मस्त कॉलेज गर्ल की क्लासरूम में चुदाई
हैलो फ्रेंड्स मेरा नाम मिथलेश है.. और मैं अभी 21 साल का हूँ। मैं छत्तीसगढ़ के एक गाँव में रहता हूँ। मेरी बॉडी बहुत फिट है.. दरअसल मैंने ज़िम जाकर अपनी बॉडी इतनी कसी की हुई है कि कोई भी महिला एक बार मुझे देख ले.. तो मुझसे चुदवाने के लिए तरस जाए।
मेरा कद 5.9 है और मेरा लण्ड भी अच्छा-ख़ासा लम्बा और मोटा है।
बात उन दिनों की है.. जब मैं पढ़ता था.. मेरी क्लास में कई लड़कियाँ मुझ पर फिदा रहती थीं.. लेकिन मैं सिर्फ़ एक ही लड़की के लिए सब कुछ करने को तैयार था.. उसका नाम आयुषी था।
आयुषी मेरे साथ ही पढ़ती थी.. वो एक मस्त माल थी.. सबसे अलग। उसके पीछे कई लड़के पड़े हुए थे.. जिसमें मेरा भी नाम शामिल था।
सच में दोस्तो.. वो क्या दिखती थी.. उसके मम्मों को देखकर हर लड़का पागल हो जाता था। उसके गुलाबी होंठ.. उसके मटकते हुए चूतड़ों की छटा.. हाय.. वो किसी को भी पागल करने के लिए काफ़ी थी।
हमेशा मैं क्लास में उसी की तरफ देख रहा होता था.. जब भी वो मुझे देखती थी.. मैं हल्का सा मुस्कुरा देता और वो शरमा जाया करती!
कई दिनों तक ऐसा ही चलता रहा।
एक दिन मुझे मौका मिला.. वो क्लास में अकेली बैठी हुई थी और उससे कुछ दूर में मैं बैठा हुआ था। मैं उसके जिस्म को घूर रहा था। मम्मी कसम.. क्या चूचे थे उसके.. और उस पर 24-26-32 की हसीन-तरीन जवानी.. उसके पतले रसीले होंठों को देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया था।
उसने मेरी तरफ देखा और मैं अपनी नज़रों को उस पर से हटाने की बजाए उसे ही घूरे जा रहा था।
वो मेरे चेहरे के भावों को देखकर समझ गई कि मैं आज कुछ शरारत करने वाला हूँ।
मैं धीरे-धीरे उसकी तरफ जाने लगा।
वो मुझे ऐसा करता देख कर घबरा कर क्लास से बाहर जाने के लिए दरवाजे की तरफ जाने लगी।
तभी मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे अपनी तरफ खींचते हुए दीवार से सटा लिया।
वो अपने आपको मुझसे छुड़ाने लगी।
मैं उसे इतने आसानी से छोड़ने वाला नहीं था। मैंने देर ना करते हुए अपने होंठ उसके होंठों से मिला लिए और उसके होंठों को मैं चूसने लगा।
वो भी कुछ देर तक मुझे रोकने की कोशिश करने के बाद मेरा साथ देने लगी।
मैं उसके गले को और पूरे चेहरे को चूमता रहा और उसके कपड़ों के ऊपर से ही उसके चूचों को दबाने लगा।
अब वो पूरी तरह मेरे काबू में थी.. पर मैं उसे क्लास में नहीं चोद सकता था।
मैंने उसे स्कूल के एक पुराने कमरे में आने को कहा.. जहाँ कुछ कुर्सियां और बैंच पड़ी थीं। वो मेरे साथ राजी हो गई और आ गई।
फिर मैंने उसे एक बैंच के ऊपर लिटाया और खुद उसके ऊपर लेटकर उसके होंठों को चूसने लगा। अपने हाथों से उसके मम्मों को दबाने लगा। मैंने उसके पूरे कपड़े उतार दिए।
अब वो सिर्फ़ पैन्टी और ब्रा में मेरी आँखों के सामने थी, उसने मुझे भी कपड़े उतारने को कहा, मैंने भी अपने कपड़े उतार कर एक कोने में रख दिए।
अब मैं सिर्फ़ अंडरवियर में था और वो ब्रा और पैन्टी में थी।
मैं फिर से उसके होंठों को चूसते हुए उसके गले को चूमता हुआ नीचे आया और ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मों को मुँह से चूसना और काटना शुरू कर दिया।
वो गर्म होने लगी थी.. उसने खुद अपनी ब्रा उतार फेंकी। मैं और जोरों से उसके निप्पलों को चूसने लगा.. वो पूरी तरह से गर्म हो गई।
वो उत्तेजित हो कर कहने लगी- आह्ह.. आज खा जा मेरे मम्मों को.. वो लगातार सिसकारियाँ भरते हुए कह रही थी- आआहह.. उह.. आहह..स्स.. अब डाल भी दे कमीन.. मेरी चूत में साले मादरचोद.. जल्दी डाल.. माँ के लवड़े.. क्यूँ तड़पा रहा हैं।
उसकी गालियों भरी भाषा सुन कर मैं हैरान रह गया था, मुझे वो ऐसी नहीं लगती थी।
मैं उसकी पैन्टी उतार कर उसकी फुद्दी चाटने लगा।
अब तो वो पागलों की तरह चिल्लाने लगी- आआअहह उहह.. मादरचोद.. डालता क्यों नहीं.. लवड़े के बाल..
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मैंने अब अपना तना हुआ लम्बा और मोटा लण्ड बाहर निकाल कर हिलाया और उसकी चूत में रगड़ने लगा।
वो और तड़फ उठी और खुद अपनी गाण्ड हिलाने लगी। मैंने भी उसकी तड़फ को समझा और उसकी चूत में अपना लंड सैट करके धक्का लगाने लगा। मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुसता चला गया। फिर एक ज़ोर का धक्का मारा.. तो पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में चला गया।
अब मैं अपना लंड आगे-पीछे करने लगा.. वो सिसकारी भरने लगी ‘आआआहह.. उहह.. फाड़ दे.. अपनी आयुषी की चूत.. साले चोद डाल..’
वो खुद भी अपनी गाण्ड मेरी तरफ धकेलने लगी।
उसकी चूत पेलाई के बाद जब मैं झड़ने वाला था.. मैंने उससे पूछा- माल कहाँ लेना है?
वो बाहर झड़ने को कहने लगी।
मेरे लंड निकालते ही वो झड़ गई और मैंने भी मेरा सारा पानी उसकी चूत के ऊपर.. पेट के ऊपर गिराता हुआ झड़ गया।
अब मेरी नज़र कमरे की खिड़की की तरफ पड़ी.. मैं खिड़की की ओर देखते ही डर गया.. वहाँ हमारी गणित की टीचर शैली खड़ी थीं।
मैं उन्हें देखकर डर गया और जल्दी-जल्दी अपने कपड़े पहनने लगा।
आयुषी भी झट से उठ गई और अपने कपड़े पहनने लगी।
हम दोनों अपने-अपने कपड़े पहन कर वहाँ से निकले और स्कूल के बाथरूम में चले गए। हम दोनों वहाँ से फ्रेश होकर क्लास में आ गए।
क्लास में सभी स्टूडेंट्स आ चुके थे.. लेकिन कोई टीचर नहीं था। हम अपने-अपने स्थान पर बैठ गए।
अब मुझे डर लगने लगा था क्योंकि अब गणित का पीरियड ही था।
मैम क्लास में आईं.. और हम दोनों को घूर कर देखने लगीं।
वो मेरी तरफ देखते हुए हँस पड़ीं.. पर मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था।
वो वापस बिना कुछ पढ़ाए जाने लगीं और मुझे ऑफिस में आने को बोला।
मैं अब और भी डर गया कि क्या होगा?
कहीं इन्होंने सभी टीचर्स को तो नहीं बता दिया।
खैर.. मैंने हिम्मत की और ऑफिस में चला गया। मेम ने मुझे अपने पास बुलाया और एक कागज दिया। वो कोई कागज नहीं था। मैंने देखा तो वो एक मूवी का टिकट था।
उन्होंने कहा- अगर तुम मेरे साथ मूवी देखने नहीं चलोगे.. तो मैं सब को बता दूँगी कि तुम क्या कर रहे थे।
मैंने उनसे रिक्वेस्ट की- प्लीज़ मेम वो वाली बात आप किसी को ना बताएं आप जो भी कहेंगी मैं करने को तैयार हूँ।
इस तरह मैंने मूवी के लिए हामी भर दी।
अब मूवी में क्या हुआ.. मैं आपको अगली बार बताऊंगा।
आपको मेरी यह कॉलेज सेक्स की कहानी कैसी लगी, प्लीज़ अपने ईमेल भेजिएगा।
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