मेरी चाची की मस्त चूत मारी
दोस्तों ये कहानी आप माने या ना माने बिलकुल सच्ची है | वैसे मै एक बात बता दू आपलोगों को मैं और मेरी चाची एक दुसरे से ज्यादा बात नहीं करते. एक बार जब मेरे मम्मी डैड कुछ समय के लिए पापा के साथ किसी काम से बाहर गये थे. तो मुझे मेरी चाची के घर रुकना पड़ा. मेरी चाची है तो बड़ी सेक्सी, उनके बड़े-बड़े बूब्स देखकर मेरा सेक्स करने को मन हो जाता है. वो हमेशा बड़ी नैक वाली लूज स्लीव का ब्लाउज पहनती है. जिससे मुझे बार-बार उनके बूब्स दिख जाते है. उनकी गांड भी बहुत बड़ी है. मैं हमेशा से ही उनको चोदना चाहता था और मेरे पास उनकी एक फोटो थी, जो मैंने नहाते टाइम ली थी. उसमे वो पूरी नंगी थी और मैं उसे हमेशा देखा रहता और मुठ मारता.
एकबार घर पर कोई नहीं था. आप यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | बस हम दोनों और उनकी २ साल की बेटी थी. जब तो किचन में थी. तो मैंने उनसे कहा.
मैं – चाची, मेरे लिए खाना ले आओ.
चाची – अभी ले, थोड़ी देर में.
मैं बहुत देर तक वेट करता रहा. फिर मैं बाहर गया, तो मुझे अहहः आहाहा जैसे कुछ आवाज़ आई. तो मैंने देखा, कि वो बाथरूम में बैठी थी और डोर बंद था. मैंने कीहोल से देखा, कि वो अपनी चूत में ऊँगली कर रही थी.
मैं वहां से अपने रूम में वापस चले आया. जब उनकी बेटी सोकर उठ गयी और रोने लगी. चाची अन्दर आ गयी और उसे गोद में लिया और अपने ब्लाउज को थोड़ा उठाया. उनके बूब्स बाहर आ गये और वो बेबी को दूध पिलाने लगी. मैं कैसे भी करके बाहर आ गया और उनके बूब्स को घूरने लगा. उनको पता चला, तो वो बोली –
चाची – क्या देख रहे हो?
मैं – कुछ नहीं.
चाची – अभी तुम्हारी ये सब देखने की उम्र नहीं है.
रात को जब सब सो गये, तो वो मेरे बेड के पास आकर मेरे ब्लंकेट को ओढ़ कर लेट गयी. उस टाइम, मैं जागा हुआ था और बोला कुछ नहीं. उस टाइम, उन्होंने पिंक कलर की लिंगरी पहनी हुई थी. वो मुझसे चिपक गयी. उन्होंने मुझे बिलकुल अपने ऊपर दबा लिया, मेरा मुह उनके बूब्स के बीच में था.
वो सोच रही थी, कि मैं सो रहा हु.
सुबह मेरी आँख खुली, तो देखा कि कमरे में कोई नहीं था. सिर्फ चाची वहां खड़ी थी और कपड़े चेंज कर रही थी. मैंने देखा, कि वो पूरी नंगी थी और फिर उन्होंने कपड़े पहन लिए.
दो तीन दिन तक वो मेरे और क्लोज आती रही.
एक सुबह जब घर में कोई नहीं था. तो मैं पोर्न विडियो देख रहा था. अचानक से चाची आ गयी और विडियो देखकर वो बोली –
चाची – ये क्या चल रहा है?
मैं – कुछ नहीं, बस गलती से खुल गया.
चाची – कोई बात नहीं, जवानी में ये सब होता है. ये सब करते है.
मैं – आप मम्मी-डैड को तो नहीं बतायेंगी?
चाची – नहीं, पर मेरी एक शर्त है.
मैं – क्या, आप जो कहेंगी, मैं वही करूँगा.
चाची – ठीक है, तो मुझे खुश करो.
मैं – कैसे?
चाची – इस पोर्न को देखो और मुझे चोदो. तुम मुझे खुश करो और मैं तुम्हे खुश करुँगी.
रात को मैं बेड पर था और चाचा लेट आने वाले थे.
चाची अन्दर आई और वो पूरी नेकेड थी और उनके हाथ में एक कंडोम था. वो मेरे पास आई और बेड पर बैठ गयी. मैं उन्हें देख रहा था. उन्होंने मेरी टी-शर्ट पकड़ ली और निकाल दी. फिर, उन्होंने मुझे खड़ा किया और मेरी शोर्ट भी निकाल दी. उन्होंने मेरा सिर पकड़ लिया और गाल पर किस की. फिर मैंने भी उनके लिप्स पर किस किया और हम दोनों ने अपनी-अपनी जीभ एक दुसरे के मुह में डाली और बहुत देर तक किस करते रहे.
फिर उन्होंने मेरा कच्छा उतारा और मेरा लंड चूसने लगी. थोड़ी देर बाद, मैंने उनके बूब्स दबाये और उनके निप्पल मुह में लेकर चूसने लगा. उन्होंने मेरे लंड पर कंडोम लगाया और बेड पर लेट गयी और मुझसे बोली – आओ चोदो मुझे. मैं उनके पास गया और अपने लंड को उनकी चूत के मुह पर रखा और अपना लंड थोड़ा सा उनकी चूत में घुसाया. एकबार तो वो जोर से चिल्लाई और फिर शांत हो गयी. आप यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मैं अपना लंड धीरे से आगे-पीछे करने लगा और फिर एकदम जोर-जोर से चोदने लगा. उन्हें दर्द हो रहा था, पर वो मज़े भी ले रही थी. मैं उनसे चिपक गया और उनके बूब्स दबाते हुए उनको किस करने लगा. हम लोगो ने अलग-अलग पोजीशन में सेक्स किया. वो मेरे ऊपर बैठकर बार-बार ऊपर-नीचे हो रही थी. उन्होंने अपना मुह मेरी चेस्ट पर रखा और बोली तुम्हारे जैसे यंग और हार्ड लंड से चुद्वाकर मज़ा आया. वो जोर से चिल्ला रही थी, पर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. हम रुके नहीं और हम सेक्स करते ही रहे, जब तक मैंने कम नहीं किया और वो मेरा लंड चूसने लगी और बहुत देर तक चूसते रही. मैंने भी उनकी चूत चुसी और बहुत देर तक मैंने अपने मुह को उनकी चूत में ही रखा. बड़ा मज़ा आया. हम दोनों साड़ी रात एक दुसरे से चिपके रहे. मैं अपना मुह उनके बूब्स के बीच में डालकर सो गया. सुबह देखा, कि चाची भी मेरे साथ ही थी. वो भी उठ गयी और बोली –
चाची – मज़ा आया?
मैं – बहुत मज़ा आया.
चाची – कोई बात नहीं. अब तो ये मज़ा मैं तुम्हे देती रहूंगी.
मैं – क्या मतलब?
चाची – अब तुम जब चाहो, जहाँ चाहो टच कर सकते हो. और मुझे चोद भी सकते हो.
मैं – पर कंडोम के बिना तो आप प्रेग्नेंट हो जाओगे?
चाची – कोई बात नहीं, तुम मेरी गांड चोदना.
उस दिन के बाद से, मै चाची के बहुत क्लोज रहने लगा. और जब भी मौका मिलता, हम दोनों सेक्स जरुर करते है. अब मैं किचन में भी चुपके से उनके बूब्स दबाता ही रहता हु और किसी को बिना बताये, किसी ना किसी बहाने से उनके रूम में जाकर सेक्स करता हु.
अब हमारा रिलेशन सेक्स रिलेशन है. आप यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | इससे उन्हें भी अच्छा लगता है और मुझे भी. जब वो नहाती है, तो मैं बाथरूम में घुसकर उनके बूब्स दबा देता हु और उनकी गांड चोदता हु, ताकि वो प्रेग्नेंट ना हो. उनकी गांड बहुत बड़ी और चिकनी है और मेरा लंड आसानी से उनकी गांड में घुस जाता है. सच में, उनको चोदकर ऐसा लगता है, कि मैं जन्नत में पहुच गया हु और उनको चोदना मेरी लाइफ का सबसे अच्छा टाइम होता है |
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