दोस्ती करा दो-1
प्रेषक : हैरी गिल
मेरा नाम हैरी है। मैं लुधियाना (पंजाब) का रहने वाला हूँ। मेरी आयु तेईस साल है। मैं पहली अपने साथ बीती को पाठकों के सामने पेश करना चाहता हूँ।
यह तब की बात है जब मैं बारहवीं में था, नवम्बर की। हमारे घर के पड़ोस में एक भाभी रहती थी उनसे मेरी खूब बनती थी। वहीं हमारे पड़ोस में एक खूबसूरत लडकी कोमल भी रहती थी। वह जवानी की दहलीज पर कदम रख चुकी थी। जब भी मैं उसकी संतरे जैसी चूचियों को देखता था तो मेरे मन में एक ही ख्याल आता था कि अभी जाकर उनका सारा रस निकालकर पी जाऊं। स्कर्ट पहने हुए उसकी कमर एवं जांघों को देखकर मुँह में पानी आ जाता था। वह कभी भी अपने होंठों पर लिपस्टिक नहीं लगाती थी, फिर भी उसके होंठ गुलाबी लगते थे। हर वक्त उसके होंठों को चूसने का दिल करता था।
वो भी भाभी के पास खूब आया जाया करती थी। मुझे वो बहुत प्यारी लगती थी। धीरे धीरे कोमल मेरे से भी बहुत बातें करने लगी। हम दोनों की खूब बनने लगी।
एक दिन मैंने भाभी से उसके साथ मित्रता करवाने के लिए कहा। पहले तो भाभी ने थोड़ी आनाकानी की पर बाद में कुछ सोच कर बोली- पूछ लूँगी !
मैं अगले दिन जब भाभी के पास गया तो मैंने भाभी से पूछा- आपने उससे बात की?
तो भाभी ने कहा- मैं क्यों करूँ? मेरा क्या फायदा?
मैंने कहा- आप मेरे भाभी हो ! आप मेरी मदद नहीं करोगी तो कौन करेगा?
मैंने कहा- आपको क्या चाहिए? आप जो मांगोगी मैं आपको दूंगा।
तो वो बोली- पक्का?
मैंने कहा- हाँ ! पक्का !
वो बोली- उसने हाँ कर दी !
मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ।
तब मैंने भाभी से कहा- उसे बुला दो ! मैंने उससे बातें करनी हैं।
भाभी मेरी उत्सुकता समझने लगी थी तो भाभी ने उसे बुला दिया।
उसने गुलाबी सूट पहन रखा था, जिसमें वह बहुत सुंदर लग रही थी।
वो आई, मेरे से खूब बातें की।
तभी भाभी बोली- तुम दोनों बैठो ! मैं दुकान से दूध लेकर आती हूँ।
भाभी को वहाँ जाकर आने में तक़रीबन बीस मिनट लगने थे।
कोमल भाभी के जाते ही मेरे और पास आ गई।
मैंने कहा- मुझे जफ्फी डालनी है !
तो उसने फ़ौरन मुझे अपनी बाहों में ले लिया। मैंने आगे बढ़कर उसके हाथों को चूम लिया, फिर उसके गुलाबी और कोमल होंठों को अपने होंठों से सटाया तो उसकी गर्म साँसे महसूस हुई जोकि काफी तेज चल रही थी।
मुझे भी जोश आने लगा मैं उसके होंठों को चूमने लगा। धीरे धीरे उसको भी जोश आने लगा और वो भी मेरे साथ प्यार करने लगी। उसके होंठों को मैं करीब दस मिनट तक चूसता रहा हूँगा। वह भी अपनी जीभ मेरे मुँह में डालकर चाट रही थी। फिर मेरे हाथ उसके सर पर से सरक कर उसकी चूचियों पर आ गए।
जब मैंने उसकी चूचियों को हाथों से दबाया तो वह सिसिया कर बोली- नहीं हैरी, आज नहीं ! आज मुझे बहुत डर लग रहा है।
मैंने उसकी एक न सुनी और धीरे धीरे उसके कपड़े उतारने लगा। कुछ देर बाद उसके बदन पर केवल पैंटी और छोटी सी ब्रा ही बच गई। फिर मैंने उसके गले पर चूमते हुए उसके पीछे जाकर ब्रा के हुक खोल दिए।
वाह ! क्या नज़ारा था। वह मेरे सामने लगभग नंगी खड़ी थी। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि अब मैं इसके साथ क्या करूँ !
वह केवल सर झुकाए खड़ी थी।
फिर मैं आगे जाकर उसकी चूचियों को धीरे धीरे मसलने लगा जिस कारण उसके छोटे-छोटे से चुचूक कड़े लगने लगे। उसके चुचूकों को मैं अपनी जीभ से चाटने लगा जिससे उसके मुँह से सी…सी….की आवाजें आने लगी। मैं समझ गया कि अब वह गर्म होने लगी है।
फिर अचानक मैंने उसका हाथ अपने 8 इंच खड़े लण्ड पर महसूस किया, वह उसे पैंट के ऊपर से ही सहला रही थी।
मैंने फट से अपनी पैंट और अंडरवियर खोल दिया। वह मेरे लण्ड को आगे पीछे कर रही थी और मैं उसके चूचियों को बारी बारी से चाट रहा थ। फिर मैंने उसे घुटने के बल बैठाया और अपने लण्ड को चाटने को कहा। पहले तो उसने मना कर दिया पर मेरे जोर देने पर कोमल ने अपने कोमल होंठ मेरे लण्ड पर रख दिए। फिर धीरे धीरे उसे अपने मुँह में अन्दर बाहर करने लगी। पहली बार कोई मेरे लण्ड को अपने मुँह से चाट रही थी। मानो एक अजीब सी दुनिया में अपने आपको महसूस कर रहा था।
धीरे धीरे उसकी स्पीड बढ़ रही थी। एक समय ऐसा लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ। मैंने फट से लण्ड को बाहर निकाला और कोमल को बेड पर लेटा कर उसके पैंटी को उतार दिया। उसकी बिना बाल वाली चिकनी चूत को देखकर मैं बेकाबू हो गया। मैंने उसकी बूर पर हाथ फेरते हुए एक ऊँगली बूर में डाल दी जिससे उसकी सिसकारियाँ निकल पड़ी। धीरे धीरे उसकी बूर से पानी रिसना शुरू हो गया। मैं अपना मुँह उसकी बूर पर रखकर चाटने लगा। कभी कभी अपने जीभ उसके बूर में भी डाल देता जिससे वह चीख पड़ती।
तभी एकदम से भाभी आ गई …
इससे आगे की कहानी दूसरे भाग में !
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