मस्त प्रीतो डान्सर की चुदाई
मैं गिर राज… उत्तरप्रदेश से हूँ।
यह बार बाला डान्सर प्रीतो के हम दो दीवानों पप्पू (मेरा मित्र) और मेरी कहानी है। यह कहानी मेरी सच्ची कहानी है।
मैं अपने एक मित्र पप्पू के पास काम के सिलसले में मुम्बई गया और वहाँ पर मैंने उसके साथ पार्टनर-शिप में एक व्यापार चालू किया।
हमारा व्यापार बहुत अच्छी तरह से चलने लगा, तो हम दोनों रोज शाम होते ही मुम्बई के बहुत से बारों में जाने लगे।
उनमें से एक बार जिसका नाम मैडोना था.. उसमें पप्पू की एक बहुत अच्छी दोस्त भी डान्सर का काम करती थी।
पप्पू की वो दोस्त जिसका नाम प्रीतो था… पप्पू उसे मेरे सामने अपने घर बुलाकर उसके साथ कई बार हमबिस्तर हुआ।
मेरे द्वारा कई बार देखने के बाद वो मुझे भी पसंद करने लगी थी। मैं भी मन ही मन उसे पसन्द करने लगा था। जिसके कारण मैं मैडोना बार में उसके ऊपर काफी पैसे लुटाने लगा था।
धीरे-धीरे प्रीतो मेरे करीब आने लगी थी और हम दोनों पप्पू से नजर बचा कर कई बार उसके फ्लैट में मिलने लगे थे।
इसी के साथ हम दोनों बाहर शॉपिंग मॉल और पिक्चर हॉल में भी जाने लगे थे।
अब प्रीतो पप्पू से बहुत दूर रहने लगी थी.. वो पप्पू के फोन भी नहीं उठाती थी।
यह कहानी आप अन्तर्वासना पर पढ़ रहे हैं।
उन दिनों सर्दियों का मौसम था.. एक बार उसने मुझे अपने घर पर शाम को बुलाया। उस समय उसके घर पर कोई नहीं था। जैसे ही मैंने दरवाजे की घन्टी बजाई.. उसने बहुत जल्दी से दरवाजा खोला.. जैसे वो मेरा ही इन्तजार कर रही हो।
मैं उसे देख कर मदहोश हो गया.. वो ब्लैक कलर की पारदर्शी नाईटी पहने हुई थी.. जिसमें से उसकी ज़रा-ज़रा से ब्रा और पैन्टी साफ़ दिख रहे थे। उसने रेड कलर की ब्रा और पैन्टी पहनी हुई थी।
मुझे देखते ही गले उसने मुझे अपने सीने से लगा लिया। उसके मम्मों के स्पर्श से ही मेरा रोम-रोम खड़ा हो गया। उसे नीचे कुछ अजीब सा अहसास हुआ और वो पीछे हट गई और मुझे अन्दर आने को कहा।
मैं उसके पीछे अन्दर गया.. तो वहाँ देखा कि केंडिल जल रही थी.. वहाँ पर एक शराब की बोतल रखी हुई थी।
उसने बड़ी ही कातिलाना अदा से एक गिलास में शराब डाल दी और बोली- लो मेरे राजा..
मैंने कहा- आपने एक ही पैग क्यों बनाया है?
तो वो शरमाते हुई बोली- मुझे तो ‘आपका’ जाम पीना है।
मेरा घोड़ा खड़ा हो उठा था और बाहर आने को बेताब हो रहा था, मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया और उसके होंठों पर होंठ रख दिए। उसने भी मेरा साथ देना शुरू कर दिया। मैंने काफी देर तक उसके होंठों को चूसा।
अब वो पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी उसने मेरी शर्ट के बटन खोल दिए और मेरे लौड़े को भी आजाद कर दिया। मेरा लौड़ा एक मोटे साँप की तरह फनफनाने लगा। उसने मेरे लौड़े को अपने मुँह में पूरा भर लिया और तेजी से चूसने और खेलने लगी।
मैं उसके मोटे मम्मों को दबाने लगा.. जो 38 इंच नाप के थे। मुझे बहुत मजा आ रहा था। एकदम से मेरा लौड़ा जो कि 7 इंच का था.. उसने प्रीतो के मुँह को अपने गरमागरम पानी से भर दिया। प्रीतो ने पूरा पानी अपने गले के अन्दर ले लिया और लौड़े बुरी तरह से चाटने लगी जिससे मेरा लण्ड दुबारा से खड़ा हो गया।
अब उसने मेरे लंड को अपने दोनों मम्मों के बीच में फंसा लिया और मस्ती से रगड़ने लगी, जिससे मेरा लौड़ा काबू से बाहर होने लगा। मैंने तुरंत उसकी पैन्टी में हाथ डालकर पैन्टी को नीचे कर दिया।
अब वो बिना कपड़ों के मेरे सामने थी, मैं जल्दी से उसकी चूत को सहलाने लगा।
वो बहुत गरम हो गई थी।
बोली- राजा मेरी चूत का पानी निकलने वाला है.. जल्दी से पी लो..
मैं अपनी जीभ से उसकी दोनों गुलाबी फांकों को चाटने लगा।
वो सिसकार कर बोली- हाय राजा.. अब और देर मत करो.. और इस चूत में अपना लंड पेल दो।
मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और उसकी चूत पर अपना लंड रख दिया। जिसकी गर्मी पाकर वो और तड़पने लगी और मचलते हुए बोली- आह्ह.. अब डाल भी दो मेरे राजा..
मैंने जैसे ही पहला धक्का मारा.. वो बहुत जोर चिल्लाई- उइ माँ.. मर गईई.. मार डाला.. इस लौड़े ने.. आह्ह..
मैंने तभी दो धक्के और जोर से मारे..
वो मारे दर्द के चिल्लाने लगी। मुझे मजा आ रहा था, मैंने उसे रोते देख कर अपनी गति थोड़ी कम कर दी और उसके होंठों को चूसने लगा।
थोड़ी देर बाद ही उसका दर्द कुछ कम हो गया, अब मैं फिर से धक्के लगाने लगा, उसे भी अब मजा आने लगा था।
अब मैंने अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी थी। उसके मुँह से ‘उह.. आहा..’ की आवाज आने लगी।
प्रीतो बोल रही थी- आह्ह.. मेरे राजा.. और जोर से चोदो.. मेरे राजा.. इतना मजा तो पप्पू मादरचोद से चुदवाने में भी नहीं आया.. आह्ह..
वो ‘उह.. आहा.. मर गई..’ की आवाज निकाल रही थी और पप्पू को मादरचोद और गंडमरा बोल रही थी ‘राहुल मेरे राजा.. आज तो तुमने मुझे जिन्दगी की सबसे हसीन चुदाई दे दी।’
मैं उसे जोर से चोद रहा और वो चूतड़ों को उठा-उठा कर मेरा साथ दे रही थी।
तभी मेरा लंड झड़ने को हुआ.. तो मैं लंड को बाहर निकालने लगा।
वो बोली- इसे चूत में ही रहने दो।
मैंने कुछ देर में ही उसकी चूत में पानी छोड़ दिया।
वो भी हिल गई.. और उसने भी अपना पानी छोड़ दिया।
कुछ देर मैं उसके ऊपर ऐसे ही पड़ा रहा.. कुछ देर बाद वो उठी और बाथरूम में जाकर मूतने लगी। मूतने के बाद वो मेरे ऊपर आकर बैठ गई और मेरे लंड को चूसने लगी।
कुछ ही पलों में मेरा लवड़ा फिर से खड़ा हो गया और उसकी चूत भी मचलने लगी थी। उसने मेरा लंड अपनी चूत में डाल लिया और तेजी से ऊपर-नीचे होने लगी।
वो पप्पू भोसड़ी वाले को गाली देने लगी, कहने लगी- पप्पू के छोटे लन्ड ने कभी मज़ा नहीं दिया।
तेजी से धक्के लगाने के कारण उसके मम्मे मस्त हिल रहे थे। मैंने उसके निप्पलों को पकड़ कर मींजना शुरू कर दिया.. इससे वो बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई और उसने अपना पानी मेरे लंड पर छोड़ दिया।
फिर चूत को हटा कर अपने मुँह से मेरा लंड पीने लगी। कुछ ही देर में उसने अपनी चुदाई की कला से मेरे लौड़े का पानी अपने मुँह में निकलवा लिया और स्वाद लेते हुए पूरा पानी पी लिया।
इस तरह मैंने उस रात 5 बार उसकी चुदाई की और हम दोनों नंगे ही सो गए।
मित्रो, यह मस्त प्रीतो डान्सर की चुदाई की कहानी थी।
अगली कहानी गोवा में चुदाई को बहुत जल्दी आपकी नजर करूँगा। आपके ईमेल का इन्तजार रहेगा।
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