मेरी चुदासी ग्राहक
Meri Chudasi Grahak
सब प्यारी लड़कियों को मेरा प्यारा नमस्कार। मेरा नाम है विराट है मेरी उम्र 27 वर्ष है और मैं पुणे का रहनेवाला हूँ।
मेरा शरीर साधारणत: संजय दत्त जैसा है लेकिन मैं दिखने उससे भी अच्छा हूँ।
अन्तर्वासना पर ये मेरी पहली कहानी है। मैं अन्तर्वासना का बहुत बड़ा शौकीन हूँ।
ऐसे ही मेरे जिंदगी में एक घटना हुई जो मैं आपके सामने पेश कर रहा हूँ। मुझे लगता है कि ये आपको बहुत पसंद आएगी।
मैं एक भवन निर्माण कम्पनी में सेल्स का काम करता हूँ, अक्सर साइट पर लोग आया करते हैं।
ऐसे ही एक दिन एक आंटी और उसकी लड़की पूछताछ के लिए आई हुई थीं।
आंटी की उम्र होगी कोई 38 और लड़की 18 की थी।
दिखने में तो आंटी ही ज़्यादा कामुक लग रही थी, उसका नाम बबीता था।
मेरा ध्यान सिर्फ़ उसके मम्मों पर था। उसने मुझे उसके मम्मे देखते हुए पकड़ लिया, फिर मैंने उसका ध्यान बदलने के लिए उसे सैंपल का फ्लैट देखने के लिए चलने को बोला ताकि उसका ध्यान दूसरी जगह जाए।
लेकिन मेरा लंडदेव कहाँ चुप बैठने वाले था, उसने वहीं सलामी देना चालू कर दिया था, जिसके कारण मेरे पैन्ट में लंड का उभार साफ दिख रहा था।
अब मुझे डर लग रहा थी कि वो मेरी शिकायत ना कर दे, लेकिन इधर सब उल्टा ही था।
जैसे ही हम सैंपल फ्लैट में गए, उसकी लड़की आगे थी, उसके पीछे आंटी और उसके पीछे मैं था। मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था क्योंकि मैं उसके मम्मे देख कर ही बहक गया था।
सैंपल फ्लैट दिखाते समय मेरा हाथ उसकी पिछाड़ी पर लग गया, मुझे फिर से डर लगा कि उसको ये ना लगे कि यह मैं जानबूझ कर कर रहा हूँ, मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ।
उसे जैसे ही मेरा हाथ लगा वो सिहर उठी।
फिर मैं सैंपल फ्लैट के हॉल में आकर रुक गया, बाद में उसकी लड़की भी बाहर आ गई।
मैं उससे बात करते हुए बैठ गया, वो इतनी भी अच्छी नहीं थी लेकिन उसकी गांड बहुत बड़ी थी, जो उस का एक मात्र दर्शनीय अवयव था लेकिन मुझे तो सिर्फ़ आंटी ही दिखाई दे रही थी।
दस मिनट होने के बाद भी आंटी बाहर नहीं आई तो मैं देखने के लिए अन्दर गया, तो अन्दर तो कुछ अलग ही नज़ारा था।
आंटी अन्दर अपने मम्मे खुद ही दबा रही थी।
उसे इस हालत में देखते हुए मेरा शांत पड़ा लन्ड फिर से जाग उठा।
वो मुझे देखते ही सम्भल गई, फिर वो बाहर आकर सीधे नीचे आ गई।
‘अपने पति से पूछ कर आपको बताती हूँ।’ यह कह कर चलने लगी और मेरा फ़ोन नंबर ले गई ताकि मुझे फ्लैट के बारे में बता सके।
उसके जाने के बाद मैंने अपने हाथ से ही अपना काम चला लिया।
मेरी किस्मत तो अगले दिन खुल ही गई, अगले दिन मुझे उसका काल आ गया।
‘मुझे घर पर आकर मिलोगे क्या?’ उसने ऐसे पूछा।
जब मेरा लौड़ा ‘हाँ’ बोल रहा हो तो मैं कहाँ से ‘ना’ बोलने वाला था, मैंने उसके घर का पता लिया और मैंने दोपहर दो बजे आने का तय किया।
जैसे ही मैं घर पहुँचा, वो खाना खा रही थी।
उसकी लड़की घर पर नहीं थी।
मैं सोफे पर बैठ गया।
उसने एक गुलाबी रंग का एक बेबी-डॉल फ्रॉक पहना हुआ था। उसमें वो बहुत ही कामुक लग रही थी, उसे देखते ही हमारे छोटे विराट जाग उठे।
उसने मुझे पानी दिया, फिर मुझसे ठण्डा आदि के लिए पूछा।
मैंने पूछा- आप अपने पति को बुलाइए, ताकि मैं जल्दी से उनको बता कर चला जाऊँ।
लेकिन उसने कहा- उसके पति देव अमेरिका में रहते हैं।
यह सुनते ही मेरे मन में लड्डू फूटने लगे, मैंने उससे कहा- ठीक है.. मैं उनको मेल पर सब डिटेल भेज देता हूँ।
फिर मैं जाने लगा, तो वो मुझे रुकने के लिए बोली।
मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था, उसने मुझे उसके कमरे में भेजा।
मैं अन्दर गया तो देखते ही रह गया, अन्दर उसकी एक सहेली जिसका नाम टीना भी बैठी थी।
उसकी उम्र 33 साल की होगी, वो बिल्कुल न के बराबर कपड़ों में थी, उसने सिर्फ़ ब्रा और पैन्टी पहनी थी।
बाद में बबीता भी आ गई और मुझे कहने लगी कि उसके और टीना दोनों के पति भारत से बाहर रहते हैं, इसलिए वे बहुत हो अकेलापन महसूस करती हैं।
फिर बोली- आज तुझे हम दोनों को खुश करना पड़ेगा.. नहीं तो तुम्हारी शिकायत तुम्हारे बिल्डर से करूँगी।
वो मुझे आकर गले से चिपक गई और मेरी पैन्ट की चैन खोल कर मेरे लण्ड को सहलाने लगी।
उधर टीना अपनी ऊँगलियां चूत में डाल रही थी।
सब कुछ इतनी जल्दी में हुआ कि मुझे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था, पर कुछ समय बाद मुझे भी मज़ा आने लगा।
फिर मैं उठ कर पहले टीना की ब्रा खोल कर उसके मम्मों को चखने लगा, तब तक बबीता ने मेरे लन्ड को पूरा मुँह में ले लिया था।
मुझे बिल्कुल स्वर्ग जैसा आनन्द महसूस हो रहा था।
बाद मैं मैंने टीना की चूत चाटना शुरू कर दिया, वो सिसकारियाँ ले रही थी और मेरा सर अपनी चूत पर दबा रही थी।
मैंने एक-एक के चूचे सहलाते हुए दोनों के कपड़े उतार डाले।
मैं जिसका दीवाना हो गया था, वो मुझे अभी तक नहीं मिला था।
मैंने बबीता के मम्मे दबाने चालू किए, उसे बहुत मज़ा आ रहा था।
मेरा एक हाथ उसकी चूत में था।
दस मिनट तक ऊँगली करने के बाद बबीता झड़ गई।
बाद में टीना ने मुझे चुदाई के लिए आमंत्रित किया, अब तक वो गर्म हो चुकी थी।
फिर टीना ने मुझे कण्डोम की डिब्बी दी, मैंने कन्डोम पहन लिया और टीना पर चढ़ गया।
जैसे ही मैंने लन्ड टीना की चूत में लगाया और एक झटका दिया.. टीना चीख उठी।
शायद उसने बहुत दिनों से चुदाई नहीं की थी।
एक बार बाहर निकाल कर मैंने फिर से अन्दर पेल दिया।
एक के बाद एक झटके देने के बाद मैंने बाहर निकाल लिया और बबीता ने कन्डोम हटा कर मेरा लन्ड मुँह में लेकर मेरा सारा माल पी लिया।
मैं थोड़ा निढाल हो गया था, हम तीनों वैसे ही बिस्तर पर लेट गए थे।
लेकिन बबीता की बारी बाकी थी, थोड़ी देर के बाद बबीता मेरा लन्ड सहलाने लगी और मुँह में लेकर उसको चूसने लगी।
मेरा छोटा विराट फिर से खड़ा हो गया।
फिर हम 69 की अवस्था में आ गए।
दस मिनट चूसने के बाद बबीता बोलने लगी- बहुत दिन से भूखी हूँ.. मेरे राजा.. अब मेरी चूत को भोसड़ा बना दो..
उसके ये शब्द सुन कर मैं चौंक गया।
वो आहें भर रही थी।
मैंने अपना लपलपाता लन्ड उसकी चूत पर लगाया और एक तगड़ा झटका लगाया, मेरा पूरा लन्ड अन्दर चला गया।
वो ज़ोर से चिल्लाई, मैं उसके मुँह पर हाथ रख कर झटके लगाने लगा।
कुछ ही देर बाद वो भी कमर उठा कर मेरा साथ दे रही थी।
दस मिनट के बाद वो झड़ गई लेकिन मैं अभी बाकी था, मैं दनादन चुदाई करता रहा और फिर मैंने उसे बताया- मैं झड़ने वाला हूँ।
तो उसने टीना को भी बुलाया और मेरा सारा पानी बबीता और टीना ने बाँट कर पी लिया।
यह दिन मेरा सबसे यादगार दिन रहा।
उसके बाद दोनों ने मुझे रात को डिनर पे बुलाया और मुझे 5000 रुपये दे दिए।
उसके बाद वो मुझे अकसर बुलाने लगीं।
बबीता ने उसकी सहेली से भी मुझे मिलवाया और ऐसे मुझे उन्होंने सेल्स एग्ज़िक्यूटिव से जिगोलो बना दिया लेकिन उन्होंने मेरी यह पहचान हमेशा गुप्त रखी, जिसके लिए मैं उनका धन्यवाद करता हूँ।
ऐसे ही बबीता की जन्मदिन की पार्टी की कहानी अगले भाग में आपके लिए अगले कहानी मैं जल्द ही लेकर आऊँगा।
आपको मेरी यह कहानी कैसे लगी, मुझे ज़रूर बताइए।
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