहर से बाहर था, उसने मुझे कहा कि सीधे प्रिया को फ़ोन करके बुला ले!
मैंने प्रिया को फ़ोन किया उसे बताया कि घर में कोई नहीं है तो वो मेरे घर आने को मान गई।
वो शाम को आई, उसने तब लोअर और टीशर्ट पहन रखी थी, प्यारी लग रही थी, कहने लगी- बीवी मायके गई तो मेरी याद आई? चल ठीक है, वैसे मैंने भी दो महीने से सेक्स नहीं किया है और चिंटू भी यहाँ पर नहीं है।
मैं उसे बेडरूम में ले आया और किस करने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी।
5 मिनट तक किस करने के बाद उसने अपने कपड़े निकाल दिए, अब वो सिर्फ ब्रा-पेंटी में थी।
किस करते हुए उसने कुछ देर में वो भी निकाल दिए और पूरी नंगी हो गई।
हम दोनों 15 मिनट तक एक-दूसरे को किस करते रहे, साथ ही मैं उसके दोनों मम्मों को एक साथ मसलने लगा, उसके मम्मे भी कुछ बढ़ गए थे और तने हुए भी थे।
किस करते हुए उसने मुझे भी पूरा नंगा कर दिया, मैं उसके मम्मों को चूसने लगा।
शायद उसे सेक्स की बहुत अधिक याद सता रही थी तभी वो कुछ ही देर में लंड को चूत में डालने के लिए बोलने लगी।
मैं उसकी इन बातों को अनसुना करने उसके मम्मों को चूसने लगा और वो मेरे बालों को सहलाने लगी।
उसके दोनों मम्मों को चूसने के बाद मैं उसकी चूत को चाटने लगा, तभी उसने मुझे फिर रोका और लंड डालने के लिये कहा। और मेरा लंड अभी पूरी तरह से खड़ा नहीं हुआ था तो वो ही मुझे 69 के आसन में चूत चूसने के लिये बोली तो मैंने भी ऐसा ही किया।
अब वो मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसकी चूत को! बहुत दिनों के बाद मैं इस आसन में था तो आनन्द भी बहुत आ रहा था।
तभी प्रिया का शरीर अकड़ने लगा, उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और अब मेरा लंड भी अब पूरी तरह से तन चुका था, अब मैंने भी उसे अधिक नहीं तड़पाया, उसे सीधा लेटाकर उसकी एक टांग को कन्धे पर रखा और धीरे धीरे 5-6 झटकों में उसकी चूत के अंदर मेरे लंड को उतार दिया और धक्के लगाने लगा।
मैं उसको चोदते चोदते ही किस करने लगा और उसने एक हाथ से चादर को पकड़ा हुआ था और एक हाथ से मेरे हाथ को… और आःह्ह्ह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आआह्ह्ह की सिसकारी ले रही थी।
कुछ देर मैंने उसे ऐसे ही चोदा और लंड को निकालकर उसके मुँह में दिया और उसके मुँह को चोदने लगा।
कुछ देर बाद मैंने उसकी दोनों टांगों को कन्धों पर रखा और उसकी चूत को चोदने लगा, चोदते हुए मैंने अचानक ही धक्कों की गति को बढ़ा दिया और कुछ ही देर में उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया।
मैंने धक्के लगाना बंद कर दिया और उसे किस करने लगा।
उसके बाद मैं बिस्तर पर लेट गया और प्रिया मेरे ऊपर बैठ गई और लंड को चूत में डालकर खुद को चोदने लगी।
मैं उसके मम्मों को मसलने लगा, क्योंकि उसके मम्मे कुछ बड़े हो गए थे तो उन्हें हाथ में पकड़ने में भी आनन्द आ रहा था।
पर वो इस तरह अधिक देर तक नहीं कर पाई, थक कर रुक गई और मुझे किस करने लगी।
अब मैं उसकी चूत में धक्के लगाने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी।
कुछ देर तक मैंने उसको ऐसे ही चोदा और फिर धक्के लगाने बंद कर दिए, अब प्रिया फिर से खुद को ही चोद रही थी। पर इस बार वो बहुत देर तक खुद को चोदती रही, बिना रुके लगातार चोदने से मेरे लंड में भी जलन हो रही थी, मैंने उसे रोका पर उसने मेरी नहीं सुनी।
वो जब झड़ने के करीब पहुंची, उसने और तेज चुदाई की और चरमोत्कर्ष पर पहुंच कर वो मेरे ऊपर से उठी और बिस्तर पर लेट गई। मैंने लंड को उसके मुँह में दिया और थोड़ी देर तक उसे चुसवाया।
मैं उसके मुख में तेज धक्के लगाने लगा, अब मैं झड़ने के करीब पहुंच चुका था, 20-25 धक्कों के बाद ही मेरे लंड ने प्रिया के मुख में पानी छोड़ दिया और मैं हांफता हुआ उसके ऊपर लेट गया, प्रिया मेरी पीठ को सहलाने लगी
कुछ देर में मैं बाथरूम चला गया, जब मैं वापस आया तो प्रिया भी बाथरूम गई, मैं वहीं बिस्तर पर लेट गया। जब प्रिया बाथरूम से आई तो उसके चेहरे पर एक सुकून था। और आते ही मुझे किस करने लगी 10 मिनिट तक हम दोनों किस करते रहे, और उसके बाद अलग हुए।
अलग होते ही वो मेरी शर्ट पहनकर किचन में चली गई और मैं भी टॉवल पहनकर उसके पीछे चला गया, वो दूध गर्म कर रही थी तभी मैं उसे पीछे से लिपट गया और उसे चूमने लगा।
उसने मुझे अलग किया और एक ग्लास दूध मुझे दिया और उसने भी लिया।
दूध पीने के बाद मैं उसे गोदी में उठाकर बेडरूम में लाया कुछ देर उसे किस करने के बाद उससे बातें करने लगा और बीच बीच में उसके हम दोनों के अंगों से खेल भी रहे थे।
जब हम दूसरे राउंड के लिये तैयार हो गए तो उसकी शर्ट निकालकर उसके पूरे बदन को चूमने लगा वो भी मेरा बराबर साथ दे रही थी। मैं उसके शरीर को सहला रहा था तभी मैं उसकी नाभि में जीभ फिराने लगा।
वो भी मजे से उसकी नाभि चटवा रही थी और कमर को भी बार बार ऊपर कर रही थी, सिर्फ नाभि चाटने में ही वो गर्म होने लगी थी।
उसने मुझे अलग किया और मुझे सीधा लेटाकर 69 के आसन में आ गई। अब मैं उसकी चूत को चाट रहा था और वो मेरे लंड को चूस रही थी।
उसकी चूत को चाटने के साथ में उसकी गांड में भी उंगली को डाल रहा था। उसे अब चूत को चुसवाने में और भी अधिक आनन्द आ रहा रहा वो सिसकारी लेती जा रही थी और मेरे लंड को कम ही चूस रही थी।
चूत चूसते चूसते कुछ ही देर में उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और उसने मुझे सारा रस पीने के लिये बोला। मैंने उसे मना नहीं किया और सारा रस पी गया।
रस पीने के बाद भी मैंने उसकी चूत को चूसना बन्द नहीं किया।
जब उससे सब्र नहीं हुई तो उसने लंड डालने के लिये कहा पर मेरा लंड अभी भी पूरी तरह से खड़ा नहीं हुआ था तो मैंने उसे लंड चूसने को कहा, कुछ देर उसके मुँह को चोदता रहा, जब मेरा लंड तैयार हो गया तो मैं भी देर न करते हुए उसकी दोनों टांगों को मेरे कंधे पर रखा और उसकी चूत को चोदने लगा।
उसने मेरा पूरा साथ दिया, मैंने भी उसे निराश नहीं किया और मैंने भी धक्को की गति को और बढ़ा दिया ताकि उसे और अधिक आनन्द आ सके। मैंने भी धक्के लगाते हुए उसके मम्मों को मसलना शुरू कर दिया और बीच में उसे किस भी कर रहा था।
तभी मैंने धक्के लगाना रोक दिया और मैंने उसे गोदी में बैठाया, लंड को उसकी चूत में फंसा कर उसकी चूत को जोर जोर से चोदने लगा। मैं उसकी पीठ को सहला रहा था और तब तक चोदा जब तक कि वो झड़ नहीं गई।
कुछ देर बाद मैंने उसे फर्श पर बिस्तर के सहारे घोड़ी बनाया और उसकी चूत को चोदना शुरू कर दिया। थोड़ी देर तक इस तरह चोदने के बाद मैंने उसे फिर से बिस्तर पर घोड़ी बनाया और उसकी चूत को चोदने लगा और मैं उसके मम्मों को भी मसल रहा था पूरे कमरे में आअह्ह आआह्ह और बस थप थप की आवाज गूंज रही थी।
हम दोनों को चुदाई करते हुए काफ़ी समय हो चुका था और दोनों ही थक गए थे, पर उसे मजा आ रहा था और मजे से सिसकारी ले रही थी, वो बोल रही थी- जोर से चोद और जोर से, बहुत मजा आ रहा है! रुकना मत, आअह्ह आआह्ह अह्ह्ह हह।
मुझे भी उसे जोर जोर से चोदने में आनन्द आ रहा था, कुछ देर तक मैंने उसे कुतिया बनाकर ही चोदा और मैं उसकी चूत में ही झड़ गया।
हम दोनों ही बहुत तेज हाँफ रहे थे।
थोड़ी देर बाद मैंने लंड को उसकी चूत से बाहर निकाला और दोनों साथ में बाथरूम गए। इसके बाद हम बिस्तर पर लेट गए और मैं उसके मम्मों को चूसते चूसते सो गया और वो भी ऐसे ही मेरे साथ सो गई।
सुबह जल्दी ही दोनों की नींद खुल गई तो मैंने उसे फिर से चुदाई के लिये पूछा तो उसने भी हाँ कह दिया, और सुबह एक बार और चुदाई की, फिर हम दोनों साथ में नहाये।
उसके बाद उसने दोनों के लिये नाश्ता बनाया और नाश्ता करके वो अपने घर चली गई।
मेरी पत्नी के गर्भ और डिलिवरी के बाद डेढ़ महीने, इन दस महीनों में मैंने सिर्फ 2 बार ही सेक्स किया था और दोनों बार प्रिया के साथ ही किया।
अब कुछ समय पहले प्रिया की शादी हो चुकी है, उसका पति एक सरकारी कार्यालय में अच्छे पद पर है और वो उसके साथ बहुत खुश है।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी। आपकी राय और कमेंट्स मुझे मेल करें।
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