नमिता सिंह- एक मस्त बीबी की कहानी
मैं दीपक सिंह एक कम्पनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूँ। मेरी उम्र 28 साल है और मैं एक गोरा स्मार्ट बंदा हूँ। मेरी लम्बाई 5 फुट 9 इंच और मैं चाक लेटी हीरो जैसी औसत बॉडी वाला लड़का हूँ।मेरी शादी एक साल पहले 23 साल की नमिता से हुई। नमिता एक बिजनेसमैन की एकलौती लड़की है। जब मैं पहली बार उसे उसके घर शादी के लिए देखने गया तो मेरे होश उड़ गये। उसके घर में सभी एकदम मॉडर्न खयालात के हैं। वो एक वेल एजु केटेड फैमिली है।मैंने देखा नमिता एक सफ़ेद शोर्ट स्कर्ट जो घुटनों से काफी ऊपर जांघो पे थी और एक पिंक स्लेव्लेस टॉप में थी, उसकी दूध से भी गोरी टांगे स्कर्ट में चमक रही थीं ।वो एकदम सॉफ्ट बॉडी मक्खन जैसी लड़की थी, स्कर्ट में उसकी उठी हुई मस्त गांड 36 की और उसके टॉप में दो उठे संगमरमरी मम्मे 36 के कयामत लग रहे थे ।उसकी कमर29 की कटावदार दिख रही थी, टॉप और कमर के बीच गोरा पेट संगमरमर सा दिख रहा था ।उसका फेस एक दम चिकना था, कोई एक सरसों के दाने बराबर भी दाग नहीं ,सॉफ्ट चिकने गाल किसी फिल्म के एक्ट्रेस जैसी उसकी सारी बॉडी और फेस था। उसकी लम्बाई 5 फुट 6 इंच थी। मैंने उसे पसंद कर लिया क्यों की उसके बॉडी और फेस जैसी ना जाने कितने एक्ट्रेस और टीवी एक्ट्रेस पे मैं बहुत मुठ मारता था। खैर हम दोनों की शादी हो गयी।सुहाग रात के दिन मेरे शरारती दोस्तों ने मुझे फ़ोन किया और मुबारकबाद दी। और साथ ही कहा की क्या मस्त माल पाया है यार भाभी को सोच के हम सभी दोस्त ग्रुप कॉन्फरन्स में फ़ोन पे बातें करके मजे ले रहे और तुम्हे इसलिए फ़ोन किये है ये बताने को की हम सब आज उसी को सोच के मुठ मारेंगे, यार….,,,,,,,…….. वो मस्त एक्ट्रेस से भी ज्यदा मस्त माल है। मैंने कहा मार लो सालों मुठ इजाजत है। वो सब बहुत खुस हुए। वो सारे एक साथ कांफ्रेस फोन पे थे वो वोले भाभी जी को नमस्ते बोलना चाहते हैं? मैंने फ़ोन पे नमिता से उनसे बात करवाई बस 2 मिनट, फिर खुद फ़ोन ले लिया वो सब बोले सबके हाथ उनके लौडों पे तेजी से चल रहे मैंने हंस के गाली देते हुए फ़ोन रख दिया।मैं ये सोच के खुश था इतनी मस्त बीबी पायी है की सब मुठ मार रहे मैं भी एक्साइट हो गया था। मेरा लंड खड़ा हो गया था लेकिन मेरा लंड सिर्फ 5 इंच का और पतला था लेकिन मैंने सोचा चोदने के लिए काफी है । खैर मैंने बिस्तर पे उसे लेटी हुई देखा साडी में उसकी गांड मोटी चौड़ी साफ उभरी दिख रही थी।मैं जाके नमिता के बगल में लेट गया और साड़ी के ऊपर से ही उसकी गांड पे अपने हाथ रख दिया उसकी कोमल गांड मेरे हाथों में समां नहीं रही थी मैंने उसे अपनी तरफ घुमाया अब उसका फेस मेरी तरफ था मैंने अपने हाथों से उसके फेस को सहलाया वो शरमाँ और मुस्कुरा रही थी उसका फेस मुलायम चिकना सुंदर लग रहा था मुझे दोस्तों की बात भी याद आ रही थी मुठ वाली ।मैंने उसके होठों को देखा वो पिंक और और होठों पे लाईने मस्त दिख रही थीं जैसे लग रहा था ये होठो की रेखाएं और गोलाईयां लंड के सुपाडे को नर्म होठों से चूसने के लिए ही बने हैं।मैंने उसके होठों को अपने होठों से जकड लिया। और एक हाथ से उसके चुतड को सहलाने लगा।फिर मैंने उसके ब्लाऊज़ के हुक खोलने सुरु कर दिया और ब्लाउज उतार दिया और नीचे साडी भी उतार दी मैं जल्दी से उसके बदन को देखना चाहता था। अब वो सिर्फ रेड ब्रा औरपैन्टी में थी ।मेरा लन्ड अब और कड़ा हो गया था। मैंने अब उसकी ब्रा एक झटके में उतार दी और कमरे में जैसे बिजली,,,,,,,,,,, कौंध उठी आह,,,,,,,,,,,, एकदम नंगी गोरी खड़ी अमीषा पटेल की जैसी मस्त,,,,, चूचियां। मेरे दोनों हाथों ने चुचियों,,,,,,,,, को जकड लिया और अपने आप चलने लगे।फिर मेरे मुहं ने उनकी तरफ रुख किया और चुचियों को ,,,,,,,,,,,,चूसने लगा मैं एकदम मस्त हो रहा था और नमिता भी अब कसमसा रही थी उसके हाथ मेरे सर को सहलाने लगे आखिर मैं उसके मम्मों को चूस रहा था ये उसकी चुचियों पे मेरा एहसान जो था जो हर लड़की महसूस करती है।फिर मैंने उसकी चड्डी भी उतार दी उसकी चूत ,,,,,,,,, एकदम चिकनी थी एक भी बाल नहीं उसने शायद झांटे बनायीं थी ।मैंने अपने लंड को उसकी चूत पे रख दिया और सुपाडा डाल दिया उसने अपनी पूरी नंगी गोरी टांगे फैला,,,,,, दी मेरा लंड उसकी चूत में चला गया ।मैंने उसकी चूत में धक्के लगाने शुरू कर दिए और उसकी कोमल नंगी गांड को अपने दोनों हाथो के पंजो में नीचे से लेके चोदने लगा उसका सुन्दर फेस बनने बिगड़ने लगा और उसकी फैली हुई टांगे मेरे जांघो के बाहर दिखाई दे रहीं थी उसके गोरे बोबे मेरी आँखों के सामने उछाल मार रहे थे मुझे अब दोस्तों की मुठ मारने वाली बात का और एहसास हो रहा था मैं सोच रहा था की वो सब नमिता के फेस को याद करके कल्पना में इसे नंगी करके चोदें होंगे और मुठ मारे होंगे ये सब सोच के मैं बहुत उत्तेजित हो गया और तभी अचानक मेरे लौड़े ने नमिता की चूत में पानी छोड़……. दिया। मैं सिर्फ 5 मिनट में ही झड गया। मैं उसके ऊपर से बगल में आ गया और अफ़सोस करने लगा और देखा एकदम जवान नंगी मादरजात जवानी मेरे बगल में अपनी चूत, चूची और मस्त गांड और खुबसूरत चेहरा लिए बिस्तर में पड़ा हुआ चमक रहा है।ऐसा जवान जिस्म जिसे देख के ही रोंदने की लालच हर मर्द में होती है ।23 साल की मादरजात नंगी जवानी मेरे बगल में पहली बार बचपन के बाद एक दम निर्वस्त्र बदन पे एक धागे का रेशा भी नही।खैर मैंने उसे अपनी बाँहों में ले लिया ये जाहिर करते हुए जैसे कुछ हुआ नहीं अपनी कमी को छिपाने लगा।फिर बड़े प्यार से उसे चुमते हुए थोड़ी बात की और सो गया। करीब एक हफ्ते बाद मैं और नमिता साथ रहने दिल्ली अपने बड़े बंगले में आ गये। वहाँ मेरा मुस्लिम ड्राईवर नदीम उम्र38 नौकर वीरभान उम्र49 और नौकरानी सीमा उम्र30 मेरे साथ थे। मैं नमिता को सारे ऐशो आराम देना चाहता था। मैं नमिता को 1 हफ्ते से चोद रहा था मगर उसकी खूबसूरती के आगे 10 मिनट से ज्यदा नहीं टिक पाता था, मेरा लौड़ा झड जाता था।मगर मैं चाहता था की नमिता की चुदाई जबरदस्त तरीके से हो पर ये मेरे बस की बात नहीं थी इसलिए मैं अब सोचने लगा था की इसे 4-5 लोग दबोच के झिझोंड के रुला रुला के इसकी पूरी मस्त बॉडी रौंद रौंद के चोदें। शायद मेरा छोटा लौड़ा और चोदने की नाकामी और नमिता की बेहद खूबसूरती ही मेरे मन में ऐसे सेक्स की भड़ास नमिता के लिए आने लगे थे।वैसे भी ज्यादातर लोगों जिनकी बीबी बहुत सुन्दर हो और उनके पति ऐसे हों जिनके लौड़े और बॉडी बड़े ना हों और जल्दी झड जाते हों उनके मन में ऐसे खयालात आते हैं।खैर नमिता को मैंने सारी सुविधाएँ दी रखी थी नौकर चाकर गाड़ी और पैसे और क्युकि वो अपने घर की अकेली लड़की थी और उसके डैडी एक बड़े बिजनेसमैन थे उनके पास करोडो रुपये थे वो भी अपनी नमिता बेटी को हर महीने लाखों रूपये उसके एकाउंट में डालते थे। इसलिए खाने पीने घुमने कपडे के लिए पूरा ऐश था हम दोनों के लिए ।घर या बाहर नमिता चाहे जैसे कपडे पहनती थी मॉडर्न से लेकर साडी जो चाहे पर ज्यादतर वो स्कर्ट टॉप या जीन्स और शर्ट पहनती थी। कभी कभी वो साड़ी भी पहनती थी पर साड़ी भी एक दम मोर्डेन तरीके से नाभि के नीचे तक खुले पेट, ब्लाउज स्लेव्लेस जो पीछे से एकदम नंगी पीठ पूरी खुली,,,,,,,,, या ब्लाउज जो आगे की तरफ सिर्फ चुचियों के सहारे आगे की तरफ एक मोटी गांठ से बांधे जाते हैं और उसके नीचे ब्रा नहीं पहनी जाती।उसकी कमर तक नीची साड़ी जिसमें खुले पेट और नाभि के होल किसी को भी ये सोचने को कहते थे की साली की नाभि के गोल होल हैं साली को पटक के चोदना चाहिए।शोर्ट स्कर्ट और टॉप में वो सेक्स की सुन्दर मगर मदमस्त फ्रेश मीट और गदरायी जवानी की गुडिया लगती थी फेस से सुन्दर गुडिया मगर सॉफ्ट भरी जवानी से मस्त गदराया माल। वो जब स्कर्ट टॉप पहनती तो अन्दर ब्रा नहीं होती थी जिससे उसके मोटे बड़े मम्मे साफ पता चलते और उछलते थे। जब वो जीन्स पहनती तो गांड की पूरी गोलाई और गांड का पूरा माल पीछे से पता चलता देखने वालों को यही लगता की अभी साली की गांड से जीन्स उतार के पूरी गोरी नंगी गांड में लौड़ा पेल दूँ।इस तरह वो घर और बाहर कोई भी ड्रेस पहनती थी। क्यों की नौकरों के अलावा मैं और नमिता ही बस एक साथ रहते थे।हम लोगों का घर बडा बंगला और बहुत सुन्दर था।बंगला 3-4 स्टोरी वाला फ्लैट नुमा लेकिन बहुत बड़ा था हम लोग किसी भी फ्लोर पे खाते पीते सोते बैठते थे।सामने सर्वेंट क्वार्टर भी था पर जब हम लोग बोलते तो नौकर लोग वहां जाते वरना अकसर वो लोग हम लोगों के साथ आस पास वाले कमरे या बरामदे में सोते थे।नमिता के आ जाने से तीनो नौकर वीरभान चाचा ,नदीम और सीमा बहुत खुश थे।एक हफ्ते घरसे आने के बाद वो बंगले में हम दोनों का दसवां दिन था। नमिता घर और नौकरों से घुलमिल गयी थी।नमिता चुकि एक वेल एजुकेटेड घर से थी और ज्यादा घर से बाहर नहीं निकली थी इसलिए भोली और सभ्य थी।लेकिन वो साथ ही बहुत बुद्धिमान और समझदार थी। उस रात मैं और नमिता दस बजे अपने बालकनी में बैठे थे नमिता शोर्ट स्कर्ट और ब्रा लेस टॉप में थी बालकनी के रेलिंग पे अपनी गोरी गुदाज सॉफ्ट टांगे लम्बी करके बैठी थी फर्स्ट फ्लोरे पे हम दोनों ऐसे ही बातें कर रहे थे ।वहां बालकनी में पूरी तेज लाइट हम दोनों पे थी सामने सर्वेंट क्वार्टर में आज वीरभान सोया था उसने बोला था आज वो वहीँ सोना चाहता है सीमा और नदीम अलग दोनों फ्लोरे के बरामदे में शायद टीवी देख रहे थे ।तभी मेरा एक फ़ोन आ गया मैं बात करते हुए नीचे ग्राउंड में टहलने लगा और बालकनी में ऊपर देखा नमिता वहाँ बैठी रोशनी में इकदम साफ दिख रही थी मस्त माल लग रही थी। नमिता अब अपने मोबाइल में गेम में विजी लग रही थी मैं फ़ोन पे बात खतम करके पास सामने वीरभान के कमरे यानि सर्वेंट रूम के पास पहुंचा दरवाजा बंद था। मैंने बाहर से पूछा,,,,,,,,,,,, खाना खाया,,,,,,,,,,, आज यहीं सोगे क्या?,,,,,,,,, वो बोला हाँ साहब,,,,,,,,,,,, मैंने कहा -,,,,,,,,,,ओके ओके। मैं ऊपर जा रहा हूँ सोने,,,,,,,,,नीचे सब चेक कर लेना वो वोला ,,,,,,,,,,अच्छा साहब। फिर मैं अपने मोबाइल में कुछ मैसेज देखने लगा और वही लौन में एक ब्रेंच पे बैठ गया वीरभान ने समझा मैं ऊपर फ्लोरे पे चला गया 5 मिनट बाद मुझे वीरभान के कमरे से कुछ हल्की आवाजें सुनायी देने लगीं। मैं उसके रूम के पास गया वो कुछ गालियाँ बक रहा था और जोर से आह,,,,,,, ओह,,,,,,,, ऊँ,,,,,,,,,,,,, कर रहा था। मैंने साइड खिड़की के टूटे हुए होल से अन्दर,,,,,,,, देखा तो दंग रह गया,,,,,,,,,,,, वीरभान जो 49 बरस का एक बहुत विशाल मजबूत बलिष्ठ काले शरीर वाला 5फुट 7 इंच वाला जल्लाद जैसी बॉडी वाला आदमी था ,,,,,,,,,वो एक कुर्शी पर एकदम नंगा बैठा था अन्दर की लाइट जल रही थी इसलिए सब साफ़ दिख रहा था। मैंने देखा कुर्शी पर उसकी भारी मोटी मजबूत बलिष्ठ गांड हिल रही थी,,,,, मेरी नजर तभी उसके दोनों चौडी जांघो के बीच में जाके रुक गयी,,,,,,,,,,,, ओह तेरी की ……उसकी जांघो के बीच,,,,,,,,,,, खूब काली जंगली झांटे और उसके हाथ में ,,,,,,,,,11 इंच लम्वा और 3इंच मोटा जानवर जैसा विकराल विशाल खूंखार,,,,,, लौड़ा,,,,,,,,,,, एकदम लोहे की तरह सख्त तना हुआ उसके ,,,,,,,,,,लंड का सुपाडा ,,,,,,,,,,,मोटा फुला हुआ एकदम कटाव दार भरपूर मर्द वाला सुपाडा।उसकी सामने की खिड़की थोड़ी खुली थी और वो सामने देखता हुआ अपने ,,,,,,,,लौडे,,,,,, को खूब तेजी से आगे पीछे कर रहा था मैं समझ गया वो सामने बालकनी में बैठी मेरी बीबी ,,,,,,,,नमिता,,,,,,,,,,,, को देख के अपने लौड़े को चला रहा ऐसा देखते ही मेरा लंड एक झटके में ही 1 ,,,मिनट में खड़ा हो गया आज तक मुझे ऐसी उत्तेजना कभी नही हुआ थी वीरभान के लौड़े को नमिता के लिए तना हुआ और उसका हाथ चलाना मुझे मदहोश कर रहा था वीरभान का लंड तना हुआ उछाल,,,,,,,,,,, मार रहा था उसके जंगली लौड़े के आगे मेरा लंड ,लंड कहलाने लायक नही था मगर मैं बहुत उत्तेजित हो चुका था उधर नमिता अपने मोबाइल में गेम खेलने में व्यस्त थी यहाँ नीचे अँधेरा था मगर वो बालकनी में दुधिया रौशनी मे बैठी साफ़ दिख रही थी इसीलिए वीरभान यहाँ से असानी से उसे देख के मुठ मार,,,,,,,,, रहा था मैं रूम के बाहर ग्राउंड में वीरभान के रूम में साइड वाली खिड़की से अन्दर और सामनेबालकनी में बैठी नमिता दोनों को पूरा देख सकता था और अन्दर से वीरभान सामनेथोड़ी खुली खिड़की के इकदम पास से नमिता को पूरा साफ़ देख रहा था उसके,,,,,,,,, लौडे के नीचे,,,,,,,,,,, उसकेमोटे टट्टे,,,,, एकदम गोल और कड़क थे उसके अंडू के अन्दर दो मोटे अनडे,,,,,,, साफ़ नजर आ रहे थे। वो अपना विशाल लौड़ा तेजी से अपने हाथों से आगे पीछे कर रहा था,,,,,,,,ये देख मुझसे रहा न गया ,,,,,, मैंने अपना तना हुआ लौड़ा भी अपने लोअर से एकदम बाहर निकाल के मुठ मारने लगा अपनी मोबाइल को निकाल के कैमरा चालू करके वीरभान को पूरा लंड हिलाते हुए रिकॉर्ड करने लगा और मोबाइल बीच बीच में नमिता को भी बालकनी में रिकॉर्ड करने लगा,,,,,,, नमिता का फेस कभी रिकॉर्ड करता ,,,,,, औरकभी ,,,,,,,, इधर वीरभान को लण्ड हिलाते हुए रिकॉर्ड करता ,,,,, फिर नमिता कि पुरी बॉडीरिकॉर्ड करता ,,,,,,,,.. फिर वीरभान का मुठ मारते हुए गलियां बकना।,,,,,,वीरभान एक देहाती आदमी था,,,,,,,,, वो मजबूत शरीर का था वो 6 महीने से अपने घर नहीं गया था,,,,,,, नमिता जैसी माल उसने फ़िल्मों में भी नहीं देखा था। नमिता की जवानी, उसका जिस्म और पहनावे ने और अपनी आँखों के इतने करीब ऐसा मस्त गदराया माल पाके उसके लौड़े का जानवर,,,,,,,,,,, जाग उठा था,,,,, और नतीजा,,,,,,,,, आज वो नमिता को अपनी कल्पना में जबरदस्त चोद रहा था मुठ मारते हुए।,,,,,,,,, मुझे ये देख के खूब मजा आ रहा था।उधर वीरभान अपना काला लौड़ा तेजी से खिड़की से देखते हुए ऊपर बैठी हुई नमिता पर चला रहा था,,,,,,,,,, वीरभान बक रहा था- ओह,,,,,,,,,,,, मेरी नमिता,,,,,,,,, छुई मुई.…… कोमल मस्त जवानी वाली बहु रानी,,,,,,,,,,,,, ओह साली,,,,,,,,,,,, तुझे क्या पता.…?…,,,,,,,,,, तू वहां बालकनी मे बेखबर स्कर्ट में अपनी नंगी गोरी मखन जैसी टांगे दिखा रही,,,,,, तेरी स्कर्ट के नीचे तेरी नीली चड्डी ,,,,,,,,भी हवा से दिख जा रही,,,,,,, आह,,,,,,,,,,,,, ऊँ,,,,,,,..आ,,,, साली,,,,,,,,, मेरा लौडा आज मस्ती में है ,,,,,,,साली तू मस्त माळ बहू है ।,,,,,,,,,,,,,साली मुझे तेरा टॉप दिख रहा,,,,,,,,,, तूने ब्रा नहीं पहनी तेरे मम्मे ,,,,,,,, बड़े मोटे और हिलते हुए दिखाई दे रहे जब तू झुक रही तेरी छोटी खुली टॉप से तेरेआधे मम्मे,,,,,,, बाहर दिख रहे ओह साली,,,,,,,, मजा आ गया,,,,,,,,,,, आज मस्त लौड़ा हिला रहा हूँ ।वीरभान के ये शब्द मुझे मस्त उतेजित कर रहे थे वो अपने जांघो पे एक हाथ से थपथपा के दूसरे हाथ से अपने मर्दाने लौड़े को और गति दे रहा था । जैसे लग रहा था वो अपनी आँखों से ही दूर बैठी नमिता को अपनी जांघो के बीच फुफकारते काले लौड़े पे बिठा के उसकी गोरी गाड़,,,,,,,, उछाल- उछाल,,,,,,,, के चोद रहा है।वीरभान लगातार बोले जा रहा था -,,,,,,,,,नमिता ,,,,,,,,,,,,,,तेरी जैसी मस्त जवान गर्म कमसीन लौंडिया,,,,,,,,,, मेरे मोटेलम्बे लौड़े पे उछलने के लिए बनी होती हैं,,,,,,,,,,, ओह,,,,,,,,,,,,, साली,,,,,,,,, नमिता तू ,,,,,,,,,,,चुदक्कड़,,,,,,,,,,, रंडी,,,,,,,, है ओह,,,,,,,,,,,,, मादरचोद,,,,,,,,,,,,, कुतिया,,,,,,,,,,, उछल,,,,, तेरी माँ की चूत ,,,,,,उछल,,,,,,, मेरे लौड़े पे कूद ओह,,,,,,,,,, हराम जादी,,,,,,,,,, तेरी गोरी मस्त नरम गांड,,,,,,,, एकदम मक्खन जैसी होगी ,,,,,,, आह्ह्ह्ह ,,,,,,,,, मेरे विकराल पत्थर जैसे लौड़े जब तेरी गाण्ड ,,,,,, फंस जाएगी तब तुझे पता चलेगा,,,,,,,,,,,, रंडी मादरचोद ,,,,,,,,,,, वीरभान जो शब्द नमिता के लिए बोले जा रहा था उससे मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी। उसका नमिता के लिए इस तरह और सेक्सी गलियां देना मुझमे रोमांच भर रहे थे।और इसी उत्तेजना में मेरे लौड़े का माल आआआआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ,,,,,,,,,,, झड़ गया मैं अपने को रोक नहीं पाया तभी नमिता ने थोड़ीसी सी,,,,,,,,, अंगड़ाई ली और अपने दोनों हाथों को ऊपर किया उसके हाथ ऊपर होने से चूकि उसकी टॉप शार्ट और ढीली थी नीचे से उसकी ,,,,,,,,,,,,,चूचियों,,,,,,,,,,, के थोड़े से भाग नुमाया हो गए फिर क्या था वीर भान का,,,,,,,,,,,, लौड़ा ,,,,,,,,, फुफकार उठा वो और जोर से गालिया देने लगा,,,,,,,,,,,, ओह साली,,,,,,,,,,,,,, नमिता,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, बहन की लौड़ी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, रंडी मादरचोद ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तू जिस दिन यहाँ आई,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, तेरा चेहरा देख के ही मेरा लौड़ा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, मस्त हो गया था,,,,,,,,,,,,,,, तुजे मैंने नमस्ते किया और साथ ही तेरा चेहरा देखा,,,,,,,,,,,,,,,,, तो मेरा लौड़ा ,,,,,,,,,,,,,,,,खड़ा हो गया था फिर तू यहाँ घर में जो मस्त कपडे,,,,,,,,,,,,, पहन के घूमती थी मेरे आँखों में सेक्स ही उभरता रहा,,,,,,,,,, तेरी स्कर्ट में गोरी टाँगे,,,,,,,,,,,,,,,, और जांघें देख के मुझे बहुत मजा आता था,,,,,,,,,। साड़ी में तेरी मस्त,,,,,,,,,,,,, गांड पीछे से देख से देख मन करता था की तेरी साडी उठा,,,,,,,,,,,, के तेरी ,,,,,,,,,,,,,,गोरी गांड में ,,,,,,,,,,,,,,अपना ,,,,,,,,लौड़ा घुसेड़ दू ,,,,,,,,,,,,ओह साली,,,,,,,,,,,, तेरे जैसी माल,,,,,,,,,, मैंने इतने करीब से कभी नहीं देखी। वीर भान अपने लौड़े के सुपाड़े पर अपनी उँगलियों से रगड़ रहा था और हाथ अपने लौड़े पे तेजी से चलाये जा रहा था तभी नमिता शायद अपने कमरे में जाने के लिए कुर्सी से उठ ,,,,,,,,,,, खड़ी हुई और उसकी पूरी ,,,,,,,,गोरी टाँगे जांघो तक नंगी गोरी दिखने लगी ,,,,,,,,,,,,वो अंगड़ाई ली और जाने के लिए पलटी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, ओह गॉड साली पूरी स्कर्ट घूम गयी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,और अब पीछे से उसकी स्कर्ट से ढकी हुई ,,,,,,,,,,,,,गांड का उभार,,,,,,,,,,,, और तंग स्कर्ट में उसकी,,,,,,,,,,,, दूधिया जन्घे मस्त चिकने दिखने लगे ,,,,,,,,,,,,,,१ मिनट के इस पल ने वीर भान की आँखों और लौड़े को मस्त कर दिया ,,,,,,,,,,,वीर भान ने एक तेज हुंकार भरी ,,,,,,,,,,,उन्न्न्न्न्न्न्न्न,,,,,,,,,,,,,,,,,, और वो तेजी से गालियां बकने लगा ,,,,,,,,,,,,,, तेरी माँ की चूत,,,,,,,,,,,,,,, साली,,,,,,,,,,,,,,,,,, नमिता,,,,,,,,, मादरचोद,,,,,,,,,,,, तेरी चूत के झांटों,,,,,,,, में अपने लौड़े का वीर्य,,,,,,,,, मोतियों की तरह बिखरा ,,,,,,,,,,,,,,दूंगा माँ की लौड़ी,,,,,,,,,,,, साली ,,,,,,,,,,,हरामजादी,,,,,,,,,,,,, कुतिया,,,,,,,,,,, ये ले ,,,,,,,,,,,तेरी मस्त चिकनी गांड में मेरे लौड़े का माल,,,,,,,,, ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ,,,,,,,,,,,,, आआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह,,,,,,,,,,,, साली ,,,,,,,,,,,,, और फिर हुंकार भरते हुए ,,,,,,,,,उउउउउउउउउउउउउऊ ,,,,,,,,,,,,,,, उसने उसने अपने लौड़े की तेज पिचकारी,,,,,,,,,,,,,, खिड़की की दिवाल पे उछाल दी,,,,,,, उसके मर्दाने लौड़े का वीर्य,,,,,,,,, ३-४ पिचकारियों,,,,,,,,,,,,,,,,,, की धार में दीवाल पे उछाल मार के फ़ैल गया और फिर भी वीर भान का लौड़ा काले नाग की तरह अभी एक दम खड़ा था वो काफी देर तक अपने लौड़े की एक एक बूँद निकलता रहा,,,,, और अपने लौड़े को सहलाता रहा वो नमिता पे मुठ मार के काफी संतुस्ट लग रहा था उसने काफी देर तक अपने लौड़े को सहलाया और लौड़े को दुलारता रहा। मैंने अपने मोबाइल को बंद किया और तुरंत अपने कमरे कीतरफ बढ़ गया और नमिता के कमरे में आ गया।
मैं नमिता के रूम में आया ,,,,,,,,,, तो देखा नमिता स्कर्ट और टॉप पहने बिस्तर पे ,,सो ,,के टीवी देख रही थी,,, उसने पूछा,,,,,,,,,,, कहा इतनी देर लगा दी तो मैंने बोला,,,,,,,,, ऑफिस से फ़ोन था थोड़ी लम्बी बात हो गयी ,,,,,,,,,,फिर मैं नमिता के बगल में बिस्तर पे लेट गया,,,,,,,,,,,, मगर मेरे जेहन में अभी तक वीर भान,,,,,,,,, की मुठ मारने का सीन घूम रहा था,,,,,,,,, उसने जैसे गालिया देकर,,,,,,,,,,,, अपने बड़े मोटे लौड़े को मस्त हिलाकर ,,,,,,,,,,,और अपने लौड़े की पूरी विकृति,,,,,,,,,,,, नमिता को देखकर मुठ मारने में अपना पूरा वीर्य निकाला ,,,,,,,,,,,,वो मुझे अभी तक एक्साइट किये हुए था,,,,,,,,, मैं नमिता की तरफ देख रहा था,,,,,,,,,,, और वो टीवी में फिर से मस्त हो गयी ,,,,,,,,,,,मुझे उसकी सॉफ्ट बॉडी और फेस और मक्खन सी कोमल टाँगे देखकर यही महसूस हो रहा था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, इस परी जैसी काया वाली मेरी बीबी नमिता ,,,,,,,,,,,,,,,,,, पर आज वीर भान ने जमकर अपना माल निकाला है,,,,,,,,,,,, और ये बेखबर,,,,,,,,,,,,,,, है। वैसे भी रोज कितनी ही एक्ट्रेस और लड़कियों पे ,,,,,,,,,,,लोग कितना मुठ मारते है ये उसे ही पता होता है ,,,,,,,,,,,,जो मुठ मारता है, ,,,,,,,,,,,कोई लड़की सोच नहीं सकती है की आज कितने करीबी और,,,,,,,,,,, दूर के लोंगो ने उसपे मुठ मारा होगा लेकिन ये लड़कियों की सेक्स और खूबसूरती ,,,,,,,,,,,,की सीमा और इनाम है ,,,,,,,,,,,,,,उसे पता हो या ना हो खैर ,,,,,,,,,,, ये मेरे अपने विचार हैं। और फिर उसके बादमैंने ,,,,,,,,,, नमिता से पूछा ,,,,,,,,,,,,क्या देख रही हो टीवी में,,,,,,,,,,, उसने बोला मूवी,,,,,,,, मैंने कहा,,,,,,,, तुम्हे कौन सा हीरो सेक्सी लगता है ,,,,,, उसने बोला,,,,,,, जॉन अब्राहम मैंने कहा क्यों,,,,, वो बोली उसकी बॉडी मस्त है,,,,,,,,,,, मैंने उसको अपनी बाजुओं में भर के बोला बहुत पसंद है क्या वो,,,,,,,, शरमाने लगी,, मैंने कहा,,,,,,, कोई बात नहीं बताओ,,,,,,,,,, वो बोली हाँ वो मुझे सेक्सी लगता है,,,,,,,। मैंने कहा,,,,,,,, तुम्हे कैसे मर्द पसंद है सेक्स के लिए शर्माओ मत बताओ,,,,,,,,,,,,,, इसमें कोई बात नहीं मुझे भी तो कई ,,,,,,, एक्ट्रेस पसंद हैं जिन्हे मैं,,,,,,,,,,, इमेजिन करके सेक्स करता हूँ उसने कहा- क्या मतलब,,,,,,,,,,,,,, मैंने कहा देखो,,,,,,,,,,,,, मैं जब तुमसे सेक्स करता हूं ,,,,,, तो किसी और एक्ट्रेस को भी सोच के तुमसे सेक्स करता हूँ ,,,अब जैसे तुमने बतया की तुम्हे जॉन अब्राहम पसंद है,,,,, तो तुम भी मुझसे सेक्स करते समय उसे सोच के करोगी ,,,, तो तुम्हे मजा आएगा,, मैंने कहा,,,,,,, अच्छा ये बताओ क्या तुम्हे शादी से पहले कभी किसी हीरो या किसी को देख के ये मन नहीं करता था,,,,,,,,, की तुम उसके साथ सेक्स करो देखो झूठ मत बोलना ,,,,,,,,,,,,, वो बोली हाँ,,,,,,,,,,,,, करता था मैंने पूछा,,,,,,,,,,,,,,,, किसके साथ वो बोली,,,,,,,,,,,, हॉलीवुड फिल्म देख के कुछ हीरो के साथ मन होता था,,,,,,,,,, मैंने कहा,,,,,,,, जैसे?,,,,,,, नमिता बोली,,,,,,,,,,, मुझे अर्नाल्ड और वांडम सेक्सी लगते थे। ,,,,,,,, मैं नमिता से जानना चाहता था की आखिर उसकी सेक्स की भूख कैसी है ,,,और वो क्या क्या सोचती है,,, आगे पूछा,,,,,,,,,,,,, अच्छा ये बताओ ,,,,,,,,तुम्हे जब सेक्स का नशा या मन होता था तो क्या तुम किसी को इमेजिन करके ऊँगली,,,,,,,,,,, करती थी इस बार वो थोड़ा और शरमाई और बात टालना चाहती थी,,,,,,,,,,, मगर मैंने कहा बताओ सेक्स लाइफ की बातें ,,,,,,,,,,,,हम दोनों को एक दूसरे से खुल के बतानी चाह्यिए और फिर नमिता ने बताया,,,,,,,,,,,,, हाँ उसने अर्नाल्ड और वॉन्डम् को सोच के,,,,,,,,,,,,, कई बार ऊँगली की थी ,,,,,,,,,,और उसे बहुत मजा आया था। ,,,,,,,,,,,मुझे नमिता को पूरी तरह से सेक्स की बातों के लिए खोलना था,,,,,,,,,,,,, क्यों की उसकी बातें सुन के मुझे मजा आ रहा था,,,,,,,,,,, और शायद उसे भी मेरी सेक्सी बातें अच्छी लग रही थीं ,,,,,,,,,,,,,जब मैंने उससे ये सुना की वो अर्नाल्ड को सोच के ऊँगली की है,,,,,,,,,,,, तो मुझे मजा आने लगा मुझे लगने लगा इस मस्त लौंडिया की सेक्स की भूख बड़ी है,,,,,,,,,,, बस ये खुल के नहीं बता रही.,,,,,,,,,, वो एक रिच फैमेली से थी और मुझे पता था,,,,,,,,,,,, रिच फैमेली की लडकियो के सेक्स की भूख दबी होती है,,,,,,,,,, मगर वो जब मौका पाती हैं,,,,,,,,,,,,, तो एकदम जंगली सेक्स करती हैं ,,,,,,,,,,,,,भूखी बिल्लियों,,,,,,,,,,,,, की तरह खैर थोड़ी और सेक्सी बातें करने के बाद हम दोनों सो गए।,,,,,,,,,,, दुसरे दिन सुबह मुझे और नमिता को मार्केटिंग के लिए जाना था ,,,,,,,,,,मैंने कहा,,,,,,, जल्दी से तैयार हो जाओ ,,,,,,,,,,हम लोग आज मार्किट चलेंगे,,,,,,,,,, और फिर मॉल में मूवी।,,,,,,,,,,, वो जल्दी से रेडी हो गयी,,,,,,,,,,, आज उसने लो वैस्ट जीन्स,,,,,,,,,, और टाइट शर्ट पहनी थी,,,,,,,,,,,,,,, मस्त गांड लग रही थी,,,,,,,,,,, उसकी जीन्स में और टाइट शर्ट में उसके ,,,,,,,,,,,,चुचियों,,,,,,,,,, के उभार ऐसे लग रहे थे जैसे उसके मम्मे शर्ट,,,,,,,,,,,,, के बटन फाड़ के बहार आ जायंगे ,,,,,,,,,,,,उसके शर्ट के उपर वाला बटन खुला था,,,,,,,,,,,,, जिससे उसके बूब्स के हिलने पर कुछ भाग दिख जाते थे ,,,,,,,,,और वो जब वो अपनी सैंडल,,,,,,,,,,,, पहनने के लिए झुकी तो उसके लो वेस्ट जीन्स से ,,,,,,,,,,उसकी ब्लू चड्डी दिख रही थी,,,,,,, नमिता की ड्रेस सेन्स कमाल की,,,,, सेक्स अपील वाले होते थे शायद ये,,,,,,,,,,,,, रिच सोसाइटी और मॉडर्न कल्चर की वजह से था ,,,,,,,,,,,, मगर ये मस्त और मेरे सोच के मुताबिक था। ,,,,,,,,,,,,, नदीम ने गाड़ी निकली और हम दोनों बैठ गए और फिर मॉल पहुंच गए मॉल में घुसते ही सब नौजवान लड़को की निगाहें नमिता पे आकर टिक,,,,,,,,,,,,, गयी सब उसे देख के मस्त हो रहे थे ,,,,,,,,,,,,,मैंने ऐसे महसूस किया लेकिन ,,,,,,,,,जैसे मुझे कुछ नहीं पता मैंने इग्नोर किया ,,,,,,,,,,,,मुझे ये सोच के मजा आ रहा था की आज कितने लड़के घर जा के नमिता को सोच के मुठ मारंगे,,,,,,,,,,,,,,,,, वे नमिता के मम्मे उसके मस्त फेस ,,,,,,,,,,,,,,और उसकी जींस में मस्त गांड को अपनी निगाहो में उतार रहे थे,,,,,,,,,,,, कुछ ४-५ लड़को का चीप टाइप ग्रुप खड़ा था उसमें ,,,,,,,,, से कुछ के कॉमेंट धीमी आवाज में आये ,,,,,,,,,,,,,,,क्या मस्त माल है यार,,,,,,,,,,,,,,,,,, मस्त भाभी है,,,,,,,,,,,, आह,,,,,,,,,,,, मैंने कुछ नहीं बोला,,,,,,,,,,, बल्कि वही एक शॉप के पास रुक गया और अनजान बना रहा,,,,,,,,,,,, तभी उसमे से एक ने बोला ,,,,,,,,,,,,,,,यार भाभी के मम्मे तो मस्त हैं ,,,,,,,,,,,,लगता है खूब दबाये गयें हैं,,,,,,,,,,,,, तभी दूसरे ने बोला यार भाभी की जीन्स में,,,,,,,,,,,,, मस्त भारी गोल गांड भी कितनी मस्त है ,,,,,,,,,,,मुझे और नमिता दोनों को ये सब सुनाई दिया था मगर मैं नमिता से शॉप पे एक रिंग के बारे में पूछने लगा,,,,,,, तो नमिता को भी लगा की ये सुन नहीं रहे फिर ,,,,,,वो भी मेंरे साथ रिंग देखने लगी,,,,,,,,,, फिर हम दोनों आगे बढ़ गए। पूरे मॉल में आज मैंने मैंने नमिता की खूबसूरती और सेक्सी बॉडी को ,,,,,,,,सबकी आँख सेकने का भरपुर मौका दिया,,,,,,,, फिर हम दोनों ने मूवी,,,,,, देख के और शाम को ९ बजे तक घर आ गए।,,,,,,,,, मुझे काफी मजा आया ,,,,,,,,,मेरे डर्टी माइंड सेक्स की पूर्ति हो रही थी। घर आने पे हम दोनों ने काफी पी ,,,,,,,,,,खाना हमलोग बहार खा के आये थे,,,,,,,,,,,, मैंने नदीम औरसीमा से कहा,,,,,,,,,,,,,, की तुम दोनों नीचे वाले फ्लोरे में आज सो जाना और,,,,,,,,, वीर भान से कहा,,,,,,,,, तुम आज यही हाल में सो जाओ मेरे कमरे के बाहर ,,,,,,,,,,,,वीरभान ने कहा,,,,,,,,,,,,,,, जी साहब ,,,,,,,,,,,,मुझे कल रात वाली वीर भान की मुठ मारने घटना याद थी,,,,,,,, मगर वीर भान को कुछ नहीं पता था की मैं जानता हूँ,,,,,,,,,,, इसलिए वो नार्मल था मगर उसके दिमाग में तो सेक्स चल ही रहा होगा ,,,,,,,,,,,नमिता के लिए ये सिर्फ मैं जांनता था ,,,,,,,और मैं सोच के एक्साइट हो जा रहा था।,,,,,,,,,, मैं और नमिता अपने कमरे में आ गए। ,,,,,,,,,, हम दोनों बिस्तर पे लेट गए फिर थोड़ी मूवी और मार्केटिंग की बातें की फिर मैंने कहा ,,,,,,,,,,,आज तुम बहुत सेक्सी लग रही थी मार्किट में ,,,,,,,,,,,वो हंसने लगी,,,,,,,, मैंने बोला तुम्हे याद है ,,,,,,,,वो लड़के क्या कह रहे थे,,,,,,,,,,, मॉल में नमिता ने कहा,,,, आपने भी सुना था ,,,,,क्या वो बहुत बत्तमीज थे,,,, मैंने कहा,,,,,,,,,,,, रिलैक्स ये होता इसे इग्नोर ही करना चाहिए,,,,,,,,,,,, मगर वो बोल तो रहे थे सच ही क्यों ? नमिता ने बोला,,,,,,,,,,, आप भी क्या बोल रहे हैं ,,,,,,,,,,,,,,,मैंने कहा,,,,,,,, इससे मजे के रूप में लो ना और बताओ,,,,,,,,,,,,,, उनके कॉमेंट तुम्हे कैसे लग रहे थे,,,,,,,,,,,,,,, सेक्स के रूप में तो अच्छे लग रहे थे,,,,,,,,, जो वो चीप लैंग्वेज में बातें कह रहे थे,,,,,,,,,,,,,,,,, समथिंग जैसे ,,,,,,,,,,,,,,माल, मम्मे, गांड एंड मोर इन हिंदी ,,,,,,,,,,,,,,, मैंने कहा सही कह रही हो ,,,,मुझे मजा आ रहा था की मेरी बीबी इतनी सेक्सी है।,,,,,,,,,,,,,, नमिता एक वेल एजकेटेड एंड रिच फैमेली से थी,,,,,,,,, इसलिए उसने कभी गन्दी सस्ती और हिंदी सेक्स लैंग्वेज और गालियां ,,,,, सुनी नहीं थी ,,,,,,मगर वो उसे बहुत अच्छी लगी जो लड़को ने थोड़ी गन्दी हिंदी शब्द बोले थे ,,,,,,,,,,,,,, ये उसे एक्साइट किये ऐसा नमिता ने बताया,,,,,,,,,,,,,,,,, मैंने कहा,,,,,,,,,,,,,,, हां सेक्स में गन्दी बातों और लैंग्वेज का अपना मजा होता है,,,,,,,,,,,, ये सेक्स को बढ़ा देता है फिर मैंने नमिता से और सेक्सी बातें की मगर,,,,,,,,,,, नमिता ने कहा,,,,,,,,,,,,,,,,,,, वो आज मार्केटिंग से थक गयी है इसलिए सोना चाहती है,,,,,,,,, मैंने कहा,,,,,,,,,,,, ओके ,,,,,,,,,,लेकिन तुम अपने पूरे कपडे निकल दो और नंगे सो जाओ,,,,,,, मुझे तुम्हे नंगे लेकर सोने में मजा आता है,,,,,,,,,,,,,, उसने कहा ,,,,,,,,,,,,ठीक है फिर उसने अपने पूरे,,,,,,,,, कपडे निकाल ,,,,,,,,,,,दिए और एकदम,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, मादरजात ,,,,,,,,,,,,नंगी सो गयी ,,,,,,,,,,,,, अब उसका ,,,,,,,,,,,, संगमरमरी ,,,,,,,,,,,,, ताजा,,,,,,,,,, माँसल ,,,,,,,, नया जवान,,,,,,,,,,,, गर्म जिस्म,,,,,,,,,,,,, पेट के बल,,,,,,,,,,, लेटा हुआ बिस्तर पर चमक रहा था.,,,,,,,,,,उसकी नंगी ,,,,,,,,,,,, पीठ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, कटावदार कमर,,,,,,,,,,,, माँसल,,,,,,,,,,, गोरी चौड़ी गांड,,,,,,,,,,,, ओह्ह जैसे कोई नंगी अप्सरा,,,,,,,,,,,,,, सोयी,,,,,,,,,,,, हो अपनी नंगी,,,,,,,,, गान्ड,,,,,,,,,, फैलाये । नमिता तुरंत ही सो गयी थी,,,,,,,,,, मगर उसे नंगा ऐसे सोता देख,,,,,, मेरा लण्ड खड़ा हो गया था ,,,,,,,,,,,,मेरे कमरे की पूरी लाइट जाली हुई थी ,,,,,,,,,,,,और मैं टीवी देखते हुए नमिता की गांड,,,,,,,,, पे हाथ से सहला रहा था ,,,,,,,,बाहर वीरभान हाल में लेटा हुआ है सोफे पे ये मुझे मालूम था। ,,,,,,,,,,,,मेरे दिमाग में कुछ चल रहा था ,,,,,,,,,मैं सोचने लगा,,,,,,,,,,,,,, मेरे रूम में से लगा बाथरूम था ,,,,,,,,,,जिसका एक दरवाजा रूम में ,,,,,,,,,,,,और एक हॉल से खुलता था और,,,,,,,,,,,,, बाथरूम का एक और दरवाजा उसी,,,,,,,,,,, में दूसरे रूम से भी लगा था ,,,,,,,,,,,,,यानि बाथरूम में ३ दरवाजे ,,,,,,,,,दोनों रूम से लगा बाथरूम का दरवाजा ,,,,,,,और वही हाल से भी लगा था,,,,,,,,,,,, यानि बाहर से हाल से जाना चाहे तो भी ,,,,,,,,,,,,और दोनों रूम से भी लगा हुआ था ,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं कभी कभी दूसरे रूम में भी सो जाता था,,,,,,,,,,,, जब नमिता जल्दी सो जाती थी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,और मुझे लैपटॉप पे ऑफिस के काम करने होते थे,,,,,,,,,,,,,,,,,, यानि दोनों रूम के बीच वो बाथरूम था,,,,,,,,,,,,,,, जिससे हम दोनों यूज़ कर सके,,,,,,,,,,,,,,,,,,, और बाहर से हाल से भी दिन में भी ,,,,,,,,,,,,,,बिना कमरे में जाये उसे यूज़ कर सकें। ,,,,,,,,,,मेरे दिमाग में आज एक प्लान आया। ,,,,, मेरे कमरे में नमिता नंगी,,,,,,,,,, मादरजात,,,,,,,,,,,,,, सोयी पड़ी थी और कमरे की लाइट जल रही थी।,,,,,,,,, रात के अभी १० ही बज आरहे थे,,,,,,,,,,,,, मगर आज नमिता थके होने की कारन गहरी नींद में सो गयी थी,,,,,,,,,,,, उसकी आदत थी एक बार गहरी नींद में आने के बाद जल्दी नहीं जागती थी,,,,,,,,,,,, सिर्फ करवटें बदलती थी मैं अपने रूम से बहार निकला और और नमिता की एक चड्डी,,,,, और ब्रा,,,,,,,, अपने हाथ में लेके बाथरूम,,,,,,,, में अंदर वाले दरवाजे से गया और,,,,,,,,,, वो चड्डी और ब्रा पानी में भीगाकर उसे वही,,,,,,,,,,, फर्श पे रख दिया। मेरे बाथरूम के दरवाजों,,,,,,,,,,,,, में की होल ,,,,,,,,,,,वाले होल लेंस लगे थे जिससे अंदर ,,,,,,,,,,,,,से देखा जा सके की बाहर कौन है मैंने बाथरूम के,,,,,,,,, एक दरवाजे के कीहोल को उलट दिया ,,,,,,,,,,,,,,,,, थोड़ी मेहनत तो हुई लेकिन हो गया ,,,,,,,,,,,,,,,,,अब सीन ये था की बाथरूम से,,,,,,,,,,, मेरे पहले यानि नमिता वाले रूम में,,,,,,,,,,,,,,,,,, सब दिखाई दे रहा था मैंने,,,,,,,,,,,,,,, बाथरूम के उस साइड,,,,,,,,,,, जहाँ से नमिता का बेड़ साफ दिखाई दे रहा था,,,,,,,,,,, वह कीहोल के ऊपर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, एक शिल्पा शेट्टी का हॉट सेक्सी फोटो लगा दिया,,,,,,,,,,,,,, जिससे वीरभान उधर की तरफ देखे और उसे ,,,,,,,, कीहोल से नमिता दिखने लगे। ,,,,,,,,,,,,,,,, मैं अब बाथरूम से लगे दूसरे रूम में नमिता को उसके रूम में वही नंगा पड़ा हुआ,,,,,,,, छोड़करआ गया,,,,,,,,,,,, मैंने दूसरे रूम से देखा ,,,,,,,,,,,,,,अब कीहोल उल्टा होने की वजह से,,,,,,,,,,,,,, बाथरूम में सब साफ़ दिखाई दे रहा था ,,,,,,,,,,,,फिर मैं नमिता वाले रूम में आया वहां नमिता के रूम से बाथरूम को बहार से चाभी से लॉक कर दिया,,,,,,,,,,,,,, और हाल में आया वीरभान हॉल ,,,,,,,,,,,, में टीवी देख रहा था,,,,,,,,, मैंने कहा वीरभान मैं दूसरे,,,,,,,,,,,,,,, रूम में सोने जा रहा,,,,,,,,,,,, मुझे डिस्टर्ब मत करना या ,,,,,,,,,,जगाना मत,,,,,,,,, मुझे बहुत तेज नींद आ रही और हाँ मेमसाहब के ,,,,,,,,,,,,,, कपडे नहाने के बाद वही बाथरूम में रहगए है,,,,,,,,,,,,, उसे निकाल के फैला देना,,,,,,,,,,, हॉल में वीरभान ने कहा,,,,,,,,,,,,, ठीक है साहब,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, मैं दूसरे वाले रूम में चला गया वहाँ मैं एक सोफे पे बैठ गया ,,,,,,,,,,,,और अपने और नमिता की एक साथ लगी वाली खिड़की ,,,,,,,,,,,,,,खोल दी अब मैं नमिता को,,,,,,,,,,,,, दूसरे कमरे से आसानी से नंगी बेड पे सोया हुआ देख पा रहा था,,,,,,,,,,,, और वही से पास में ही बाथरूम के अंदर भी सबकुछ देख पा रहा था ,,,,,,,,,,,,,,,बाथरूम की लाइट ओन थी ,,,,,,,,,,,,,करीब १० मिनट बाद मैंने देखा वीर भान ,,,,,,,,,,,,,,बाथरूम में आया क्यों की मैंने उसको नमिता के कपडे उठाने को कहा था ,,,,,,,,,,,,,,,वीर भान बाथरूम में आया उसने देखा नमिता की चड्डी और ब्रा वही फर्श पे पड़ी हुई थी,,,,,,,,,,,,, वह थोड़ी देर वही खड़ा रहा कुछ सोच रहा था,,,,,,,,,,,,,,,, उसने मेर रूम वाले दरवाजे को देखा बंद था उसने अंदर से लॉक कर दिया फिर उसने नमिता की चड्डी और ब्रा उठाई,,,,,,,,,,,,,,,, फिर वेस्टर्न कमोड सीट पर बैठ गया ,,,,,,,,,,,,,,,उसने नमिता के ब्रा को अपने हाथ में लिया और ब्रा को कस ,,,,,,,, के मसलने लगा,,,,,,,,,,,, फिर वो कुछ घबरा रहा था की कही,,,,,,,,,,,,,, मैं,,,,,,,,,,,, लेकिन उसे पता था की मैने बोला था मैं गहरी नींद में,,,,,,,,, सोने जा रहा वो ,,,,,,,,,,,,,,, कुछ रिलैक्स हुआ करीब ३ मिनट उसने नमिता की ब्रा को खूब मींजा ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,फिर उसने ब्रा को मुह से लगा लिया और,,,,,,,,,,,,, उसमे अपनी जीभ फिरने लगा,,,,,,,,,,,, फिर उसने नमिता की चड्डी,,,,,,,,,,,,, हाथ में ले ली ,,,,,,,,,,,,,और उसे अपने नोज के पास ले गया मैं समझ गया,,,,,,,,,,,, आज वीर भान नमिता की ब्रा और चड्डी पे मुठ मारने की सोच रहा था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, वो नमिता की चड्डी लेकर नमिता की कोमल गांड,,,,,,,,,, और नाजुक चूत के बारे,,,,,,,,,,,,,, में इमेजिन कर रहा था ऐसा मुझे महसूस,,,,,,,,,, हुआ ,,,,,,,,,,,वो नमिता की चड्डी को अब फ़ैलाने लगा उसे निहारने लगा शायद,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, गांड और कमर को इमेजिन कर रहा था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, तभी मैंने देख वो कुछ देख के रुक गया शायद,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, उसने कीहोल के ऊपर लगी शिल्पा शेट्टी के मस्त सेक्सी पिछ को देख लिया था,,,,,,,,,,,,,,, वो थोड़ा और आगे आया और शिल्पा के फोटो पे हाथ फिरने लगा और,,,,,,,,,,,,, अब उसने अपना पजामा नीचे करदिया और अपना विकराल,,,,,,,,,,,, मोटा लम्बा लौड़ा निकाल लिया ओह ,,,,,,,,,, उसके इस मस्त लौड़े को देख के,,,,,,,,,,,,,, मेरा लौड़ा खड़ा हो गया मेरे दिल की,,,,,,,,,,,, धड़कने तेज हो गयीं वो,,,,,,,,,,,,,, अपने लौड़े को एक हाथ से आगे पीछे करके हिलाने लगा,,,,,,,,,,,,,,,,,, उसके लौड़े के सुपाड़े पे उसके लौड़े की स्किन चढ़ उतर रही थी,,,,,,,,,,,,, ये बहुत मुझे उत्तेजना लग रहा था. उसका मोटा लौड़ा एक दम खड़ा था ११ इंच लम्बा,,,,,,,,,,,,, एकदम लोहे जैसा काला,,,,,,,,,,,,,,, और कड़ा लौड़ा।,,,,,,,,,,,,,, उसके एक हाथ में नमिता की चड्डी थी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, वो अपना हाथ चलाये जा रहा था ,,,,,,,,,,,,,और वो तभी शिल्पा की फोटो पे अपना मुहं ले गया और,,,,,,,,,,,,,, फिर जैसे वो वहां ठिठक ,,,,,,,,,,,,,, गया मैंने देखा वो अब दरवाजे से अपना मुहं लगा दिया है,,,,,,,,,,,,,,,, मैं अब समझ गया की मेरा प्लान अब कामयाब हो गया है वो अब रूम में ,,,,,,,,,,,,, मादरजात नंगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, पड़ी अप्सरा,,,,,,,,,,,, नमिता,,,,,,,,,,,, को नंगी देख रहा है,,,,,,,,,,,,,,,, अंदर नमिता का पूरा गोरा मांसल शरीर एक दम फैला हुआ,,,,,,,,,,,,,,,, नंगा बिस्तर पे चमक रहा है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,एक जवान नंगी ,,,,,,,,,,,,जवानी ,,,,,,,,चिकनी गोरी पीठ,,,,,,,,,,,,, नरम गोरी कटावदार कमर,,,,,,,,,,,,,,,,,, और गोल भरी ,,,,,,,,,, बेफिक्र,,,,,,,,,,,,, पड़ी हुई नंगी,,,,,,,,,,,,,,,, चौड़ी गांड,,,,,,,,,,,,,,,,, गोरी मांसल पतली ,,,,,,,,,,टाँगे नरम पंजे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अब वीर भान का लौड़ा एकदम खड़ा कड़ा,,,,,,,,,,,,,,, फुफकार उठा उसका हाथ अब ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,बड़ी बेदर्दी उसके लौड़े पे चलने लग गया था ,,,,,,,,,,,,,,,अब उसके लौड़े को हिलाने की गति लगातार थी,,,,,,,,,,,,,,,,, वो लगातार लौड़ा तेजी से हिलाये जा रहा था ,,,,,,,,,,,,,,,मुझे समझ में आ रहा था ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,जिस लौंडिया नमिता को उसने कपड़ो में देखा था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, आज वो उससे बहुत कम दूरी सिर्फ उस दरवाजे के पार एकदम निर्वस्त्र बेफिक्र नंगी,,,,,,,,,,,,,,,,,, पड़ी सोयी थी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,वो सोच रहा होगा ,,,,,,,,,,,,,, बड़े घर की कमसिन लड़कियां ऐसे ही कयामत शरीर वाली और ,,,,,,,,,,,,,बेशरम नंगी सोती है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, उसका हाथ उसके लौड़े पे गतिमान था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, उसने उसकी ब्रा को अब उसके लौड़े पे टांग लिया,,,,,,,,,,,,,,,, और अपना लण्ड बेदर्दी से ,,,,,,,,,,,,,,,,,हिला रहा था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, इस दृश्य ने उसके लौड़े को परेशान कर दिया था इधर मैं भी अपना लौड़ा मस्ती में हिला रहा था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, वीरभान के लिए अंदर पड़ी नंगी नमिता का जिस्म किसी,,,,,,,,,,,,,,,,,, जंन्नत से काम नहीं था उसका पूरा नंगा शरीर ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,और नमिता कीमस्त ,,,,,,,,,,,,,,,,,,चौड़ी ,,,,,,नंगी,,,,,, गांड,,,,,,,,,,,,,,, और गांड के बीच की ,,,,,,,,,,,,,लम्बी लकीर जिसने उसकी गांड ,,,,,,,,,,,,,को दो भागों में कर रखा था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, उस बिस्तर में नंगी पड़ी बेफिक्र गांड की मांसलता ,,,,,,,,,,और सेक्स अपील,,,,,,,,,,,,,,, ये अपील कर रही थी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,की कोई आके उसको जबरदस्ती,,,,,,,,,,,,,,,,,, खूब पटक,,,,,,,,,,, पटक,,,,,,,,,,,, के,,,,,, चोदे और रौंद,,,,,,,,,,,,, डाले उसकी गांड,,,,,,,,,,,,, और पुरे जिस्म,,,,,,,,,,,,,,,, को जो नंगा बेहाल ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,बिस्तर पे पड़ा हुआ था ये सब सोचते हुए मेरे लण्ड ,,,,,,,,,,,,,ने अपना पानी छोड़ दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,, उधर वीर भान अपने लौड़े को ,,,,,,,,,,,,,,अब खूब तेजी से हिला रहा था ,,,,,,,,,,,,उससे अब बर्दास्त नहीं हो रहा था उसने नमिता को देखते,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, हुए उसकी ब्रा को वही निचे फर्श पे फेंक दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, और चड्डी भी वही फर्श पे एक तरफ रख दी तभी नमिता करवट ले के सीधी हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, गई वाह फिर क्या था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, उसकी मोटी गोरी पहाड़ों जैसी उठी,,,,,,,,,,,, मदमस्त गुरुर,,,,,,,,,,,,,, से भरी हुई चुचियां ,,,,,,,,,,,,,,,,,, कमरे की छतों की तरफ उठी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,देखने लगीं और नीचे उसकी गोरी नाजुक टाँगो,,,,,,,,,,,,,,, और गोरी जांघों के बीच एक कटी हुई लकीर ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, नमिता की चूत को दिखाने लगी और अब वीर भान और तेजी से ,,,,,,,,,,,,,,,,,अपना हाथ चलाने लगा ,,,,,,,,,,,,,,,,,जल्दी ,,,,,,,,,,,,,,,,,जल्दी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, और यही समय था की जब नमिता ने अपनी टाँगो ,,,,,,,,,,,,,,,,,,को दोनों दिशाओं थोड़ा उठकर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, मोड़ा ओह ,,,,,,,,,,,,,,गॉड,,,,,,,,,,,,, उसकी नंगी ,,,,,,,,,,,,,, गोरी जांघो के,,,,,,,,,,,,,,,,,,, बीच उसकी चूत,,,,,,,,,,,,,, का वह स्थान जो दोनों ,,,,,,,गोरी जांघो के बीच ,,,,,,,,,,,में था दिखने ,,,,,,,,,,,,,,,,लगा ठीक से,,,,,,,,,,, फिर क्या था ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,वीर भान ने तुरंत नमिता की ब्रा को अपने हाथ में उठाया ,,,,,,,,,,,,और उसके कप में,,,,,,,,,, अपने लौड़े का पूरा,,,,,,,,,,,,,,,,, वीर्य,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, एक तेज फब्बारे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, की तरह उसमे भर दिया,,,,,,,,,,,,, इतना ही नहीं उसने,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, अपने लण्ड की एक और पिचकारी से उसकी चड्डी को भी नहला दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, उसके लण्ड ने कई झटकों में कई छोटी ,,,,,,,,,,,,,,,,बड़ी वीर्य की पिचकारी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,नमिता की फर्श पे पड़ी हुई चड्ढी पे मारी ,,,,,,,,,,,,,,और वीरभान ने अपने लन्ड
की एक एक बूँद,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, उसकी चड्डी पे गिरा डाली,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, फिर वो देर तक अंदर नंगी पड़ी हुई नमिता के शरीर को अपनी आँखों में भरता रहा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, उसका लौड़ा झड़ने के बाद भी काफी देर तक खड़ा था,,,,,,,,,,,,,,,,,, वो नमिता को देखकर अपना लौड़ा हिलाता रहा फिर,,,,,,,,,,,,,,,,, वो नमिता की ब्रा और चड्डी को धोया और बाथरूम से बाहर निकल गया।
वीरभान ने आज सचमुच एक क़यामत हसीना नंगी देखी थी। उसके लन्ड को आज असीम आनंद मिला था। वैसे भी अगर कोई भी नमिता जैसी हुस्न परी को मुठ मारते समय नंगी देख के मुठ मारने को पा जाये तो उसके लन्ड की एक एक बूँद मस्त झड़ेगी और वो भी सेक्स की मस्त धड़कनो के साथ और यही मजा आज वीरभान ने पाया था। इसके बाद मैं नमिता के रूम में आया और उसके नंगे बदन से आके चिपक के सो गया उसका रेशमी बदन मेरे बदन से लगा हुआ था उसका जवान जिस्म और नंगी जवानी खुली तिजोरी की तरह बेफिक्र पड़ी हुई थी मुझे उसका बदन देख के ऐसा लग रहा था की काश वीर भान इस नंगी जवानी को आके चोद देता तो मस्त मजा आ जाता इस जवान नंगे जिस्म को। और फिर मैं उसके बाद सो गया ये सोचते हुए की अब मैं ऑफिस से १ हफ्ते की छुट्टी लूंगा और मस्त नमिता की जवानी को इंजॉय करूँगा और सोचूंगा आगे क्या करना है. मेरी सेक्स की भड़ास जो नमिता के मस्त बदन और खूबसूरती पर मुझे आती है वो कब निकलेगी पूरी तरह से। दूसरे दिन सुबह नास्ते के बाद करीब ११ बजे नमिता ने घर पे स्कर्ट और टॉप पहना था, टॉप के नीचे उसने अपने पहाड़ जैसे चूचियों को कैद करने वाले गुस्ताख़ हथियार ब्रा नहीं पहनी थी। मैंने उसे बेड पे बुलाया और बोला कल तुम जल्दी सो गयी थी नमिता न कहा- हाँ कल मुझे ज्यादा नींद आ रही थी आप कब सोये? मैंने कहा मैं कल तुम्हे देख के मुठ मारा और फिर सोया वो शरमा गयी और बोली सही में? मैंने हाँ कहा मैंने कहा- तुम्हारा सेक्सी हॉट जिस्म देख के मैंने मुठ मारा मुझे बहुत मजा आया तुम हो ही मस्त- मस्त माल। मेरी बातों से उसे मजा आया फिर मैंने अपना लैपटॉप ओन किया और याहू मैसेंजर खोला और उसमे दिल्ली चैट रूम में गया और मैंने अपना नाम नमिता से चैट शुरू की, ढेर सरे पिंग और मैसेज आने लगे उसमे से एक अमित नाम के लड़के का मैसेज आया—— हेलो रंडी नमिता कुतिया साली ईईईइ,,,,,,,, मुझसे बात करेगी सेक्सी,,,,ऐसी बातें करूँगा की तेरी चूत पानी छोड़ देगी और तू अपनी चूत खुद अपनी ऊँगली से फाड़ डालेगी हरामजादी ,,,,,,,,,,,छिनाल,,,,,,,,,,,,,, मैंने उसी को सेलेक्ट कर लिया बात करने के लिए फिर मैंने उसे बताया,,,, मैं नयी मैरिड वाइफ हु २१ ईयर वो फिर गाली बोल पड़ा —ओह साली तब तो तू मस्त रंडी छिनाल भाभी होगी,,,,,,,,, मैंने उसके बारे में पूछा तो उसने बतया वो २५ ईयर का है लेकिन कुवांरा फिर मैंने नमिता को अपने बगल में बिठा लिया और उसे चैट दिखाया और बोला देखो मैं नमिता बन के उससे बात कर रहा हूँ। उधर अमित ने फिर लिखा- नमिता भाभी लगता है तेरे पति तुझे ठीक से पेल नहीं सकते है तभी तो तू यहाँ सेक्स चैट के लिए आई है और अपनी चूत को मजे देना चाहती है ,,,,,,,,,तेरे जैसी रांड को मैं खूब चोदूंगा ,,,,,,,,मादरचोद,,,,,,,, नमिता ,,,,,,,,,रांड,,,,,,,,,,, मैंने नमिता को ये सब दिखाया और बोला जब लोग सेक्स में किसी लड़की को ज्यादा पसंद करते हैं और एक्साइट होते हैं तो ऐसे ही गालियां देके बोलते हैं मगर ये सेक्स का एक पार्ट है इसमें तुम कुछ भी बुरा मत मनो बस सेक्स इंजॉय के रूप में लो, बोलो अच्छा लगा रहा है की नहीं, मेरा मतलब है देखो वो तुम्हे जान के कितना हॉर्नी हो गया है नमिता बोली– अच्छा लग रहा है। मैंने कहा ये नेट सेक्स है मजा खूब आता है और वो हमरे लिए अजनबी होता है। नमिता को मेरी बात समझ में आ गयी थी और वो अब इंजॉय कर रही थी मैंने कहा तुम उससे,, वौइस् ,,,,में बात करोगी तुम्हे वो जो बोलेगा तुम जबाब देना सेक्स में नया तरीका करो तुम्हे भी मजा आएगा। मैंने अमित से बोला उसने नेट कॉल किया मैंने इधर माइक स्पीकर पे कर दिया और नमिता से बोला अब बोलो हम दोनों सुनेगे नमिता ने हेलो कहा उधर अमित को पहले भरोसा नहीं था की वो सच में एक लड़की से बात कर रहा पर जब उसने नमिता की आवाज सुनी उसका जोश बढ़ गया वो अलर्ट हो गया की की आज इस लौंडिया को फ़ोन पे चोदेगा नेट फ़ोन पर फिर उसने बोला– हेलो नमिता भाभी तुम्हारी आवाज मस्त है तुम जरूर एक रंडी खूबसूरत मस्त माल होगी,,, नमिता ने कहा या ,,,आई ऍम सो ब्यूटीफुल,,,,फिर अमित ने बोला नमिता भाभी क्या तुम्हे जंगली सेक्स पसंद है गालियां और गंदे हिंदी शब्द पसंद है मैंने नमिता को इशारा किया हाँ बोल दो नमिता ने हाँ कहा फिर क्या था अमित को मुह मांगी मुराद मिल गयी फिर उसने बोला मुझे मालूम था साली,,,,,,,,, रंडी,,,,,,,,,, तू मस्त माल भाभी है,,,,,,,,, साली तू लन्ड की प्यासी कुतिया भाभी,,,,,,,,, है छिनाल हरामजादी रांड ,,,,,,,,,तुजे तो मैं पटक पटक के पेलूँगा माँ की लौड़ी। नमिता ने ऐसे मस्त हिंदी शब्द और गालियां कभी नहीं सुनी थी उसको सेक्स का नशा छाने लगा उसे आज पहली बार कोई ऐसे गन्दी गालियां दे रहा था और देसी हिंदी सेक्स के शब्द बोल रहा था और उसे सेक्स की भड़ास के रूप में एक चुदासी लड़की के जैसे उसको कोई अधिकार से उसे एक जवान लड़की ही के रूप में दर्शा रहा था। अमित ने बोला साली तेरी चूचियों की साइज क्या है नमिता ने ३६ बताया फिर अमित ने कहा —तेरी उस मोटी चूचियों को साली,,,,,, अपने हाथो से मसल मसल,,,, के तेरी चूचियों का ,,,,और तेरा गुरुर मिटा दूंगा,,,,,, रंडी नमिता भाभी,,,,,,,,,,,मुझे मालूम है तुझे अपनी चूचियों पे नाज है ,,,,,,,,,अमित ने बोला साली लौड़े की प्यासी नमिता मेरा लण्ड देखोगी,,,,,,,,, मैंने उससे इशारा किया हाँ बोलो नमिता अब एक्साइट थी उसने हाँ बोला फिर अमित ने तुरन्त अपना कैमरा ओन किया और अपना खड़ा मजबूत 8 इंच का मोटा लम्बा लौड़ा दिखाया,,,, नमिता तो जैसे उस लौड़े को देखते ही चुप हो गयी उसे निहारने लगी पर मुझसे हिचक रही थी मैंने उसके कान में कहा शर्माओ मत इंजॉय करो मुझे कोई ऑब्जेक्शन नहीं उधर अमित ने पूछा भाभी क्या हुआ? मेरा लौड़ा कैसा लगा? नमिता ने कहा — अच्छा लगा उसने बोला तेरे पति से बड़ा है या छोटा नमिता ने कहा उनसे बहुत बड़ा ,,,, अमित ने कहा साली रांड मुझे मालूम था तू लौड़े की प्यासी है ले चूस ले मेरे लौड़े को। अमित अपना लण्ड हिला हिला के नमिता को बातों से बता और दिखा रहा था इधर नमिता का ये जबाब सुनकर मैं एक्साइट हो गया था मैंने तुरंत अपना लण्ड बाहर निकल लिया और नमिता के हाथ में दे दिया और मैंने उसकी टॉप एक झटके में उत्तर दी और उसके मम्मो को तुरंत जल्दी से दबाने और मसलने लगा उधर आवाज गयी तो अमित ने पूछा तो मैंने बोला बोल दो पति है मेरी चूची दबा रहैं हैं ,,,,नमिता भी मस्त होने लगी अमित ने बोला —अपने पति से बोल दो,,, मैं तुझे उसके सामने तेरे ही बिस्तर पे तुझे चोदूंगा। अपने पति से पूछ वो तुझे चुदने देगा न मुझसे तेरे ही बिस्तर में उसके सामने मैंने नमिता से हाँ बोलने को कहा…….. अमित अपना लौड़ा और तेजी से हिलाने लगा अमित ने बोला- नमिता साली मेरे लौड़ा अपने लैपटॉप के स्क्रीन पे चुम ले उसको चाट साली,,,,, अपने पति के सामने,,,,,,,,, मैंने नमिता से कहा उसे अजीब लग रहा था पर मैंने कहा ये सब सेक्स का पार्ट है फुल मस्ती करो नेट सेक्स में सब आजादी है कोई सामनेथोड़ी है वो अपना मजे लो मुझे मजा आ आरहा,, फिर मैंने देखा नमिता ने लैपटॉप की उस स्क्रीन को चूमा जहाँ अमित का लौड़ा हिल रहा था खड़ा था मैंने बोला अमित से बोल दो की तुम उसका लौड़ा चूस रही हो नमिता ने ऐसा ही कहा अमित ने बोला चूस साली चूस ,,,,तू साली लण्ड चूसने के लिए ही बनी ,,, है मादरचोद ,,,,,,,,रंडी कुतिया……………… नमिता को ये गालियां शायद अच्छी लग रही थी इसी वक़्त मैंने भी बोला चूस ले उसका मोटा लण्ड नमिता साली कुतिया,,,,,,,,,, मैंने नमिता से बोला मेरा सेक्स के में ये रूप है बाकि मैं जेंटल हूँ तुम्हे अजीब तो नहीं लगा न मैं ये तुम्हे सेक्स में और मजा देने के लिए कर रहा हूँ उसने हाँ कहा उसे अच्छा लग रहा मैंने कहा चूस ले उसके लण्ड के नीचे दो भरे हुए बाल भी वो अमित के टट्टों को चाटने लगी और आह उंहह की आवाज निकलने लगी क्यों की मैं उसकी गांड पे चपत मारने लगा और उसकी चूचियों को तेजी से मसलने लगा अब नमिता गरम हो चुकी थी उधर अमित उसको बोला–साली चूस मेरा लौड़ा मैं आज तेरी चिकनी मुलायम गांड को पेलूँगा तुजे घोड़ी बना के चोदूंगा,,,,,,,,, तेरे पति के सामने बोल साली चुदेगी ,,,,,,मैंने इशारा किया नमिता ने हाँ बोला अमित बोला,,,,,,,, ओह साली तू पक्की रांड है साली,,,,,,,,,,,, तुझे तो मैं तेरे गालों पे थप्पड़ मार मार के चोदूंगा ,,,,,,,,,,,हरामजादी रंडी,,,,,,,,, नमिता भाभी ,,,,,,,,ये सब सुनते हुए मैं और एक्साइट हो रहा था तभी मैंने अपना कैमरा भी ओन कर दिया बस फेस नहीं दिख रहा था मैंने नमिता की चूचियों को दिखा दिया अमित को एक झटके में फिर क्या था अमित ने बोला वाह ,,,,,,,, भाभी क्या मस्त मम्मे है,,,,,,,, तुम्हारे लगता है ये २ सेक्स बम हैं,,,,,,,,,,, क्या चिकना शरीर है तुम्हार मस्त जवान गरम मीट की तरह एकदम चुदासी माल हो भाभी,,,,,,,,,,,,,,,, नमिता ने भी देखा उसकी मस्त चूचियाँ कैमरे पर दिखा रही थी ये एअहसास की अमित उसकी चूचियों को देख के अपना लण्ड तेजी से हिला रहा वो भी मस्त होने लगी मगर सबसे खास बात ये थी की उसे अमित का खड़ा मर्दाना लन्ड उसको सेक्स के नशे में डुबो रहा था,,,, मैंने झट से नमिता की चड्डी निकल दी और उसके हाथ में दे दी और बोला ये अमित को दिखाओ अपने हाथ में लेकर उसने ऐसा ही किया अमित और बकने लगा साली नमिता रांड,,,,,,,,,,,,, मुझे चड्डी दिखा रही कुतिया मेरे लण्ड को ललचा रही रांड साली ,,,,,,,,,,तेरी गांड में अपना लौड़ा पेलूँगा न तब तू होश में आएगी तेरी जवानी की अकड़ तब जाएगी,,,,,,,, मादरचोद साली ,,,,,अपनी चिकनी गांड दिखा साली ,,,,,,,,,मुझे लण्ड अपना तेरी चिकनी गांड में डालना है,,,,,,,, मादरजात रंडी ,,,,,,,,,,,,मैंने अपना कैमरा उसकी चिकनी गांड की तरफ़ कर दिया और बोला पीठ के बल सो जाओ अमित ने उसकी चिकनी गांड देखी और उसने नमिता को और तेज बोल के कहा नमिता साली इइइइइइ तेरी माँ की चूत तू तो साली सेक्स की अप्सरा है मादरचोद ,,,,मेरे लौड़े को मस्त करदिया तेरी नंगी जवानी ने मादरचोद,,,,,, आ कैमरे के सामने आ ,,,अपने दोनों नंगे मम्मों को लेकर साली,,,,,,,,,,,,, और परोस मेरे लण्ड के सामने मैं अपने लौड़े का माल तेरी ,,,,,मस्त गोरी,,,,,,, मोटी घमंडी चूचियों पे डालूँगा तब तेरा और तेरी चूचियों का गुरुर जायेगा। मैंने नमिता को कैमरे के सामने आने को कहा और उसकी चूचियों को आगे कर दिया और बोला अपनी चूचियों को सहलाओ अपने हाथो से वो करने लगाई उधर अमित अपने लण्ड पे हाथ तेजी से चलने लगा मैं भी अपना लण्ड भी नमिता की चूचियों पे हिलाने लगा उधर अमित बोले जा रहा था,,,,,,,,,,, साली नमिता भाभी अब आई है तू औकात में देख तूने अपने चूचियों को मेरे लण्ड के सामने फैला दिया रांड,,,,, मेरे लण्ड का माल लेने को,,,,,,,,,,,,,,,,साली अभी गिराता हूँ ,,,,,,,,,,,,, अपने लण्ड का फब्बारा ,,,,,,,,,,,,,,तेरी घमंडी चूचियों पे,,,,,,,,,, उन्हें अपने लन्ड के माल से नहला दूंगा ,,,,,,,,,,,,तब तेरा गुरुर टूटेगा,,,,,,,,,,,,,,,, मादरचोद जो तू अपनी चूचियों का इतना घमंड करती है आखिर वो मेरे लौड़े के आगे झुक गयीं है ले साली ले तेरी माँ की चूत मस्त छिनाल ,,,,,,,,,,नमिता मेरी प्यारी रंडी भाभी मेरे लण्ड का अहसान ले तेरी चूचियों पे आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् और इतना कहने के साथ ही अमित ने अपने लण्ड का फब्बारा ,,,,,,,,झाड़ दिया नमिता की मस्त गोरी चूचियों को देख कर,,,,,,,,,,, इधर मैंने भी अपना माल अमित को दिखाते हुए कैमरे में,,,,,,, नमिता की चूचियों पे गिरा दिया मेरे लण्ड का माल नमिता की चूचियों पर वर्षा की बूंदों,,,,,,,, की तरह छिटक गए और नमिता की चूचियाँ और सेक्सी और हॉट दिखने लगीं फिर मैंने नेट ऑफ कर दिया और नमिता को देखा तो नमिता की सांसे तेज चल रहीं थी उसे मजा आया था सेक्स का मैं खुश था की मैंने नमिता को थोड़ा और खोल दिया था।
दोस्तों कहानी के अपडेट में देरी के लिए माफ़ी चाहता हूँ। जैसा की मैंने पहले आपको बताया था की मैंने अपनी सेक्स लाइफ इंजॉय करने के लिए ऑफिस से एक हफ्ते की छुट्टी ले रखी थी और उस दिन मैंने नमिता से नेट पे सेक्स चैट करवाया और उसको मस्त नेट पे चुदवाया अब नमिता भी थोड़ी खुल गयी थी. मैंने उसे ये विश्वास दिलाया था की ये सब सेक्स का एक पार्ट है और नार्मल है तो उसे मेरी बातों पे यकीन हो रहा था और वो भरोसा कर रही थी। पर मेरे लिए अब भी जरुरी ये था की उसके अंदर का रण्डीपन उभर के आये और वो जब खुले तो असली बात बने , और यहाँ जरुरत इस बात की थी की मैं पूरी तरह से उसके अंदर की सेक्स की हवस को जान लूँ और उसे बाहर कर दूँ , उसकी शर्म और संकोच को खत्म कर दूँ मुझे मालूम था की मेरे लन्ड से उसकी प्यास तो नहीं बुझती होगी लेकिन वो बता नहीं रही। मैं जानता था की मेरा छोटा लण्ड और जो मैं जल्दी झड़ जाता हूँ इससे उसकी २ परसेंट प्यास भी नहीं जाती होगी बल्कि वो और भड़क उठती होगी।खैर इन बातों को सोचते हुए मैंने नए प्रोग्राम के बारे में सोचता था की क्या कैसे किया जाये। शाम के ५ बज रहे थे मैं और नमिता अपनी बालकनी में बैठे थे मेरी ये बालकनी बंगले के पीछे वाले हिस्से की थी वहां एक मेरे बालकनी से लगी हुई ५ फ़ीट की एक गैलरी थी और मेरे बंगले की ये पीछे वाली बालकनी एक दम नीचे थी कोई भी आसानी से अगर गली की सड़क पे खड़ा हो तो उसकी कमर के बराबर ही थी। चूँकि ये पिछला हिस्सा गली का जयादा कभी लोग प्रयोग नहीं करते थे कभी कभी उधर कोई मुस्किल से ही आता था क्यों की मेरा बंगला का पिछवाड़ा था और लोग उधर जाने से डरते थे। इस गली के उधर के बड़ा सा मैदान था वो बहुत बड़ा था और खाली था उस मैदान से लगी एक लम्बी दिवार पुरे मैदान में किनारे किनारे लगी थी जो की ज्यादा से ज्यादा ६ फ़ीट ऊँची थी यानि मेरे बंगले की बालकनी से ५ फ़ीट की दूरी पर गली से लगी हुई ये दिवार थी यानि अगर कोई दिवार फांद के आता तो जस्ट मेरे बालकनी पे आ सकता था खैर ऐसी किसी की हिम्मत नहीं थी। मैं और नमिता बॉलकनी में बैठे बातें कर रहे थे , और सामने मैदान में बच्चे और बड़े खेल रहे थे ,कोई क्रिकेट, कोई फ़ुटबाल, कोई गिल्ली डंडा और कुछ बड़े आवारा टाइप के बड़े लड़के ताश खेल रहे थे। मेरे बालकनी के सामने वाले मैदान के हिस्से में एक बड़ा पेड़ भी था जिसके नीचे ५-६ बड़े लड़के ताश खेल रहे थे वो करीब २५ -२६ उम्र के थे इसलिए लड़के नहीं कहे जा सकते थे लेकिन वो आवारा टाइप के बिना काम वाले अनपढ़ टाइप के लोग थे। वैसे तो बहुत कम हम लोग बंगले की पीछे वाली बालकनी में बैठते थे मगर कभी जब शोरगुल और बच्चों के खेल आदि देखना और जी बहलाना होता था तभी वहां बैठते थे। आज मैं और नमिता साथ बैठे मैदान के खेल और भीड़ का नजारा ले रहे थे। मैंने नमिता से कहा —आज मजा आया तुम्हे ? जब नेट सेक्स चैट में उस लड़के ने तुम्हारी नंगी,,,,,,,,, चूचियों को देख के अपने तने हुए लण्ड का माल,,,,,,,,, तुम्हारी गोरी चूचियों पे गिराया ,,,,,,,,और खूब गलियां देते हुए तुम्हारे नाम की मुठ तुम्हारे ही सामने कैमरे पर मारी। नमिता हसने लगी और बोली हाँ- बहुत मजा आया। मैंने कहा—— साली रंडी हंस रही मैं जनता हु तुम्हे खूब मजा आया होगा उसके लौड़े,,,,,,,,, को देखकर मैं नमिता को रंडी की गाली देके एक कोशीश कर रहा था। मैंने कहा—– मैंने तुमसे इस लहजे में बात की गालियाँ देकर तुम्हे कैसा लगा मजा आया की नहीं? ऐसी रफ़ लैंग्वेज सुन के वो बोली हाँ—— मुझे अच्छा लगा फिर क्या था मैंने बोला——– साली,,,,,, रंडी,,,,,, मादरचोद,,,,,,,,, तू इतनी खूबसूरत,,,,,,,, मस्त माल है की तुझे तो हर कोई चोदना,,,,,,, चाहेगा वो और हंसने लगी और बोली वाह आप तो बड़े खिलाडी निकले बड़ी अच्छी सेक्स लैंग्वेज बोल लेते हैं,,,, आई लाइक दिस वेरी मच,,,,,,,,। मैंने कहा,,,,,,, हाँ नमिता साली ,,,,,,,,,तू इतनी सेक्सी और खूबसूरत लगती है की मेरे मुहं से ऐसी गालियां निकल रही। वो बोली अच्छा? मैंने कहा जानती हो नमिता जो लड़की जितनी बेहद ज्यादा खूबसूरत और सेक्सी होती है मर्दो के मुहं से उतनी गालियाँ निकलती है और चोदने की कल्पना आदमी करते हैं और ये कोई गाली नहीं ये एक कॉम्पलिमेंट होता है। अब जैसे ये देख लो जब कोई सेक्सी एक्ट्रेस लोगों को बहुत खूबसूरत और सेक्सी लगती है तो लोग उसपे मुठ मारते हैं और मुठ मारते हुए खूब गालियां और क्या क्या चोदने की बात बकते हैं मन में या बोलके और उनका लण्ड खूब वीर्य छोड़ता है। तो सेक्स में गाली एक कॉम्पलिमेंट है। नमिता ने कहा मुझे भी ऐसी बातें और गालियाँ अच्छी लगती हैं मैंने कहा——– ओह साली नमिता रंडी,,,,,,,, तभी तो मैं तुझे गाली देके बात कर रहा हूँ। नमिता उस समय एक जीन्स और शार्ट तंग शर्ट पहन रखी थी जीन्स लो वेस्ट एकदम तंग थी जिसमे उसकी गोरी गोल,,,,,,, गांड का शेप मस्त लग रहा था और तंग शर्ट में उसके बूब्स,,,,,,, एक दम तने कैसे लग रहे थे जैसे शर्ट के अंदर दो पहाड़ खड़े हों उसकी शर्ट के दो बटन खुले हुए थे जिससे उसके गोरे सीने चमक रहे थे और ब्रा भी दिख रही थी। वो अपने एक पैर पे दूसरा पैर रख के बैठी हुई थी हमेशा की तरह एक मस्त मगरूर जवानी वाला चिकना गोरा माल लग रही थी। मैं और नमिता सामने वाले मैदान पे अब देख रहे थे बच्चे खेल रहे थे दौड़ रहे थे। हम दोनों रोमांटिक बातें करना जारी किये हुए थे मैंने नमिता से कहा की तुम्हे जो कोई भी देखता होगा तो उसकी आँखों की प्यास बुझ जाती होगी और वो मस्त हो जाता होगा और जानती हो अगर तुम्हे कोई मार्किट में या कही तुम्हे देखता होगा तो घर जाके जानती हो क्या करता होगा? वो बोली क्या करता होगा ?मैंने कहा बता दूँ? वो बोली हाँ बताईये ,,,,,,,, मैंने बोला वो जाके अपने घर पे तुम्हे सोच के खूब लण्ड,,,,,,, हिलाता होगा और मुठ मारता होगा और शादी शुदा लोग तो ,,,,उस दिन अपनी बीबी को चोदते हुए तुम्हे सोच के,,,,,,,,, लण्ड पेलते होंगे और अपनी बीबियों की गांड और चुचियो पे हाथ लगा के दबा के ये सोचते होंगे की तुम्हारा दबा रहे तुम्हे चोद रहे और खूब माल झड़ते होंगे और अपने लौड़े को तुम्हे याद कर कर के,,,,,,,, नमिता बोली आपको कैसे पता ? मैंने कहा मैं जानता हूँ ऐसा ही होता है और ये सच है। नमिता ने मेरी बातों को मान लिया,,,,, एक बात थी आज दिन में मैंने जो नमिता के साथ नेट सेक्स चैट किया था उससे बहुत फायदा हुआ था अब नमिता और मैं खुल के बातें कर रहे थे ,,,,वैसे भी नमिता इसके पहले अपने फेमिली में ज्यादा कुछ नहीं जानती थी,,,,,,, और वो एक चिकने घड़े के समान थी जैसा मैं ढाल रहा था वो ढल रही थी ,,,,,,,और सेक्स चीज ही ऐसी है बड़ी जल्दी सबकुछ लोग सिख लेते हैं क्यों की इसमें मजा आता है,,,,, यही हाल नमिता का था वो जल्दी सीख रही थी,,,,,, उसे सेक्स की बातों और चीजों को जानने में मजा आ रहा था ,,,,,,,,,,,और वो तो थी ही एक मस्त जवानी सो ये सब तो उसे अच्छा लगना ही था अब शाम के ७ बजने को थे हल्का अँधेरा हो रहा था मैदान धीरे धीरे खाली हो गया था बस मेरे सामने ५-६ आदमी वो जो ताश खेल रहे थे बचे थे और इधर हम दोनों अपने बालकनी में मैंने कहा ये देखो ये मवाली गंदे अनपढ़ आवारे लड़के ताश खेल रहे हैं वो बोली हाँ। ,,,,,,,, अब चुकी मैंदान में भी सन्नाटा था और उसमे वो पांच आदमी ही बचे थे अचानक उनका ध्यान अँधेरे पे गया की अब शाम हो गयी है वो घेरे में बैठे थे उन्होंने अपनी नजर दौड़ाई मैंदान खाली हो चूका था तभी उन सब की नजर हमारे बालकनी पे पड़ी उनको एक झटका सा लगा उनके आँखों के सामने सिर्फ १० फ़ीट की दुरी पे इतनी सुन्दर मस्त माल मेरी बीबी दिखी उन सब की आँखे अब मेरे बालकनी पे थी। मैंने कहा देखो वो सब तुम्हे देख रहे हैं लगता है आज घर जाके ये सब तुम्हे याद करके मुठ मारेंगे वो बोली धत,,,,,,, मैं कहा हाँ देखो तो वो लगातार तुम्हे देख रहे हैं वो सब आपस में बोलने लगे सामने देखो ,,,,,,,,यार क्या मस्त माल है साली,,,,,,,, कितनी चिकनी बड़े घर की चुदासी माल है,,,,,,, कितनी साफ़ कोमल,,,,,,,,, और चिकनी गोरी मस्त लोंडिया है साली। हमें भी उनकी बातें सुनाई दे रही थी,,,, वो सब मेरी कॉलोनी के पिछले हिस्से के दूर के इलाके वाले से थे हमारे आगे बंगले और फ्लैट वाले इलाके से कोई ताल्लुक नहीं था,,,,,,, चूँकि हम दोनों अपने बंगले के पीछे वाले हिस्से में बालकनी में थे,,,,,, इसलिए वो हमारे सामने बेहद नजदीक थे। फिर मैंने नमिता से कहा—— सुना तुम्हे देख के वो क्या बोले सुन के इंजॉय करो बस पता मत चलने दो की तुम सुन सकती हो फिर उनमे से एक थोड़ा आगे बढ़ा और अपने पैंट की जिप खोली और अपना लम्बा काला मोटा लण्ड निकाल के मूतने लगा ओह उसका लण्ड इस तरह अचानक ही हम दोनों के सामने आ गया नमिता से मैंने बोला देख लो उसका लण्ड और निगाहें उसकी तरफ रखो डरने की कोई बात नहीं नमिता उसके लण्ड को निहारने लगी ये देखकर वो और बेशरम हो गया और अपने लण्ड पे हाथ हिलाते हुए नमिता की अतरफ देखते हुए और लण्ड उठा उठा के मूतने लगा उसका भाव ये था की वो मूत रहा हम लोग नहीं हट रहे तो उसे मूतने में क्या शर्म फिर उसने मूतने के बाद अपने लौड़े को नमिता की तरफ देख कर कई झटके दिए फिर वो अपने उन चारों दोस्तों के पास चला गया फिर उन्हें जाके बताया की,,,,, किस तरह से रिच फ्लैट बंगले में रहने वाली मस्त लौंडिया उसके लण्ड को निहार रही थी ,,,,,,,,,,वैसे भी लो कास्ट और स्टेटस वालों की ये सोच होती है की बड़े रिच घर की लड़कियां चुदने के लिए बेताब रहती हैं ,,,,,और बड़े घर के लड़के और अमीर लोग अपनी बीबियों को ठीक से चोद नहीं पाते मेरे लिहाज से उनकी ये बात सच थी। ,,,फिर वो चारो भी मेरे बालकनी वाले हिस्से के एक दम सामने आ गए अब पांचो ने एक साथ अपना ,,,,,लन्ड निकाल लिया और नमिता को दिखा के हिलाने ,,,,,,लगे और नमिता को दिखाने लगे वो सब समझ गए थे की हम दोनों उन सब के लण्ड देख रहे और मजे ले रहे वो भी जानते थे की यहाँ कोई और देखने वाला नहीं है वो पांचो अपने लौड़े नमिता को दिखा के अपने हाथो को लौड़े के आगे पीछे करके नमिता को दिखा रहे थे मैंने नमिता से कहा उनके लौड़ो को आराम से निहारो ,,,,,,यहाँ कोई डर नहीं नमिता और मैं उन सबके लौड़ो को देख कर मुग्ध हो गए थे,,,,,, सब भूल के सेक्स का नशा होता जा रहा था नमिता की सारी सांसे तेज चलने लगी थी,,,,, उसपे भी ऐसे सामने लण्ड देखने का नशा चढ़ चूका था वो अब अपनी निगाह वह से हटा नहीं पा रही थी ,,,,,ये देख के वो लड़के अपने लण्ड को और नमिता को दिखा दिखा के हसने लगे,,,,,, और खूब हिलाने लगे,,,,,,, मैं अब एक दम मस्त हो गया था,,,,,,, ये सब मेरे सोच के जैसे हो रहा था कुछ किस्मत और कुछ मेरी सोच दोनों की ही वजह थी,,,,,,,, इधर नमिता उन सबके लन्ड देखे जा रही थी तभी मेरे दिमाग में एक आईडिया आया ,,,,,,,,,मैंने वही बालकनी से एक पूरी सिगरेट की एक पैकेट उन सबकी तरफ उछाल दी,,,,,,,, चुकी बालकनी से ५ फ़ीट की दुरी और उसके पास वो दीवाल के उसपार थे मेरी सिगरेट उन्हें आसानी से मिल गयी ,,,,उनमे से एक ने वो पैकेट उठा लिया और मुझे सलाम साहब,,,,,, बोला मैंने भी मुस्कुरा के हाथ उठाया ,,,,,,फिर उसमे से एक ने कहा साहब माचिस तो दे दो,,,,,,, मैंने अपना लाइटर उधर फेक दिया अब एक ने सिगरेट जलायी और बाक़ी बारी बारी से यही किये अब वे पांचों सिगरेट पी रहे थे,,,, नमिता उन सब का लण्ड हिलाते हुए देख कर नशे में थी ,,,,,मैंने उससे कुछ नहीं कहा ना उसने मुझसे ,,,,,,फिर मैंने उनमे से एक जिसको सिगरेट दी थी बुलाया और बोला मेरा लाइटर लेते आओ मेरे बॉलकनी में वो तुरंत दीवाल फांद के गली में मेरी बॉलकनी में आ गया ,,,,,,मुझे नमस्ते साहब बोला मैंने नमस्ते बोला और अपनी बॉलकनीसे गली में उतर गया मैंने उससे गली में कुछ दूर किनारे ले जाकर कहा ,,,,,,,और मजे करोगे लेकिन जितना कहूँगा उतना ही तो आगे और दोस्ती हो जाएगी तो और मजे,,,,,,, उसने कहा हा साहब आप जो बोलेगे वैसा ही करेंगे आप जैसे बड़े आदमी के सामने हम लोगो की क्या औकात ,,,,,,मैंने बोला ठीक है एक काम करो तुम जाकर अपने बाकि सभी दोस्तों को समझा दो और उन सबको मेरी बॉलकनी के पास ले आओ मैंने आज तुम सबका लण्ड अपनी बीबी के नरम गोरे हाथो से झड़वाउंगा ,,,,,,,,और हाँ याद रहे सिर्फ सब मेरी इजाजत से वरना तुम सबको पुलिस में दे दूंगा वो बोला साहब आप जैसा बोलेंगे वैसे ही होगा और मेमसाहब के हाथोँ से तो हम सब को बहुत मजा आएगा मैंने बोला ,,,,,,तुम सब जितना चाहे गन्दी बातें और गलियां बोल सकते हो डरना मत इसके लिए मैं तुम सब से खुद कह रहा हु,,,,,,, जाओ सबको लेके आओ उधर नमिता उन चारो के लौड़े देखने में मस्त थी मैं फिर आकर अपने कुर्सी पर बैठ गया वो गया और पालक झपकते ही पांचो अब मेरी बालकनी के पास खड़े थे अपना लण्ड निकाले उसने उन सबको समझा दिया था,,, गजब का नजारा था ,,,,,,अब पांच आदमी एक दम बॉलकनी के पास अपना,,,,,, विकराल काले मोटे लम्बे लौड़े लिए हिला रहे थे ,,,,,,बिलकुल मेरे बीबी के सामने नमिता अब पूरी तरह से सेक्स के नशे में थी उसने पहली बार,,,,,,, इतने हिस्ट पुश्ट मोटे लम्बे पांच लौड़े एक साथ अपनी नजरो के सामने इतने करीब देखे थे ,,,,,उसकी मदमस्त जवानी ने उसे सेक्स नशे में डुबो दिया था।
नमिता के सामने पांच अनजान जवान मर्द अपने खड़े तने हुए लण्ड हिला रहे थे, और अपनी मर्दानगी का भरपूर नजारा नमिता के सामने दिखा रहे थे प्रकृति ने लण्ड एक ऐसी चीज बनायीं है जो जब अपने खड़े तने हुए पूरे रुआब में होता है तो उसे देखकर असीम उत्तेजना होती है खड़ा हुआ लन्ड और उसके नीचे लटके हुए दो गोल अंडू भरपूर सेक्स की उत्तेजना का एहसास करवाते हैं। लण्ड को उसकी उत्तेजित अवस्था और तनाव के रूप में देख कर तो आदमियों को भी सेक्स का नशा चढ़ने लगता है फिर औरतों की क्या बात है आज नमिता के सामने खड़े पांच जवान तने हुए खड़े लण्ड उसे अपने सेक्स की आगोश में ले रहे थे नमिता और मुझे अब सेक्स के सिवा कुछ भी एहसास याद नहीं था। बालकनी के पास खड़े पांच आदमी मेरे सुन्दर बीबी नमिता के सामने अपने जवान मरदाना लण्ड हिला कर नुमाइश कर रहे थे और अपनी मर्दानगी का गुरुर से भरा हुआ एहसास मेरी प्यारी बीबी नमिता को करवा रहे थे मेरे बालकनी के पास अब सिर्फ सेक्स का खुमार फैला हुआ था। मैं और नमिता अब सेक्स की खुमारी में मसगुल हो गए थे तभी मैंने नमिता का हाथ पकड़ा और बॉलकनी के पास कमर तक की ऊंचाई तक खड़े हुए उन पांच आदमियों में से एक के लन्ड को नमिता के कोमल हाथो में दे दिया नमिता के कोमल मुलायम हाथो का सपर्श होते ही वो आह,,,,,,,,,,,, कर बैठा क्यों की ये गजब नजारा था एक मवाली , गुन्डे ,गंदे, और नीची स्तर वाले आदमी का लण्ड, एक बहुत सुंदर कोमल ,गोरी ,और बड़े घर की पली, जन्मी और एक रिच ऊँची सोसाइटी की जवान २३ साल की शादी शुदा लड़की के हाथो में था। जिस सुन्दर लड़की का पालन पोषड बड़े ही नाजुक ढंग से हुआ था उसके जन्म से लेकर उसकी जवानी आने तक उसके गोरे कोमल शरीर को बड़े ही साफ सुथरे तरीके से सजा के बचा के पाला गया था वही सुन्दर लड़की अब जवानी में एक नीची कैटेगरी वाले आदमी का लण्ड अपने हाथो में लिए हुए थी जिस सुन्दर जवानी के पास वो लोग कभी सपने में भी नहीं पहुँच सकते थे आज वो उनका लण्ड अपने हाथो में लिए हुए थी। सच ही कहा गया है जवानी आते ही लण्ड के सामने किसी अमीरजादी का हुस्न घुटने टेक देता है। नमिता अब उस आदमी के लण्ड को अपने हाथो से हिला रही थी उस आदमी का लन्ड आठ इंच लम्बा और मोटा था। उसका लण्ड मांसल था जिसे हिलाने और स्पर्श करने में नमिता मदहोश हो रही थी अब उसका सारा दिमाग लण्ड की हवस में था वो बड़े ही मस्ती में उसका लण्ड हिला रही थी तभी एक दूसरे आदमी ने बिना पूछे ही उसका हाथ खींच लिया और उसके हथेलियों में अपना मोटा लम्बा नौ इंच का लौड़ा थमा दिया नमिता उसके लौड़े को भी आगे पीछे करने लगी उन सभी के लौड़े आठ इंच से काम नहीं थे अब नमिता दोनों का लौड़ा अपने हाथो में लेके हिलाने लगी। मुझे ये देख के मजा आने लगा और मैं अब वही अपना लौड़ा भी निकाल लिया और हिलाने लगा मेरा पांच इंच का छोटा लौड़ा बस मेरे ही मस्ती के लिए था उन सभी लौड़ो के आगे एक बच्चे जैसा लण्ड। उन सभी ने मेरा लन्ड देखा इतना छोटा लण्ड और मेरे पास इतनी जवान मस्त बीबी देख के वो समझ गए की इसकी बीबी की चुदाई ठीक से नहीं हो पा रही वो सब अब पूरी तरह से विजयी मुद्रा में अपना लौड़ा नमिता के सामने हिला रहे थे क्यों की उनके पास वो चीज थी जो मेरे पास नहीं के बराबर थी उधर दोनों ने नमिता के हथेलियों पे अपने लण्ड की चपत मारनी शुरू कर दी अब वो अपने लौड़े कभी नमिता के हाथ में देते कभी उसे दूर अपने हाथो से उसके हथेलियों पर मारते अब वो समझ चुके थे की नमिता को अपने लौड़े से खिलवाड़ करवाना है उसे लालच दिलानी है मगर उन्हें जो मजा मेरी इस रिच रंडी बीबी नमिता से आ रहा था वो अदभुत था। जैसा की मैंने उन्हें मुठ मारने और गालियां देने के इजाजत पहले ही बोल रखी थी उससे ज्यादा उन्हें मनाही थी उन सबको ये बातें याद थी उसमे से एक ने बोला——– क्या मस्त माल भाभी है ये साली,,,,,,,, इसकी पूरी बॉडी तो एकदम मक्खन है ,,,,, साली लगता है,,,,,,,,,, इसे अपनी पूरी नरम और गरम जवानी का मजा अभी तक नहीं मिला है,,,,,,,, दूसरे ने बोला ————साली को देखो तो,,,,,,,, हम सब के लौड़े देखकर कैसे टूट पड़ी ये हरामजादी बड़े घर की चुदासी माल आज २३ साल से बची हुई ये अमीरजादी जवानी हमारे लौड़ो के लिए देखो कैसे तरस रही। नमिता सच में उन सब के लौड़ो पे अपनी जवानी की शर्म भूल के तरस रही थी उन सबके लौड़े से खेल रही थी , एक गरम नयी शादी शुदा रिच फैमिली की लड़की। क्यों की उसकी गरम ताजा गोस्त वाली जवानी अब उसके कन्ट्रोल में नहीं थी क्यों की वो अब सबाब के २३ साल की उम्र की जवानी में थी। और वो अब अपनी ही मस्त जवानी के आगे बेबस थी, तभी एक ने अपना लण्ड उसके सर के ऊपर उसके बालों पर रख दियाऔर बोला — ले साली इसको अपनी मांग में सजा मेरा मरदाना लौड़ा,,,,,,,,, ये देख के दूसरे ने अपना लन्ड नमिता के गालों पे घुमाने लगा उसका लण्ड नमिता के गालों पर लगा हुआ अब वहां सेक्स का तूफान ला रहा था, नमिता के गालों पर उसका लण्ड देख के मेरी उत्तेजना चरम पर पहुचने लगी उसने नमिता से पूछा ,,,,,,मेम साहब,,,,,,,,,,,,, मेरे गरम लौड़े का गोस्त चखोगी ? नमिता तो कुछ बोल नहीं पा रही थी अलबत्ता उसके ऊपर उन सबके लौड़े का नशा पूरी तरह सवार हो चूका था, नमिता ने मेरी तरफ देखा मैंने बोला—– नमिता तुम चूस सकती हो उन सबका लण्ड डरने की कोई बात नहीं ये सब जो मैं कहूँगा वही करेंगे और यहाँ न कोई देखने वाला है ना जानने वाला इस लिए खुल के इंजॉय करो। उन सबने बोला ———हाँ मेम साहब डरने की कोई बात नहीं और ये लण्ड इसी लिए बना है आप इसे ,,,चूसो अपने नरम होठों से,,,,,,,और ऐसे ही होता है सेक्स में शर्म नहीं होती,,,,,,,, और कितने लोगों से भी सेक्स किया जाता है ,,,,,,,,,,सेक्स में आदमी और औरत को सिर्फ सेक्स के बारे में सोचना चाहिए ,,,,,,,,,आखिर आप जैसी औरत हम जैसे लोगों के लण्ड का मजा लेने के लिए ही तो बनी होती हैं हम सब आपको मिल के,,,,,,,,,,,,, अपने लौड़े का मजा चखाएंगे ,,,,,,,आपको सेक्स का पूरा मजा देंगे ,,,,,,,,जिसके लिए आपकी ये खूबसूरत जवानी बनी है .,नमिता लौड़े के आगे अब मजबूर थी आखिर वो एक मस्त जवान २३ साल की लौंडिया थी जो अपने जवानी के उम्र और जवानी की गर्मी से भरी पड़ी थी उसने तुरत एक का लौड़ा अपने मुह में लिया और और सबसे पहले धीरे से उसे अपने उन गुलाबी होठों जिन होठो पे श्रुति हसन जैसी होठों की रेखाएं थी उसके लण्ड का सुपाड़ा चूसने लगी,, मेरे मुह से आअह,,,,,,,,,, निकल गयी फिर उसने झट से उसका लौड़ा अपने मुह में ले लिया और भूखी सेक्स की कुतिया बनके चूसने लगी जल्दी जल्दी,,,,,,,,,,,,,,,,, अब मैं समझ गया था मैंने उसके सेक्स को जगा दिया था ,,,,,,,,,अब वो बेकाबू हो चुकी थी वो उसका लण्ड अपने हाथों में लेकर पूरी तरह से अपना मुह आगे पीछे करने लगी तेजी से उसका लौड़ा चूसने लगी मैं तुरंत नमिता के और करीब आ गया मैंने उसके सर पे हाथ रख के फिराना शुरू कर दिया और बोला ——-ओह मेरी बेबी चूस लो लौड़ा,,,,,,,,,,, खूब अच्छी तरह से ,,,,,,,, मैं जानता हूँ मेरी प्यारी सुन्दर बीबी ,,,,,,,,,,,तुम प्यासी हो मर्दाने लौड़े के लिए,,,,,,,,,,,,,,,,, तुम्हारी जवानी तरस रही थी जवान ,,,,,,,मोटे ,,,,,खड़े ,,लम्बे ,,,,,लौड़े के लिए तुम्हारी मस्त जवानी को भरपूर मर्द का लण्ड चाहिए था जिसमे मर्द के मर्दानगी झलकती हो,,,,,,,,,, चूस लो,,,,,,,,,,, मेरी सोना,,,,,,,,,,, खूब ले लो जवान गरम मांसल लौड़ो के मजे,,,,,,,,, जिसका लण्ड नमिता चूस रही थी वो भी बकने लगा,,,,,,,, हा साली चूस ले,,,,,,,,,,,, ले जवानी के मजे जब तक तेरी जैसी जवानी मेरे गुरुर से भरे लौड़े को नहीं चूसे तेरी जवानी प्यासी रहेगी,,,,,,,,,,, तू एक जवान गरम ताजा जवानी वाला माल है,,,,,,,, साली ,,,,,,रंडी ,,,,,,,,मादरचोद ,,,,,,,,ले चूस,,,,, ले साली ,,,,,,कुतिया मेरा लौड़ा,,,,,,,,, तेरी जैसी मस्त भाभियों के चूसने के लिए ही बनी है ,,,,,,तेरी प्यास हम सबके लौड़े के चूसने पे ही जाएगी ,,,,,,,,जब तू हम सब के मर्दाने जंगली लौड़ो का स्वाद चखेगी क्यू कि तेरी जवानी तो बड़े नाजुक तरीके से पाली गयी है,,,,,,, आज के दिन के लिए ही तुझे इतना सुन्दर बनाया गया ह,,,,,,,, जिससे तू हम लोगों का लौड़ा चूसे तो हम लोगो को अपने लौड़े पे गर्व हो,,,,,,,, की तेरी जैसे मस्त माल,,,,,,,,,,, हम लोगो के लौड़े के आगे ,,,,,,,,,अपने घुटनो पे आ गयी,,,,,,,,,,,,,, हमारे लौड़ो को चूसने के लिए इतने बड़े और रिच घर की लौंडिया,,,,,,,,,, आज हम सब के लौड़ों के आगे,,,,,,,,, हम सब के कदमो के बीच,,,,,,,,,,, हम सब की टांगों के बीच ,,,,,,,, में ,,,,,,,हमारे लौड़ो को चूसने के लिए उछाल मार रही ,,,,,,,,,,,, . नमिता मेरे साफ़ सुथरे लौड़े को कई बार चूसी थी मगर आज जब वो उन सभी के जंगली लौड़ो की खुशबू जो अलग ही थी, उसके आगे नमिता पागल हो रही थी,,,,,,, उन सभी के लौड़ो को अब वो बारी बारी से चूस रही थी,,,,,,,,, वो अब ये भूल चुकी थी की वो कौन है,,,,,, और कहाँ है ,,,,,,,,,उसे बस लौड़े ही लौड़े दिखाई दे रहे थे और हो भी क्यों न वो पांच पांच तने हुए विकराल लौड़े की बीच में घिरी थी। मैंने देखा सभी अपने अपने लौड़े दिखा कर हिला कर नमिता की मस्ती कर रहे हैं,,,,, मैंने पांचो से कहा———- एक काम करो एक एक कर के नमिता को अपने लण्ड का मजा चखाओ और बाकि थोड़ा हटके अपने लौड़े हिलाओ और मजे लो ,,,,,,,, सबको सबसे पहले नमिता के हुस्न का मजा अपने लण्ड के लिए चाहिए था मगर सबसे पहले एक आगे आया वैसे भी अब बाकि चार ये बात समझ चुके थे की थोड़ा देखने का मजा भी लिया जाये,,,,,,,, देखे ये बड़े घर की मस्त माल क्या क्या करती है,,,,,,,, जो सबसे पहले आगे आया वो अब मेरी बॉलकनी के साथ में थोड़ा नजदीक आया उसके कमर तक ही मेरी बॉलकनी आ रही थी वो जब वहां खड़ा हुआ तो नमिता बॉलकनी में अब कुर्सी से उत्तर कर बॉलकनी में बिछी मखमली कालीन पे घुटनो के बल बैठ गयी और बॉलकनी के रेलिंग के इस पार खड़े हुए उस आदमी के लन्ड को अपने नाजुक हाथो में ले लिया बाकि चार ये देख के अपने लौड़े पे प्यार से हाथ फिरा रहे थे नमिता ने एक नजर उन चारो के लौड़े पे भी दौड़ाई वो चारो भी अपना लौड़ा और उछाल और हिला के आगे पीछे करके नमिता की तरफ इशारे कर के दिखाने लगे नमिता ने पहले आदमी का लण्ड जैसे ही हाथों में लिया था वो आदमी आह,,,,,,,,,, कर उठा उसके काले विकराल लौड़े पे आज एक एकदम चिकनी भाभी ,,,,,,,बड़ी रिच मैडम,,,,,,,,,,,,,,,, के कोमल हाथों का स्पर्श जो हुआ था वो नमिता के फेस को देख रहा था मगर नमिता उससे निगाँहें नहीं मिला रही थी उसके हाथो में उसका लण्ड था जिसे वो सहला रही थी नमिता ने उसके लण्ड के सुपाड़े पर अपनी एक ऊँगली रख दी उसका लौड़ा पूरी तरह से अब तन के फ़ुफ़कारें मार रहा था और एक दम टाइट खड़ा था बिलकुल लोहे की तरह ,,,,,,, उसके मोटे नौ इंच लम्बे लौड़े पे मांस भी था इसलिए वो नमिता को और उत्तेजित लवड़ा लग रहा था नमिता ने उसके लौड़े को अपने हाथो में ले रखा था जो नमिता के कोमल पूरे हाथों में मुट्ठी बाँधने पर भी उसका लण्ड पूरा नहीं आ रहा था। खड़े तने हुए लण्ड की उत्तेजना नमिता की आँखों में भर रही थी लोहे की तरह तने हुए लौड़े की स्किन खुल के पीछे आ गयी थी जिससे उसके लण्ड का सुपाड़ा सेक्स की लहर जगा रहा था,,,,,,,,, उसके सुपाड़े के मोटाई और गोलाई नमिता को मस्त कर रही थी नमिता उसके लण्ड के सुपाड़े पर अपनी दो उँगलियों से घुमाव कर रही थी जिससे वो आदमी मचल रहा था ,,,,,,,,धीरे धीरे नमिता अब उसकी मजबूत टांगों के,,,,,,, बीच में अपने चेहरे को ले जा रही थी अब मेरे सहित सभी समझ गए की अब नमिता क्या करने वाली है नमिता धीरे धीरे उसके मोटे जांघो के बीच में पहुंच गयी मेरा हाथ आगे की कल्पना से अपने लण्ड पे और तेजी,,,,,,,,,,, से चलने लगा बाकि लोगों ने भी अपने हाथो की पकड़ अपने लौड़ो पे तेज कर दी उधर नमिता जैसे ही उस आदमी के जांघो के बीच में गयी उसे उसके लण्ड की एक अलग महक उसके नथुनो में आई जो मेरे साफ़ सुथरे लण्ड से बिलकुल अलग थी ये महक एक मजबूत मर्दाने लण्ड की थी जिसने अभी तक कभी किसी की चुदाई नहीं की थी और वो जंगली लौड़ा अपने खुले विकराल रूप में था,,,,,, नमिता ने देखा उसके लण्ड के ऊपर जंगली झाँटों का एक घना गुच्छा जो थोड़ा बड़ा था ,,,,,,,उसकी माथे पर वो झांटें स्पर्श कर रही थी उसके चिकने माथे पे वो गुच्छेदार झांटे क़यामत लग रहीं थी नमिता को उसकी बड़ी घनी झांटे देखकर उसके भरपूर मर्दाने होने का एहसास हो रहा था अब नमिता की बिलकुल आँखों के सामने एक खड़ा तना हुआ लण्ड नाच रहा था,,,,,,,,, नमिता उसके लौड़े को पकडे हुए उसकी मर्दाने जांघो के बीच में अपना चेहरा लिए घुस गयी उसने देखा उसके लण्ड के नीचे दो बड़े गोल टट्टे लटक रहे थे जो औरत के लिए लण्ड के साथ और उत्तेजना बढ़ा देते हैं नमिता भी उसके दो लटके हुए अंडू को देख के मुग्ध और उत्तजित हो रही थी उसकी उँगलियाँ अपने आप ही उसके टट्टे पर जा पहुंची और नमिता ने उसके टट्टो को अपनी चार उँगलियों का एक गोला बना के दबाना और सहलाना शुरू कर दिया अब उस आदमी की उत्तेजना मस्त बढ़ गयी थी नमिता ने उसके टट्टों के ऊपर अपनी सेक्सी नाक लगा दी वो उसके लण्ड और टट्टों की नशीली महक को महसूस कर रही थी वो उसके टट्टों पर अपनी प्यारी फूल जैसी नाजुक नाक रगड़ने लगी उस आदमी का लौड़ा अब और गर्व से उछालें मारने लगा तभी नमिता ने अपना चेहरा थोड़ा और ऊपर उठाया और उसके तने हुए लण्ड के सुपाड़े को हलके से धीरे से अपने गुलाबी नरम होठो को गोल करके मुह में ले लिया आह,,,,,,,, ये देख कर सभी के लौड़े बेकाबू होने लगे तभी नमिता ने अचानक तेजी से उसके लौड़े को खूब चपचप करके चूसने लगी,,,,,,,, जैसे उसने कभी लण्ड नहीं पाया था और ये बात तो सच ही थी आज उसने पहली बार असली लौड़े को देखा और छुआ था वो स्लर्प स्लर्प,,,,,,,, कर के उसके लौड़े को खूब टूट के चूसने लगी उसके लण्ड के निचे दोनों अडुओं को अपनी उंगलियो से दबाने सहलाने लगी,,,,,,,,, तभी मैं अपना लौड़ा हिलाता हुआ नमिता के पीछे बैठ गया उसकी पीठ को सहलाने लगा उसके शर्ट के ऊपर से ही। ,,,,,,,, बाकि चार भी वही अपना लौड़ा नमिता के आगे हिला रहे थे मगर कोई भी नमिता से एक फ़ीट की दुरी पर भी तो नहीं था मैंने नमिता के पीछे से शर्ट को उठाया उसकी ब्रा की स्ट्रिप तक,,,, और पीछे से उसे खोल दिया और फिर शर्ट निचे कर दिया और मैंने पीछे से ही उसके आगे अपने दोनों हाथो को लाया और उसके शर्ट के ऊपर के एक और बटन को खोल दिया और उसकी ब्रा को निचे की और खिसका दिया अब नमिता की दूध सी चूचियाँ शर्ट के अंदर तो थी पर आजाद थी,,,,,,,,, औरखड़ी मोटी गोरी चूचियाँ शर्ट के अंदर एकदम नंगी थी,,,,,,, और अब वो शर्ट के बाहर से भी झलक रही थी ऐसा करके मैंने वहां सभी के मन की मुराद वाली बात कर दी थी ,,,,,,,,मैंने झट से वह बालकनी की लाइट जला दी क्यों की अब अँधेरा हो चूका था नमिता दूधिया रौशनी में चमक रही थी बाकि लोंगो पे भी रौशनी जा रही थी और उन सबके लौड़े और भी साफ़ दिखाई दे रहे थे नमिता उस पहले आदमी का लौड़ा चूसे जा रही थी और अब वो बकने लगा—– ओह भाभी जी चूस लो मेरा मोटा,,,,, लम्बा खड़ा केला ,,,,,,,तुम खुश हो जाओगी मेरी कुतिया भाभी ,,,,,,,चूस साली चूस,,,,,,,,,,,, इस गरीब का लौड़ा,,,,,,,,,, मगर आज तू गरीब है मेरे लौड़े को चूसने के लिए,,,,,,,,, तेरा मुंह खुल गया साली ,,,,,,मेरी लौड़ी छिनाल भाभी,,,, मैं खूब जानता हूँ तेरी जैसी बड़े घर की रंडियों को,,,,,,,,, साली तुम लोग मोटा लम्बा लौड़ा देख के अपनी सारी सभ्यता और एजुकेशन भूल के और जो इतनी मॉडर्न बनती दिखती हो सब कुछ भूल के अपनी पूरी खूबसूरती हम जैसे लोगों के आगे परोस देती हो,,,,,, साली रंडी चूस तेरे नसीब में तो ऐसा लौड़ा लिखा नहीं,,,,,,,, मेरा चूस लौड़ा और लौड़ा चूसने की भूख अपनी निगाहों और मुहं दोनों की पूरी कर मादरचोद,,,,,,,,>
मैंने देखा नमिता उसके लौड़े को और खुल के चूसने लगी शायद उसे भी लग रहा था की पता नहीं फिर ऐसा लौड़ा नहीं मिलेगा नमिता की नाजुक उँगलियाँ उसके टट्टों से खिलवाड़ कर रही थी उसे सहला सहला के उसको और मस्ती दे रही थी अब उस आदमी से रहा नहीं जा रहा था वो लगातार नमिता को गालियां दिए जा रहा था मैं नमिता के पीछे बैठ के उसकी कमर पे अपने हाथो से सहला रहा था मेरे लिए भी ये बहुत उत्तेजना के छड़ थे मेरी सुन्दर बीबी मेरे सामने किसी और का लौड़ा पागलों की तरह चूसे जा रही थी किसी गैर के टट्टों को सहला दबा रही थी मेरे लण्ड की तो हालत ख़राब थी मैं अपने आपको रोके था सेक्स की उत्तेजना का भरपूर मजा लेने के लिए क्यों की अगर मेरा झड़ जाता तो मेरा मजा बेकार हो जाता इसलिए मैंने अपने आपको रोक था तभी सामने वाले आदमी ने नमिता को और गालियां बकनी शुरू कर दी– रंडी छिनाल ,,,,,चूस अपने पति के सामने मेरा मोटा मजबूत लौड़ा चूस,,,,,,,,,, अपनी प्यास बुझा रंडी ,,,,,,,,,,,,,मैं जानता हूँ तूम साली रिच लौंडियों को अगर लौड़ा न मिले तो तुम पागल हो जाओगी ,,,,,तुम सब का जिस्म इतना गरम और गदराया और सेक्स और खूबसूरती से भरा होता है की अगर तुम जैसियों को लौड़ा न मिले तो तुम्हारी बॉडी की प्यास नहीं बुझेगी क्यों की तुम सब का शरीर खूब चुदने के लिए ही बना होता है,,,,,, खूबसूरत और सेक्सी और हॉट ,,,,,,ओह रंडी साली मैं तो मस्त हो गया ,,,, चूस तेरी माँ की चूत ,,,,लौड़ी साली ,,,,,,उसने फिर अपना लण्ड नमिता के मुह से निकाल लिया और अपने हाथों में लेके खूब जल्दी जल्दी हिलाना शुरू कर दिया साली कुतिया तू तो बहुत मस्त माल है ,,,,,,,उसने अपना लण्ड नमिता के शर्ट के उस भाग की तरफ कर दिया जहाँ उसकी मोटी चूचियाँ झलक रही थी उठी हुई दूधिया चूचियाँ ,,,,,,,,, ,उस दिन नमिता ने सफ़ेद रंग की काटन की झीनी शर्ट पहनी थी इसलिए उसके मम्मे उसमे से काफी साफ झलक रहे थे और सभी उसके चूचियों खूब अपनी निगाहों में उतार रहे थे अब पहले आदमी ने अपना लण्ड उसके शर्ट के ऊपर की तरफ उसकी चूचियों को निशाना बना के हिलाना शुरू कर दिया तेजी से——– ले नमिता रांड ,,,,,ले साली,,,,,,,,मेरे लण्ड की तूने इतनी सेवा की,,,, अपने हाथों और अपने सुन्दर चेहरे से,,,,,, ले मैं तेरे पर कुतिया दया करता हु,,,,,, और एहसान करता हु ,,,,,,अब तुजे अपने मर्दाने लण्ड का सफ़ेद माल,,,,,,,,,, तुजे दूंगा जिसे तू अपनी आँखों से देखकर तृप्त हो जाएगी मादरचोद ,,,,,,,,,,,,,,,,साली आह ओह्ह ,,,,,,,,,,,रंडी मेरी रांड लण्ड की प्यासी रांड ,,,,,,,ले ले ले ,,,,,,,,,,साली आह ,,,,,,,ले तेरी माँ की चूत,,,,,,,,,, साली छिनाल,,,,,,,,,, और उसने अपने लौड़े के माल नमिता के शर्ट पे दे मारा उसके लन्ड की मोटी धार उसका गाढ़ा वीर्य उसकी चूचियो के उभार पर वर्षा की तेज बूंदों की तरह बह गया जिससे उसके उठे हुए मम्मे ऊपर शर्ट से भीग गए और अब उसकी एक चूची जिसपे उसने अपने लण्ड की तेज धार मारी थी नमिता का शर्ट उसके वीर्य से भीगने के कारण उसकी चूची भी भीग कर शर्ट से चिपक गयी थी जिससे अब नमिता की चूची अपनी मांसलता के साथ नजर आ रही थी अब नमिता के एक भीगी शर्ट से चिपकी साफ झलकती चूची नंगी दिखाई दे रही थी गोरी मोटी उठी हुई अब नमिता और सेक्सी और हॉट लग रही अब सबकी और मस्त बढ़ गयी क्यों की अब उसकी एक शर्ट से चिपकी भीगी चूची का नजारा सबको मिलने लगा एक रिच घर की प्यारी मैडम की नौजवान गरम मगरूर चूचीअब उन सभी के सामने दिख रही थी ,,,,,,,,, उन पांचो का दिल तो यही कह रहा था की साली की चूचियों पे एक बार अपना हाथ जमा देते तो मजा आ जाता मगर वो मेरी बिना इजाजत के ऐसा नहीं कर सकते थे लेकिन अब दूसरे वाले की बारी आ गयी थी ,नमिता की शर्ट के ऊपर से पहले वाले ने जब अपने तने हुए मोटे लम्बे लण्ड का वीर्य उसकी उठी हुई चूचियों पर निशाना बना कर छोड़ा था तो नमिता उसके वीर्य की धार देख के हरी हो गयी थी उसकी आँखों को मर्द के लण्ड का पूरा स्वाद और नजारा मिल गया था और उसकी नरम मुलायम गरम मोटी और उठी हुई मगरूर चूचियों पे लण्ड की धार का पूरा पानी उसकी चूचियों को पूरा भिगो गया था आज उसे एहसास हुआ था की उसने एक भरपूर मर्द के लण्ड को अपनी मस्त चूचियों पे झाड़ दिया था खैर अब दूसरा उसके सामने अ गया था वो इतना उत्तेजित था की तुरंत अपना लण्ड नमिता के मुँह में ठूस दिया और मैं ये देख कर हैरान था की उसके लण्ड को अपने मुँह में लेने के लिए बहुत तेजी नमिता ने दिखाई वो अब शायद लण्ड खाने को बेताब थी उसने झट लौड़ा लेके जल्दी जल्दी चूसना शुरू कर दिया अब वो लण्ड चूसने के लिए भूखी कुतिया बन चुकी थी दूसरे आदमी की निगाह उसके एक भीगे हुए मम्मे पर था उसका लण्ड नमिता के मुह में फड़फड़ा रहा था नमिता को उसके लंड के तने हुए मांसल आकार का पता चल रहा था उसे उसका लण्ड चूसने में खूब सेक्स चढ़ रहा था नमिता ने तभी उसके लण्ड को बाहर निकाला और उसके लण्ड के नीचे लटके हुए दो छोटे गुलाब जामुन को चूसने चाटने लगी ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह साली चुस्स्स्स्स्स्स मादरचोद्द्द्द्द्द्द्द्द् रंडी वो बकने लगा तभी मैंने एक आदमी को और इशारा कर दिया अब नमिता दो के लौड़े बारी बारी से उछल उछल के चूसने लगी कभी उसका लण्ड तो कभी उसका लौड़ा दोनों के टट्टे भी वो लगातार सहला रही थी दबा रही थी इस बार दोनों ने अपना लौड़ा निकाला और नमिता के दोनों साइड खड़े हो गए उसे अपने लण्ड के मर्दानगी को दिखाने के लिए जब दूसरे ने उसकी उस चूची की तरफ लण्ड किया जो शर्ट भीगे होने की वजह से अपनी पूर्ण मांसलता दिखा रही थी उसका हाथ और तेर्जी से चलने लगा क्यों की अब वो उसकी गोरी चूचियों को देख के उसपर अपने लण्ड का माल झाड़ने वाला था आअह्ह्ह लो नमिताआआआआअ ,,,,,आ ह्ह्ह्ह्ह्ह ,,,,,अपना इनाम साली रांड ले मेरे लौड़े का माल अपनी इन मालदार चूचियों पे उसने नमिता की उसी चूची पे अपने लण्ड का फब्बारा मारा जो पहले से ही भीगी और नुमाया थी ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह साली उसकी एक चूची अब पूरी तरह से पपीते के फल की साइज में अब पूरी नंगी साफ शर्ट भीगने से झलकने लगी अब तीसरे आदमी ने तुरंत उसकी उस भीगी चूची पे अपना तन हुआ लम्बा लौड़ा रख दिया ये करने की उसको इजाजत तो नहीं थी क्यों की मैंने दूर से मुठ मारने की परमिसन दी थी मगर उससे रहा नहीं गया था और इधर मुझे भी मजा आया था सो मैंने कुछ नहीं कहा नमिता की उठी मोटी चूची पे रखा हुआ उसका लण्ड सेक्स की उत्तेजना का खुमार उठा गया मेरा लण्ड ये देख के झड़ने को हुआ तो मैंने नमिता को बोला की वो अपने हथेली आगे करे फिर मैंने उसकी गोरी मेहँदी लगी हथेली पर अपना वीर्य उड़ेल दिया वो पांचो खूब मजे से देखे मेरी इस हरकत को तभी उस तीसरे ने भी जब तक नमिता अपना हाथ हटाती मौका देख कर उसने उसने नमिता की गोरी नाजुक कलाइयों पे अपने लौड़े की पिचकारी मार दी ये पिचकारी नमिता के खुले हाथों पे पड़ी थी लण्ड और लगातार वीर्य की धार देख के अब बाकि बचे दो आदमी भी नमिता के मुह में अपना लौड़ा बारी बारी से डालने निकालने लगे नमिता अपनी भीगी हथेली और वीर्य से चमकती गोरी कलाइयों से उन सबके लौड़े से खिलवाड़ करने लगी तभी चौथे ने अपना माल नमिता की दूसरी चूची पे ये सोच के गिरा डाला की नमिता की दोनों चूचियों की नुमाइश हो जाये उसने अपने लण्ड की एक तेज पिचकारी नमिता के मम्मे पे छोड़ दी वो सही था नमिता की चूची का वो भाग भीग गया शर्ट का अब नमिता की दोनों चूचियाँ वह मांसलता और उभार के साथ झलक उठी थी नमिता अब पांचवे को लण्ड चूसने लगी और उसके अंडू को अपनी चार उँगलियों से दबाने लगी नमिता को भी ये मालूम था की इसका भी लण्ड झड़ेगा और यही हुआ उसने अपना लौड़ा नमिता के मुहं से निकल लिया और नमिता के सामने खड़े होकर हिलाने लगा नमिता इस बार उसके टट्टो को पकड़ के सहला रही थी दबा रही थी उसके सामने वो काला लम्बा मोटा लौड़ा फ़ुफ़कारें मार के हिल रहा था उसने आअह्ह्ह्ह,,,,,,,, आआह्ह्ह्ह ,,,,,,,,की आवाज निकाली और नमिता के दोनों मम्मों के बीच में उभरे हुए स्थान पर अपने लण्ड का फब्बारा,,,,,,,, दो तीन छोटे,,,,,,,,,, बड़े झटको के साथ उढ़ेल,,,,,,,, दिया अब नमिता की शर्ट पूरी तरह से भीग गयी थी उसकी चूचियाँ उसका सीना पूरी तरह से गोरा मांसल,,,,,,,,, भीगा दिख रहा था सभी ने बोला—— वाह्ह्ह क्या दिख रही है साली,,,,,,,, हम सब की मर्दानगी का माल,,,,,,,,,, अपने सीने पर लेकर इसके तो ,,,,,,,,,,,,मम्मे हरे भरे हो गए,,,,,,,,, हम सबके लौड़े का पानी पीकर ,,,,,,,,,,ओह्ह्ह्ह्ह्ह रंडी भाभी साली मस्त माल है साहब ,,,,,,,,,,,,,,,,, अब उन सबके लण्ड झड़ चुके थे मैंने अपनी जेब से हजार की पांच नोट निकाल कर उन पांचो को देकर विदा कर दिया।
उन पांच जवान मर्द का माल नमिता पे पूरी तरह से झड़वाने के बाद मैंने उन पांचो को रवाना कर दिया था। उन सबके जाने के बाद मैंने देखा नमिता की शर्ट पूरी तरह से उन सबके उढ़ेले गए लण्ड के माल से भीगी हुई थी, उसमे उसकी मांसल चूचियाँ मस्त लग रहीं थी, एक दम तनी हुईं और शर्ट से बाहर आने को बेकरार, मैंने नमिता की तरफ देखा, वो उन सब के लौड़े के माल से भीगी हुई अपनी चूचियों की तरफ देख रही थी, उसकी सांसे धौकनी की तरह चल रहीं थी। मुझे मालूम था उसकी प्यास तो भड़क चुकी थी, मैंने उससे पूछा— उन सबके लौड़े देख कर और हिला कर उन सबका माल चुचियो पर लेकर तुम्हे मजा आया? उसने कहा -बहुत मजा आया, मैंने कहा– ऐसे ही खुल के सेक्स का इंजॉय करना चाहिए, तुम्हे डरना नहीं चाहिए और मजा आएगा वो सब तुम मुझ पर छोड़ दो, तुम खुल के सेक्स के मजे लिया करो ,मुझे भी मजा आता है जब तुम्हे मजा आता है, नमिता से मैंने कहा– देखो मेरा लण्ड तुम्हे पूरा मजा नहीं दे पायेगा ये सच है इसलिए मैं तुम्हारे और अपने मजे के लिए नए तरकीब करूँगा उसकी चिंता तुम मत करो सेक्स लाइफ को पूरा खुल के मस्ती करना चाहिए और मेरे तुम्हरे प्यार में कभी कमी नहीं आएगी प्यार एक तरफ और सेक्स लाइफ एक तरफ है। सेक्स के टाइम पूरी तऱ्ह से उसमे मस्ती सबकुछ भूल के उसके बाद कुछ भी। रियल लाइफ अलगहै । नमिता को अब मैंने पूरा खोल दिया था उसे ये भरोसा दिल दिया था की सेक्स लाइफ अलग होती है रियल लाइफ से और मैंने ये स्वीकार कर लिया था की मैं उसके लिए फुल मस्ती नहीं दे पाउँगा , ये बात अब नमिता भी जानती थी पर उसनेकभी नहीं कहा लेकिन उसके सेक्स की आग मुझसे २ % भी नहीं बुझ सकती थी ये उसे भी एअहसास था, मैंने कहा उसके और मजे के लिए कुछ और करना होगा जिसमे हम दोनों को मजे मिलंगे जैसे आज उन सभी पांच मर्द के साथ आया मैंने नमिता को ये विस्वास दिल दिया था की उसे बस खुल के इंजॉय करना है बाकि जुगाड़ मैं करूँगा।नमिता अब पूरी तरह से मेरे सेक्स विचारो में ढल चुकी थी और होती भी क्यों न उसके शरीर की रचना प्रकृति ने ऐसे ही की थी की उसकी तो खूब चुदाई हो तभी उसके रूप का इनाम उसे मिल पाता, उसके बदन को आराम मिलता उसकी जवानी ऐसी बानी ही थी की उसे खूब रोंदने के बाद ही उसके जिस्म को आराम मिलता। मैंने नमिता से पूछा- उन सबसे चुदवाने का मंन भी तुम्हारा हो रहा था की नहीं वो बोली- बहुत हो रहा था उन सबके लौड़े कितने मस्त और अच्छे थे सेक्स से भरपूर। मैंने कहा- हा सही कह रही हो मैंने नमिता के शर्ट की तरफ इशारा किया की देखो उन्होंने तुम्हारी खूबसूरती का ढेर सारा इनाम तुम्हारी मस्त चूचियों पर दिया, देखा तुम कितनी हॉट और सुन्दर हो नमिता ने कहा जब वो अपना लण्ड उसकी चूचियों पर झाड़ रहे थे उसे और उसकी चूचियों को बहुत बहुत ज्यादा मजा आया। मैंने नमिता के शर्ट को उतार दिया और उसकी मस्त चूचियों को पूरी तरह से नंगी कर दिया और मसलने लगा और उसकी चुचियो को मुहं में लेके चूसने लगा और बोला ओह मेरी नमिता,,,,, उन हरामियों ने इसी मस्त चुच्चियों पर अपना पूरा माल उड़ेल दिया था,,,,,,,, ओह मेरी नमिता मस्त माल हो,,,,,,,,,, तुम, फिर मैंने कहा– ये शर्ट ऐसे ही रख लो अपने पास नमिता ने अब एक तंग खुली बाजु टॉप अपनी चूचियों पे डाल ली और शर्ट अपने हाथो में ले ली इस टॉप में उसकी चुचिया उठी हुई पूरी पता चल रही थी और हिल रही थी। हम दोनों ने अब आगे रूम में जाने को सोच रहे थे अब रात के 8 बज रहे थे अब हम दोनों अपने बंगले के आगे वाले हिस्से में आ गए थे वहां नदीम और वीरभान आपस में बातें कर रहे थे हम दोनों वहीँ सोफे पर बैठ गए वीरभान कनखियों से नमिता को देख रहा था मैंने नोटिस किया नमिता जीन्स और टॉप में थी शायद वीरभान यही सोच रहा था ,,,साली मस्त मैडम तुझे क्या पता साली रंडी ,,,,,,,,,तेरी मोटी गांड ,,,,,,,,,जो इस समय जीन्स में दिख रही उसको तो मैं पूरी नंगी गांड देख चूका हु ,,,,,,,,, और तेरे ये मम्मे जो टॉप के अंदर है जिसकी लोग कल्पना करते होंगे,,,,,,,,,, ये कैसी होंगी इन चूचियों को मैंने नंगी देखा है ,,,,,,,,,,,साली कुतिया तू भीतर से और ज्यादा रंडी रांड है,,,,,,,,,,, तुझपे मैं मुठ मार चूका हूँ ,,,,,,,,,,साली जो सामने तू ऐसे सोफे पे बैठी इतरा रही ,,,,,,,तभी नमिता ने मेरा ध्यान हटाया उसने नदीम से कहा जाओ आज सबके लिए मीट लेकर आओ सभी साथ खाएंगे मैंने भी सहमति दी चलो आज मेरा भी मूड है नदीम होटल से मीट लेकर आया हम सब ने खाया फिर मैंने नदीम से कहा आज तुम घर जा सकते हो आज यहाँ सिर्फ वीरभान रहेगा वो खुस हुआ चला गया सीमा भी उसी के साथ चली गयी अब रात के दस बज चुके थे मेरे दिमाग में नयी प्लानिंग चल रही थी वीरभान बाहर सोफे पे लेटा हुआ टीवी देखने लगा हम दोनों अपने रूम में आ गए नमिता अब शार्ट सफ़ेद स्कर्ट में और ऊपर एक स्लीवलेस टॉप पहने हुई थी वो बला की खूबसूरत और हॉट लग रही थी मैंने कहा तुम टीवी देखो मैं जरा बॉलकनी से टहल के आता हूँ मैं बॉलकनी में जाके बैठ गया और वीरभान को बुलाया वीर भान आया और बोला जी साहब मैंने कहा बैठ जाओ वो बगल में सोफे पे बैठ गया मैंने थोड़ी उसके घर परिवार की बातें की फिर कहा——- वीरभान ये बताओ तुमने इतने दिन से तो सेक्स नहीं किया घर नहीं गए मन नहीं करता वो शर्माने लगा मैंने कहा छिपाओ मत बताओ ये बातें तो मर्दों की है इसमें नौकर मालिक से मतलब नहीं ये सबके साथ होता है वो बोला साहब करता तो है पर क्या करें मैंने कहा फिर कैसे काम चलता है वो बोला साहब किसी को सोच के मुठ मार लेता हूँ मैंने कहा जैसे वो बोला हीरोइनों या किसी मार्किट की लड़की को सोच के मैंने कहा कैसी लड़कियों पे मुठ मरते हो वो बोला साहब—– जो रिच घरो से कार से उतरती हैं और मॉडर्न ड्रेस पहनती हैं 19 -20 साल की मस्त जवान लड़कियों के जीन्स वाली गांड मस्त टॉप वाली चूचियाँ और खूबसूरत चुदक्क्ड़ चेहरे वाली लड़कियों को सोच,,,,,,, के मैंने कहा वाह तुम्हारी पसंद तो बड़ी मस्त है वो बोला साहब इन सबको देख के मुझे बहुत सेक्स चढ़ता है, मैंने कहा ओके– अच्छा ये बताओ नमिता मैडम को देख के भी ऐसा ही होता है क्या?वो चौंक गया वो बोला क्या साहब।।।। मैंने कहा इसमें क्या बात है तुम अगर नमिता पे सोच के मुठ मरते होगे तो मुझे क्या पता या नहीं कहोगे तो भी मुझे क्या पता त्तुम्हारे मन को मैं कैसे जान सकता हु मगर इसमें कोई बात नहीं अगर करते हो तो बताओ मैं बुरा नहीं मानुगा उसने कहा हां साहब मैंने रोज मुठ मारा है 3 -4 बार मेरा हेमशा खड़ा हो जाता है मैडम देखकर वो एक दम हेरोइन जैसी मस्त हैं माफ़ करियेगा साहब मैंने कहा अरे कोई बात नहीं ये तो होता है तुम मुठ मार सकते हो उसपे मेरी तरफ से छूट है अच्छा मैं जा रहा हु तुम्हारी नमिता मैडम को चोदने ,,,,तुम चाहो तो खिड़की से देख के मुठ मार लेना मैं आज खिड़की खोल के सोऊंगा वैसे भी आज यहाँ सिर्फ तुम ही हो और हाँ दरवाजा भी खुला रहेगा अगर तुम चाहो तो पास आके भी मुठ मार सकते हो अपनी प्यारी मैडम नमिता के ऊपर रंडियाँ तो साली चुदवाने के लिए ही बानी होती हैं सेक्स के टाइम कोई मैडम नहीं उसके बाद इज्जत देना वीरभान का लण्ड फड़क उठा मेरा ये बुलावा सुन के वो बहुत खुश हुआ मैंने बोला हा तुम एक काम करो सोफे पर बिलकुल नंगे सो जाओ एकदम नंगा तुम्हरी नमिता मैडम को आज तुम्हारा लौड़ा दिखाऊंगा उसे मस्त करूँगा जब वो बाथरूम जाएगी तुम्हे सोफे पे नंगे पड़े देख के वो मस्त हो जाएगी मैं अंदर अपने रूम में अन्दर आ गया देखा नमिता टीवी देख रही मै भी बगल में लेट के उसके टीवी देखने लगा करीब 30 मिनट बाद नमिता बाथरूम जाने लगी तो मैंने कहा अरे सुनो वो हाल में मेरा मोबाइल छूट गया है वो लेते आना वो बोली मुझे हाल की तरफ जाना पड़ेगा मैंने बोला अरे वहाँ वीरभान सो गया होगा क्या हुआ लेते आना नमिता हाल में गयी तो जाते ही उसकी सामने वीरभान अपने खुले मोटे लम्बे लौड़े के साथ पैर फैला के लेटा हुआ था। नमिता ये देख के एक दम अपने होश खो बैठी उसके सामने वीरभान एक दानव की तरह अपना विकराल लण्ड लिए हुए लेटा हुआ था नमिता ने आज पांच लौड़ो का स्वाद अपनी चूचियों पे चखा था मगर वीरभान का 11 इंच का विकराल मोटा लौंडा एक दम खूंखार था नमिता उसके लण्ड को देखती रह गयी उसके पांव वही ठिठक गए दो मिनट वो हाल में ही खड़ी रह गयी वीरभान को दखते हुए,,, उधर वीरभान नकली सोया था उसे पता था नमिता लौड़ी उसके लण्ड को देख के मस्त हो रही है नमिता बाथरूम में गयी अपनी चूचियाँ दबने लगी और उसका हाथ नीचे उसकी पैंटी पर गया और अपनी चूत मसलने लगी आज शाम से ही वो चुदासी और प्यासी और भड़की हुईथी , सेक्स की ज्वाला उसके तन में लगी थी वो फिर रूम में आई उसने मुझे बताया की वीरभान तो हाल में नंगा सोया है मैंने कहा हो सकता है उसे पता था हम लोग उधर नहीं जायंगे इसलिए वो बिंदास सो गया होगा देहाती है उसे कुछ पता नहीं मैंने कहा उसका तुमने कुछ देखा क्या वो बोले हां उसका लण्ड तो बहुत बड़ा और मोटा है मैं तो उसे निहारने लगी मैंने कहा– उससे चुदवा लो अगर इतना पसंद आया तो वो बोली– उसे क्या पता हम क्या सोच रहे। वो मेरे बगल में लेट गयी मैंने उसकी चूचियों पे हाथ रखा और उसकी चूचियों को दबाने लगा नमिता की सांसें तेज चल रही थी, वो वीरभान का मोटा लम्बा लण्ड अभी देख कर आई थी मुझे ये एहसास हो रहा था की नमिता बहुत गरम हो चुकी है उसको चुदाई की सख्त जरुरत होगी मैंने पूछा तुम्हे वीरभान का लण्ड देख के चुदवाने का नशा चढ़ रहा है ना ? वो बोली हाँ मगर वीरभान को क्या पता हम लोग क्या सोच रहे वो तो सोया हुआ है मैंने बोला वो भी तुम्हे देख के मुठ मारता है वो बोली क्या? कैसे पता मैंने कहा मुझे पता है तुम्हे अभी दिखाता हूँ। आज मुझे मेरी वो मोबाइल की क्लिप काम देने वाली थी जो मैंने उस समय बनायीं थी जब पहली बार मैंने तब रिकॉर्ड किया था जब नमिता बॉलकनी में बैठी थी और निचे सर्वेंट हाउस से वीरभान उसे देख के मुठ मार रहा था मैंने अपनी मोबाइल निकाली और वो विडिओ चला दिया नमिता ने देखा वो बॉलकनी में बैठी थी और कैसे वीरभान अपना मोटा लौड़ा लेके हिला रहा है वो गालियां देके अपना विकराल लौड़ा हिला रहा था नमिता उस विडिओ को देखते जा रही थी और उसकी सांसें तेज होती जा रही थी मैंने कहा देखा वो तुम्हे देख के कैसे अपने लौड़े को झटके दे रहा है और वो जब तुम्हे पता नहीं था नमिता आह्ह्ह्हह्ह भर बैठी उसकी आँखों के सामने वीरभान का लौड़ा नाच रहा था वीरभान अपना लण्ड हिलाये जा रहा था और लण्ड को झटके पे झटके दिए जा रहा था मैंने कहा नमिता मजा आ रहा है न उसने बोला हाँ बहुत मजा आ रहा देखो वीरभान नंगा मजबूत और बलशाली मर्द लग रहा है उसके जंघे और गांड कितने मजबूत है आह्ह्ह उससे चुदने में कितना मजा आएगा किसी भी औरत को मैंने कहा मजे लो वो अपने हाथों से चूचियाँ दबाने लगी उसके हाथ उसकी स्कर्ट में उसकी पैंटी के अंदर चले गए वो अपनी चूत को मसलने लगी।
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मैं नमिता को वो क्लिप दिखा रहा था जिसमे ,,,,,,वीरभान अपना लौड़ा हिलाये जा रहा था,,,,,,, नमिता को उसके लण्ड को देख के मस्ती आ रही थी वो उसके मुठ मारने की बेकरारी उसके लिए महसूस कर रही थी मैंने नमिता से कहा की मोबाइल में ही वीरभान के लौड़े,,, को चूस लो इतना कहते ही नमिता पागलों की तरह मेरे मोबाइल की स्क्रीन पर वीरभान के लौड़े को जल्दी जल्दी चूमने चाटने लगी उसकी बेकरारी वीरभान के लण्ड के लिए बहुत दिख रही थी.। वो मोबाइल की स्क्रीन पे बार बार उसके लौड़े को चाट रही थी और बार बार उसके लौड़े को देख रही थी। मैंने नमिता के इस रूप को देखा तो मेरा लन्ड भी खड़ा हो गया। नमिता वीरभान के लण्ड को मोबाइल के स्क्रीन पे चाट रही थी और मैं नमिता के सर को सहला रहा था जैसे मानो मैं कह रहा था,,,,,,,,,,,,,, चूस लो मेरी प्यारी बीबी उसका लौड़ा खूब चूस लो,,,,,,,,,,, हम दोनों मस्ती में मस्त थे तभी मैंने देखा वीरभान खिड़की बाहर एकदम नंगा खड़ा लौड़ा हिला रहा उसने भी देखा नमिता स्कर्ट और स्लीवलेस टॉप में मेरे ऊपर पड़ी हुई है ,,,,,,,,,वीरभान का लण्ड तना हुआ था वो धीरे से हमारे कमरे में आ गया और उसने बिना मुझसे पूछे नमिता को झटके से अपनी गोदी में उठा लिया जब उसने नमिता को गोदी में उठाया तब नमिता ने देखा,,,,,,,,,,,,, मैंने नमिता की आँखों में देखा और कुछ नहीं कहा शायद ये इशारा था की इंजॉय होने दो नमिता को गोदी में उठा के वीरभान उसे एक दानव की तरह खड़ा था जैसे एक दानव अपनी गोदी में एक गोरी कोमल परी लिए खड़ा हो लण्ड की भूखी नमिता,,,,,,, उसके बलिष्ठ बाँहों में जाते ही पिघलने लगी,,,,,,,,,, इधर वीरभान ने नमिता को उठा के मेरे ही सामने मेरे ही बिस्तर पे गद्दे पे पटक दिया और फिर मैंने जो देखा वो ये था ,,,,,,,,,,,, वीरभान ने तुरंत नमिता की सफ़ेद शार्ट स्कर्ट जो नमिता के जँघों तक थी उसे कार्र्र्र्र्र्र ,,,,,,,,,,,से फाड़ दिया और स्कर्ट को फर्श पे फेंक दिया ,,,,,,,,,,,,,अब नमिता सिर्फ काली चढ्ढी में थी,,,,,,,,, वीरभान ने तभी नमिता के ऊपर मम्मो को उसके स्लीवलेस टॉप के ऊपर से दबाना शुरू कर दिया नमिता मचलने लगी तभी वीरभान ने उसकी टॉप को एक झटके से अपने मजबूत हाथों से फाड़ डाला और ,,,,,,तभी जैसे कमरे जैसे बिजली सी कौंध गयी नमिता के,,,,,,,,,,, मस्त गोर गोल मम्मे अब एक दम नंगे थे ,,,,,,,,,उसकी कोमल स्किन वाली चूचियाँ कमरे में हाहाकार मचा देने लगीं ,,,,,,,,,, वीरभान तुरंत नमिता की चूचियों पर टूट पड़ा और नमिता की चूचियों को दबाने लगा उसके खुरदुरे पंजे नमिता की कोमल चूचियों पर जम गए वीरभान भूखे भेड़िये की तरह उसकी चूचियों को मसलने लगा,,,,,,,,, नमिता मचलने लगी उसकी चूचियों और फूल गयी गर्व से ,,,,,,,,,और उसकी सांसे खूब तेज हो गयी,,,,,,,,,, तभी वीरभान ने नमिता की टाँगो के बीच में हाथ डाला और उसकी चड्डी को चर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र,,,,,,,,,,,,, से फाड़ डाला उसकी गोरी टांगो बीच में वो गोरी चूत नंगी हो गयी,,,,,,, अब नमिता पूरी तरह से निर्वस्त्र थी पूरी मादरजात नंगी,,,,,,,,,,,,,, वीरभान हुँकार भर उठा उसका काला मोटा लण्ड लोहे की तरह कड़क हो गया उसने नमिता की दोनों टांगे तुरंत चौड़ी कर दी और अपने विशालकाय लौड़े का सुपाड़ा उसकी चूत के ऊपर रगड़ने लगा नमिता की चूत पहले से ही गीली थी उसकी चूत एकदम चुदने के लिए तैयार थी वीरभान अपने लण्ड उसकी नाजुक चूत में ठूस दिया नमिता कराह उठी,,,,,,,,,,वीरभान के सुपाड़ा नमिता की चूत में जाते ही नमिता की आँखों में आंसू आ गए मैं वहीँबिस्तर पे था वीरभान ने मेरी तरफ देखा मेरे एक फ़ीट की दुरी पर ही मेरे बीबी की टाँगे फैला के वीरभान नमिता की चूत में अपना विशाल लौड़ा पेवस्त करने की कोशिश कर रहा था ,,,,,,,,,,,,,,,,और मेरी बीबी की आँखों में आंसू आ गए ये देख के मैं एकदम गरम हो गया मैंने तुरंत अपना लण्ड निकाल के अपने हाथो से वही बैठ के हिलाने लगा,,,,,,,,,, मैंने नमिता के माथे पर सहलाया और जैसे ये एहसास करवाया,,,,,,,,,,,,,,, लण्ड घुसवा लो,,,,,,,,,,,, मेरी सोना,,,,,,,,,,, मेरी बेबी,,,,,,,,,,,,,,, वीरभान एक शैतान की तरह नमिता की दोनों टाँगो को अपने हाथों में पकड़ के दो विपरीत दिशाओ में फैला कर अपना मजबूत मोटा काला लण्ड उसकी गोरी टाँगो में घुसाने की कोशीश कर रहा था वीरभान ने अपनी मोटी मजबूत गांड का थोड़ा और दम लगाया और अपना लण्ड नमिता की चूत में थोड़ा और आगे डालने लगा नमिता बिलबिला उठी उसकी आँखों में जो आंसू थे वो तुरंत ढलक गए उसके माथे पर बल पड़ने शुरू हो गए वो मिमियाने लगी ईईईईईए,,,,,,,,,,,,,उसके होठ खुल गए आआआआआ,,,,,,,,,,,,, कर बैठी मगर अब वीरभान ने अपने लौड़े को रोका नहीं उसने अपना पूरा काला लण्ड नमिता की टांगों के बीच में उस कोमल चूत में पेवस्त कर दिया अब तो वीरभान का पूरा मरदाना लौड़ा नमिता की कोमल चूत में घुस के उसकी पूरी चूत में एक गोल बेलन की तरह चला गया था,,,,,,,,,,,,,,,,, नमिता की आँखों से आंसुओं की मोटी धारा उसके गालों पर अब लुढक रही थी,,,,,,,,,, जिससे उसके कोमल गाल चमक उठे उसके माथे पे कुछ सिलवटे पड़ रही थी,,,,,,,,,,,, अब वीरभान ने अपना मोटा बेलन आगे पीछे करना शुरु कर दिया और धीरे धीरे अपनी रफ़्तार बढ़ानी शुरू कर दी उसका,,,,,,,, बेलन जैसा लौड़ा अब नमिता की चूत में अंदर बाहर हो रहा था अब नमिता को भी धीरे धोरे मजा आ रहा था तभी मैंने देखा अब नमिता अपने कोमल हाथों से वीरभान की मजबूत गांड को सहलाने लगी वीरभान समझ गया की इस रंडी को अब मजा आ रहा वीरभान ने नमिता की गांड,,,,,,, को अपने हथेलियों से निचे से पकड़ा ,,,,,,,,,और उसकी कोमल नरम गांड को पकड़ के दबा के,,,,,,सहला कर,, उसकी चुदाई करने लगा अब नमिता आह,,,, उह्ह्ह,,,,, की आवाजें निकलने लगी ये देख के मेरा लौड़ा और तन गया मैं वही बैठ के अपने लण्ड को हिला रहा था उधर वीरभान हुमच हुमच के नमिता को पेल रहा था नमिता की कोमल टांगों के बीच वो अपना लौड़ा घुसेड़े हुए खूब धक्के लगा रहा था और नमिता आह्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह्ह्ह आउच की आवाजें निकाल रही थी,,,,,,, एक 23 साल की गरम जवान माल की मस्त चुदाई हो रही थी एक जवान गरम गोस्त लौंडिया जो एकदम चिकनी रंडी माल थी उसे खूब झिझोंड के,,,,,,,,, वीरभान चोदे जा रहा था करीब 15 मिनट वीरभान ने नमिता की बिना रुके चुदाई की उसके बेलन जैसे गोल मोटे लौड़े ने नमिता को खूब अच्छे से चखा,,,,,,,,,,,,, इस चुदाई से नमिता के माथे पर पसीना आ गया उसके माथे पर पसीने की बूंदें चमकने लगी और वो माथे की बुँदे अब उसके माथे से निचे आके उसके आँखों के किनारे और उसके होठों के ऊपर भी बूंदें बनके चमक रही थी,,,,,,,,,,,, नमिता की आंखें चुदाई से चमक उठी थी उसका पूरा फेस अब एक चुदाई के संतोष में दिखा रहा था तभी वीरभान ने अपना लण्ड झटके से निकाल लिया और बेड के सामने खड़ा हो गया अपना तना हुआ खड़ा लण्ड लेकर तभी नमिता उठके कुतिया बनके उसके लौड़े को अपने मुह में लेकर फिर चूसने लगी और इस बार नमिता बिना किसी झिझक के उसकी आँखों में आँखे डालकर वीरभान का लौड़ा चूस रही थी नमिता बिस्तर से उतर कर वही फर्श पर बैठ गयी और अब आराम से वीरभान के लौड़े को चूसने लगी बेतहाशा वो उसके लण्ड के सुपाड़े को सबसे ज्यादा पच्च,,,,,,, पच्च ,,,,,,,,,,करके अपने नरम होठों को गोल करके चूस रही थी नमिता अब अपने कोमल उँगलियों से वीरभान के आँड की थैली को दबा रही थी और दबा दबा के उसके लौड़े को चूस रही थी उसे पता था इसी बॉल में वीरभान का मरदाना वीर्य भरा हुआ है वीरभान नमिता के गालों का सहला रहा था उसके माथे पर और उसकी चिकनी गोरी पीठ पर अपने हाथों से सहला रहा था जैसे कह रहा हो ,,,,,,,,,चूस लो रंडी,,,,,,,,, लण्ड से खूब खेल लो तुम लौड़े के लिए बहुत तरसी हो तुम एक चिकनी जवान रिच घर की लौंडिया हो खेल लो एक मजबूत लौड़े से,,,,,, अपनी जवानी की भूख खूब अच्छे से मिटा लो,,,,,,,, फिर उसने नमिता को फिर से बिस्तर पर धकेल दिया और अपना मोटा बेलन फिर से उसकी टाँगें चौड़ी करके अपने लौड़े को झट से उसकी चूत में पेल दिया नमिता का मुहं फिर से खुल गया मगर इसबार उसके फेस पर लण्ड घुसवाने का भाव था आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ,,,,,,,,,,,,,,,,,अब वीरभान ने अपनी ताकत लगा दी उसकी चूत पे अपने लौड़े की और तेजी से आगे पीछे अपने लण्ड के धक्के मारने लगा अब नमिता फिर से मिमियाने लगी चीखने लगी आआह्ह्ह उम्म्म्म्म ईईईइ उह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ह्हाआआह्ह्ह्ह्ह ओह माय गॉड फ़क मी आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उउउउउउउउ वीरभान उसकी चूचियों को अब दबा दबा के चोद रहा था उसकी मस्त चुचिया चुदने पर हिल रही थी और जितनी हिल रही थी उतना ही वीरभान उन चूचियों पे अपने हाथों का गुस्सा दिखाकर उन्हें दबा दबा के काबू में कर रहा था वीरभान नमिता को लगातार पटक पटक के जबरदस्त चोदे जा रहा था और नमिता चीखने की मस्त भरी आवाज निकाले जा रही थी नमिता अब तक अंदर दो बार मिमियाँ कर झड़ चुकी थी मेरा हाथ अपने लौड़े पर तेजी से चल रह था खूब मजा आ रह था मुझे एक भरपूर मर्द मेरी कमसिन बीबी की मस्त चुदाई कर रह था झिंझोड़ के इस जबरदस्त चुदाई में अब मैंने देखा की नमिता के पुरे माथे पर नन्ही नन्ही बुँदे पसीने की चमक उठी थी ,,,,,,,,,और ये नन्ही पसीने की बुँदे उसकी दोनों मस्त गोरी गोल मोटी गर्व से खड़ी गदराई चूचियों पर भी चमक उठी,,,,,,,,,,,,,,वीरभान उसे लगतार चोदे जा रहा था नमिता भी खूब मस्ती से चुदवाये जा रही थी ,,,,,,,,,,,,,,उसके पेट उसकी कोमल मस्त चिकनी गोरी गांड सबपर पसीना चमक उठा था,,,,,, वीरभान के मोटे लौड़े मजबूत लौड़े की मार से नमिता पसीने में झलक उठी थी वीरभान ने नमिता को उठाया और उसे कुतिया के पोज़ में बिस्तर पे करके अपने खड़ा होकर उसकी चूत में अपना लौड़ा घुसेड़ के,,,,,,,, अब फिर चोदने लगा फिर क्या था वीरभान को नमिता की मस्त गांड की पूरी गोलाई दिख रही थी,,,,,,,,, अब वो नमिता को और तेजी से धक्के लगा रहा था ,,,,,,,,,,,,,वीरभान नमिता की गोरी गांड पे अब थप्पड़ मार मार के पेल रहा था नमिता कुतिया की तरह अपनी गांड उछाल रही थी उसकी मांसल गोरी गांड की गोलाई देख के वीरभान और मस्ती में उसे पेले जा रहा था नमिता की पसीने से चमक रही थी वीरभान के लण्ड ने नमिता की गांड पर पसीना ला दिया था ये देख कर अब मैंने अपने लण्ड की धार निकाल दी आह,,,,,, आह,, करके ,,,,,,,,मुझसे अब रहा नहीं गया था मेरी उत्तेजना मेरे लण्ड कोझाड़ रही थी मुझे बहुत मजा आया ,,,,,,,उधर वीरभान ने नमिता को कुतिया बना के खूब चोदा,,,,,,,,, अब उसने नमिता को फिर से सीधा लिटा दिया और फिर अपना लौड़ा उसकी चूत में डाल दिया और खूब तेजी से पेलने लगा,,,,,,,,,,,,, वीरभान की जबरदस्त चुदाई से अब नमिता का पूरा शरीर पसीने से भीग गया था और साथ ही साथ वीरभान की मजबूत गांड पे भी पसीना आ गया था,,,,,,,,,,, नमिता की चूचियाँ और नमिता का फेस पसीने से भीग चुके थे वो भी तब जब चुदाई नमिता के एसी रूम में हो रही थी,,,,,,,,,, नमिता का पसीने से भीगा शरीर कमाल का लग रहा था उसकी भीगी चूचियाँ देखकर वीरभान मस्त हो रहा था उसे ये लग रहा था,,,,,,,,,,,, चुद साली रंडी देख तुझे चोद चोद के तेरी गांड पर पसीना ला दिया मैंने ,,,,,मादरचोद,,,,,,,,,,,,, उसकी भीगी चूचियाँ वीरभान दबा रहा था तो उसकी हथेलियाँ भी भीग जा रही थी वीरभान ने अब नमिता को उठाया और निचे फर्श पे बिठा दिया और बोला,,,,,,, ले मादरचोद अब तुझे अपने लण्ड का इनाम दूंगा,,,,, तेरी खूबसूरती पर,,,,,,,, उसने अपना विकराल लौड़ा नमिता के फेस के सामने कर दिया नमिता झट से उसका लौड़ा चूसने लगी और उसके लण्ड नीचे दो गोल अंडू को अपने उँगलियों से दबाने लगी तीन उँगलियों और अपने अंगूठे का घेरा बनाकर नमिता वीरभान के दो अन्डो को दबा रही थी और लौड़े को खूब चूस रही थी उसके लौड़े का माल अब निकलने को उफान मार रहा था वीरभान ने अपना लौड़ा नमिता के मुह से निकाला और सीधे नमिता के फेस पर अपने लण्ड की पिचकारी छोड़ दी उसके लौड़े की पिचकारी वीर्य के रूप में कई बार कई झटको में आई उसने झटको को उसके गालों,,,,,,, उसके बालों पर अपनी लण्ड की पिचकारी छोड़ी और अंत में एक तेज हुंकार के साथ वीरभान ने वीर्य की एक लम्बी पिचकारी,,,,,,, नमिता की दोनों गोरी गोल मोटी मांसल चूचियों पर उढ़ेल दी ,,,,,,,,,,,,आह्ह्हह्ह,,,,,, नमिता के मुहं से निकला उसे बहुत मजा आया ,,,,,,,,,,,एक मर्द का पूरा माल आज उसकी चूचियों और फेस पर था ,,,,वो आज तृप्त हो गयी थी चुदाई और लण्ड के माल से,,,,,,, नमिता ने वीरभान के लौड़े को फिर से मुहं में ले लिया और उसके लण्ड की एक एक बून्द चूस चूस के निकालने लगी वीरभान के अंडू को दबा दबा के उसके पुरे लण्ड को चूस रही थी वीरभान को पूर्ण संतुष्टि देने के लिए,,,,,,,,, उसने उसकी एक एक बून्द निकाल दिया और उसके लौड़े को तब जाकर बहार छोड़ दिया मगर वीरभान का लौड़ा अभी भी उत्तेजना से खड़ा ही था ,,,,ये देख नमिता और मस्त हो रही थी जैसे वो कह रही थी इसे कहतें हैं असली लण्ड,,,,, उसने मेरी आँखों में देखा और वीरभान के लण्डकी कई बार पुच्ची ली किस किया नमिता ने अपने गुलाबी होठों को गोल करके वीरभान के लण्ड के सुपाड़े पर कई पुच्ची दी मेरी तरफ देखकर ,,,,,,,,,मेरी आँखों में देख कर,,,,,, इसके बाद नमिता ने वीरभान से कहा वो बिस्तर पर लेट जाये वीरभान मेरे डबल बेड पर लेट गया और उसके बाद नमिता भी जाकर उसके विशालकाय शरीर के ऊपर एकदम नंगी मादरजात अवस्था में उसके सीने पर लेट कर सो गयी और आराम करने लगी उसका पूरा शरीर वीरभान के ऊपर लेटा हुआ था उसकी पूरी गोरी गांड मेरी तरफ थी जिसे वीरभान सहला रहा था मैं भी उन दोनों के बगल में लेट गया अब नमिता हम दोनों के बीच में नंगी मादरजात लेटी थी।
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