पैसे ने चोदू बना दिया
सत्यम शर्मा
सभी चूत की रानियों को और लंड के राजाओं को मेरा नमस्कार।
मैं आपको आज अपनी जिन्दगी की हकीकत बताने जा रहा हूँ आशा है आपको मेरी यह कहानी पसंद आएगी।
चलिए कहानी शुरू करते हैं।
मैं दिखने में ठीक-ठाक हूँ, मेरा लंड और अनुभव इतना है कि अच्छी-खासी लड़की की चूत को पागल कर दे।
यह बात तब की है जब मेरी पढ़ाई पूरी हो गई थी।
कंप्यूटर की डिग्री पाने के बाद मैं जॉब की तलाश में दिल्ली चला आया मगर 4 महीने भटकने के बाद भी मुझे नौकरी नहीं मिल रही थी और मुझे पैसों की जरूरत थी।
एक दिन इंटरव्यू देने के बाद करीब रात को 8 बजे मैं अपने कमरे पर लौट रहा था और काफी निराश था, पता नहीं कब मेरे पीछे एक कार आ गई और बहुत जोर के ब्रेक मारे।
मेरा एक्सीडेंट होते-होते बच गया, मैं बिल्कुल मूर्तिवत सा वहीं खड़ा रहा।
तभी अचानक कार का दरवाजा खुला। उसमें से एक सुन्दर सी औरत निकली, वो मेरे पास आई और जोर से बोली- मरने के लिए मेरी कार ही मिली थी क्या?
मैं काफी परेशान था इसलिए मैंने सिर्फ ‘सॉरी’ बोला और अपनी फाइल उठा कर जाने लगा।
उसे महसूस हुआ कि शायद मैं परेशान हूँ इसलिए उसने मुझे पीछे से आवाज दी- सुनो.. आई ऍम सो सॉरी… मुझे लगता है आप बहुत परेशान हैं।
मैंने मुड़कर उसे गौर से देखा वो काफी खूबसूरत थी। उसके दूध टी-शर्ट से बाहर आने को बेताब थे और चूतड़ तो जींस में फिट बैठ ही नहीं रहे थे। उसका फिगर 36-30-34 का रहा होगा।
मैंने उससे बोला- आप क्यों ‘सॉरी’ बोल रही हैं… गलती तो मेरी है, मुझे ही देख कर चलना चाहिए था।
उसने बोला- आप काफी परेशान नजर आ रहे हैं। मैं आपको आपके घर तक छोड़ दूँ?
मैंने कहा- रहने दीजिए.. आपको परेशानी होगी।
वो बोली- इसमें परेशानी वाली क्या बात है… आइए ना.. प्लीज आइए।
वो इतने प्यार से बोली कि मैं मना नहीं कर पाया और मैं कार में बैठ गया। उसने बड़े प्यार से मुझे देखा और कार स्टार्ट की और आगे बढ़ा दी।
थोड़ी देर की चुप्पी के बाद उसने मुझ से बोला- क्या बात है, आप बहुत परेशान नजर आ रहे हैं।
मैंने बोला- नहीं।
तो वो मेरी तरफ देखकर बोली- झूट मत बोलिए.. आपका चेहरा साफ बता रहा है।
मैंने बोला- हाँ.. परेशान तो हूँ.. पिछले 4 महीने से जॉब की तलाश में हूँ.. नौकरी नहीं मिल रही है और पैसे भी ख़त्म होने वाले हैं…
समझ में नहीं आ रहा है क्या करूँ?
वो बोली- यहाँ कहाँ पर रहते हो?
मैंने उसे अपना पता बता दिया।
वो बोली- कमरा लेकर रहते हो?
मैंने कहा- हाँ।
‘क्या नाम है आपका?’
‘सत्यम शर्मा।’
तो उसने मुझसे बोला- देखो मेरे पास तुम्हारे लायक एक पार्ट-वक्त जॉब है। जिसमें तुम्हें अच्छे खासे पैसे भी मिलेंगे और मजा भी मिलेगा।
मैं कुछ समझा नहीं, मैंने उससे इस बारे में पूछा तो वो बोली- समझ जाओगे धीरे-धीरे बस तुम्हें वही करना होगा.. जो मैं बोलूँगी, वैसे तुम्हारे पास अभी वक्त हो तो मेरे साथ चलो।
मैंने कहा- मैडम बेरोजगार के पास हमेशा वक्त होता है।
उसने कार अपने घर की तरफ मोड़ दी।
उसका बहुत बड़ा घर था, उसने मुझे सोफे पर बिठाया और पूछा- खाना खाओगे?
मुझे भूख तो लगी थी, पर मना कर दिया।
उसने कहा- थोड़ा खालो। हम दोनों ने खाना खाया।
उसके बाद उसने बोला- चलो अब जॉब की बात करते हैं।
मैंने कहा- ठीक है।
हम लोग सोफे पर बैठ गए। वो मुझसे चिपक कर बैठ गई, उसके चिपकने से मेरा लंड खड़ा हो रहा था।
उसने बोला- सत्यम.. मेरे पति हमेशा काम के सिलसिले में बाहर रहते हैं। मुझे एक ऐसे लड़के की तलाश है.. जो मेरे साथ इस अकेले घर में मेरे साथ रह सके और मेरी तन्हाईयों को बाँट सके।
उसने अपना हाथ मेरे लंड पर रखते हुए बोली- तुम समझ रहे हो ना।
मैंने अपना हाथ उसके दूधों पर रखते हुए बोला- हाँ.. मैडम क्यों नहीं।
और उसके दूधों को जोर-जोर से दबाने लगा।
उसकी टी-शर्ट में से उसके मम्मे बाहर आने को बेताब थे। मैंने अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए और एक-दूसरे को कस कर पकड़ लिया।
जैसे हम दोनों एक-दूसरे को अपने अन्दर समा जाने की कोशिश कर रहे हों।
मैंने अपना एक हाथ उसकी चूत के ऊपर रखा और जींस के ऊपर से ही उसको मसलने लगा।
वो अपना आपा खो बैठी और बोली- मेरे राजा मसल दे.. आज इस साली चूत को.. बहुत दिन से परेशान कर रही है।
उसके इतना कहने से मुझमें एक नया जोश सा आ गया, मैंने उसे सोफे पर बिठाया और उसका जींस निकालने लगा।
उसने गांड उठा कर जींस निकालने में मेरी सहायता की। अब वो गुलाबी रंग की पैन्टी पहनी थी और पैन्टी क्या थी, वो तो सिर्फ एक कपड़ा था.. जो सिर्फ चूत को ढक कर रखा था।
अमीर लोग ऐसे ही होते हैं पैसा होता है.. पर कपड़े नहीं।
मैंने अपने होंठ उसकी गर्दन पर रखे और गर्दन को चूमना शुरू कर दिया। साथ ही ऊपर से ही उसकी चूत पर हाथ से दबाव बढ़ा दिया।
मैं उसके ऊपर पूरा चढ़ गया।
मुझे उसके मम्मों की नोक अपने सीने में चुभने लगी।
मैंने उसकी टी-शर्ट को नीचे से खींचा, उसने थोड़ा उठ कर टी-शर्ट निकालने में मेरी मदद की।
अब वो मेरे सामने पैन्टी और ब्रा में थी।
मैंने जिन्दगी में पहली बार किसी लड़की को इस हाल में देखा था, मैं तो पागल सा हो गया।
अचानक वो बोली- सत्यम.. आज तुम मुझे औरत होने का सुख दे दो। मैं तुम्हारी जिन्दगी बदल कर रख दूँगी।
मैंने बोला- मैडम आप जैसा चाहें.. मैं वैसा कर सकता हूँ।
वो सिसकारियाँ भरती हुई बोली- मेरे राजा मेरी चूत को चाट-चाट कर लाल कर दो।
मैंने अपना मुँह उसकी चूत में लगाया और पैन्टी के ऊपर से ही उसे मुँह में भरने की कोशिश करने लगा।
वो तड़प उठी और नशीली सी आवाज में बोली- ओह.. मेरे राजा.. चोद दे साली को जोर से और जोर से..
मैंने अपने मुँह से उसकी पैन्टी को नीचे खिसकाया।
उसकी चूत क्या क़यामत लग रही थी। झांटों के बीच में फंसी चूत मुझे चॉकलेट की तरह लग रही थी। ऐसा लग रहा था की अभी खा जाऊँ इसको।
मैंने अपना मुँह उसकी चूत में लगा दिया और अपनी जीभ से उसके दाने को सहलाने लगा।
वो तड़प उठी… उसने अपने हाथ को मेरे सिर पर फिराने लगी। मैंने उसके दाने को दांत से थोड़ा काटा तो वो धक्का देकर मेरे सर को अलग करने लगी, पर मैंने और जोर से उसके दाने को दबाया।
वो तड़प उठी वो बोली- मेरे राजा… अपना लंड भी दो.. आज मैं भी लंड पीना चाहती हूँ।
मैंने खड़े होकर अपना पैन्ट उतार दिया। उसने अपने हाथों से मेरे अंडरवियर को उतारा और लॉलीपॉप की तरह मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया।
हाय.. वो अहसास मैं कभी भूल नहीं सकता और शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता।
थोड़ी देर बाद मैंने उसे लिटाया अब हम 69 की अवस्था में हो गए, एक-दूसरे के गुप्तांग मुँह में लिए चाट रहे थे।
अब वो बोली- मेरे राजा.. अब देर न करो चोद दो मेरी चूत को।
मैंने अपनी स्थिति बदली, उसे सोफे की सहायता से घोड़ी बनाया, पीछे से मैंने उसकी चूत पर अपना लंड रखा और जोर से धक्का लगाया।
वो दर्द से कराह उठी, मैं थोड़ा रुका फिर जोर लगाया।
मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अन्दर था, फिर धीरे-धीरे मैं लंड अन्दर-बाहर करने लगा, उसकी चूत की फांकें भी आगे-पीछे होने लगीं।
वो भी गांड हिला-हिला कर साथ देने लगी।
लगभग 5 मिनट की चुदाई के बाद फिर मैंने उसको सोफे पर लिटाया और उसके ऊपर चढ़ गया। उसकी चूत ने एक ही बार में पूरा का पूरा लंड अन्दर ले लिया।
मैंने धक्के लगाना चालू किए।
करीब 10 मिनट तक मैं उसको चोदता रहा। फिर हम दोनों एक साथ चरम सीमा पर पहुँचे।
मैंने बोला- मेरी जान.. मेरा होने वाला है कहाँ गिराऊँ?
उसने कहा- भर दे साली चूत को… बहुत दिनों से प्यासी थी न.. ले अब खूब पी..।
मैंने उसकी चूत में अपना सारा का सारा माल उढ़ेल दिया।
माल छोड़ने के बाद 5 मिनट तक मैं उसके ऊपर ही लेटा।
फिर उसने कहा- चलो.. नहा लेते हैं।
हम दोनों साथ में नहाने के लिए गए, हम दोनों ने साथ में मूता तो वो बोली सत्यम प्लीज मेरी झांट की सफाई कर दो ना।
मैंने कहा- ठीक है।
मैंने उसको वहाँ एक स्टूल पर बिठाया और सेविंग किट उठाई, ब्रश से उसकी चूत पर झाग बनाया.. फिर रेजर से उसकी चूत साफ करने लगा।
तो उसने मेरा लंड पकड़ लिया और उससे खेलने लगी।
जब उसकी चूत साफ हो गई तो बोली- अब इसमें क्रीम और लगा दो।
मैंने उसे वहीं लेटाया और उसकी चूत पर क्रीम लगाई।
इस बीच फिर वो गर्म हो गई और फिर चुदाई का प्रोग्राम चालू हो गया।
उस रात मैंने उसे 3 बार चोदा सबेरे उसने मुझे दस हजार रूपए दिए और बोली- अपना सारा समान लेकर यहाँ आ जाओ।
उसके बाद दो महीने उसी के साथ रहा।
अब मैं एक कॉल-ब्वॉय बन गया और कैसे मैंने फिर उसकी सहेलियों को चोदा ये जानने के लिए आप मुझे ईमेल लिखें ताकि मैं उन घटनाओं को आपके सामने लिख सकूँ।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी, ईमेल जरूर कीजिएगा।
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