मेरी हसीन किस्मत- 1
मैंने एक जवान लड़की की चाहत की. लेकिन वो मेरी पहुँच से बाहर दिख रही थी. फिर भी दिल है कि मानता नहीं. मैंने अपने अरमान दिल में संजो कर रखे.
नमस्कार दोस्तो,
मैं आपकी कोमल फिर से आपके सामने अपनी एक जवान लड़की की चाहत की कहानी के साथ हाजिर हूँ।
मेरी सभी कहानियों को आप सभी इतना पसंद करते हैं उसके लिए आप सभी पाठकों का धन्यवाद।
आप सभी के मेल मुझे मिलते हैं मगर माफ करिये हजारों की सँख्या में मेल आते हैं इसलिए सबको जबाब दे पाना मुश्किल है।
मेरी पिछली कहानी थी: मेरी कमसिन दोस्त
दोस्तो, आज की कहानी मेरे एक पुराने पाठक ने भेजी है.
उसने अपनी असली जिंदगी के हसीन पलों को कहानी के रूप में पेश किया है।
मुझे कहानी काफी कामुक लगी इसलिए आप लोगों के सामने प्रस्तुत कर रही हूँ।
पूरी कहानी उन्हीं के द्वारा लिखी गई है। मैं बस कहानी पोस्ट कर रही हूं।
तो चलते हैं जवान लड़की की चाहत की कहानी में।
दोस्तो, मेरा नाम रवि सिंह है। मेरी उम्र अभी 51 साल है और मैं एक बहुत ही कामुक प्रवृत्ति का आदमी हूँ। सेक्स मेरे दिलोदिमाग में छाया रहता है।
नई नई चूत पाने के लिए मैं अपने पैसों और रसूक का बहुत प्रयोग करता हूँ।
कम उम्र की लड़कियाँ मेरी कमजोरी हैं।
मैं अपनी एक छोटी सी कंपनी चलाता हूँ।
मैंने और मेरे बिजनेस पार्टनर ने साथ में कई हसीन कॉलेज की लड़कियों की चुदाई की.
मेरे जीवन में पैसों और लड़कियों की कभी कमी नहीं रही।
मैंने कई ऐसी लड़कियों की चूत फाड़ी है जिनको आज के लड़के देख कर ही आहें भरते हैं.
इस चीज़ को मैं भली भांति जानता हूँ कि आज की लड़कियां आलीशान जिंदगी और विलासिता को पूरा करने के लिए पैसों के पीछे भागती हैं और इसी चीज का मैं फायदा लेता हूँ।
मैं हमेशा से ही अन्तर्वासना का पाठक रहा हूँ. कई बार सोचा कि अपनी जिंदगी के हसीन पलों को आप लोगों के सामने पेश करूं.
मगर इतने व्यस्त समय में कहानी लिख पाना बहुत ही मुश्किल होता है।
फिर मेरी बात कोमल जी से हुई. उन्होंने मेरी एक कहानी को पोस्ट करने का वादा किया.
इसके लिए उनका धन्यवाद।
कोमल जी एक बिंदास औरत के साथ साथ एक अच्छी दोस्त भी है।
इन्होने मुझसे पहले ही कहा कि कहानी सत्य घटना पर ही होनी चाहिए. तभी वो कहानी को आगे भेजेंगी।
और मैंने भी उनसे वादा किया कि कहानी बिल्कुल ही सत्य घटना पर ही रहेगी।
वैसे तो मैंने बहुत सी लड़कियों की चूत चोदी है.
मगर मेरे दिल के करीब बस एक ही लड़की आज तक आई, जिसे मैं दिल से चोदना चाहता था और बड़ी ही मुश्किल से उसकी चूत मुझे मिली।
तो दोस्तो, मैं बताता हूँ कि मेरे दिल की तमन्ना क्या थी और कैसे मैंने अपनी तमन्ना पूरी की।
इस बात की शुरुआत तब हुई जब मेरे बिजनेस पार्टनर अशोक की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई।
वो अपने पीछे अपनी बीवी मधु और अपनी 20 वर्ष की बेटी प्रिया को अकेला छोड़ गया।
क्योंकि अशोक मेरा बिजनेस पार्टनर था तो मैंने उसके हक को ध्यान में रखते हुए उसकी बीवी को अपनी कंपनी में पार्टनर बनाया.
मगर वो 45 वर्ष की हो चुकी थी और उसका मन बिजनेस में नहीं था तो अपनी जगह उसने अपनी बेटी प्रिया को कंपनी जॉइन करा दी, उसे डायरेक्टर बना दिया।
प्रिया एक पढ़ी लिखी नए ख्यालात की लड़की है।
शुरू में तो बिजनेस को समझने में उसे समय लगा मगर जल्द ही वह एक अच्छी पार्टनर बन गई।
कंपनी का ज्यादातर काम वो खुद संभालने लगी जिससे मुझे बहुत राहत मिली।
मैंने कभी भी प्रिया को गलत निगाह से नहीं देखा था।
मगर कहते है न बंदर की आदत शान्त रहने की नहीं होती।
धीरे धीरे मेरा भी ध्यान प्रिया की ओर जाने लगा।
उसका और मेरा केबिन एक ही था. वो बिल्कुल मेरे सामने वाली टेबल पर बैठा करती थी।
वो ज्यादा जीन्स और टॉप ही पहनती थी।
मैं जहाँ बैठा करता था वहाँ से उसके टेबल के नीचे से उसके कमर के नीचे का पूरा हिस्सा मुझे साफ साफ दिखाई देता था।
पहले मेरे दिल में उसके लिए गलत ख्याल नहीं आते थे.
मगर एक दिन मैं अपनी कुर्सी पर बैठा काम कर रहा और प्रिया अपनी कुर्सी पर थी।
उस दिन मेरी नजर बार बार नीचे से दिख रही उसकी जीन्स पर जा रही थी।
प्रिया बार बार अपनी जीन्स से चूत के पास खुजली कर रही थी।
शायद उसको कुछ परेशानी थी।
फिर मेरी समझ में आया कि ये पक्का पीरियड से होगी। तभी बार बार पैड सही कर रही है।
उस दिन से मेरी निगाह अब उसके नीचे से दिख रहे उसके पैरों की तरफ चली जाती।
इसी तरह एक दिन प्रिया एक फ्रॉक टाइप की ड्रेस में ऑफिस आई।
उस दिन उसका जन्मदिन भी था।
सबने उसे मुबारकबाद दी।
हम अपने केबिन में रोज की तरह काम करने लगे।
मेरी नजर आज जैसे ही उसके पैरों की तरफ गई.
मैं चौंक गया।
उसकी फ्रॉक उसके घुटनों तक थी और अंदर उसकी चड्डी मुझे साफ साफ दिख रही थी।
उस दिन से ही मैं उसके ऊपर फिदा हो गया।
अब मैं उसे रोज गौर से देखने लगा।
वो एक काफी सुंदर सुडौल बदन की लड़की है। उसके दूध के साइज 34 से कम नहीं थे।
जीन्स पहनने से पीछे से उसकी गांड की बनावट कातिल थी।
गांड की गोलाइयाँ और उसके बीच की दरार … वाह … किसी को भी पागल बना दे।
मैं तो अब उसे चोदने तक की बात सोचने लगा था क्योंकि मैं आदत से जो मजबूर था।
वो मुझे बहुत ही सेक्सी लगने लगी; उसकी हर अदा पर मैं दीवाना हो जाता था।
मुझे उस जवान लड़की की चाहत हो गयी. मैं उसके नाम की रोज ही मुट्ठ मारने लगा।
मगर उसे चोद पाना मेरे लिए नामुमकिन काम था क्योंकि उसे किसी चीज़ की जरूरत नहीं थी कि मुझसे वो फंस जाती।
मेरी उसे चोदने की तमन्ना बस तमन्ना ही रहने वाली थी।
मैं बस यही सोचा करता कि ये इतनी गोरी लड़की है; इसकी चूत कैसी होगी?
काश मुझे कभी देखने बस को मिल जाती।
दोस्तो, कहते हैं न कि जो जिसकी किस्मत में होता है, उसे देर से ही सही … मिलता जरूर है।
वही मेरे साथ भी हुआ।
मुझे थोड़ी देर लगी मगर प्रिया को मैंने चोद ही लिया।
दोस्तो, प्रिया और मेरी जोड़ी का कोई मेल ही नहीं था। वो किसी भी तरह से मुझसे फंसने वाली नहीं थी।
मैं बस रोज उसके उभरी हुई गांड और तने हुए दूध को देख आहें भरा करता था।
फिर फरवरी 2016 में हम दोनो को ही कंपनी के सेमिनार में हिस्सा लेने के लिए बेंगलुरु जाना था।
मैंने प्रिया से इसके लिए पूछा और वो तैयार भी हो गई।
मैं बहुत खुश हुआ कि अब पूरे एक हफ्ते के लिए वो मेरे साथ ही रहने वाली थी।
मैंने ऑनलाइन वहाँ होटल में दो कमरे बुक करवा लिए।
कुछ ही दिन में हम दोनों फ्लाइट से बेंगलुरु पहुँच गए।
पहला दिन तो मीटिंग में ही बीत गया और हम दोनों होटल पहुंच कर अपने अपने कमरे में जा कर सो गए।
अगले दिन पार्टी का दिन था. वहाँ सभी आई हुई कंपनी के लोगों को पार्टी दी जानी थी।
शाम को हम दोनों पार्टी में गए।
प्रिया उस दिन काले रंग का मिनी स्कर्ट पहन रखा था। उसमें उसकी मोटी मोटी जाँघें काफी सेक्सी लग रही थी।
पार्टी में सभी मर्दो की निगाहें बस प्रिया पर ही टिकी हुई थी।
वो उस पार्टी में लगभग सबसे छोटी उम्र की थी।
पार्टी में जाम का दौर शुरू हुआ, सभी लोग अपने पसंद की विस्की पीने में व्यस्त हो गए।
कुछ समय में ही वहाँ का माहौल रंगीन हो गया।
प्रिया ने कुछ भी नहीं पिया क्योंकि वो पीती नहीं थी।
मगर मेरे एक पुराने पहचान वाले से मेरी मुलाकात हो गई. वो हमारे पास ही बैठा हुआ था।
मैंने उसकी पहचान प्रिया से करवाई।
उसने ही पूछा कि प्रिया ने कुछ लिया क्यों नहीं।
और उसने जबरदस्ती प्रिया के लिए सॉफ्ट ड्रिंक ला दी।
प्रिया ने उसके जोर देने पर सॉफ्ट ड्रिंक पी ली।
उसने प्रिया के पीने के बाद ही बताया कि उसने मजाक में ड्रिंक में थोड़ी सी वाइन मिला दी थी।
ये बात मजाक मजाक में टल गई।
मगर कुछ समय बाद वाइन में अपना असर दिखाया और प्रिया को थोड़ा नशा होने लगा।
इस मौके को भांपते हुए मैंने भी एक ड्रिंक का पेग ला कर प्रिया को दे दिया।
प्रिया ने अब बिना कुछ बोले ही उसे खत्म भी कर लिया।
एक बार शुरुआत हो गई और देखते ही देखते प्रिया ने पाँच पेग मार दिए।
अब तो उसकी हालत ये हो गई थी कि खाना खाने की बात तो दूर उससे खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था।
मैंने उसे लेकर जाने में ही ठीक समझा और उसे अपने कंधे का सहारा देकर बाहर कार तक लाया।
कार में हम दोनों ही पीछे बैठे थे कुछ ही देर में प्रिया मेरी जाँघों पर सर रख कर सो गई।
उसे अब बिल्कुल भी होश नहीं था।
मेरा हाथ प्रिया की पीठ पर था और मेरे अंदर का शैतान आदमी जाग गया। मेरा हाथ अब उसके कमर फिर उसकी गांड तक चला गया।
उसकी स्कर्ट खसक कर ऊपर तक आ गई थी जिससे उसकी पैंटी दिखने लगी थी।
मेरे हाथ अब उसकी जाँघों को सहलाने लगे।
ऐसे ही करते हुए हम कब होटल पहुँच गए पता नहीं चला।
ड्राइवर ने हमें बाहर छोड़ा और मैंने उसे जाने के लिए कह दिया।
मैं प्रिया को सहारा देते हुए लिफ्ट तक ले गया और लिफ्ट से ऊपर अपने रूम तक।
मैंने उसे अकेले न रहने का फैसला किया क्योंकि उसे कुछ भी होश नहीं था।
मैं उसे अपने रूम में ले गया।
रूम में ले जाकर मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और जैसे ही मैं पीछे हटने लगा मुझे उसके गुलाबी होंठ देख कुछ होने लगा।
मैं उसके चेहरे के बिल्कुल करीब था। मैं बहुत गौर से उसके चेहरे को देखता रहा।
मैंने अपने आप को बहुत रोकने की कोशिश की मगर मेरे होंठ उसके होंठों से लग गए। मैं उसके मुलायम होंठों को चूमने लगा।
उसकी गर्म साँसें मेरे चेहरे से टकरा रही थी।
वो बिल्कुल बेहोशी की हालत में थी। उस वक्त तो मैं उसके साथ कुछ भी कर सकता था।
मगर मैंने अपने आप पर काबू पाया और पीछे हट गया।
मैंने उसकी सैंडिल उतारी और मेरी नजर उसके दिख रही पेंटी पर गई। मैंने सोचा यही सही मौका है इसकी चूत को देखने का जो मेरी तमन्ना थी।
तुरंत ही मैंने उसकी पैंटी को नीचे सरकाया। उसकी चूत अब मेरे सामने थी।
बिल्कुल गुलाबी रंग की छोटी सी चूत जिस पर एक भी बाल नहीं था।
मैंने हाथों से उसकी पंखुड़ियों को फैलाया और उसका छोटा सा छेद देख कर ही समझ गया कि ये बिल्कुल अनछुई है।
दोस्तो, उस वक्त मैंने बहुत मुश्किल से अपने आपको काबू किया।
मैंने अपने कपड़े बदले और उसके बगल में लेट कर सोने की कोशिश करने लगा।
उस वक्त रात के 11 बज रहे थे। कुछ ही देर में मुझे नींद लग गई.
रात में मेरी नींद अचानक से खुली मुझे ऐसा लगा कि प्रिया मुझसे लिपटी हुई है।
मैंने आँख खोली और देखा तो दंग रह गया प्रिया पूरी की पूरी नंगी मुझसे लिपटी हुई थी.
उसका पूरा बदन पसीने से सराबोर था।
मैं समझ गया कि इसे गर्मी लगी होगी और नशे में इसने अपने सारे कपड़े उतार दिए।
मैंने इस मौके का फायदा उठाने की सोची।
दोस्तो, कहानी के अगला भाग आप जरूर पढ़ें क्योंकि इसके बाद किस तरह मेरी प्रिया को चोदने की तमन्ना पूरी हो गई।
और कैसे मैंने उसकी कुँवारी चूत को चोदकर अपनी तमन्ना पूरी की।
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जवान लड़की की चाहत की कहानी जारी रहेगी.
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