चुदने के लिए उतावली मकान मालकिन की बहु
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम यश है और में महाराष्ट्र के सबसे भीड़ भाडी इलाका मुंबई का रहने वाला हूँ। दोस्तों यह मेरी आज की कहानी एक सच्ची घटना है, जिसे में आज आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि यह आप सभी को बहुत अच्छी लगेगी। में पिछले कुछ सालों से मस्तराम डॉट नेट, गुरुमस्ताराम डॉट कॉम और अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ, जिन्हें पढ़कर मुझे बहुत अच्छा लगता है। दोस्तों मुझे सेक्स करना और सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है और उन्ही बातों को सोचकर बहुत उम्मीद से मैंने आज अपनी कहानी लिखी है।
दोस्तों में जब भी अपने ऑफिस जाता हूँ तो एक औरत मुझे हर रोज जाते हुए घूर घूरकर देखती है और जब मुझे इस बात का पता चला तब से में भी उसकी तरफ थोड़ा सा मुस्कुरा देता। लेकिन मेरे मन में ऐसा कुछ भी नहीं था। दोस्तों वो दिखने में एकदम सेक्सी पटाखा लगती थी। उसके बड़े बड़े बूब्स अब मुझे उसकी तरफ आकर्षित करने लगे थे। वो हमेशा बड़े गले का सूट पहनकर और एकदम सजधज कर मेरा ही आने का इंतजार करती और मुझे देखकर अंदर चली जाती।
फिर एक दिन वो मेरे ऑफिस के सामने से गुज़र रही थी तो मैंने उसे देख लिया और बाहर आकर रास्ते पर जानबूझ कर अपना आईडी कार्ड गिरा दिया और फिर उसने उस कार्ड को देख लिया। तो में वापस अंदर आकर अपना काम करने लगा। तो वो कुछ देर बाद उसी रास्ते पर वापस आई और कार्ड उठाकर ले गयी। उसके जाने के बाद में वापस बाहर आया तो मैंने देखा कि कार्ड अब रास्ते में नहीं पड़ा हुआ था और उसके बाद उसने मेरा पीछा करना शुरू कर दिया और धीरे धीरे हमारी बातें होने लगी।
लेकिन कुछ समय के बाद मुझे पता चला कि वो एक शादीशुदा औरत है और फिर एक दिन बातों ही बातों में, मैंने उससे पूछा कि उसे मुझ में क्या पसंद आया? तो वो बोली कि आपका मस्त दिखने वाला शरीर और कुछ टाईम के बाद उसने बताया कि उसका पति बहुत शराब पीता है और हर रात को बहुत देरी से आता है और आकर सो जाता है। बाते करते-करते वो मेरे करीब आ गई और वो मुझे किस करना चाहती है। तो में समझ गया था कि अब वो मुझसे चुदना चाहती है।
मैंने उससे बातों ही बातों पूछा तो उसने कहा कि हाँ में प्यासी हूँ और अब मुझे आपसे प्यार होने लगा है। अब में आपको मेरे बारे में बता दूं कि में एक बहुत अच्छा दिखने वाला लड़का हूँ और में एक महीने में दो बार डिस्को जाता हूँ और जब भी में डिस्को में जाता हूँ, वहाँ पर अधिकतर लड़कियाँ मेरी दीवानी हो जाती हैं और अब में सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ। तो उसने मुझसे कहा कि आप मुझे बहुत अच्छे लगते हो। मैंने कहा कि तो क्या करना चाहिए? उसने मुझे दोस्ती करने के लिए कहा और फिर मैंने भी थोड़ा सोचकर हाँ कह दिया।
बहुत दिन तक हमारी बात होती रही। एक दिन उसने कहा कि हमारे घर का नीचे वाला हिस्सा खाली हो गया है, आप यहाँ पर रहने आ जाओ ना। मैंने कहा कि में कोशिश कर सकता हूँ, लेकिन पक्का नहीं है और दो तीन महीने तक ऐसे ही चलता रहा। तो एक दिन मैंने जाकर उसकी सासू माँ यानी मकान की असली मलिक से बात कर ही ली। तो मुझे पता चला कि वो हमारे ही गाँव के है और उन्होंने मुझे उनके घर किराए पर देने को कह दिया।
मेरी छमिया इतनी खुश हुई
तो इस पर वो, यानी मेरी छमिया तो इतनी खुश हुई कि आप पूछो ही मत और में वहां पर रहने आ गया। अब नीचे की मंजिल पर में रहता था और ऊपर वो सब और बीच में छत पर एक जाली लगी हुई थी जहाँ से ऊपर वाले नीचे का हिस्सा देख सकते थे और अब वो ज्यादा समय जाली के पास बैठी हुई रहती थी ताकि वो मुझे ज्यादा से ज्यादा समय तक देख सके। तो एक दिन सुबह में ऑफिस के लिए तैयार हो रहा था कि तभी वो नीचे आ गई। मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ? तो वो बोली कि मम्मी (सासू जी) पड़ोस में बैठी हुई हैं और इस समय घर पर कोई भी नहीं है।
तो मैंने झट से उसे मेरे कमरे में दरवाजे के पीछे लेकर किस करना शुरू कर दिया और वो एकदम से आहे भरने लगी, में उस समय अंडरवियर में था, मेरा लंड एकदम तनकर खड़ा हो गया। में उसे दरवाजे के पीछे दीवार के सहारे खड़े खड़े किस कर रहा था और अपना लंड उसकी सलवार के ऊपर से ही रगड़ रहा था। उसका चेहरा एकदम लाल हो गया, पूरा शरीर गरम हो गया और जैसे ही मैंने नीचे हाथ डाला तो इतनी सी देर में उसकी चूत भी गीली हो गई। में मन ही मन सोचने लगा कि ओह भगवान इतनी प्यासी चूत? और मैंने ऐसा बिल्कुल भी सोचा नहीं था।
तो उसने मुझे बताया कि पिछले कई दिनों से उसके पति ने सेक्स नहीं किया, बस वो शराब पीकर सो जाता है और फिर सासू माँ के आने के डर से वो वापस भाग गई।तो रोज में जब नहाकर बाथरूम से निकलता तो अंदर से ही अपना लंड खड़ा करके नंगा ही निकलता और वो जाली में से रोज मेरे खड़े लंड के दर्शन किया करती और मेरे ऑफिस जाने से पहले वो कोई ना कोई काम का बहाना करके मुझे किस करने नीचे मेरे कमरे में ज़रूर आ जाती। लेकिन उसकी वासना अब रोज मेरा लंड देखकर बढ़ती ही जा रही थी। मेरा ऑफिस मेरे घर से कोई 200 मीटर की दूरी पर है और फिर एक दिन उसका मेरे फोन पर एक मैसेज आया कि सब मेरी ननद के घर पर गए हुए हैं और मैंने अपनी तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर वहां पर जाने से साफ मना कर दिया।
तो यह बात पढ़ते ही मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया और मैंने ऑफिस में स्टाफ को कहा कि में एक दो घंटे में वापस आ रहा हूँ और फिर वहां से बाहर निकलने के बाद रास्ते में मैंने अपना मोबाईल स्विच ऑफ किया और अपनी बाईक से जल्दी से घर पहुँचा तो मैंने देखा कि वो बालकनी में खड़ी हुई थी और शायद मेरा इंतजार कर रही थी और मुझे देखते ही जल्दी से नीचे आ गई और दरवाजा खोला मैंने जल्दी से अंदर आकर दरवाजा बंद किया और उसे एक प्यार भरी झप्पी दी। मैंने महससू किया कि उसका शरीर एकदम तप रहा था।
तो उसने मुझसे कहा कि जल्दी से करो, सासू माँ का फोन आया था कि वो लोग एक दो घंटे में आ जाएँगे। मैंने फटाफट अपने कपड़े उतारे और उसने भी अपनी सलवार को उतार दिया और वो मेरे बिस्तर पर लेट गई और फिर वो मुझसे बोली कि अब जल्दी जल्दी से काम ख़त्म करो। मैंने उसे देखा तो वो एकदम सीधी लेटी हुई थी और दोनों घुटने मोड़कर टाँगे फैला रखी थी। मैंने देखा कि उसने अपनी चूत पर पहले से ही बाल साफ कर रखे है। तो मैंने उसे एक हाथ पकड़ कर बिस्तर से उठाया और उसका कुर्ता भी उतारने लगा। तभी वो बोली कि इसे मत उतारो जल्दी से काम ख़त्म करो।
तो मैंने उससे कहा कि काम तो होगा, लेकिन ठीक तरीके से होगा और जब इतना सब हो गया है तो इसे भी तसल्ली से पूरा करेंगे और मैंने उसका कुर्ता उतारा और फिर उसकी ब्रा को भी उतार दिया। एकदम नंगा करने के बाद मैंने उसे अपना लंड चूसने को बोला तो उसने साफ मना कर दिया। तो मैंने सोचा कि कोई बात नहीं। लेकिन मैंने उससे कहा कि क्या में उसकी चूत चूस सकता हूँ? तो वो बोली कि छी: यह क्या कर रहे हो? तो मैंने उससे कहा कि मेरी जान इसी में तो मज़ा है। में उसके दोनों पैरों के बीच में आया और अपना मुहं उसकी चूत के छेद पर टिका दिया। उसे घर पर किसी के आने का डर भी लग रहा था लेकिन वो अब थोड़ी देर बाद सब कुछ भूल गई।
मेरे मुह में उसकी रसीली चूत
मेरा मुहं उसकी रसीली चूत पर था और जीभ गरम चूत के अंदर। मेरे ऐसा करने से उसे मज़ा आ गया, वो अब धीरे धीरे नीचे से अपनी गांड को उठाने लगी और सिसकियाँ लेती हुई बोली कि आअहह्ह्ह्हह्ह उह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह मेरे पति ने कभी मुझे ऐसा आईईईईईइ मज़ा नहीं दिया, मेरी जवानी ऐसे ही जा रही है, जान में बहुत प्यासी हूँ, प्लीज अब मुझे अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह और मत तड़पाओ प्लीज, जल्दी से अंदर डाल दो ना। तो मैंने उससे पूछा कि क्या डाल दूँ? तो उसने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ लिया लेकिन चुप रही और कुछ बोली नहीं। तो मैंने पूछा कि यह क्या है? तो वो एकदम शरमा गई और बोली कि आप ही बोलो यह गंदे गंदे नाम में नहीं बोलती, मुझे तो बहुत शरम आती है।
तो मैंने कहा कि अगर यह कोई गंदी चीज़ है तो क्यों अब तक इस चीज़ के लिए मर रही हो, तड़प रही हो? और अब तुम जब तक नाम नहीं लोगी, में इसे अंदर नहीं डालूँगा और कुछ देर के बाद उसे कहना ही पड़ा। वो मुझसे बहुत शर्मिले स्वर में बोली कि प्लीज आपका मोटा लंड मेरी इस प्यासी चूत में डाल दो ना, मुझसे अब रहा नहीं जा रहा। तो मैंने उससे पूछा कि तुम कसम खाकर एक बात बताना, तुम्हारे पति का लंड बड़ा है या मेरा? तो पहले तो वो कुछ देर नहीं बोली। लेकिन फिर बोली उनका लंड 4.5 इंच का है। तो मैंने कहा कि फिर तब तो तुम्हे मेरा लंड लेने में बहुत दर्द व तकलीफ़ होगी, तभी वो बोली कि दर्द के साथ मज़ा भी तो आएगा। तो मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रखा और धीरे से अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर भिड़ा दिया और ऊपर से ही रगड़ने लगा।
तो मेरे ऐसा करने से उसकी हालत तो और भी खराब हो चुकी थी। वो मेरी तरफ देखकर बोली कि प्लीज इतने धक्के इसे चूत के अंदर डालकर मारो ना, जिससे मुझे भी मज़ा आएगा। तो मुझे एकदम हंसी आ गई और मैंने धीरे धीरे अपना लंड उसकी चूत में घुसाना शुरू कर दिया, वो कसमसाने लगी और सिसकियाँ लेने लगी। लेकिन जब मेरा आधा लंड चूत के अंदर गया तो मुझे उसकी बात पर पक्का यकीन हो गया कि उसके पति का लंड वाकई में छोटा होगा, क्योंकि इतनी टाईट चूत वो भी एक शादीशुदा औरत की, तो में समझ गया और धीरे धीरे अपना लंड अंदर सरकाता गया और जब मेरा पूरा लंड अंदर गया तो उसने अपने होंठ अपने दाँतों से दबा लिए और मेरे पैरों को पकड़ कर दूसरी साईड में धक्का देने लगी।
अब मेरा लंड उसकी चूत की सामने वाली दीवार से टकरा गया था। तो मैंने उससे पूछा कि क्यों दर्द हो रहा है क्या? तो वो कुछ नहीं बोली और फिर में धीरे धीरे से अपना लंड अंदर बाहर करने लगा तो उसका दर्द बढ़ता गया, वो मुझे उसके चेहरे से महसूस हो रहा था। तभी में एकदम से रुक गया। लेकीन मुझे विश्वास नहीं हुआ कि उसे दर्द हो रहा है।
फिर मैंने जोरदार धक्के लगाने शुरू किए और थोड़ी ही देर में वो ठीक हो गई और मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और अब मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी क्योंकि अब मेरा वीर्य निकलने वाला था। में एकदम से रुक गया और उस पर लेट गया। फिर में उठा और फिर से धक्के लगाने शुरू कर दिए। वो मस्त हो गई और उफफफफ्फ़ अह्ह्ह्हह करने आईईईईईइ लगी। फिर मैंने उसे गोद में उठाया और में नीचे लेट गया और उसे अपने ऊपर बैठा लिया। तो उसने मुझे बताया कि वो हमेशा नीचे लेटे लेटे ही चुदी है और अब मैंने उसके कूल्हों पर अपने दोनों हाथों को टिकाकर उसे सहारा देना शुरू किया।
वो आआहहह आईईईईइ करके मेरे लंड पर कूदने लगी और करीब 15-20 शानदार धक्कों के बाद मेरी हालत खराब हो गई। तो मैंने उससे कहा कि अब में झड़ने वाला हूँ, बताओ कहाँ पर निकलूं? तो वो बोली कि अंदर मेरी चूत में सारा वीर्य डाल दो और फिर मैंने उसे वापस अपने नीचे लिया और उसके दोनों पैर अपने कंधे पर ले लिए और शानदार धक्के लगाने शुरू कर दिये, करीब 20-25 धक्कों के बाद में ज़ोर से बोला कि भाभी में अब झड़ रहा हूँ। तो वो बोली कि हाँ झड़ जाओ क्योंकि शायद अब में भी झड़ रही हूँ।
उसकी चूत सिकुड़ने लगी और मेरा लंड और ज़्यादा मोटा हो गया। तो भाभी ज़ोर ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह्ह्हह और ज़ोर से धक्का दो, हाँ और ज़ोर से आअहह और फिर में बोला कि में अब अपना माल छोड़ रहा हूँ। तो वो भी अपनी गांड को उठा उठाकर बोले जा रही थी अह्ह्ह्हह्ह और ज़ोर से मारो मेरे राजा आ जाओ में भी अब झड़ रही हूँ आआआअहहओह मेरे राजा आज मेरी प्यासी चूत की प्यास बुझा दो, सारा पानी मेरी चूत में भर दो और में झड़ने लगा।
मेरा वीर्य उसकी चूत में एक एक बूंद करके गिरा और उधर उसने भी अपना पानी छोड़ दिया। हम लोग करीब 30 मिनट तक चली इस धमाकेदार चुदाई से पसीना पसीना हो गये थे और में अपना लंड उसकी चूत में डाले हुए उसके बूब्स पर लेट गया। तभी वो बोली कि में इस तरह की चुदाई के लिए बहुत समय से तरस गई थी और उसके बाद उसने जल्दी से अपने कपड़े पहने और ऊपर भाग गई और मैंने भी अपने कपड़े पहने और ऑफिस के लिया चला गया। लेकिन इसके बाद हमने कई बार चुदाई की और बहुत मज़े किए। मैंने उसे हर एक तरीके से चोदा, जिसके बारे में वो कभी सोच भी नहीं सकती और हम दोनों ने एक दूसरे की जरूरते पूरी की ।।
धन्यवाद …
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