नाना ने अपने मोटे लंड से चोदकर मेरे यौवन को खिला दिया
हाय फ्रेंड्स, आप लोगो को sexkahani.net में स्वागत है। मैं रोज ही इसकी सेक्सी स्टोरीज पढ़ती हूँ और आनन्द लेती हूँ। आप लोगो को भी यहाँ की सेक्सी और रसीली स्टोरीज पढने को बोलूंगी। मेरा नाम रंगोली दूबे है। आज फर्स्ट टाइम आप लोगो को अपनी कामुक स्टोरी सुना रही हूँ। अगर मेरे से कोई गलती हो तो माफ़ कर देना। मैं दिल्ली की रहने वाली हूँ और बहोत जवान और सेक्सी लड़की हूँ। मेरे घर में पापा, मम्मी, भैया, नाना और नानी है। मेरी मम्मी अब मायके में ही रहती हूँ क्यूंकि मेरे पापा की नौकरी जब छूट गयी तो पापा मेरी नानी के घर ही आ गये और अपनी जनरल स्टोर की दूकान खोल दी। अब हम सब लोग मेरे नाना नानी के पास ही रहते है।
फ्रेंड्स मेरे नाना, नानी बहोत अच्छे है। वो मम्मी, पापा और हम सब बच्चो को बहोत प्यार करते है और रूपये पैसे से हमेशा ही मदद करते है। पर आज मैं आपको बोर नही करूंगी। मैं आपको राज की बात बताने जा रही हूँ। मैं अभी 20 साल की फूल जैसी दिखती हूँ और देखने में काफी सेक्सी और हॉट लगती हूँ। अपने सहेली के बॉयफ्रेंड्स से मैं कई बार चुदवा चुकी हूँ। अब तो मेरे को रोज ही चूत में लंड लेता अच्छा लगता है। अब मेरे को पूरी तरह से चुदाई की लत लग गयी है। रोज ही सेक्स करने का दिल करता है। मेरे नाना का नाम मोहन लाल है। वो रिटायर हो चुके है। अब 63 साल के हो चुके है पर आज भी जवान दीखते है।
वो अपनी सेहत का शुरू से बहोत ध्यान रखते है। यही वजह है की आज भी वो जवान मर्द दीखते है। कुछ दिनों पहले की बात है मैं सुबह सुबह नाना के कमरे में सफाई करने गयी थी। वो बेड पर सो रहे थे और खर्राटे भी भर रहे थे। पर अब सुबह हो चुकी थी और नाना को जगाना था। मेरी नानी जग चुकी थी और बाथरूम में नहाने चली गयी थी। आज उनको नाना के साथ मंदिर जाना था। मेरे को नाना को जगाना था।
मैं: नाना जी!! उठो!! जल्दी उठो। नानी के साथ आपको मन्दिर जाना है
मैंने बोला पर वो नींद में थे और मुझे पकड़ लिया और अपने से चिपका लिया। मैंने सलवार कमीज पहना था। नाना ने मुझे सीने से चिपका लिया और गालो पर पप्पी देने लगे। मेरे को किस करने लगे। वो मेरे को नानी समझ रहे थे।
नाना: आओ मनोरमा (मेरी नानी का नाम) मुझे प्यार करो। कल रात मैंने तुमसे कितना बोला पर तुमने मेरे को अपनी चूत नही दी
वो बोले और नींद में मुझे नानी समझ लिया। मेरे को अपने पास खींच लिया और मेरे दोनों दूध दबाने लगे। नाना की चूत चुदाई वाली बाते सुनकर मैं हैरान रह गयी। इसका मतलब था की 63 साल की उम्र में भी नाना मेरी नानी की चूत मारते है। कुछ देर तक वो अपनी आँखे बंद करके मेरे लब चूसते रहे। फिर उनकी आँखे अचानक खुल गयी। उन्होंने मेरे को देखा तो फौरन छोड़ दिया। मेरे को देखकर वो झेंप गये थे
नाना: अरे रंगोली बेटी!! तुम यहाँ क्या कर रही हो???
मैं: मैं तो आपको जगाने आई थी पर आप तो
नाना: बेटी! मैं समझा की तुम्हारी नानी है
मैं: कोई बात नही नाना जी!! बुड्ढो के भी अरमान होते है। आपने मेरे साथ जो किया मैं किसी को नही बोलूंगी
उसके बाद मैं चली आई। कुछ दिन तक मेरे को नाना के द्वारा की गयी शरारत याद आती रही। किस तरह से उन्होंने मेरे को पकड़ लिया था और लबो पर किस कर दिया था। किस तरह से वो काफी देर तक मेरे साथ किसिंग करते रहे और मेरे संतरे दबाते रहे। अब तो कुछ दिन बाद मेरा भी नाना से चुदने का दिल करने लगा। दूसरे दिन मैं रात के वक्त उनके कमरे में गयी। क्यूंकि नाना को कार्टून चेनल देखने का बड़ा शौक था।
मैं: नाना जी!! क्या मैं भी आपके साथ कार्टून शो देखू??
नाना: अरे बेटी !! इसमें पूछना क्या है। तुम्हारा अपना घर है, आओ देखो!
उसक बाद मैं नाना के साथ रजाई में बैठकर कार्टून देखने लगी। मेरो को पूरा भरोसा था की नाना कुछ शरारत जरुर करेंगे। फिर ऐसा ही हुआ। नाना जी काफी सेक्सी मर्द थे। रजाई के अंदर से उन्होंने अपना हाथ मेरी पैर की तरफ बढ़ा दिया और जांघो को सहलाने लगे। आज मैंने हाफ स्लीव वाली टी Kamukta शर्ट और लाल रंग की लैगी पहनी थी। धीरे धीरे नाना ने अपना हाथ मेरी लैगी में डाल दिया और पेंटी तक पहुच गये और चूत को घिसने लगे। मैं “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा” करने लगी। कुछ ही देर में मैं भी सेक्सी फील करने लगी। नाना तो जैसे पहले से मूड बनाये रखे थे। मैंने भी नही रोका उनको क्यूंकि मेरे को अच्छा लग रहा था। नाना भी मजा लेते रहे और फिर रजाई के अंदर ही अंदर पेंटी में अपना हाथ घुसा दिया और अब चूत में जल्दी जल्दी ऊँगली करने लगी। 5 मिनट में मैं पागल होने लगी।
नाना: कैसा लग रहा है बेटी!! मजा आ रहा है की नही??
मैं: नाना जी!! आप तो माचो मैंन हो। मजा तो बहोत आ रहा है
इतना कहते ही नाना जी आक्रामक हो गये। वो जल्दी से बेड से उठे और कमरे का दरवाजा बंद कर लिया। टीवी चलती रही जिससे घर में सब लोगो सोचे की मैं उनके साथ कार्टून देख रही हूँ। पर अब वो मेरे साथ चुदाई करने जा रहे थे। नाना ने रजाई हटा दी और मेरे को पकड़ लिया। मेरे उपर चढ़ गये और हर जगह किस करने लगे। मेरे हाथो की उँगलियों में नाना ने अपनी उँगलियाँ फंसा दी। उसके बाद मेरे जूसी लब चूसने लगे। मेरे को भी सेक्स का चस्का लग चूका था। पहले भी मैं सेक्स कर चुकी थी तो मेरे लिए कोई नई बात नही थी।
मैं: आई लव यू नाना जी!! फक मी टूनाईट !!
उसके बाद मैं भी उनका साथ देने लगी। नाना मेरी टी शर्ट के उपर से मेरे संतरे दबाने लगे। फ्रेंड्स मेरा फिगर काफी सेक्सी था। 34 30 36 का फिगर था मेरा। गेंद जैसे मेरे दूध टी शर्ट के उपर से दिख रहे थे। नाना दोनों दूध को हाथ से पकड़कर दबाने लगे। मैं सेक्सी होकर “……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….”करने लगी। नाना तो मुझे आज कसके चोदने वाले थे। मैं जान गयी थी। वो हाथ से गोल गोल मेरी चूचियों को दबा दबाकर मसल रहे थे। मेरे को बड़ा प्लेसर मिल रहा था।
नाना: कैसा लग रहा है बेटी??? मजा आ रहा है की नही
मैं: बहोत मजा आ रहा है नाना जी!!
उसके बाद हम दोनों का प्यार का खेल शुरू हो गया। नाना जी ने अपनी शर्ट और लोअर उतार दिया और फिर बनियान भी उतार दी। मेरी टी शर्ट को उन्होंने उपर करके उतार दिया। अब मेरे 34 इंच के दूध सफ़ेद ब्रा में कैद थे। नाना जी मेरे सफ़ेद सेक्सी बदन में सब जगह किस करने लगे। फ्रेंड्स मेरा जिस्म बहोत सुंदर और सेक्सी था। मैं बहोत गोरी चिकनी थी। नाना की मेरी भरी जवानी देखकर मचल गये थे। मेरे पेट पर उन्होंने अनेक बार हाथ से टच किया और प्यार से सहलाते रहे। मेरी नाभि तो चूत जैसी गहरी थी। नाना जी के दिल में आज मुझे चोदने की बड़ी आग लग चुकी थी।
मैं उनकी आँखों में वासना की आग को साफ़ साफ देख सकती थी। आक्रामक होकर वो मेरी नाभि को जल्दी जल्दी चूसने और किस करने लगी। मेरी चूत जैसी गहरी नाभि में ऊँगली और जीभ डालने लगे। आप लोगो को क्या बोलू फ्रेंड्स की मैं तो काँप गयी। मैं “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” करने लगी। नाना जी जल्दी जल्दी नाभि चूसने लगे जैसे वो चूत हो। मेरा बदन कांपने लगी। अब नाना जी काफी देर तक मेरी नाभि से खेलते रहे। अब उपर बढ़ने लगे। मेरे दो दूध कसे कसे गर्व से तने हुए थे। जब नाना ने मेरी चूचियों को अपने वश में कर लिया यानी हाथ में ले लिया तो उमंग की दूसरी लहर मेरे जिस्म में दौड़ गयी। नाना जी अब मेरी दोनों चूचियों को दोनों हाथो से मसलने लगे। मैं जन्नत में पहुच गयी थी। इस तरह से आनन्द के साथ किसी ने आजतक मेरी चूचियों को नही मसला था।
मैंने भी खूब दबवाया। नाना ने जी भरकर मेरे संतरे को ब्रा के उपर से मसल मसल कर लाल कर दिया और सफ़ेद सूती ब्रा मेरे ही दूध की रस से भीग गयी और दागी हो गयी।
नाना: बेटी रंगोली !! आज मैं तेरे को चोदकर खूब मजा दूंगा। तू मेरा साथ देना
उसके बाद नाना जी ने मेरे को पलट दिया और मेरी चिकनी सफ़ेद पीठ से खेलने लगे। कुछ देर तक हाथ लगाकर मेरी मलाई जैसी पीठ को सहलाते रहे। फिर ब्रा के हुक खोलने लगे। मैंने गुलाबी रंग की ब्रांडेड ब्रा पहनीथी जिसमे सफ़ेद सफ़ेद गोले थे। नाना ने हुक खोलकर मेरे 34 इंच के मम्मो को आजाद कर दिया। मेरी पूरी लम्बी चिकनी पीठ अब नाना के सामने थी। मैं सिर्फ 20 साल की लड़की थी और अभी अभी जवान कली हुई थी। मेरे जिस्म की त्वचा बहोत कसी थी। नाना जी जल्दी जल्दी मेरी पीठ को हाथ से सहला सहलाकर किस करने लगे। और फिर मेरे को पलट दिया।
मेरे दोनों दूध अब गर्व से उनके सम्मुख तने हुए थे। नाना ने तुरंत ही मेरे दोनों बूब्स को हाथ से पकड़ लिया और मसलने लगे। मैं फिर से मजबूर हो गयी और “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” की कामुक आवाजे निकालने लगी। नाना जी आपे से बाहर हो गये और रगड़ रगड़ के मेरे दोनों उरोजो को मसलने लगे। इसी बीच मेरी चूत गीली होने लगी और चूत से पानी निकलने लगा। अब मैं भी बहोत गरम हो गयी थी।
मैं: सक माय बूब्स (मेरे दूध को चूसो) नाना जी!!
मैंने भी बोल दिया। उसके बाद नाना जी जल्दी जल्दी मेरे बूब्स मुंह में लेकर चूसने लगे। जैसे वो रोज नानी के आम चूसते थे। नानी के बूब्स तो ढीले थे पर मेरे तो बिलकुल कड़क थे। नाना जी जल्दी जल्दी चूसने लगे तो मैं भी उनको सीने से लगा लिया। उनके कंधे पकड़ के खुद से चिपकाने लगी। काफी देर तक नाना मेरे निप्लस को मुंह में लेकर चूसते रहे। मैं “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” करती रही। नाना ने मेरे को सीने से चिपका लिया और खूब प्यार किया। मेरे गाल को कई बात किस करके काट लिया और मेरी गले और आँखों पर कई बार किस किया
अब तो चुदाई हर हाल में होनी थी।
नाना: बेटी रंगोली!! अब मैं तेरे को चोदूंगा पर तू आवाज मत करना
मैं: पर अगर नानी जा गयी तो???
नाना: वो नही आएंगी। तेरी नानी अपनी सहेली के बाद स्वेटर की नई डिज़ाइन पूछने गयी है। तू बस चिल्लाना मत
उसके बाद नाना ने अपना पटरे वाला कच्छा का नारा खोल दिया और उतार दिया। अपने लंड को जोर जोर से हाथ से फेटने लगे और फिर मुंह में डालने लगे
नाना: ले बेटी चूस मेरे लौड़े को!!
फ्रेंड्स आज फर्स्ट टाइम मैंने अपने नाना का लौड़ा देखा। 10 इंच का ताकतवर लौड़ा था उनका जो 2।5 इंच मोटा था। मेरे को सेक्स का बुखार चढ़ गया था इसलिए मेरे को ये सब काफी सेक्सी लग रहा था। मैं भी नाना का लंड हाथ से पकड़ लिया और जल्दी जल्दी फेटने लगी। नाना मजे से बिस्तर पर लेट गये और मैं उसके लंड को हाथ से फेट फेटकर चूसने लगी। नानू ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी…..करने लगे। उनको भी काफी मजा मिल रहा था। वासना के कारण उनकी दोनों गोलियां कस गयी थी और सख्त हो गयी थी। मैं भी नाना की गोलियों को हाथ से सहला सहलाकर दबा देती थी और मुंह से लंड को चूस रही थी।
नाना ने मेरे सिर को पकड़कर लंड की तरफ दबा दिया जिससे लंड मेरे मुंह में गले तक घुस गया और अटक गया। कुछ देर मेरे को साँस नही आयी। फिर बड़ी मुस्किल से लंड गले से बाहर निकला। अब तो मेरा भी चुदने का काफी दिल कर रहा था। मैं नाना के बिलकुल गुलाबी रंग वाले सुपाडे को 15 मिनट तक चूस चूसकर और भी जादा लाल कर दिया। अब नाना फुल जोश में आ गये।
नाना: आओ बेटी!! मेरे लंड कबसे तुम्हारी चूत का इंतजार कर रहा है। आओ मेरे लंड की सवारी करो आकर
मैं जल्दी से अपनी पेंटी उताकर नंगी हो गयी और नाना के पेट पर चढ़ गयी। मैं ही उनके लंड को पकड़कर अपनी चूत के बिल में घुसा दिया और जब नीचे बैठने लगी तो नाना का 10 इंच का पहलवान लंड मेरी चूत में उपर तक घुस गया। मैं “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” बोलकर कराह गयी थी क्यूंकि आज बड़े दिनों बाद चुदवा रही थी। मेरी चूत का छेद बंद हो हुआ था पर आज नाना के लंड से छेद फिर से खोल दिया था।
नाना: आह बेटी!! तुम बहोत सुंदर हो!! आज मुझे अपने यौवन का रस पिला दो
मैं: चोद लो नाना जी आज आप मेरे को!! मेरे को भी आपसे सेक्स करने का बड़ा मन कर रहा है
उसके बाद नाना ने मेरे को अपनी कमर पर बिठाकर चोदना शुरू कर दिया। मेरी कमर को हौले हौले धीरे धीरे उपर उछाल उछाल कर चोदने लगे। नाना के बड़ी डील डौल वाली कद काठी के सामने मैं बच्ची लग रही थी। नाना मुझे अब स्पीड से चोदने लगे। मैं उनके लंड के इशारे पर उछल रही थी। मेरी दोनों कसी कसी सफ़ेद चिकनी चूचियां अब भी उनके दोनों पंजे में कैद थी। नाना जी मेरे स्तन दबा दबाकर मेरे को लंड पर बैठकर उछाल उछालकर चोद रहे थे। मैं “…….उई. .उई..उई…….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ……अहह्ह्ह्हह…नाना आराम से….प्लीस आराम से” चिल्ला रही थी। मेरी सफ़ेद चुचियों की निपल्स के चारो तरह काले काले गोले काफी सेक्सी दिख रहे थे। नाना ऊँगली से मेरी निपल्स को मरोड़ रहे थे जिससे मेरे को अलग तरह का सेक्स का मजा मिल रहा था।
जब 20 मिनट बीत गये तो नाना चूत में धक्के दे देकर थक गये। अब मेरे को मोर्चा सम्हालना था। अब मैं आगे को झुक गयी और उसके गालो और लबो पर किस करने लगी। फिर मैं भी चुदाई का काम शुरू कर दिया। मैं जम्प मार मार कर (यानी उछल उछल कर) चुदाने लगी। फ्रेंड्स आप लोग बिलीव नही करेंगे की नाना के लंड से मेरी चूत को अंदर तक गहराई तक चोद डाला। फिर वो हांफ हांफ कर चूत में झड़ गये। मैं भी पसीने से तर हो गयी थी। नाना के उपर ही लेट गयी। कुछ देर तक वो मेरे को किस करते रहे। फिर मैं बाहर चली गयी।
आपको स्टोरी कैसी लगी मेरे को जरुर बताना और सभो फ्रेंड्स नई नई स्टोरीज के लिए sexkahani.net पढ़ते रहना।
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