Incest – मौसी सास की चूत की चुदास

Incest – मौसी सास की चूत की चुदास

दोस्तो, यह एक सच्ची कहानी है.. जो खुद मेरे साथ हुई है।
बात तब की है.. जब मैं एक कॉलेज स्टूडेंट था। मेरी एक प्रेमिका थी.. जो आज मेरी पत्नी भी है। उसका काल्पनिक नाम शिवानी रख लेते हैं।
हमारे प्यार के बारे में किसी को कुछ खास पता नहीं था.. पर उसकी हमउम्र एक मौसी थी.. जिसका नाम रजनी (काल्पनिक) था। उसको हमारी सारी बातें पता होती थीं कि आज हम कहाँ घूमने गए.. सारा दिन क्या करते रहे.. मतलब उसे सब कुछ पता रहता था।
कभी-कभी जब उनके घर पर कोई नहीं होता था.. तब मैं सारी रात उनके घर पर रह जाया करता था और मैं सारी रात मस्ती किया करता था।

यूँ ही एक रात मैं उनके घर पर रुका हुआ था.. तभी न जाने कैसे उसके पिता कहाँ से आ गए और मुझे शिवानी ने और उसकी मौसी रजनी ने छुपा दिया।

पिता जी के ऊपर जाने के बाद मुझे बाहर आने को कह कर शिवानी ऊपर चली गई और रजनी को पास छोड़ दिया।

मेरी और रजनी की भी कई बार फ़ोन पर बात हो चुकी थी। कई बार हमने सेक्स के बारे में भी बात की थी.. क्योंकि वो एक तलाकशुदा 26 साल की औरत थी तो कभी-कभी उससे सुहागरात के बारे में भी बात कर लेता था.. पर मुझे नहीं पता था कि वो मेरी बातों का ये मतलब निकाल लेगी।

शिवानी के ऊपर जाने के बाद अचानक से रजनी उठी.. उसने दरवाज़ा बंद कर दिया और फ़ौरन मुझसे लिपट गई। मुझे हैरानी तो हुई.. पर फिर सोचा कि शायद वैसे ही किसी चीज़ से डर कर चिपक गई होगी.. पर ऐसा नहीं था।
अचानक ही उसने मुझे चूमना शुरू कर दिया था.. तो ये गलत तो था.. पर उसके चूमने से मुझे पता नहीं क्या हो गया था.. तो मैंने भी उसका साथ देना शुरू कर दिया।

तभी मुझे एहसास हुआ कि जो भी मैं कर रहा हूँ.. वो गलत है, मैंने उसे पीछे को एक धक्का दे दिया.. और उसे शिवानी को भेजने के लिए कहा।
तो वो ऊपर चली गई.. थोड़ी देर बाद शिवानी नीचे आई तो उसने मुझे कहा- आज मैं नीचे नहीं आऊँगी.. और रजनी तुम्हारे साथ रह जाएगी।

यह सुन कर मुझे बहुत अजीब लगा।
मेरे पूछने पर शिवानी ने बताया- पापा की तबियत ख़राब है.. तो मैं उनके साथ उनके कमरे में ही रहूँगी।

मैंने कहा- ठीक है।
यह सुन कर शिवानी तो चली गई.. पर जब एक घंटे तक कोई भी नहीं आया.. तो मेरी आँख लग गई।
गहरी नींद में मुझे कुछ ऐसा लग रहा था कि जैसे किसी ने मेरी जीन्स खोल कर अन्दर हाथ डाला है।
तभी मेरी नींद खुल गई.. रजनी ने सच में अन्दर हाथ डाला हुआ था और प्यार से मेरे लण्ड को पकड़ कर मसल रही थी।
मैंने उसे पीछे हटने को कहा तो जो उसने मुझसे कहा.. उसे सुन कर तो मेरे होश ही उड़ गए।

उसने कहा- अगर तुमने मेरी बात नहीं मानी.. तो मैं शोर मचा दूँगी.. कि तुम ज़बरदस्ती मेरे साथ कुछ करना चाहते थे।
तो मैंने चुप रहने में ही अपनी भलाई समझी।
जैसे ही मैंने उसकी ‘हाँ’ में ‘हाँ’ मिलाई.. वो तो जैसे पागल ही हो गई, उसने जल्दी से मेरी जींस उतार दी और शर्ट भी निकाल दी।

अब उसने मुझे ऊपर से नीचे तक चूमना शुरू कर दिया.. पर एक बात तो थी कि रजनी जब भी होंठों को चूमती.. मुझे वो मैं एक अलग ही दुनिया में ले जाती थी।

चूमते-चूमते वो मेरी कमर तक पहुँची.. तो उसने मेरे लण्ड को हाथ में ले लिया.. जो अभी तक लटका ही हुआ था.. क्योंकि मुझे डर भी लग रहा था।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

तभी वो मेरा लण्ड अपने मुँह में ले कर चूसने लगी।
कसम से.. बहुत ही मज़ा आ रहा था.. तभी देखते-देखते ही मेरा लण्ड और मैं दोनों ही उत्तेजित होने लगे।
वो इस तरह से लण्ड को चूस रही थी कि जैसे पता नहीं कितने दिनों की प्यासी हो।
उसने मेरे लण्ड को करीब बीस मिनट तक चूसा.. मैं उसके मुँह में ही झड़ गया।

वो मेरा रस चूस कर भी शांत न हुई.. उसने मेरे लण्ड को चूसना जारी रखा। दस मिनट में मेरा लण्ड फिर से आठ इंच का हो गया। फिर उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए और मेरी चड्डी भी निकाल दी।
अब वो मेरे ऊपर आ कर बैठ गई और मेरे लण्ड को अपनी चूत में लेने की कोशिश करने लगी। रजनी की शादी सिर्फ एक साल चली और उनके तलाक की वजह भी ये थी कि उसका पति नामर्द था।

इस वजह से उसकी चूत बहुत ही कसी हुई थी.. काफी कोशिशों के बाद भी जब लण्ड उसके अन्दर नहीं गया.. तो मैंने उसे पीछे हटा कर खुद उसके ऊपर आ गया और लण्ड को अन्दर डालने लगा।
चूत गीली होने की वजह से लण्ड फिसल रहा था.. तो मैंने एक कपड़े से उसकी चूत को साफ़ किया.. फिर लण्ड अन्दर डालने लगा।

लण्ड को चूत के मुँह पर रखते ही जैसे वो कांप सी गई हो… मैंने पहला झटका मारा.. तो उसकी चीख निकल गई। मैंने उसी वक़्त उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। दूसरे झटके में पूरा लण्ड उसके अन्दर चला गया और वो दर्द से कराहने लगी.. पर अब बदला लेने का मेरा वक़्त था।

मैंने भी उसे बिना तरस खाए.. जोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया।
थोड़ी देर तक तड़पने के बाद वो भी मेरा साथ देने लग गई.. सच कहूँ तो उससे पहले भी मैंने कईयों को चोदा था.. पर उनमें से इतना आनन्द कोई भी न दे सकी थी।
करीब 5 मिनट तक ऐसे ही चोदने के बाद मैं उसे अपने ऊपर लिटा लिया।
अब वो मुझ पर हिल रही थी और मैं उसकी चूत का मजा ले रहा था।
रजनी का पूरा शरीर मानो भट्टी बन चुका था।
करीब दस मिनट बाद उसका शरीर अकड़ने लगा और वो मेरे ऊपर ही झड़ कर निढाल हो गई।

फिर मैंने उसकी दोनों टांगें अपने कंधे पर रख कर चोदना शुरू किया, सारा कमरा ‘फच.. फच..’ और ‘थप.. थप..’ की आवाजों से गूंज रहा था।

थोड़ी देर बाद मैं भी झड़ने वाला था.. तो मैंने अपनी स्पीड तेज़ कर दी।
रजनी ने कहा- मैं आपका माल पीना चाहती हूँ।
पर मैंने कहा- मैं उसके अन्दर ही झड़ना चाहता हूँ।

तो उसने कहा- ठीक है.. कोई बात नहीं राजा.. मेरी चूत में अन्दर ही झड़ जाओ अभी तो पूरी रात बाकी है।
यह सुन कर तो मेरे होश ही उड़ गए.. फिर मैंने उसे उस रात चार बार चोदा।
सच में उस की चूत में बहुत चुदास थी।

यह सौ प्रतिशत सच घटना है.. उसके बारे में अधिक जानने के लिए आप मुझे ईमेल लिख सकते हैं मैं उसकी और मेरी चुदाई की बाकी कहानी आप साभी के पत्रों के बाद लिखूंगा.. आपके मेल का इंतज़ार रहेगा।
[email protected]

#Incest #मस #सस #क #चत #क #चदस