जंगल में मंगल और ग्रुप में चुदाई

जंगल में मंगल और ग्रुप में चुदाई

प्यारे दोस्तो, मेरा नाम रश्मी प्रजापति है, मैं पूना में रहती हूँ।।

आज मैं आपको अपने हनीमून की कहानी सुनाने जा रही हूँ।

यह बात पिछले साल की है।

मेरी शादी इसी साल 11 नवम्बर को हुई थी और 20 नवम्बर को मैं और मेरे पति हनीमून मनाने के लिए मनाली चले गए।

उस वक़्त मनाली में बहुत भीड़ थी तो हमने मनाली से भी काफी आगे जाकर होटल लिया।

 

होटल आबादी से करीब डेढ़ दो किलोमीटर दूर था और होटल से इतनी दूर पर ही जंगल शुरू हो जाता था।

खैर हम तो गए ही मौज मस्ती करने थे तो रूम में जाने पर सबसे पहला काम जो हमने किया वो था एक फटाफट सेक्स।

रात का इंतज़ार कौन करे।

सेक्स करके हम थोड़ी देर लेटे रहे और उसके बाद नहा धोकर तैयार हो कर मनाली चले गए।

पहले एक बार में गए, हम दोनों ने थोड़ी थोड़ी ब्रांडी पी, उसके बाद घूम फिर के खाना खाकर पैदल ही टहलते हुये वापिस होटल में आ गए।

रास्ता खाली सुनसान था तो रास्ते में भी हमारी चुहलबाजी चलती रही।

यह पहली बार था कि जब मैंने एक हाइवे पर बीच सड़क बैठ कर पेशाब किया हो।

कुछ नशा था कुछ जवानी।

हेमंत तो अपना लौड़ा निकाल कर हिलाते हुए आए।

जब होटल पास आ गया तो हम ठीकठाक से होकर अपने कमरे में चले गए।

अंदर जाते ही एकदम से कपड़े उतार उतार कर इधर उधर फेंके और बस फिर ‘ऊह आःह’ शुरू।

मै आज फिर से जवान हो गई

एक तो मेरे पति का कसरती बदन और ऊपर यह बड़ा सारा लौड़ा…
बाई गॉड, सच कहती हूँ, ताकत और जवानी का भरपूर संगम हैं वो…
जिस कारण मेरी तो हाय तौबा ही नहीं खत्म होती थी।
एक बार में ही मेरे बदन को तोड़ कर रख देते हैं…
ऊपर से उन्हें वाइल्ड सेक्स पसंद है, सेक्स के दौरान मारना पीटना, काटना खरोचना उन्हे बहुत पसंद है।

पहले पहल तो मुझे कुछ अजीब लगा, पर बाद में मुझे भी इसी में आनन्द आने लगा।

सुहागरात को उन्होने मेरे जीवन का पहला संभोग मुझसे किया, अगले दिन मुख मैथुन और तीसरे दिन गांड मैथुन।

अभी मेरी योनि का दर्द भी ठीक नहीं हुआ था कि उन्होंने गांड को भेद दिया।

तीन दिन तक मेरी टट्टी उतरने में तकलीफ़ होती रही।

मगर उन्होंने मुझसे कोई हमदर्दी नहीं की।

उसके बाद तो रोज़ रात को मेरे तीनों छेद उनके लिंग की चोट सहते।

खैर हनीमून तक तो मैं बिल्कुल नार्मल हो गई थी।

अब तो मुझे भी अगर तीनों जगह न चोदा जाए तो मुझे तसल्ली नहीं होती।

खैर बात करते हैं हनीमून की…

हनीमून क्या बस हर वक़्त चोदा-पट्टी ही चलती थी।

सुबह को उठते ही, दोपहर को, शाम को रात को, अगर रात को कभी नींद खुल गई तो तब भी।

एक और बात जो हम दोनों में कॉमन है, वो है खुलापन।

हम दोनों ने अपने शादी से पहले के सारे किस्से एक दूसरे को बता दिये।

चूमा चाटी तो मैंने भी की थी और 1-2 बार में बॉयफ्रेंड ने मेरे बूब्स भी चूसे थे, पर मैं उससे चुदी नहीं थी।

हाँ, मेरे पति ने तो बहुत सी लड़कियों की मिट्टी पलीत की हुई थी।

ये चाहते हैं कि मैं हर वक़्त रेडी और हॉट दिखूँ।

मेरी साड़ी या सूट में से मेरा क्लीवेज हमेशा दिखना चाहिए।

लोग अगर मुझे देखें तो यह सोचें कि अगर यह ऊपर से इतनी हॉट है तो नंगी होकर कितनी हॉट लगती होगी।

मुझे कई बार अपने पति की इस आदत पर गुस्सा आता पर फिर भी मैं इसे नज़र अंदाज़ कर देती।

एक दिन घूमते घूमते हम जंगल की तरफ गए और पहाड़ पर चढ़ते चढ़ते काफी दूर निकल आए।

जहाँ हम खड़े थे वहाँ से आबादी का कोई नाम निशान नहीं दिख रहा था।

बनारसी रसीली गाण्ड

एक अंदाजे से हम करीब 3-4 किलोमीटर जंगल के अंदर आ गए थे।
वहाँ पर एक पत्थर पे बैठ के हमने नाश्ता किया।

हम थोड़ा थक गए थे, तो ये लेट गए तो मैं भी इनके सीने पे सर रख कर लेट गई।
इन्होंने मेरे बालों में उँगलियाँ फेरते हुये पूछा- सुनो, चुदेगी क्या?

‘क्या? यहाँ?’ मैंने हैरानी से पूछा।

‘क्यों? यहाँ क्या बुराई है, सिर्फ हम दोनों और यह शांत जंगल, कोई आस पास नहीं, ठंडा और रोमांटिक माहौल, सेक्स के लिए पर्फेक्ट है।’ इन्होंने अपनी बातों का जाल फेंका।
मैं कब ना करने वाली थी- मुझे तो कोई ऐतराज नहीं… पर सोच लो, अगर कोई और आ गया तो?

‘तो क्या, अगर आ गया तो तुम उससे भी चुद लेना और अगर आ गई तो मैं उसे चोद दूँगा, बोलो क्या कहती हो?’ इन्होंने मेरी इच्छा जाननी चाही।

मैं कुछ नहीं बोली तो ये एकदम से उठे, मुझे नीचे करके खुद मेरे ऊपर आ लेटे और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिये।

मैंने भी चुम्बन का जवाब चुम्बन से दिया।

बस चूमते चूमते इन्होंने अपने और मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिये्।

दो मिनट बाद ही हम दोनों एक सुनसान अंजान जगह पर बिल्कुल नंगे खड़े थे। दोस्तों आप ये कहानी न्यू हिंदी सेक्स कहानी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है l

इनका लण्ड पूरा तना हुआ था।
मैंने इनका लण्ड पकड़ के अपनी चूत पर सेट किया तो ये बोले- नहीं… अभी नहीं।

‘क्यों क्या हुआ?’ मैंने पूछा।

‘रुको कुछ और करते हैं पहले…’

ये उठे और बैग से कैमरा निकाल लाये और उसके बाद हम दोनों ने एक दूसरे की बिल्कुल नंगी तस्वीरें खींची।

जब फोटो शूट पूरा हो गया तब इन्होंने मुझे फिर से आ पकड़ा- अब आ मदरचोद, आज तेरी माँ चोदूँगा साली…

ये सेक्स के दौरान हमेशा मुझसे ऐसे ही बोलते थे और मैं भी बुरा नहीं मानती थी।

मुझे बाहों में भरा, मेरे होंठों को अपने होंठों में पकड़ा और इन्होंने मुझे ऊपर को खींचा तो मैंने भी अपनी दोनों टाँगें उठा कर इनकी कमर के गिर्द लिपटा ली।

अब ये खड़े थे और मैं इनके ऊपरी बदन से बेल की तरह चिपटी हुई थी।

इन्होंने अपना लण्ड सेट किया और घप्प से मेरी फ़ुदी में घुसा दिया।

कुछ देर इन्होंने मुझे ऐसे ही चोदा, जब थोड़ा थक गए तो मुझे नीचे उतार दिया और घोड़ी बना कर पीछे से डाला, पीछे से अंदर बाहर कर रहे थे और साथ की साथ मेरे स्तनों को ऐसे निचोड़ रहे थे जैसे उनमें से रस निकालना हो।

मगर अब मैं इस दर्द की आदी हो चुकी थी सो मैं भी मज़े कर रही थी।

कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद ये नीचे लेट गए और मैं ऊपर आ गई।

भाभी को भैया ने मेरे सामने ही चोदा

मैंने ऊपर आकर इनका लण्ड अपने हाथ में पकड़ा और अपनी चूत पे सेट किया और अभी आधा ही अंदर लिया था कि हमारी बगल से दो पहाड़ी लड़के जिनकी उम्र करीब 20-21 साल होगी, हमारे सामने आ गए।

मैं रुक गई।

अब हमारे कपड़े भी दूर पड़े थे सो भाग के कपड़े भी नहीं उठा सकती थी।

मैंने अपने पति को इशारा किया।

वो उठ बैठे और उन लड़कों से मुखातिब होकर बोले- हूँ, क्या है, चलो यहाँ से।

मगर वो लड़के वहीं खड़े हमें देख देख के मुसकुराते रहे।

मैंने खुद को अपने पति के पीछे छुपाने की कोशिश की।

मगर उन दोनों का सारा ध्यान तो मुझे देखने में ही था।

मेरे पति ने एक बार मेरी तरफ देखा और फिर उन दोनों से बोले- क्या चाहते हो?

वो दोनों बोले तो कुछ नहीं पर एक लड़के ने मेरी तरफ उंगली से इशारा किया।

मेरे पति ने उन्हे अपने पास बुलाया।

जब दोनों करीब आ गए तो मैंने देखा कि उन दोनों की नून्नी उनकी पेंट में अकड़ी हुई थी।

मेरे पति ने उनसे पूछा- क्या कभी किसी को चुदते हुये नहीं देखा?

उन दोनों ने ना में सर हिलाया।

‘क्या कभी किसी को चोदा है पहले?’ फिर मेरे पति ने सवाल किया।

दोनों ने फिर से न में सर हिलाया।

कुछ देर इन्होंने मुझे ऐसे ही चोदा, जब थोड़ा थक गए तो मुझे नीचे उतार दिया और घोड़ी बना कर पीछे से डाला, पीछे से अंदर बाहर कर रहे थे और साथ की साथ मेरे स्तनों को ऐसे निचोड़ रहे थे जैसे उनमें से रस निकालना हो।

मगर अब मैं इस दर्द की आदी हो चुकी थी सो मैं भी मज़े कर रही थी।

कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद ये नीचे लेट गए और मैं ऊपर आ गई।

मैंने ऊपर आकर इनका लण्ड अपने हाथ में पकड़ा और अपनी चूत पे सेट किया और अभी आधा ही अंदर लिया था कि हमारी बगल से दो पहाड़ी लड़के जिनकी उम्र करीब 20-21 साल होगी, हमारे सामने आ गए।

मैं रुक गई।

अब हमारे कपड़े भी दूर पड़े थे सो भाग के कपड़े भी नहीं उठा सकती थी।

मैंने अपने पति को इशारा किया।

वो उठ बैठे और उन लड़कों से मुखातिब होकर बोले- हूँ, क्या है, चलो यहाँ से।

मगर वो लड़के वहीं खड़े हमें देख देख के मुसकुराते रहे।

मैंने खुद को अपने पति के पीछे छुपाने की कोशिश की।

मगर उन दोनों का सारा ध्यान तो मुझे देखने में ही था।

तुम्हारा एहसान कभी नहीं भूलूंगी

मेरे पति ने एक बार मेरी तरफ देखा और फिर उन दोनों से बोले- क्या चाहते हो?

वो दोनों बोले तो कुछ नहीं पर एक लड़के ने मेरी तरफ उंगली से इशारा किया।

मेरे पति ने उन्हे अपने पास बुलाया।

जब दोनों करीब आ गए तो मैंने देखा कि उन दोनों की नून्नी उनकी पेंट में अकड़ी हुई थी।

मेरे पति ने उनसे पूछा- क्या कभी किसी को चुदते हुये नहीं देखा?

उन दोनों ने ना में सर हिलाया।

‘क्या कभी किसी को चोदा है पहले?’ फिर मेरे पति ने सवाल किया।

दोनों ने फिर से न में सर हिलाया।

मेरे पति ने मुझसे कहा- ऋष, सामने आओ?

मैंने थोड़ा गुस्से में कहा- क्या कर रहे हैं आप, मुझे दो गैरों के सामने नंगी खड़ी कर रहे हो?

‘अरे आओ तो, तुम्हें एक मज़ेदार चीज़ दिखाता हूँ’ उन्होंने कहा।

मैं थोड़ा सकुचाते हुये, थोड़ा सा अपने पति के पीछे से बाहर को आई, तो मेरे पति ने मुझे खींच कर बिल्कुल सामने कर दिया और उन दो लड़कों से बोले- बोलो, क्या कभी इतनी शानदार औरत बिल्कुल नंगी देखी है?

दोनों ने मुस्कुराते हुये फिर न में सर हिलाया।

‘इधर आओ, हमारे पास…’ जब मेरे पति ने बुलाया तो दोनों लड़के हमारे पास आ गए। दोस्तों आप ये कहानी न्यू हिंदी सेक्स कहानी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है l

‘अब तुमने तो हम दोनों को नंगा देख लिया है, अब अपनी पैंट उतारो और हमें भी दिखाओ तुम्हारे पास क्या है।’

जब मेरे पति ने कहा तो वो दोनों लड़के शर्मा गए।

मेरे पति उठे और उनके पास जाकर उन्होंने उन दोनों लड़कों की पैंट उतार दी।

दोनों के लण्ड चाहे मेरे पति के लण्ड से काफी छोटे थे पर पूरी तरह से अकड़े पड़े थे।

मेरे पति ने मुझे भी पास बुलाया और कहा- तुम इन दोनों के लण्ड पकड़ो, और तुम दोनों इस खूबसूरत औरत की चूची दबाओ और पियो।

दोनों लड़को ने तो झट से मेरे दोनों स्तन अपने अपने मुख में लेकर चूसने शुरू कर दिये तो मैंने भी दोनों के लण्ड अपने हाथ में लेकर सहलाने शुरू कर दिये।

मेरे पति उन दोनों लड़कों के बाकी कपड़े भी उतारने लगे और उन दोनों को भी बिल्कुल नंगा कर दिया।

जब हम चारों नंगे हो गए तो हम वापिस उस पत्थर की तरफ चल पड़े जहाँ पहले मेरी चुदाई हो रही थी।

मुझे वहाँ पे लेटा कर मेरे पति ने उन दोनों से पूछा- बोलो, पहले कौन चुदाई करना चाहेगा?

उनमें से एक ने कहा- मैं बड़ा हूँ, पहले मैं…

तो मैंने अपनी टाँगें चौड़ी कर दी और उस लड़के को हाथ पकड़ के अपने ऊपर खींच लिया।

जब वो लड़का मेरे ऊपर लेट गया तो मैंने उसका लण्ड पकड़ के अपनी चूत पे सेट किया।

जब उसने डाला तो बड़े आराम से डल गया क्योंकि मेरी चूत तो पहले ही मेरे पति ने काफी खुल्ली कर दी थी।

वो जब छोड़ने लगा तो मैंने दूसरे लड़के को पास बुलाया और उसका लण्ड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी।

दीदी की चूत में पिचकारी छोड़ दी

मेरे पति ने बैग से कैमरा निकाला और इस सारे क्रिया कलाप की वीडियो बनाने लगे।

शायद दोनों का पहला सेक्स होने के कारण दोनों कुछ ज़्यादा ही उत्तेजित हो गए थे।
एक मेरी चूत चोद रहा था तो दूसरा मुख।

कोई 2-3 मिनट में ही दोनों ने अपने गरम वीर्य से मेरा मुख और चूत दोनों भर दिये।

यह देख मेरे पति हंसने लगे- अरे बस क्या, अभी यह हाल है तो शादी के बाद क्या करोगे, औरत को तो जितनी देर ज़्यादा चोदोगे, वो उनती खुश रहती है।

इसके बाद मेरे पति ने कैमरा साइड पे एक पत्थर पे सेट किया और खुद भी आ गए।

उसके बाद वो दोनों लड़के हमारे आस पास बैठ गए और मेरे पति ने मुझे अपने नीचे खींच लिया- आ जा मेरी जान, आ तेरी माँ की भोंसड़ी खोलूँ…

मगर तभी एक लड़का बोल पड़ा- नहीं ऐसे नहीं, जब हम आए थे जैसे तब कर रहे थे, वैसे करो।
‘मतलब तुम्हारी दीदी ऊपर हो?’ मेरे पति ने पूछा तो उस लड़के ने हाँ में सर हिलाया।

तो मेरे पति नीचे लेट गए और मैं उनके ऊपर आ गई।

मैंने फिर से उनका लण्ड अपनी चूत पे सेट किया और नीचे को बैठ गई और धीरे धीरे उनका सारा लण्ड मेरी चूत में समा गया।
वो दोनों लड़के बहुत बारीकी से हर चीज़ देख रहे थे।

जैसे जैसे मैं धीरे धीरे ऊपर नीचे हो रही थी, वो दोनों मेरी और मेरे पति की हर एक हरकत को देख रहे थे।

जब मैंने स्पीड पकड़ी तो उन दोनों के लण्ड फिर से तन गए।

वो दोनों मेरे जिस्म पर हाथ फेर रहे थे और फिर से मुझे चोदना चाहते थे।

मगर मैं इस लम्हे को अपनी पति के साथ भोगना चाहती थी तो मैंने बोला- पहले इनसे कर लूँ फिर तुम दोनों को भी दूँगी।

दोनों खुश हो गए।

करीब 7-8 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मैं और मेरे पति दोनों झड़ गए।

जब मैं अपने पति के ऊपर से उतरी तो एक लड़का झट से नीचे लेट गया।

मैंने भी बिना कोई विरोध किए, उसके ऊपर लेट गई और उसका छोटा सा लण्ड अपनी चूत में ले लिया।

जब दूसरा लड़का खड़ा देखा रहा था तो मेरे पति ने कहा- देखता क्या है, तू भी डाल दे।

‘कहाँ डालूँ?’ उसने हैरान होकर पूछा।

‘अबे थूक लगा और गाँड में डाल दे।’ जब मेरे पति ने कहा तो उसने थूक लगा कर मेरी गांड के छेद पे अपना लण्ड रखा और थोड़ी सी मेहनत के बाद उसका लण्ड भी मेरे जिस्म के पार हो गया।

अब हम तीनों ज़ोर लगा रहे थे।

रिया भाभी की चुदाई

मैं एक ही बार में एक साथ दो दो लंडों का आनन्द ले रही थी और मेरे पति मेरी चुदाई की वीडियो बना रहे थे।

‘क्यों साली रंडी, दो दो लण्ड ले कर मज़ा ले रही है?’ वो बोले।

तो मैंने भी कहा- पूछो मत… ऐसे लग रहा है जैसे मैं स्वर्ग में हूँ, बस एक मुँह का छेद खाली है, इसे भी भर दो।

तो मेरे पति ने अपनी लण्ड मेरे मुख में डाल दिया, जिसे मैं बड़े प्यार से चूसने लगी।

अबकी बार दोनों लौंडों ने लंबी पारी खेली और इस बार तो करीब 10-11 मिनट की चुदाई सभा चली और सब एक एक करके झड़े।

पहले मैं, फिर वो जो मेरी गाँड मार रहा था, फिर जो मेरे नीचे था और सब से अंत में मेरे पति।

मेरे जिस्म के तीनों छेद पुरुष वीर्य से लबालब भरे पड़े थे।

हल्की सर्दी के मौसम में भी हम सब को पसीना आ गया था।

कितनी देर हम वहाँ पर वैसे ही लेटे रहे। दोस्तों आप ये कहानी न्यू हिंदी सेक्स कहानी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है l

थोड़ा संयत होने हम सबने अपने अपने कपड़े पहने और अपनी अपनी मंज़िल की ओर चल पड़े।

आज भी जब हम दोनों पति पत्नी उस खुद की ब्लू फिल्म देखते हैं तो रोमांच से भर जाते हैं।

जंगल में मंगल और ग्रुप में चुदाई

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