Lockdown Me Home Sex Story
इस होम सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि एक जवान लड़के ने अपनी शादीशुदा हाउसमेड के साथ सेक्स के पूरे मजे लिए. मेड 15 दिन के लिए उसी के घर में उसकी बीवी की तरह रही.
होम सेक्स स्टोरी का पिछला भाग: लॉकडाउन में चरमसुख की प्राप्ति- 2
शीला जल्दी ही एक ट्रे में चाय और नाश्ता ले आई. शीला जैसे ही कमरे में घुसी, राजेश उसे देखता रह गया. आज शीला किसी मेनका जैसी लग रही थी.
खुले घुंगराले बाल, आँखों में काजल, हाथ पैरों पर नेलपेंट और होंठ पर गहरी लाल लिपस्टिक.
अब आगे की होम सेक्स स्टोरी:
राजेश को घूरता देख शीला बोली- अब तो साफ़ सुथरी दिख रही हूँ न?
तो राजेश मुस्कुरा दिया.
शीला ने चाय नाश्ता मेज पर रखा और बोली- कुछ पहन लीजिये, सर्दी लग जायेगी.
राजेश के लिए अब कुछ भी संभालना मुश्किल हो रहा था.
शीला चुपचाप खड़ी रही.
राजेश खड़ा हुआ. उसने एक हाथ से शीला का मुँह ऊपर उठाया. पहली बार उसने शीला को छुआ था.
शीला नीचे नजर किये खड़ी रही. उसका शरीर कांप रहा था.
राजेश फिर आगे बढ़ा और अपने दोनों हाथों से शीला का चेहरा ऊपर उठाया.
शीला इतनी खूबसूरत और सलीकेदार है, उसे तो मालूम ही न था.
राजेश कुछ आगे और खिसका. अब शीला संभली और अपने को छुड़ाकर बाहर भाग आई.
राजेश सोचने लगा कि शायद अब शीला वापस अपने घर चली जायेगी.
पर बाहर से कोई आहट नहीं आ रही थी. राजेश ने उसे आवाज दी- शीला यहाँ आओ.
शीला नहीं आई.
राजेश ने दोबारा आवाज दी तो शीला परदे के पास आकर खड़ी हो गयी. उसका चेहरा शर्म से लाल हो रहा था, निगाहें नीची ही थीं.
उसे राजेश ने अपने पास बुलाया और कहा- अगर तुम्हें बुरा लगा हो तो सब कुछ भूल जाओ. जैसा पहले था, वैसा ही चलता रहेगा. तुम्हें बिल्कुल भी परेशानी नहीं होगी.
जैसे ही राजेश ने ये कहा, शीला उससे चिपट गयी, बोली- साहब, हम गरीब आदमी हैं, हमें इतना सुख कहाँ. आप तो बहुत अच्छे आदमी हैं, मैं हर हालत में आपकी हूँ.
राजेश ने उसे कस कर भींच लिया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.
शीला किसी नवयौवना की तरह राजेश का साथ देने लगी. उसने राजेश की जीभ को और होंठों को खूब चूसा.
राजेश के हाथ उसकी गोलाइयों को रगड़ रहे थे. राजेश ने शीला की साड़ी उतार दी और ब्लाउज की डोरी भी खोल दी.
शीला ने सहयोग करते हुए अपना ब्लाउज उतार फेंका.
अब राजेश ने उसकी गर्दन पर चूमना शुरू किआ. दोनों की गर्म साँसें कमरे का माहौल और गर्म कर रही थीं.
राजेश ने शीला को पीछे घुमाया और उसको पीछे खड़ी अलमारी से टिका दिया. राजेश ने पीछे से उसकी कमर को छोटे हुए उसकी ब्रा का हुक खोल दिया.
शीला ने आगे से अपनी ब्रा संभाली.
राजेश ने अब उसके हाथों को ऊपर किया और पीछे से उससे चिपक के उसके कानों के पीछे चूमने लगा. शीला ने अपना मुँह घुमाकर राजेश के होंठों से अपने होंठ मिला दिए. राजेश ने हाथ नीचे करके उसका पेटीकोट खोल दिया और अपनी लुंगी भी.
अब दोनों निपट नंगे एक दूसरे में समाने को बेताब थे.
राजेश ने शीला को पीछे खींचा तो शीला ने अपने मम्में अपने हाथों से छिपा लिए. राजेश ने पीछे से अपने हाथ आगे लेजाकर उसके मम्में पकड़ लिए और मसलने शुरू किये.
शीला और उसके होंठ मिले थे और उनकी जीभें एक दूसरे को चूमने में लगी थीं.
एक हाथ पीछे करके शीला ने उसका लंड पकड़ लिया. शीला के हाथ लंड से टकराते ही उसका शरीर सिहर उठा. कहाँ उसके नशेड़ी पति का मरियल सा शरीर और माचिस की तीली जैसा लंड.
आज उसको पूर्ण यौवन सुख मिलने जा रहा था.
शीला ने आज के इस चरमसुख के सपने कब से संजो रखे थे. आज उसकी चूत की प्यास सही मायनों में पहली बार पूरी होने जा रही थी.
चुदाई क्या होती है, ये उसका शरीर आज महसूस करने जा रहा था.
तो एसे में उसकी कामाग्नि जलनी तो स्वाभाविक थी.
शीला पलट गयी और उसने राजेश को अपने को पूर्णतः समर्पित करते हुए अपने को उसमें समाने के लिए जिस्मों के हर फासले को ख़त्म कर दिया.
राजेश ने उसे चूमते हुए बेड पर धीरे से लिटाया और अब उसके मम्मों को एक एक करके चूसने लगा.
एक शादीशुदा स्त्री के मांसल मम्मों और कुंवारी लड़की के अनछुए मम्मों में क्या फर्क होता है, राजेश ने ये आज जाना.
शीला की आहें निकल रही थीं. शीला ने उस दिन टीवी पर मॉडर्न चुदाई देखी थी. तो अब उसे अंदाज था कि आजकल बड़े आदमी कैसे चुदाई करते हैं.
तो मम्मे चूसना या चूत चूसना अब उसके लिए कोई अप्रत्याशित नहीं था.
वो सोच ही रही थी कि राजेश ने अपनी उंगली उसकी चूत में घुसा दी. चिकनी साफ़ चूत … राजेश के लिए भी अप्रत्याशित आनंद था.
शीला की चूत तो पहले ही गंगा जमना बहा रही थी. अब राजेश ने अपनी उंगली से उसकी चूत की खूब मालिश की.
और जब उसे लगा कि शीला अब बर्दाश्त नहीं कर पा रही है और उसके मम्में भी चूस चूस कर लाल हो गये हैं तो वो नीचे खिसका और अपनी जीभ उसकी चूत में कर दी.
शीला कसमसाई. चूत चटवाने का उसका पहला मौका था.
पर राजेश ने उसकी टांगों को ऊपर किया और अपनी पूरी जीभ उसकी चूत में घुसा दी. उसने चूत को पूरा अपने थूक से भर दिया. थूक चूत से बाहर निकल कर नीचे बहने लगा, तो राजेश ने अपनी उंगली भी चूत में घुसा दी.
शीला की वासनामयी चीत्कारें निकल रही थीं. वो मछली की तरह तड़पने लगी.
राजेश पूरा शीला के ऊपर लेट गया और अपनी जीभ से उसकी जीभ भिड़ा दी.
उसका लंड अब शीला की बेकरार चूत में घुसने को मचल रहा था और शीला की चूत के ऊपर रगड़ मार रहा था.
राजेश ने नीचे बहते थूक का सहारा लेकर अपनी एक उंगली शीला की गांड की दरार में घुसा दी.
शीला दर्द से तड़प उठी. उसने राजेश से खुशामद की कि गांड से वो अपनी उंगली निकाल ले.
राजेश ने उंगली निकाल कर अब शीला की टांगों को चौड़ाया और अपना मूसल पेल दिया.
शीला की चीख निकल गयी.
राजेश ने अपने होंठ से उसका मुँह बंद कर दिया और पेलमपेल शुरू कर दी.
अब शीला को भी मजा आने लगा. वो भी राजेश का साथ देने लगी. अब वो क्या क्या बोल रही थी- और जोर से बाबू. बाबू आज तो फाड़ दो मेरी मुनिया को. पता नहीं कब से प्यासी थी.
शीला ने अपनी टाँगें राजेश के कन्धों पर टिका रखी थीं.
राजेश ने उसकी टांगों को नीचे से पकड़ा और ज्यादा चौड़ाया और एक बार पूरी ताकत से लंड को गहराई तक पेला.
शीला अब बेकाबू हो रही थी. उसका लावा फूट रहा था.
राजेश के धक्कों में तेजी आ गयी थी. अब राजेश को लगा कि वो निकलने वाला है तो उसने लंड बाहर निकालने की कोशिश की. पर शीला ने उसे चिपटा लिया. राजेश ने अपना सारा माल शीला की चूत में निकाल दिया.
दोनों थक कर वहीं पड़ गए.
शीला तृप्त हो गयी थी.
वो उठी और बाथरूम में चली गयी और वहां से एक टॉवल लाकर राजेश को दे दिया. राजेश टॉवल से अपने लंड को पौंछते हुए बाथरूम में चला गया और दोनों ने अपनी अपनी सफाई की और बाहर आकर कपड़े पहने.
राजेश ने शीला को एक बार फिर चूमा और बोला- आज मुझे पहली बार सेक्स का मजा आया है. शीला तुम बहुत गर्म हो.
औरत को ये सुनना हमेशा अच्छा लगता है. शीला भी बोली- इतने कड़क औजार से चुदाई करवा कर मेरा तो जीवन सफल हो गया.
राजेश ने उससे कहा- लंड की भूख तो मिट गयी. पर पेट की बाकी है.
शीला बोली- बस रुकिए, मैं अभी कुछ गर्मागर्म बनाती हूँ.
राजेश ने फिर ध्यान से शीला की ओर देखा. आज उसको देख के कोई नहीं कह सकता कि वो साधारण सी काम करने वाली बाई है. शीला के चमकते नेल्स और उसके खुले घुंगराले बाल और चमकती त्वचा उसे किसी दक्षिण भारत की हेरोइन होने का एहसास कराते थे.
उसने उस दिन के विडियो और मैगजीन में छपी फोटुओं से दो दिन में ही बहुत सीख लिया था.
शीला ने सुबह ही छोले भटूरों की तैयारी कर ली थी.
पेट भर खाने के बाद राजेश सोने चला गया और शीला भी बिस्तर पर लेट कर अपनी चूत के भाग्य को सहारने लगी. उसे अपने नसीब पर यकीन नहीं हो रहा था. पर मम्मों और चूत से उठता मीठा दर्द उसे ये एहसास करा रहा था कि ये कोई सपना नहीं बल्कि ट्रेलर है अगले 15 दिनों की पिक्चर का.
शाम को उठ कर उसने चाय बना कर राजेश को दी.
राजेश ने उसे खींच कर गोद में बिठा लिया और फिर चूमाचाटी शुरू हो गयी.
शीला बोली- साब, अब रहने दो. बताओ रात को क्या खाओगे, बना देती हूँ. बाकी चुदाई रात को कर लेना.
राजेश बोला- आज तो रात भर चुदाई होगी तुम्हारी.
शीला बोली- देखते हैं.
राजेश बाहर लान में बैठ गया.
रात को आठ बजे तक खाने से निबटकर राजेश ने शीला से कहा- अब क्या प्रोग्राम है?
शीला बोली- मैं तो आपकी हूँ, जब चाहें, जैसा चाहें. वैसे आज आराम कर लीजिये, कल जितना मर्जी मजा ले लीजियेगा.
असल में राजेश की उंगली ने उसकी चूत को घायल कर दिया था और राजेश के दांत भी उसके मम्मों में कई जगह गड़ गए थे.
राजेश बोला- ठीक है, पर सोने से पहले एक बार मेरा चूस देना.
शीला ने पहले कभी चूसा नहीं था पर विडियो में देखा था. उसे घिन तो आई पर उसने सोचा मना करुँगी तो साहब को बुरा लगेगा.
तो वो बोली- ठीक है, पर आप नहा लीजिये.
राजेश नहाने गया और अंदर से ही शीला को आवाज दी- मेरा टॉवल बाहर रह गया है, वो दे दो.
शीला ने उसे टॉवल पकड़ाया तो राजेश ने उसे अंदर खींच लिया और शावर के नीचे खड़ी कर लिया. शीला के सारे कपड़े भीग गए तो उसने भी सब उतार दिए.
अब दोनों शावर के नीचे नंगे चिपटे थे. ऊपर से पानी की बूँदें आग लगा रही थीं.
राजेश ने शीला को नीचे बिठाया और अपना लंड उसके मुँह में दे दिया. शीला भी उसे लोलीपोप की तरह चूसने लगी. राजेश की आहें निकलने लगी.
उसे लगा कि शीला तो उसका मुँह से ही निकाल देगी.
उसने शीला को खड़ा किया और उसकी एक टांग उठा कर नीचे लगी टोंटी पर रख दी और उसे अपने से सहारा दिया. अब शीला एक टांग पर खड़ी थी. राजेश ने अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया और दोनों एक दूसरे का साथ देते हुए धक्कामुक्की करने लगे.
शीला पूरा साथ दे रही थी.
अब राजेश ने उसे नीचे झुककर घोड़ी बना दिया और पीछे से अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया.
राजेश ने उसके दोनों मम्मों को मसलना शुरू कर दिया था. शावर के नीचे झरने जैसी फुहारों के नीचे शीला राजेश की मस्त चुदाई हो रही थी. राजेश का फव्वारा छुट गया. दुबारा शीला की चूत भर गयी.
खैर नहाकर सफाई करके दोनों बाहर आ गए.
राजेश ने शीला से अपने पास ही सोने को कहा तो शीला बोली- नहीं, आप भी नहीं सो पाओगे. मैं बाहर ही सोती हूँ.
अब तो अगले 15 दिनों तक जब तक शीला की सास का फोन नहीं आया कि कल उसका आदमी आएगा, दिन में दो तीन बार हर जगह, हर मुद्रा में चुदाई हुई.
शीला अब दिन-रात नंगी ही रहती. राजेश ने उसे कपड़े पहनने को मना कर दिया था.
इस होम सेक्स में चुदाई का आलम ये था कि राजेश कि कभी आँख रात को तीन बजे भी खुल गयी और लंड अगर तन्ना रहा होता तो वो शीला को पकड़ लेता.
दो-तीन बार तो उन लोगों ने बाहर लान में घुप्प अँधेरा करके वहां भी चुदाई की.
शीला मेडिकल स्टोर से गर्भ रोधक दवाई ले आई थी. राजेश ने उससे कह दिया था कि लॉकडाउन खुलने के बाद वो उसे कॉपर टी लगवा देगा ताकि चुदाई में कोई रिस्क न हो.
शीला के आदमी के आने के बाद, राजेश ने ये उसके आदमी से यह कह दिया कि जब तक लॉक डाउन है, शीला यहीं रहेगी. पर राजेश उसके आदमी को 200/- रोज दे दिया करेगा खाने और दारु पीने के लिए. मोहल्ले में वो ये कह दे कि शीला अपने बच्चे के पास है, लॉकडाउन के बाद आएगी.
उसका आदमी तो बहुत ही खुश हुआ और राजेश के पैर पकड़ कर शीला से बोला- देख साब को कोई तकलीफ न हो.
सब खुश.
दोस्तो, कैसा रही लॉकडाउन में चरम सुख की प्राप्ति की होम सेक्स स्टोरी?
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