Meri Chut Me Laude Ki Talab Devar Ne Shant ki-मेरी चूत में लौड़े की तलब देवर ने शांत की

Meri Chut Me Laude Ki Talab Devar Ne Shant ki-मेरी चूत में लौड़े की तलब देवर ने शांत की

सभी दोस्तों को नीलम का sexkahani.net में बहुत बहुत स्वागत. मैं होशियारपुर की रहने वाली हूँ. आज मैं आपको जबरदस्त सेक्सी स्टोरी सुना रही हूँ. मेरे पति श्री घनश्याम दास का कुछ साल पहले दिल की बिमारी से मौत हो गयी. अब घर पर मेरी बेटी, मेरा देवर और देवरानी बची. मेरा देवर निर्मल बहुत ही अच्छा आमदी था. मेरे पति की बहुत सेवा करता था.

मेरे पति के मर जाने के बाद मैं पूरी तरह से अपने देवर निर्मल पर ही आश्रित हो गयी थी. मैंने पति की याद में हमेशा रोती रहती थी तो निर्मल आकर मुझे समझाता था.

‘भाभी भैया की याद में मत रो. मैं हूँ ना. जो होना था हो चूका. अब उनको याद करके आशू क्या बहाना’ मेरा देवर निर्मल कहता था. धीरे धीरे मैं किसी तरह अपने को सम्हाला. मैं जब भी बीमार पड़ती थी निर्मल मुझे मोटर साइकिल पर बैठा कर डॉक्टर के पास ले जाता था. मेरी वो बहुत सेवा करता था. उसने मेरी बेटी पिंकी का नाम एक अच्छे इंग्लिश मीडियम स्कुल में भी लिखा दिया. इस तरह वो मेरी हर तरह से सेवा करता था. “Laude Ki Talab”

धीरे धीरे मुझे मेरा देवर बहुत अच्छा लगने लगा. जब मेरे पति जिन्दा थे मुझको हर रात चोदते थे. पर अब तो मेरी चूत मारने वाला कोई न था. मैं अभी सिर्फ ३५ साल की थी. मैं दिन रात लौड़े के लिए तड़पती रहती थी. रात में जब मेरी चूत में जादा खुजली होती थी तो ना जाने क्यूँ अपने देवर निर्मल की तस्वीर मेरे दिल में उभर जाती थी.

एक दिन रात के २ बजे मैं अपने कमरे में लेती थी. गर्मी कुछ जादा ही थी. इसलिए मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए थे. मैं बिलकुल नंगी थी. मेरी चूत में लौड़े की तलब भी हो रही थी. इसलिए मैं खुद अपनी चूत में ऊँगली डाल के फेटने लगी. मेरी जवान १६ साल की बेटी पिंकी बगल के कमरे में सो रही थी. मेरे देवर निर्मल जी अपने कमरे में देवरानी के साथ थे. “Laude Ki Talab”

मैं सोच रही थी की देवरानी की तो बल्ले बल्ले है. जब चाहे देवर का लौड़ा खा ले. मेरा तो पति भी गया और लौड़ा भी गया. डबल डबल नुकसान हुआ. दोस्तों, मैं यही सब बातें सोच रही थी और अपनी चूत में ऊँगली डालके फेट रही थी. बार बार यही सोच रही थी की काश मेरा देवर निर्मल मेरी चूत में लौड़ा डाल के एक बार मुझे कसके चोद देता तो कम से कम १ महीना की फुर्सत हो जाती. मैं यही सब सोचती रही और चूत फेटती रही. फिर मुझे मुतास लगी. मैं कमरे से बाहर निर्वस्त्र निकली और बाथरूम में मुतने लगी. इस समय रात के कोई १ बजे होंगे. जैसे ही मैं बाथरूम से बाहर निकली निर्मल सामने खड़ा था.

निर्वस्त्र, बिना कपड़ों के उसने मुझे देख लिया. मैं झेप गयी. मेरा दोनों हाथ मेरी छातियों पर दौड़ गए. मैं अपनी बड़ी बड़ी छातियों को छुपाने लगी. मेरा देवर निर्मल कोई ऐसा वैसा लड़का नही था जो अपनी चुदासी भाभी को नंगी देख के मेरा हाथ पकड़ लेता और जबरन कमरे में ले जाकर मुझे चोद लेता. वो एक सीधा शरीफ बहुत ही शर्मीला लड़का था. मुझे निर्वस्त्र देख के वो झेप गया और पीछे मुड़ गया. मैं कमरे में भाग गयी. धीरे धीरे मैं निर्मल को दूसरी चुदासी नजरों से देखने लगी. मैं उसका लौड़ा खाना चाहती थी.

सायद अब पति के मरने के बाद निर्मल ने मेरी जो सेवा की थी मैं उसे मन ही मन प्यार करने लगी थी. कुछ दिन बाद निर्मल की बीबी और मेरी देवरानी अपने मायके चली गयी. मेरी बेटी पिंकी स्कुल गयी हुई थी. मैं और मेरा देवर निर्मल घर पर अकेले थे. निर्मल बाथरूम में नहा रहा था. वो तौलिया भूल गया था.

भाभी जरा तौलिया देना!! निर्मल ने आवाज लगाई.

मैं तौलिया देने उसे बाथरूम में गयी, पर वहां पानी पड़ा था. मैं फिसल गयी. ऐसा फिसली की सीधा निर्मल की बाहों में जाकर गिरी. उसने मुझे बाहों में भर लिया और रोक लिया. मुझे गिरने नही दिया. मैं जावन थी, खुबसूरत थी, चुदासी थी. मेरा देवर निर्मल मुझे देखने लगा. वो मुझे एकटक देखने लगा. सायद वो भी मुझे चोदना चाहता था. निर्मल ने अपने दोनो हाथों से थाम रखा था. मेरी पीठ उसके मजबूत हाथों पर ही टिकी हुई थी. निर्मल मुझे घूरकर देखने लगा. “Laude Ki Talab”

मैं भी उसे घूमके देखने लगी. उसले मेरे होंठों पर अपने होठ रख दिए. मैं भी उसके होंठ चूमने लगी. धीरे धीरे हम देवर भाभी चुदासे हो गए. निर्मल भर भरके मेरे होठ पीने लगा. मैं भी उसके होठ पीने लगी. कुछ देर बाद वो मेरे मम्मे दाबने लगा. मैं दबवाने लगी. निर्मल ने एक बाल्टी पानी मेरे उपर डाल दिया. वो तो भीगा था ही. अब मैं भी भीग गयी. भीगने से मेरे बड़े बड़े मम्मे दिखने लगे. निर्मल मेरे दूध दबाने लगा. कुछ देर में ही उसने मेरी साडी निकाल दी. मेरा ब्लौस भी निकाल दिया. मेरा ब्रा खोल दी. “Laude Ki Talab”

अमृत के प्यालों से भरे मेरे दूध को वो पीने लगा. मैं भी निर्मल का लौड़ा खाना चाहती थी. इसलिए मैं भी उसको पिलाने लगी. मेरा देवर मजे से मेरी छातियाँ पीने लगा. फिर उसके मेरा भीगा और गीला पेटीकोट भी खोल दिया. मेरे दोनों पैर खोल के मेरे भोसड़े में निर्मल ने अपना लौड़ा घुसा दिया और मुझे चोदने लगा. मुझे बड़ा मजा आया. निर्मल पटा पट करके मुझे लेने लगा.

मुझे बड़ी मौज आई. लगा जैसे वो कोई कद्दू काट रहा है. मेरी गोरी गोरी टांगों के बीच में मेरी लाल लाल चूत थी. निर्मल का लौड़ा बिलकुल मेरे पति के लौड़े जितना बड़ा था. निर्मल मुझे चोदने लगा. मैं चुदवाने लगी. निर्मल मेरे दूध जोर जोर से दबा दबाकर मुझे चोदने लगा. मैं भी कबसे उसका लौडा खाना ही चाहती थी,

 

मैंने मजे से चुदवा रही थी. देवर के लौड़े की रगड़ बड़ी नशीली थी. मेरी चूत का पतला सा सुराग में निर्मल का लौड़ा पूरा का पूरा ठूस गया था. वो बहुत मस्त मस्त धक्के दे रहा था. करीब आधे घंटे मेरे देवर निर्मल ने मुझे भीगे बाथरूम में ही चोदा. फिर वो झड गया. उसके बाद से मेरी देवर से सेटिंग हो गयी. जब भी उसे मेरी चूत चाहिए होती वो कहता ‘भाभी ! जरा कमरे में आना कुछ जरुरी बात करनी है!’ इसका मतलब ठुकाई ही होता. जैसे ही मैं कमरे में जाती निर्मल मुझे जकड़ लेता था. “Laude Ki Talab”

मुझे जगह जगह चूमने चाटने लगता था. फिर मेरी साडी उठाकर मेरी चूत में ऊँगली करने लगता था. कुछ देर बाद वो पूरी तरह से नंगा कर लेता था और फिर मुझे चोद चोद कर खुश करता था. मेरे पति के मरने के बाद मुझे लौड़े की बहुत तलब थी ही. इसलिए अब मेरा देवर ही मेरी चूत की ठुकाई और खुदाई करता था.

एक दिन मेरी जवान लडकी पिंकी नहा रही थी तो निर्मल की नजर उस पर पड़ गयी. वो मेरे पास आया. ‘भाभी! तुम्हारी चूत तो मैंने खूब मारी है. अब पिंकी की चूत दिला दो’ निर्मल बोला. मैंने पिंकी की निर्मल के कमरे में भेज दिया और कहा की तुम्हारे चाचा की जो जो करना चाहे करवा लेना. आज से समज ले ये ही तुम्हारे पापा है बेटी’ मैंने पिंकी से कहा. “Laude Ki Talab”

जैसे ही पिंकी मेरे देवर के कमरे में गयी निर्मल ने उसे पकड़ लिया और लगे से लगा लिया. मेरी बेटी पिंकी बड़ी खुबसूरत और जवान थी. वो अभी मासूम और भोली थी. पिंकी को पाकर निर्मल ललचा गया. वो पिंकी को चोदना चाहता था. मेरी चूत तो उसने खूब मारी थी. जब निर्मल पिंकी के होठ पीने लगा तो पिंकी बोली ‘चाचा!! ये क्या कर रहे हो’

‘बेटी!! इस तरह जवान लडकियों के होठ पीने से उनके होठ और भी गुलाबी हो जाते है और लडकी की सुन्दरता और भी जादा बढ़ जाती है. आज मैं तेरे साथ जो जो करूँगा, तू चुप चाप करवाती रह. इससे तुम और भी जादा खुबसूरत हो जाओगी’ निर्मल बोला. मेरी जवान लडकी पिंकी बड़ी मासूम थी. जैसा उसे बताया गया तो मान गयी. मेरे देवर ने उसे बेड पर लिटा लिया. उकसा दुपट्टा हटा के एक ओर रख दिए. पिंकी के हाथों की उँगलियों में उँगलियाँ फंसाकर निर्मल मेरी बेटी के नर्म नर्म गुलाबी होठ पीने लगा. “Laude Ki Talab”

धीरे धीरे पिंकी को भी अच्छा लगने लगा. निर्मल के हाथ पिंकी की छातियों पर धीरे धीरे किसी सांप की तरह रेंगने लगा. पिंकी चुदासी होने लगी. निर्मल पिंकी का ओंठों का सेवन करता रहा. कुछ समय बाद पिंकी चुदने को तैयार थी. एक आज्ञाकारी लडकी की तरह वो देवर का हर आदेश मान रही थी. निर्मल से उसका लाल रंग का सूट निकाल दिया. पिंकी ने वही ब्रा पहनी हुई थी जो मैं उसके लिए मार्केट से लायी थी.

निर्मल से ब्रा निकाल दी. पिंकी बड़ी मालदार थी. उसके दूध बड़े सुंदर और रस से भरे हुए थे. जैसे मेरी मस्त मस्त गोल गोल छातियाँ थी ठीक उसी तरह पिंकी की छातियाँ थी. फर्क बस इतना था की मेरी छातियाँ जरा ढीली हो चुकी थी पर पिंकी की छातियाँ कसी और कुंवारी थी. मेरा देवर निर्मल मेरी लडकी के मस्त मस्त चिकने दूध पीने लगा. “Laude Ki Talab”

उसने अपने मुँह में मेरी लडकी की नयी नयी मुलायम छातियाँ भर ली थी. कुछ देर बाद मेरी लडकी चुदासी हो गयी. उसकी चूत में सनसनाहट होने लगी. उसको लग रहा था की उसकी चूत में कोई लावा फूटने वाला है. निर्मल मेरी लडकी की छातियाँ हाथ से मनचाहे तरह से दाब रहा था. जिस तरह उसने मेरी छातियाँ हाथ से जोर जोर से दबाई थी उसी तरह अब वो मेरी लडकी की छातियाँ दबा रहा था और मुँह लगाकर पी रहा था. पिंकी उसकी हर बात मान रही थी. कुछ देर बाद निर्मल ने उसकी केसरिया रंग की सलवार का नारा खोल दिया. पिंकी को कुछ अजीब लगा. “Laude Ki Talab”

‘चाचा!! ये क्या कर रहे हो??’ पिंकी ने पूछा

‘बेटी!! तुम्हारी चूत की सफाई करने जा रहा हूँ. इससे तुम्हारी खूबसूरती और निखर जाएगी. तुम्हारी सुन्दरता और बढ़ जाएगी’ निर्मल ने मेरी लडकी से कहा. उसने पिंकी की नंगा कर दिया. उसके पाँव खोल दिए. पिंकी की चूत पर हलकी झांटे निकल आई थी.

निर्मल ललचाई नजरों से पिंकी की चूत देखने लगा. उसने झुककर हलकी झांटों से भरी चूत अपनी जुबान से पीनी शुरू कर दी. पिंकी तो बिचारी बड़ी सीधी और आज्ञाकारी लडकी थी इसलिए वो तो यही जान रही थी की उसका चाचा उसकी चूत की सफाई कर रहा है. वो क्या जानती थी की वो चुदने वाली है. निर्मल लोमड़ी की ललचाई नजरों से जवान पिंकी की चूत का सेवन करने लगा. उसे चाटने और पीने लगा. वो अपनी जीभ गोल गोल घुमा घुमाकर पिंकी की बुर पी रहा था. वो जीभ के किनारे से बुर पी रहा था.

घास की तरह दिखने वाली हलकी हलकी काली काली झाटो पर भी वो सामान रूप से जीभ फिरा रहा था. कुछ देर बाद पिंकी के बदन में आग सी लग गयी.

‘चाचा! और जोर से चाटो. आज मेरी चूत की सारी गंदगी चाट चाट कर साफ़ कर दो!’ पिंकी बोली. निर्मल और मन से उसकी बुर पीने लगा. कुछ समय बाद उसकी चूत फूलकर कुप्पा हो गयी. निर्मल ने पैंट निकाल के लौड़े मेरी लडकी के लाल लाल भोसड़े पर रख दिया और जोर का धक्का मारा. देवर के बड़े से लौड़े ने पिंकी की सील तोड़ दी. पिंकी को बहुत दर्द हुआ. निर्मल ने फिर से धक्का दिया और लौड़े पिंकी के भोसड़े के अंदर. वो दर्द में छट पटानेलगी. वो रोने लगी. ‘चाचा! ये क्या किया तुमने ??’ पिंकी बोली.

‘पिंकी बेटा! सारी गंदगी तो चूत के अंदर ही होती है. इसलिए तुम्हारे भोसड़े में मैंने लौड़ा दे दिया. इसी तरह से चूत की सफाई की जाती है. तुमको जरुर दर्द हो रहा होगा. पर बेटी थोडा बर्दास्त कर लो. अभी कुछ समय बाद दर्द खत्म हो जाएगा’ निर्मल बोला.

पिंकी भोली थी. इसलिए सह गयी. निर्मल मेरी लडकी को चोदने लगा. पिंकी की पतली कमर, उसका लम्बा छरहरा चेहरा, पतले पतले ओंठ, सुडौल हाथ पैर , खुबसूरत नाभि ये सब चीजे मेरे देवर निर्मल के लिए नयी थी. इसलिए तो बड़े मन से मेरी लडकी पिंकी को चोद रहा था. धीरे धीरे उसके बड़े से लौड़े में पिंकी की चूत का चिकना मक्कन लगने लगा और निर्मल का लौड़ा सट सट करके पिंकी की चूत चोदने लगा.

निर्मल के लिए २० साल की लौंडिया की चूत लेना किसी बोनस से कम नही था.

वो हौंक हौंक के पिंकी को चोदने लगा. पिंकी ‘आ आह हा हा उऊ ऊँ ऊँ हूँ हूँ !!’ करने लगा. निर्मल उसे बड़ी स्पीड में लेने लगा. पतली दुबली काया वाली पिंकी को किसी खिलोने की तरह ले रहा था. “Laude Ki Talab”

मनचाहे तरह से वो उसको इधर उधर मोड़ लेता था और कमर चला चला कर उसको चोद रहा था. कुछ समय बीता तो पिंकी का दर्द खत्म होने लगा. वो कमर उठाने लगी. निर्मल को ये बात बहुत जम गयी. वो पिंकी के पैर के अंगूठे और उँगलियों को चूम चूम कर उसे पेलने खाने लगा. पिंकी चुद रही थी. उसे पूरा आनंद आ रहा था. ‘ऊँ ऊँ हूँ हूँ ऊहूँ ऊहूँ !!’ करके सिसकारियां उसके मुँह से निकल रही थी.

धीरे धीरे चुदते चुदते वो अपनी कमर बिस्तर से ८ १० इंच उपर उठाने लगी. फिर मेरा देवर झड गया. उसने पिंकी के गुलाबी भोसड़े में ही माल छोड़ दिया. १० मिनट भी नही बीता की निर्मल का मजबूत लौड़ा फिर से मेरी लडकी को चोदने को तैयार था. उसने पिंकी को कुतिया बना दिया. पीछे से अपना लम्बा मोटा लौड़ा पिंकी की ताज़ी ताज़ी फटी चूत में डाल दिया और उसको चोदने लगा. पिंकी की गुझिया मेरे देवर का लौड़ा खाने लगी. “Laude Ki Talab”
इसी तरह निर्मल ने मुझे पेला था. एक बार फिर से पिंकी के पतले पतले हाथ पैरों, गोरे गौर चुतड का सौंदर्य निर्मल की आँखों में बस गया.

वो पिंकी के चुतड को चूम चूम के उसको चोदने लगा. पीछे से निर्मल का लौड़ा बड़ी गहरी मार कर रहा था. बड़ी नशीली रगड़ पिंकी की चूत में लग रही थी. निर्मल का लौड़ा छिल रहा था. पर उसको इस तरह जादा मजा मिल रहा था. बड़ी देर तक मेरा देवर मेरी लडकी को चोदता रहा फिर उसकी चूत में ही झड गया. उस दिन के बाद से दोस्तों, मेरा देवर निर्मल मुझे और मेरी जवान लडकी की चूत हर रात लेता है.

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Meri Chut Me Laude Ki Talab Devar Ne Shant ki-मेरी चूत में लौड़े की तलब देवर ने शांत की