मिशन लेडी डॉक्टर की चुदाई
दोस्तो, मैं आपका वर्जिन जनरल आपके सामने कहानी लेकर फिर हाज़िर हूँ।
जैसा कि आपको पता है कि मेरी कंपनी वर्जिन-बॉय को मिलवाती है, उन महिलाओं से, जो कि अपने पति से संतुष्ट नहीं हैं।
अपनी मेल्स चेक करते वक़्त मुझे एक औरत का मेल मिला। उससे बातें शुरू हुईं, वो इस प्रकार हैं-
डॉक्टर- क्या मैं आपकी कंपनी की पालिसी के बारे में जान सकती हूँ? क्योंकि मुझे भी आपकी सर्विस चाहिए।
मैंने पूछा- मैडम, आपको किस प्रकार की सर्विस चाहिए? और अपने बारे में कुछ बताइये।
डॉक्टर- मैं एक डॉक्टर हूँ, जोधपुर से ही हूँ, आपकी कहानी अच्छी लगी। मैं भी अपने पति से संतुष्ट नहीं हूँ। क्या आप मेरी मदद करेंगे?
मैंने पूछा- जोधपुर से कहाँ? मैं आपको पालिसी मेल कर दूंगा। लेकिन मैं सबसे पहले वर्जिन बॉय को ही भेजूँगा। क्या आपको मंजूर हैं?
डॉक्टर – ठीक है।
इस बातों के दौरान मैंने डॉक्टर का नाम बताया ही नहीं। उस डॉक्टर का नाम कोमल था। उसने अपने बारे में सब कुछ बताया था। कहाँ रहती हैं? क्या करती हैं?
समय और जगह उसने बता दी। फिर भी मैं चेक करने गया। उसके क्लिनिक का टाइम 9 से 2 था। तो मैं भी मरीज़ बन कर उसके सामने गया।
जैसे ही मेरा नंबर आया। मैं रूम में अंदर गया तो देखा कि सामने कि कुर्सी पर एक बहुत ही खूबसूरत औरत बैठी है।
उसका रंग गोरा, 5’11”, फिट बॉडी, काली आँखें, गुलाब जैसे होंठ, बाल जो कि लम्बे थे, उनको खोल कर आगे की तरफ अपने कंधे के सहारे किये हुए थे।
मुझे कुछ पल वहीं रुका देखकर बोली- आइये मिस्टर हैंडसम।
मेरी मदहोशी टूटी और मैं उसकी और बढ़ गया।
“गुड मॉर्निंग डॉक्टर !”
उसने जवाब में एक कातिल मुस्कान बिखेर दी, मुझसे पूछा- क्या प्रॉब्लम है, इतने फिट तो हो क्या परेशानी हो सकती है?
मैंने उससे कहा- कल सीने में तेज दर्द हुआ रात को, रात को कैसे भी करके दवाई ली और सुबह आपको दिखाने आ गया।
डॉक्टर- कोई बात नहीं, वहाँ लेट जाओ। शर्ट उतार देना।
मैंने वैसा ही किया, इतने में वो डॉक्टर मेरे पास आई और मेरे सीने पर हाथ रखकर चेक करने लगी।
मेरे सीने पर बाल कम हैं और जो भी हैं वो मैं साफ़ रखता हूँ। उसके नाजुक हाथ मेरे सीने को सहला कर चेक कर रहे थे और मेरे लंड महाराज खड़े हो रहे थे।
फिर अपने आप को कण्ट्रोल किया और मुद्दे पर आ गया।
वो बोली- कल एक्सरसाइज ज्यादा कर ली थी क्या?
मैंने ‘हाँ’ में सर हिला दिया क्योंकि मेरे पास तो बहाना था मिलने का, सो मिल लिया।
उसने दवाई लिखकर दी और कहा- कल दिखा देना, नहीं कल नहीं, शायद बाहर जाना पड़े। तुम परसों वापिस आना और इसका रिजल्ट बताना।
मैंने मुस्कुराकर कहा- शायद कल ही हो जाये मुलाकात।
वो मेरी इस बात को समझ नहीं पाई और मैं वहाँ से चल दिया।
मन ही मन सोच रहा था कि इस जैसे माल को चोदने मैं नहीं आ पाऊँगा और कितना लकी होगा मेरा वो मेंबर जो इसे चोदेगा। अपने आप पर गुस्सा आ रहा था।
ये सब सोच ही रहा था कि राहुल (मेरा वर्जिन मेंबर) जो कि उसकी सेवा के लिए जाने वाला था, उसका कॉल आया।
राहुल- हैलो भैया, आज मैं नहीं जा पाऊँगा। मेरी तबियत रात से ही ख़राब है। मुझे माफ़ करना।
मैंने कहा- कोई बात नहीं। तुम आराम करो। मैं देख लूँगा।
अब मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे। मैंने कोमल को फ़ोन लगाया।
डॉक्टर- हैलो वीर, क्या हुआ? तुम्हारा बॉय आया नहीं अभी तक।
मैंने उसे पूरी बात बताई और उससे उसका जवाब माँगा तो उसने कहा- तुम ही आ जाओ, मुझे तो संतुष्टि से मतलब है।
उसके घर जाकर मैंने बेल बजाई। उसने दरवाजा खोला और मुझे देख कर बोली- आज बहुत काम हैं, कल आकर दिखाना।
मैंने मुस्कुराकर कहा- जिस काम के लिए मुझे बुलाया है, वो मेरे बिना कैसे करोगी?
तो वो एकटक मुझे घूरे जा रही थी। फिर मैंने चुटकी बजाई तो उसकी होश आया।
वो बोली- अंदर आओ।
हम दोनों अंदर चले गए। अंदर आते ही उसने दरवाजा बंद कर दिया और मुझे बैठने को कहा और खुद ही मेरे पास बैठ गई।
डॉक्टर- यार वीर, तुम्हें कल ऐसे नहीं आना चाहिए था, एक बार तो मैं डर गई थी। आज यहाँ तुम्हें देखकर।
मैंने कहा- यार मेरी कंपनी है। मेरे मेम्बर्स मेरी ज़िम्मेदारी हैं। मुझ ध्यान तो रखना पड़ेगा ना।
मैं उसकी आँखों में देखने लगा आज उसने ब्लू कलर का टी-शर्ट और ब्लैक जीन्स और हाई-हील सैंडल पहने हुए थे और उसके जिस्म से निकलने वाली खुशबू पागल कर रही थी। फिर भी अपने आप को काबू में रखा।
वो बोली- तो शुरू करें?
मैंने कहा- नेकी और पूछ-पूछ।
और हम दोनों हँस दिए। वो उठी और मेरे पैरों के आस-पास खुद के पैर डाल कर अपने हाथ मेरी गर्दन के पीछे ले जाकर मेरे होंठों पर किस करने लगी। उसके होंठ मदहोशी से मेरे होंठों को चूम रहे थे, मेरा एक हाथ उसकी कमर पर घूम रहा था।
मेरी जीन्स के अंदर मेरे लंड ने उभार लेना शुरू कर दिया था और उसके टी-शर्ट को धीरे उठाना शुरू कर दिया था। उसके कान के नीचे वाले हिस्से को चूमना शुरू कर दिया था और जीभ को गोलाकार घुमाने लगा था।
वो अपने सर को ऊपर किये हुए मेरे मुँह को उसके कान के पास वाले हिस्से को प्यार करने की इजाजत दे रही थी। थोड़ी देर मेरी बाजू पकड़कर मुझे रुकने को कह कर वो रूम में मुझे भी अपने साथ खींच कर ले गई।
मुझे बेड पर लेटा कर खुद मेरे सामने जीन्स उतारने लगी। उस काली ब्रा और पैन्टी में उसके उरोज़ निखार कर सामने आ रहे थे।
वो क्या मस्त सीन था, बस बयान नहीं कर सकता। फिर मेरी जीन्स और टी-शर्ट को फाड़ने लगी और वो उसमें कामयाब हो गई, बोली- आज मुझे मेरी तमन्ना पूरी करने दो।
इतना कहकर मेरे बनियान को भी मुझसे अलग कर दिया।
मेरे लंड के ऊपर बैठ कर मुझे किस करने लगी। कभी मेरे सीने पर, कभी मेरे बाजुओं पर, कभी कहीं।
‘बस’ इतना कहकर मैंने उसे अपने नीचे कर दिया। मेरा लंड जो कि उठ चुका था। वो उसकी पैन्टी पर रगड़ रहा था। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
वो पागल हुए जा रही थी। फिर इसी हरकत को जारी रखते हुए उसके उरोजों को दोनों हाथों से मसलने लगा और जीभ को उसकी गर्दन पर चूसने के प्रयोग में लगा दी।
वो कराह रही थी, “आआआ आआआआ करतेएएए जाओ, बस रुकना मत, आज मैं तुम्हारीईईईईई हूँउउ, फाड़ डालो मुझे।”
फिर धीरे से मैंने उसकी ब्रा को पीछे से हाथ डाल कर अलग कर दिया। उसके उरोज़ मेरे सामने थे।
उनको मुँह में भरकर काटने लगा तो उसके मुँह से अचानक निकल जाता, “इस्स स् उम्म्म।”
मुझे महसूस हुआ कि उसने अपनी चूत से पानी छोड़ दिया जिसका आभास मुझे उसकी गीली पैन्टी से हुआ। उसकी रगड़ के कारण मेरी अंडरवियर भी गीली हो चुकी थी।
मैंने उसकी और देखा तो वो अपने आप को आँखें बंद करके अहसास दिला रही थी कि उसकी संतुष्टि हो गई।
उसको वापिस मैंने किस करना शुरू किया और उसको पेट के बल करके लेटा दिया और उसकी पीठ पर चुम्बन करने लगा।
उसकी आँखें बंद थीं। लेकिन मेरे हर चुम्बन के साथ उसकी गर्दन का ऐसे हिलना, उसकी वासना का परिणाम था। थोड़ी देर ऐसा करते हुए वो वापिस वासना में जागने लगी।
उसको वापिस सीधा किया और उसकी पैन्टी को उससे अलग किया और उसकी चूत को निहारने लगा।
ऐसे निहारते हुए मुझे देखकर बोली- क्या देख रहे हो?
मैंने कहा- तुम्हारे पति की कमजोरी।
उसकी गुलाबी चूत जो कि बिल्कुल अन्छुई लग रही थी, शेव की हुई, उसकी नंगी जाँघें बिल्कुल दूध की तरह गोरी थी।
उसको देख कर मन कर रहा था कि काश यह मेरी बीवी होती तो इसे कभी भी छोड़ता, बस हर टाइम सेक्स ही करता।
फिर उसकी जाँघों को चूमने लगा और उसकी चूत की तरफ आ गया और उसे चूमने लगा। उसकी फाँकों को अलग करके अपनी जीभ को अंदर डालने लगा।
“मर गईइ, खा जाओ, बहुत तड़पाया है इसने, मसल डालोओ इसे आआआ आअम्म्म।”
शायद पहली बार किसी ने उसकी चूत को चूसा था। वो पहली बार की वजह से झड़ गई। कुछ पलों के बाद वो रिलैक्स हो गई।
उसने मेरी और देखा। मेरे अंडरवियर को निकाल कर मेरे लंड को मुँह में ले लिया। वो उसको लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी। इतनी चुसाई के बाद मेरा लंड भी झड़ गया।
उसने पूरा माल पी लिया और बोली- पहली बार था, लेकिन अच्छा था। मैं मुस्कुरा दिया।
वो उठी और मेरे लंड को फिर से अपने हाथों की रगड़ से उठाने की कोशिश करने लगी। उसकी ये कोशिश काम करने लगी और मेरा जवान लंड उठने लगा।
उसको बेड पर लेटा कर उसके पैरों को अपने कंधे पर रखा और उसकी चूत के नीचे एक तकिया लगा कर अपने लंड को उसकी चूत के ऊपर रगड़ने लगा।
इस बर्ताव के कारण वो बोली- डाल दो अंदर, मत तड़पाओ।
मैंने पूछा- क्या डालूँ?
वो बोली- मत तड़पा मादरचोद, अपना लंड डाल देए।
मैंने देर न करते हुए एक झटका मारा और आधा लंड उसकी चूत में घुस गया और वो चिल्लाई, “हट जा, मार लाआआ रे, नहीं चुदनाआ आ मुझे, अलग हो जा, पता नहीं चलता क्या तुझे, हट जा यहाँ से।”
उसकी बात को अनसुना करते हुए उसको प्यार करने लगा और 5 मिनट बाद वो कमर उचकाने लगी। उसकी हरकत लंड को और अंदर लेने के लिए काफी थी।
फिर मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से लगाकर एक और झटका दिया और मेरा पूरा लंड उसके अंदर चला गया और वो तड़प उठी, मेरे होंठों के कारण उसकी आवाज़ नहीं निकली वरना वो गूंज उठती।
उसके बाजू मुझे उससे अलग करने के लिए धक्का लगा रहे थे और उसकी चूत भी अपने आप को छुड़ाना चाहती थी।
लेकिन मैंने उसकी कोशिशों को नजरअंदाज करके उसे किस करता रहा, उसके उरोजों को दबाता रहा। मेरी इस हरकत से उसका दर्द कम हुआ और उसको मज़ा आने लगा।
वो बोली- अब मुझे जोर से चोद डाल !
मैंने अपनी कमर को चलाना शुरू किया और लंड को आगे-पीछे करना शुरू कर दिया।
वो लगातार बोल रही थी, “फ़क मी ! कीप फ़किंग, करता जा मेरे घोड़े, कमाल का लंड है तेरा।”
मैंने कहा- तू साली रांड डॉक्टर, तुझे अपनी रखैल बनाऊँगा, तेरे पति के सामने तुझे चोदूँगा। ले खा, इसको बोलते हैं चुदाई। आज के बाद मुझे ही याद करेगी तू !
वो सिसिया रही थी, “आआआअ ह्ह उम्म म्म्म्म्म् म करता जाआआ, फ़क मी, हाँ बनूँगी तेरी रांड, बस तू जब बोलेगा तेरे नीचे चूत बिछा दूँगी। मुझसे अलग मत होना। करता रह, मेरा पति साला नामर्द, कुछ काम का नहीं।”
मैं भी बड़बड़ाया, “उम्म्म्म्म आज के बाद तू मेरी ही रखैल, जब बुलाऊँ तब आ जाना।”
उसकी चूत पर लौड़े की निरंतर ठापें पड़ रही थीं।
“मालिक आप हीईई होऊओ मेरेएएए। करते जाओ, आ मज़ा रहा है।”
इतना कहकर वो झड़ गई और मेरा अभी तक हुआ नहीं था। मैं अपने लंड को रोक कर उसको प्यार करने लगा और उसकी नाभि पर किस करने लगा।
एक हाथ की उंगली से उसकी भगनासा को मसलने लगा। इससे यह हुआ कि दो मिनट बाद वो फिर अपनी कमर को हिलाने लगी और मेरे लंड को लेने की कोशिश करने लगी।
ये मल्टी-ओर्गेज्म का कमाल था।
मैंने अपनी पूरी गति से चुदाई शुरु कर दी और उसको पुरजोर चोदने लगा।
वो बोली- घोड़े की तरह है तू, क्या लंड पाया है !!
मैंने कहा- यग तो बस तुम्हारी सेवा के लिए है। जब इसको दाना-पानी (भुगतान) मिल जाता है, तो वो अच्छा काम करता है।
वो बोली- दाम जो बोलेगा वो दूंगीईई, उम् करता रह मादरचोद, लंड हो तो ऐसा। मेरे पति को तेरे पास भेजूँगी, उसे बतानाआ आ आआ आआअ कि कैसे करते हैं सेक्स आआ, तू करता रह। तू मुझसे शादी कर ले।
मैंने कहा- शादी की कहाँ जरुरत, जो सुख तुझे चाहिए वो देता रहूँगा, तू बस मजे ले।
वो बोली- बस अब कुछ मत बोल, मेरा निकलने वाला है। उम्म म्म्म्म्म् आअहह्ह।
मैंने कहा- मेरा भी।
15 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों ने सीमाएं तोड़ दीं और चूत में ही झड़ गया।
मुझे उसकी आँखों में आज औरत बनने की ख़ुशी साफ़ नज़र आ रही थी। धीरे-धीरे मेरे लंड ने बाहर की ओर आना शुरू किया और ऐसे ही कुछ देर लेटे रहे।
उसने मेरे बालों पर हाथ फेरते हुए कहा- थैंक यू !
उसकी आँखें भर आईं। मैंने उठकर उसकी आँखें पोंछी और कहा- जब भी जरुरत पड़े बुला लेना।”
उसने कहा- आज दिन भर मेरी सेवा करनी है। मैं आज का दिन याद रखना चाहती हूँ, जैसे लोग सुहागरात को याद रखते हैं।
“जो हुकुम !”
मैंने ‘हाँ’ में सर हिलाया और वहाँ से रवाना हो गया। बस ये थी मेरी कहानी। आगे भी मेरी कहानियाँ आती रहेगीं।
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