नोकरों से चूत और गांड मरवाई मेडम ने
हाय दोस्तों मैं भी आप की ही जैसी एक औरत हूँ. मैं एक बड़े बिजनेशमेन की वाइफ हूँ. मैं थोड़ी अलग सोच वाली हूँ इसी वजह से घरवालो के लाख समझाने के बाद भी मैंने अपने से ऑलमोस्ट दोगुने उम्र वाले आदमी के साथ शादी मनाई. शादी के कुछ हफ्तों में ही उसका लंड जवाब सा दे गया. मेरी ये पहली लेकिन उसकी दूसरी शादी थी. मेरी उम्र अभी सिर्फ 23 की हे और मैं एक गृहिणी हूँ. घर में पति ने सब सहूलियत और नोकर चाकर की फ़ौज सी रखी हुई हे. एक छोटे से घर से निकल के अब मैं इस महल जैसे घर की रानी बनी हुई हूँ.
मैं दिखने में एकदम स्लिम और सेक्सी हूँ. शादी से पहले भी मैं बहुत लडको के लंड लिए थे. जैसे की हाईस्कूल के टाइम ही मेरी चूत की सिल मेरे से 7 साल बड़े लड़के ने खोली थी. फिर कोलेज में भी मैं लंड लेती थी. मुझे लंड लेने की लत लग गई थी. पर शादी के कुछ दिनों के बाद ही मेरे चुदाई के सब सपने टूटने लगे थे. ऊपर से मेरे बूढ़े पति को ये भी डर था की कही मैं बहार के मर्दों के लंड न ले लूँ. वो रोज मुझे चोदने की कोशिश करता था. लेकिन उसका पानी पचक से छुट जाता था और मैं ठंडी नहीं हो पाती थी. अक्सर उसके सोने के बाद में अपनी चूत में ऊँगली डाल के खुद को शांत करने की कोशिश में लगी रहती थी. लेकिन जो बड़े बड़े लंड से खेल चुकी हो उसके सामने ऊँगली की भला क्या विसात.
चलो अब सीधी बात पर आते हे. मेरा बूढा पति मेरे लिए महंगे ड्रेस, खाने की चीजे, और ऐसे ना जाने कितने अच्छे अच्छे कपडे ले के आता था. और मैं जब घर में वो महंगे वाले कपडे दिन म पहनती थी तो जवान नोकर लोगों के लंड मुझे देख के थिरक उठते थे. और उन दिनों घर में कुछ अजीब सा होने लगा था. अक्सर मैं अपनी धो के सुखाई हुई ब्रा पेंटी को देखती तो उसके अन्दर किसी के वीर्य के निशाँ होते थे. मतलब की कोई मेरे सुखाये हुए अंडरगारमेंट्स में मुठ मारता था और वीर्य की पिचकारी उसके अन्दर ही छोड़ता था. मैंने सोचा की जो मेरी ब्रा और पेंटी का ये हाल करता हे वो मेरी चूत की कैसी ठुकाई करेगा!
अब मैं अपने कपड़ो के ऊपर वाच रखने लगी थी. एक दिन मैंने देखा की कपडे धोने के लिए नोकर सब कपड़ो के साथ मेरी ब्रा पेंटी भी ले गया. उसने बाकी के कपडे तो वाशिंग के लिए मशीन में डाल दिए बस एक ब्लेक पेंटी को अपने पास रख ली. फिर उसने पेंटी में अपनी नाक घुसाई और सूंघने लगा. मैं समझ गई की मेरे अंडरगारमेंट्स में इसका ही वीर्य होता होगा. उसने पेंटी भी धो डाली बाद में. फिर वो किचन के काम के लिए चला गया. दोपहर में वो काम करने के बाद घर के पीछे के सर्वेंट क्वार्टर में गया और मैं टेरेस के ऊपर छिप गई. कपडे वही पर सुख रहे थे. तभी मैंने देखा की हमारा ड्राईवर ईशान ऊपर आया. उसने मेरी ब्रा और पेंटी जो सुख रही थी उसे उतार के अपनी पेंट की जेब में डाल दी.
और वो पहले वाले नोकर के पास उसके क्वार्टर में गया. मैं भी चुपके से वहां जा पहुंची. वो दोनों बातें कर रहे थे.
ईशान: साले ये देख, मेडम ने आज की पेंटी डाली हे उसके ऊपर फुल बने हुए हे, आग लगा दी मेरे लंड में उसने तो. चल आजा इसके अन्दर लंड हिलाते हे और देखते हे की किसका ज्यादा वीर्य निकलता हे!
साले वो दोनों हरामी मेरी पेंटी के अन्दर वीर्य की चैंपियनशिप का आयोजन कर रहे थे.
वो दोनों मेरे नाम की मुठ मारने लगे.
इशान: आह मेडम की गांड मार दूंगा अगर कभी अकेली मिली तो.
नोकर (पियूष): अह्ह्ह अह्ह्ह्ह साली बड़ी चुदासी हे, मैं उसके मुहं में और चूत में लंड पेलूँगा भाई.
और फिर वो एक के बाद एक मेरी पेंटी को अपने लंड के ऊपर घिस रहे थे. वो लोग पेंटी को लान के चारो तरफ रख के उसमे लंड हिला रहे थे. दोनों के लंड एकदम मोटे और लम्बे थे! मेरा मन तो बहुत हुआ की जा के दोनों के लंड पकड़ लूँ और कहूँ की सालो पेंटी को छोडो और अपनी मेडम की चूत और गांड की आग को शांत कर दी भडवो.
मैंने अपने कमरे में जा के एक ट्रांसपेरेंट नाइटी पहन ली. बालों को मैंने खुला कर दिया और वापस वो खिड़की से आ के अंदर देखने लगी. वो दोनों अभी भी अपने लौड़े हिला रहे थे. वो दोनों का वीर्य अभी तक नहीं छूटा था.
ईशान: मेडम अपने मइके में एक सरदार लौंडे से चुदती हे दोस्त.
मैं अब रुक नहीं पाई और अन्दर चली गई. वो दोनों मुझे देख के घबरा गए. मैंने अपने ड्राईवर से कहा, अच्छा तो तुम मेरे मइके की बातों की मुखबिरी करते हो.
दोनों ने मुठ मारनी बंद कर दी और सफाई देने लगे.
मैंने कहा: साले हरामियों मेरी पेंटी को गन्दा करते हो!!!
ईशान बोला, सोरी मेडम आगे से ऐसा नहीं होगा.
मैंने आगे बढ़ के ईशान का बड़ा लंड अपने हाथ में ले लिया और उसे सहलाने लगी. मैंने कहा, सालो चलो तुम दोनों मेरे कमरे में!
वो दोनों कुछ नहीं बोले और अपने अपने लंड को पेंट में डाल के मेरे पीछे पीछे आ गए. मैंने तिरछी नजर से देखा तो वो दोनों मेरी मटकती हुई गांड को देख रहे थे. नाइटी में मेरी गांड बड़ी सेक्सी जो दिखती हे.
कमरे में घुसते ही मैंने नाइती को खोला और ब्रा पेंटी में बिस्तर के ऊपर लम्बी हो गई. फिर मैंने पियूष को कहा, जा बहार का मेन गेट बंद कर दे ताकि कोई आये तो हमें पता चले.
और मैंने ईशान से कहा, और तू इधर आ हरामी और मेरी चूत को चाट जल्दी से.
साली रंडी कुत्ता किसे कहती हे आज तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा.
मेरे हरामी कहने से ईशान को बहुत गुस्सा आया. और मैं खुद चाहती थी की वो इतना गुस्सा करे की गुस्से में ही मेरी चूत को वो जोर जोर से चोदे. उतने में पियूष भी आ गया. वो दोनों ने मिल के एकदम से मेरी ब्रा और पेंटी के टुकड़े टुकड़े कर दिए और मेरी चूत को चाटने लगा ईशान. पियूष मेरी गांड के पास अपनी जबान निकाल के हलके हलके से प्यार करने लगा और मैंने दोनों के लंड को अपने हाथ में ले लिए.
ईशान चूत से मुहं निकाल के बोला, पियूष भाई आज मेडम को रंडी बना देंगे!
मैंने कहा, सालो तुम दोनों के लंड में वो ताकत नहीं हे हरामियो.
मैं उन्हें जानबूझ के और भी गुस्सा दिला रही थी ताकि वो दोनों जम के मुझे चोदे.
मैंने ईशान के लंड को अपने मुहं में ले लिया और उसे मस्त सक करने लगी. वो एकदम से चौंक गया मेरी इस हरकत पर. तभी पियूष उठा और अलमारी से इंग्लिश दारु की बोतल ले आया. उसने मेरे बदन के ऊपर शराब डाली और फिर दोनों मेरे नंगे बदन को अपनी जबान से चाटने लगे.
फिर पियूष ने अपने लंड के ऊपर भी शराब डाली और मेरे हाथ में दे दिया. मैं वन बाय वन दोनों के लंड चूस रही थी. ईशान ने कहा, मेडम पूरा अन्दर ले लो न.
मैंने उसके लंड को गले तक ले लिया और ग्गग्गग्गग ग्गग्ग्ग का साउंड करते हुए सकिंग देने लगी. पियूष के मन में भी ऐसे ही अरमान जागे. मैंने उसके लंड को भी गले तक ले लिया. और फिर दोनों के लंड का पानी छुडवा दिया मैंने. मैंने पानी पूरा पी लिया और फिर बोली, पियूष चलो अब तुम मेरी चाटो.
पियूष ने मेरी चूत चाटी उतने में इशान ने हम तीनो के लिए लार्ज पेग बनाए. एक ही घोंट में उसने अपना खत्म किया. पियूष ने कहा, मैं तो शराब को चूत में डाल के उसे पी जाऊँगा. उसने ऐसा ही किया. वो थोड़ी थोड़ी शराब मेरी नाभि के निचे डाल के फिर चूत के आगे मुहं रख के पी रहा था. मेरी सनक और भी चढ़ गई थी. मैंने भी एक एक घोंट कर के अपना जाम ख़त्म कर दिया.
पियूष चूत चाट के खड़ा हुआ और इशाने मेरी टाँगे फैला के आ गया. उसने फटाक से लंड अंदर किया और मुझे चोदने लगा. पियूष ने एक स्माल बनाया और पी गया. फिर वो मेरे पीछे आ गया. वो मेरी गांड के छेद को हिला के उसमे ऊँगली करने लगा. बड़ा मजा आ रहा था लंड से चुदवा के और गांड में ऊँगली ले के!
ईशान के झटके एक मिनिट के अन्दर ही ऑलमोस्ट डबल स्पीड से आने लगे थे. पियूष ने दो ऊँगली मेरी गांड में डाल दी थी और हिला रहा था. मैं मजे ले ले के अपनी कमर को हिला रही थी.
तभी पियूष बोला. इशान इसे ऊपर ले लो मैं पीछे से इसकी गांड मारता हूँ और तुम चोदो साली को.
ईशान ने ऐसा ही किया. मेरी बड़ी गांड को देख के पियूष मेरी मारने के ख़याल से दूर नहीं हट पा रहा था. ईशान की गोदी में चढ़ के मैंने ही उसके लंड को चूत पर सेट किया. लंड पूरा अन्दर लेने के बाद मैं रुकी और ईशान भी स्थिर था. पियूष ने अपने लंड पर थूंक लगा के मेरी गांड में डाल दिया. मेरे मुहं से आह निकल गई. पियूष का लंड ईशान से लम्बाई में छोटा था लेकिन उसकी मोटाई ईशान के लंड से डेढ़ गुनी थी. इसलिए गांड में घुसा तो थोडा दर्द मुझे हुआ!
लेकिन वो दर्द एक सेकंड के लिए ही था. अब मैं मजे से गांड को उछाल उछाल के चुदवाने लगी. ईशान ने मेरे बूब्स को अपने मुहं में ले लिया और जोर जोर से मेरी चूत को चोदने लगा. पीछे पियूष मेरी गांड के ऊपर स्पंक कर के एनाल प्लीजर दे रहा था मुझे.
मैं जोर जोर से चिल्ला रही थी, साले हरामियों दम हे की नहीं, चोदो जोर जोर से मुझे साले भडवो.
ईशान ने मेरे बाल पकड़ लिए और मेरे होंठो को दांतों से काट लिया. और वो एकदम कस कस के अपने लंड के धक्के देने लगा. मैंने अपनी चूत को टाईट कर लिया और उसके लंड के ऊपर प्रेशर बना दिया.
वो मुझे अब एकदम और गति से चोद रहा था. [पीछे से पियूष ने अब मेरे दोनों बूब्स को हथेली में दबाये और दर्द होने तक उन्हें मसलने लगा. मैं भी उछल उछल के दोनों के लंड डीप तक डलवा रही थी.
अब पियूष बोला, भाई ईशान अब मुझे भी आगे पेलने दे.
ईशान बोला: आजा भाई.
पियूष ने गांड से लंड निकाला. ईशान ने भी चूत खाली की. फिर ईशान बेड के ऊपर बैठ गया और बोला, आजा मेरे लंड को चुसो रानी.
मैंने उसके लंड को अपने मुहं में ले लिया और पियूष मेरे पीछे आ गया.
मेरे इस गुजराती नोकर ने पीछे से कुतिया वाले पोज़ में अपना लंड मेरी चूत में डाला. मोटा लंड ले के मुझे भी मजा आ गया. ईशान के लंड को मुहं में दबाये मैं आगे पीछे होने लगी. पियूष भी धक्के दे रहा था मुझे. आह आह कर के वो पुरे लंड को चूत में ठोक रहा था.
5 मिनिट की चुदाई के बाद पियूष के लंड का पानी छुट पड़ा मेरे भोसड़े के अन्दर. वो लंड को बहार निकाल के साइड में बैठ गया. ईशान अब अपनी मर्दानगी दिखाने के लिए उठा. उसने मुझे दिवार पकडवा के खड़ा कर दिया. और मेरी गांड को खोला. मुझे लगा की वो गांड मारेगा लेकिन उसने लंड चूत में ही दिया. और मेरी कमर को पकड़ के वो एकदम रफ सेक्स करने लगा.
लेकिन उसे कहाँ पता की मैंने कितने लंड लिए हे अपनी लाइफ में. मैं उसके हर झटके का जवाब उतने ही जोर के झटके से दे रही थी.
पांच मिनिट में वो हांफ गया और उसके मुहं से झाग निकल आया. मैं जान गई की वो अब होने को हे. एन मौके पर उसने लंड को चूत से निकाल के गांड में डाला. और कस कस के मारने लगा मेरी.
दो मिनिट में उसके लंड का पानी मेरी गांड में छुट गया. वो थक के पियूष के बगल में बैठ गया. मैंने अपने बाल हाथ में लिए और उन्हें सही करते हुए कहा, चलो अब तुम दोनों भागो यहाँ से साहब के आने का वक्त हो गया हे.
पियूष बोला, मेडम सच में मजा आ गया.
ईशान: सच में आप बहुत सेक्सी हो मेडम.
मैं: हां वो तो मैं जानती हूँ. हां सुनो मेरी पेंटी और ब्रा को गन्दा मत करना आगे से. चांस मिला तो हम दोपहर में मिलेंगे ऐसे ही!
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