मेरी गर्लफ़्रेंड तो चूत चुदवाने को तैयार बैठी थी
फ्रेंड्स.. मेरा नाम विक्की है, मैं जालंधर पन्जाब से हूँ। मेरी हाइट 5 फुट 10 इंच है और मेरा रंग एकदम गोरा है.. बॉडी भी एकदम स्लिम फिट है। साफ कहूँ तो लड़कियां मुझे बहुत लाइन देती थीं.. पर साहस की कमी के कारण मैं कभी किसी के पीछे नहीं जा सका।
यह स्टोरी मेरी और मेरी गर्लफ्रेण्ड किरण (बदला हुआ नाम) के बीच की है। मैं किरण को काफ़ी समय से देखता था.. वो भी मुझे लाइन देती थी पर कभी उससे बात करने की मेरी हिम्मत नहीं हुई। फिर एक बार मैंने अपने दोस्त से उसके बारे में बात की, उसने अपनी गर्लफ़्रेंड के थ्रू उसका नम्बर ला कर दिया और फिर उसको मैसेज किया.. पर उसने कोई जवाब नहीं दिया, मुझे बहुत बुरा लगा।
फ़ोन पर गर्लफ़्रेंड बनाई
जब मैंने अपने फ्रेण्ड को इसके बारे में बोला.. तो उसने बताया कि शायद वो नम्बर गलत था, उसने 2-3 दिन के बाद कोई दूसरा नम्बर लाकर दिया।
मैंने फिर मैसेज किया कुछ संदेशों के बाद हमारी बातचीत होना शुरू हो गई। ऐसे ही हमारी महीने भर मैसेज पर बात होती रही। एक दिन मैंने उससे मिलने का बोला.. तो वो बोली- थोड़े दिन रूको।
थोड़े दिन के बाद उसने एक दिन मिलने का प्रोग्राम बनाया और सुबह मुझे 11 बजे मंदिर के पास आकर पिक करने को कहा।
मैं उससे मिलने को मारा जा रहा था.. तो मैं 10 मिनट पहले ही घर से रेडी होकर निकल पड़ा। मैंने उससे मिलने से पहले मार्केट से एक प्यारा सा गिफ्ट ले लिया और उसकी कॉल का इन्तजार करने लगा।
गर्लफ़्रेंड से पहली सीधी मुलाकात
जब उसकी कॉल आई तो मैं फोन से बताए स्थान पर आ गया। आज मैंने गौर से देखा कि किरण का रंग एकदम साफ था और उसकी साइज़ 32-28-34 की थी।
मैंने उससे कोई बात नहीं की बस जल्दी से बाइक पर बैठा कर पास के एक रेस्टोरेंट में चला आया जहाँ अलग से केबिन बने हुए थे। हम एक केबिन में आमने सामने बैठने की बजाए एक ही साइड में बैठ गए।
वेटर हम दोनों को पानी आदि दे गया और हम दोनों ने उसे ऑर्डर दे दिया।
इसके बाद किरण और मैं आपस में बात करने लगे, मैंने उसे ‘आई लव यू..’ बोला और उसने मुझे भी ‘आई लव यू’ कहा।
हम दोनों ने एक दूसरे को हग किया।
गर्लफ़्रेंड की अन्तर्वासना
मैंने उसके गाल पर किस किया.. जिसका उसने कोई विरोध नहीं किया।
कुछ देर बाद वेटर आकर सामान देकर चला गया। इसके बाद हम दोनों थोड़ा खाया.. और फिर एक-दूसरे को बांहों में लेकर चूमाचाटी करने लगे।
वो क्या कमाल की फ्रेंच किस कर रही थी।
मैं उसे चूमते-चूमते उसके मम्मों को सहलाने लगा जब उसने कुछ नहीं कहा तो मैंने उसके कपड़ों के ऊपर से ही उसके चूचों को दबाने लगा।
हम दोनों ऐसे ही दस मिनट तक फ्रेंच किस की। उसकी बाद अलग हुए.. फिर थोड़ी देर बात करने के बाद हम फिर शुरू हो गए। अबकी बार मैंने अपने हाथ उसके टॉप के अन्दर डाल कर उसके मम्मों को मसलने लगा।
वो भी ज़ोर-जोर से मज़े लेते हुए मुझे किस करने लगी।
मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रख दिया.. जो उसने हटा लिया।
फिर मैंने उसकी दोनों कबूतरों को ब्रा को हटा कर निकाल लिया, उसकी टी-शर्ट को ऊपर करके उसके निप्पल पीने लगा।
क्या बताऊँ दोस्तो.. कितना मज़ा आ रहा था, मैं तो छोटे बच्चे की तरह लपलप करते हुए उसके चूचे चूस रहा था, वो सिसकारियां ले रही थी।
ऐसे ही बारी-बारी उसके दोनों मम्मों को चूसा।
उसके बाद मैंने किरण को अपनी बांहों में खींच लिया.. उसकी आँखें भी अब वासना की आग में लाल हो गई थीं। इस बार हम फिर से चूमने लगे लेकिन अब हम दोनों की जुबाने एक-दूसरे के मुँह में लड़ रही थीं।
इससे चुदास एकदम से भड़क गई और मैंने कुछ आगे बढ़ते हुए उसकी पैन्ट का बटन खोल कर अपने हाथ को उसकी दहकती भट्टी जैसी चूत पर ले गया.. जो बिल्कुल गीली हो गई थी।
वो भी मेरी छाती पर अपना हाथ घुमा रही थी। फिर उसने भी अपना हाथ मेरी पैन्ट पर बँधी बेल्ट पर रख दिया.. तो मैंने मौके को देखते हुए कहा- अगर खोलना है तो खोल लो।
वो कुछ नहीं बोली और मैंने बेल्ट खोल कर उसका हाथ अपने लंड पर रख दिया। उसने भी मेरा लंड अपने हाथों में पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया। उसकी आँखें पूरी तरह से सेक्स से भरी हुई थीं।
गर्लफ़्रेंड चूत चुदवाने को तैयार थी
मैंने उससे पूछा- क्या सेक्स करने का मन कर रहा है?
तो उसने सिर ‘हाँ’ में हिलाया।
मुझे तो मानो बिन माँगे जन्नत मिल रही थी, मैंने कहा- तो चलो।
उसके बाद बिल पे करके हम दोनों वहाँ से निकल कर पास में ही एक होटल में चले गए। वहाँ जाने से पहले रास्ते में मैंने उसको एक तरफ रोक कर मेडिकल स्टोर से कंडोम का एक पैकेट लिया। यह सुरक्षा के लिए ज़रूरी था।
फिर होटल में जाकर एक रूम बुक कर लिया। कमरे में जाकर तो बस हम एक-दूसरे पर समझो टूट पड़े। पहले उसको बांहों में लेकर मैंने उसके नरम-नरम होंठों को 5-10 मिनट तक किस किया.. वो भी किस करने में मेरा पूरा साथ दे रही थी।
किस करते करते ही मैंने उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए। उसने उस दिन ब्लैक स्किन टच पैन्ट और ऑरेंज टी-शर्ट पहनी हुई थी। उसकी जब टी-शर्ट उतरी तो उसके नीचे उसने लाइट पिंक कलर की ब्रा पहनी थी.. जिसमें से उसके चूचे बाहर आने को तड़फ़ रहे थे।
पता नहीं वो छोटी सी ब्रा उसके इतने बड़े साइज़ के मम्मों को कैसे संभाल रही होगी। मैं तो बस टूट पड़ा उन पर.. और एक-एक करके दोनों चूचे को अपनी मुट्ठी में भर कर मसलने लगा और उनके निप्पलों को चूसने लगा। इससे उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था.. वो भी मेरे बालों में अपना हाथ फेर रही थी, वो इस पल का पूरा मज़ा ले रही थी।
फिर मैंने पीछे हाथ ले जाकर उसकी ब्रा उतार दी और उसके दोनों कबूतर जो काफ़ी देर से ब्रा में क़ैद थे.. एकदम से उछल कर बाहर आ गए।
क्या बड़े-बड़े मम्मे थे उसके.. मैं कभी एक चूचे के निप्पल को चूसता.. तो कभी दूसरे को.. उसके मुँह से बहुत मादक आवाजें आ रही थीं ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
मैं उसके मम्मों को जबरदस्त तरीके से चूसने में लगा हुआ था।
उसके बाद मैंने उसको नीचे लिटाया और उसकी पैन्ट का बटन खोल कर उसकी पैन्ट को उतार दिया। जिसमें उसने मेरी पूरी हेल्प की।
कसम से रेड कलर की पेंटी में वो बहुत ही खूबसूरत लग रही थी। उसकी इस खूबसूरती तो देख कर मुझे उस पर बहुत प्यार आया और फिर हमारे होंठ मिल गए.. जो कि 2-3 मिनट तक आपस में ही उलझे रहे।
इस पल का हम दोनों ने पूरा मज़ा लिया।
इसके बाद जब मैंने उसकी पेंटी उतारनी चाही.. तो उसने मुझे रोक दिया ‘तुम भी तो पहली अपने कपड़े उतारो।’
मैंने कहा- तुम ही उतार दो न..
पहली उसने मेरी शर्ट फिर बनियान उतार दी और मेरे मुँह पर किस करते हुए वो मेरी छाती फिर पेट पर आ गई और फिर उसने मेरी पैन्ट को खोलना शुरू कर दिया।
मुझे झटका लगा जब उसने मेरी पैन्ट और अंडरवियर को एक साथ खींच कर उतार दिया और मेरे खड़े हुए लंड को अपने हाथ में पकड़ कर मेरे लंड से खेलने लगी।
मुझे हैरानी तो तब हुई जब उसने मेरे बिना कहे ही मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया, मैं तो जन्नत की सैर करने लगा।
उसने मेरा लंड पूरे 5 मिनट तक चूसा, उसके बाद मैंने उसके होंठों पर किस किया, उसके होंठों को मैं काफ़ी देर चूसता रहा, वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।
उसकी बाद उसकी रसीले मम्मों को बारी-बारी चूसा.. तो वो कामुक सिसकारियां लेने लगी।
फिर मैंने उसकी गर्म-गर्म चूत पर अपना मुँह लगा दिया.. जो पहले ही पानी-पानी हुई पड़ी थी। उसके नमकीन पानी के क्या कहने.. चूत चूसने में मज़ा आ गया।
ऐसे ही 5 मिनट चूत चाटने के बाद मैंने उसकी टांगें फैलाईं और लंड को चूत में पेल दिया ‘आह्ह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… उह्ह..’
उसको थोड़ा दर्द हुआ पर फिर मजा आने लगा, धकापेल चुदाई होने लगी।
मैंने काफी देर तक उसको अलग-अलग पोज़ में चोदा और वो मेरा साथ पूरा देती रही। उसके बाद उस दिन हम दोनों और दो बार सेक्स किया। बाद में मैंने उसे उसके घर के पास छोड़ दिया।
कुछ दिन के बाद उसके रिश्ते की बात शुरू हो गई.. सो उसने मुझसे बात करना कम कर दिया।
उसका रिश्ता तो नहीं हुआ.. पर पता नहीं क्यों उसने मुझसे दूरी बना ली।
मैंने बहुत पूछा और जानने की कोशिश भी की.. पर उसने कभी कोई उत्तर नहीं दिया।
दोस्तो, यह मेरी सच्ची कहानी है.. आपको कैसी लगी। मुझे मेल करें।
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