अनजान लड़की के साथ हसीं रातें
दोस्तो, मैं बबलू, मेरी पिछली कहानी
प्रीति चूत चुदाने को मचल रही थी
सभी पाठकों को पसंद आई थी.
अब मैंने अपनी नई कहानी आपके आगे रख रहा हूँ, उम्मीद है कि मेरा यह यादगार लम्हा आपके लिए भी अच्छा दिन या फिर अच्छी रात साबित होगी, इस घटना को पढ़ कर आपकी कामुकता जागृत होगी तो उसके बाद आप अपने साथी से मजेदार सेक्स का मजा ले पायेंगे.
बात तब की है जब मैं हरियाणा के एक बड़े शहर के होटल में किसी काम से ठहरा हुआ था और मेरे किसी दोस्त ने उसी शहर में एक सुंदर कॉल गर्ल अनु के बारे में बताया था। मैं तो कब से हरियाणा में अपने लण्ड की प्यास बुझाना चाहता था और मौके की तलाश में था।
खैर मेरे दोस्त ने मुझे उसका नम्बर दिया और बताया कि वह बहुत कम चुदी है और उसकी चुदाई में बहुत मजा आएगा। मैंने उसको फ़ोन मिलाया और उसे होटल के पास जगह समझा कर बुलाया।
होटल के पास एक मुख्य चौक था, मैं भी वहीं पर पहुँच कर उसका इंतजार करने लगा। वहां पर कई लड़कियां थी जो एक से बढ़ कर सुन्दर और कयामत लग रही थी। सभी अपने काम से इधर उधर आ जा रही थीं।
मैं उन लड़कियों को देख कर अंदर से उत्तेजित हो रहा था और इसी वजह से मेरा लण्ड भी कड़क होने लगा था। मैं अब पास ही एक बेंच पर बैठ गया और दोस्त की बताई हुई लड़की के मिलने का इंतजार करने लगा।
लगभग आधे घण्टे बाद एक लड़की जो बिल्कुल एक मॉडल की तरह लग रही थी, मेरे पास आई और मुझसे मेरा नाम पूछा तो मैंने उसे अपना नाम बता दिया और ठहरने की जगह पूछने पर उसे अपना होटल बताया।
वह बहुत खुश हुई और मेरे साथ होटल जाने के लिए राजी हो गयी।
वह लड़की ऊपर से नीचे तक कयामत लग रही थी; अप्सरा के जैसा प्यारा चेहरा, मध्यम आकार के उसके फूले हुए नोकदार चुचे, मोहक पतली कमर और फूल सी नाजुक बदन की मालकिन।
मैं उसे अपने होटल के कमरे में ले गया और खाने के बारे में पूछा तो उसने मेरी मर्जी पर छोड़ दिया।
मैंने उसे कहा- यार, पहले ड्रिंक करेंगे फिर…
तो उसने कहा- जैसा आपको ठीक लगे।
मैंने शराब की एक बोतल और सोडा साथ में सलाद, नमकीन और पापड़ मंगा लिए।
तब तक हम दोनों एक दूसरे से मजाक कर रहे थे, एक दूसरे के हाथों को पकड़ कर सहला रहे थे और जोर से हंस रहे थे।
थोड़ी देर बाद वह लड़की फ्रेश होने के लिए बाथरूम में चली गई।
मेरे फ़ोन में 2 मैसेज एक साथ आये मैंने मैसेज खोला तो दोनों ही उस लड़की अनु के थे और आज न आने के लिए सॉरी लिखा था, लिखा था- सॉरी डियर, आज नहीं आ पाऊँगी, फिर कभी मिलेंगे।
मेरा दिमाग चकरा गया और मैं सोचने लगा कि अगर वो लड़की नहीं आयी तो फिर ये कौन है और मुझे कैसे पहचानती है।
वो लड़की बाथरूम में थी और उसका फ़ोन बाहर था, मैंने उस फ़ोन को खोला उसका नाम मधु था। मेरा दिल डर से धड़कने लगा कि जिसे मैने बुलाया था उसका नाम अनु था।
अब मैं उसके फ़ोन के मैसेज खोल कर देखने लगा तो मैंने पाया एक मैसेज किसी सेक्सी डेटिंग साइट का था जिसमें एक लड़के का नाम और जगह बताई थी। नाम पढ़ते ही मैं तो ख़ुशी से नाचने लगा क्योंकि यही नाम तो मेरा भी था और जगह किसी दूसरे चौक का था जो कि लगभग एक जैसा था और एक से नाम वाली जगह की वजह से वो इस चौक पर आ गई और मुझे कुछ देर तक इंतजार करते हुए देख कर मेरे पास आई.
और संयोग से नाम भी एक ही था तो मेरे तो जैसे अच्छे पल थे या यूँ कहें अच्छे दिन आ गए थे।
फिर मैंने उस लड़के के मैसेज भी पढ़े जो कुछ देर पहले ही उसके फ़ोन पर आये थे और मैसेज साइलेंट मोड पर होने की वजह से उसने उनको नहीं पढ़ा था।
एक मैसेज में लिखा था- 1 घण्टे से इंतजार कर रहा हूँ।
दूसरे में लिखा था- अब आ भी जाओ।
और तीसरे में लिखा था जो आधे घंटे बाद आया था- मैं जा रहा हूँ, भाड़ में जा।
मुझे एक आइडिया आया और मैंने उस लड़के के सारे मैसेज डिलीट कर दिए, उसका नंबर बदल कर अपना नम्बर लिखकर सेव किया और उस लड़के का नंबर ब्लॉक लिस्ट में डाल दिया। साथ ही उस लड़की का नंबर अपने फ़ोन पर भी सेव कर लिया और उसका फोन उसी जगह पर रख दिया जहां पहले था।
दरवाजे पर दस्तक हुई और वेटर हमारा आर्डर लेकर आ गया।
मैं शराब की बोतल खोल कर अपने और उस लड़की मधु के लिए पैग बनाने लगा।
मधु भी अब टॉयलेट से बाहर आ गई और शराब देख कर बोली- यार, तुम मुझे गलत मत समझ लेना कि मैं पहली ही मुलाकात में तुमसे इतना घुलमिल गई जैसे कि कितने समय से साथ हैं लेकिन सच यह है कि मेरा कोई भी बॉयफ्रेंड नहीं है और मेरी पहचान के लड़के, रिश्तेदारों के लड़के मुझे घूरते हैं, वे सिर्फ मेरे जिस्म को मसलना चाहते हैं, मेरे हर अंग को बेदर्दी से अपने अंग से रगड़ना चाहते हैं. सब मुझे अपनी वासना पूर्ति का साधन बनाना चाहते हैं. लेकिन जान पहचान वाले लड़के मेरे जिस्म से खेल कर मुझे बदनाम भी करेंगे. इधर उधर कहेंगे कि मैंने उस लड़की के साथ सेक्स किया है. बदनामी से मैं बुरी तरह डरती हूँ. लेकिन यह भी सच है कि मेरी जवानी की मांग है कि मुझे भी सेक्स करना है, सेक्स का मजा लेना है. अब अच्छे लड़के बहुत ही मुश्किल से मिलेंगे। तो मैंने सोचा कि किसी अनजान लड़के से सेक्स करके अपनी वासना शांत कर लूं, वो मुझे बदनाम तो नहीं करेगा. इसलिए मैंने इस सेक्स डेटिंग साइट से तुमसे बात की और तभी मैंने अपने मन में यह पक्का कर लिया कि मैं अब तुम्हें अपना सब कुछ देकर सेक्स का मजा लूंगी! मुझे अपने पहले सेक्स का यह पल एक यादगार रखना है इसलिए मैं इसके लिए तुम्हारे साथ शराब भी पीने को तैयार हूँ जबकि मैंने आज तक शराब नहीं पी है।
मैं मधु को एकटक देखता रह गया। मेरी आँखें फ़टी रह गई और मेरा मन उस गलती को संभाल नहीं पा रहा था जो उसके फोन पर मैंने की थी। मुझे लगा कि मैं इस शरीफ लड़की को धोखा दे रहा हूँ. लेकिन फिर सोचा कि ये भी तो किसी अनजान लड़के से चूत चोदन करवाने के लिए ही तो आई है, तो फिर वो अनजान लड़का मैं ही क्यों नहीं!
और मैंने मधु को अपनी और हाथ फैला कर बुला कर कहा- आज तुम मेरी जिंदगी में एक नया सवेरा लेकर आई हो।
अब मधु भाग कर मेरी बांहों में आ गई और मेरे होठों को अपने होठों से लगा कर जोरों से चूसने लगी।
मैंने मधु को कस कर पकड़ लिया और उसके होठों को चूसते हुए उसके अंगों को सहलाने लगा।
5 मिनट तक चूमने के बाद जब हम अलग हुए तो मैंने उसे ड्रिंक ऑफर की। मधु ने मुझे देखते हुए एक बार में ही सारा गिलास पी लिया और पापड़ और नमकीन खाने लगी। इधर मैंने भी अपना ड्रिंक खत्म किया।
मैंने मधु को कहा- तुम इतनी मासूम हो कि तुम्हें पूरी जिंदगी प्यार करना चाहता हूँ। तुम्हारी आँखें इतनी प्यारी हैं कि हर समय इनमें अपने आप को देखना चाहता हूँ। तुम्हारा नाज़ुक बदन प्यार से सहलाना चाहता हूँ और तुम्हारे हसीन चेहरे से नज़र हटाने का मन ही नहीं हो रहा है। बस तुम्हें प्यार करने का ही मन हो रहा है।
कह कर उसके हाथ अपने हाथ में लेकर चूमा।
मधु यह देखकर शर्मा गई और अपने आपको मेरे सीने में छुपाने लगी; मैं भी उसके जिस्म को सहलाने लगा।
मधु पर शराब को असर हो रहा था और वह नशे में थी। दूसरा पैग लेने के बाद तो मधु नशे में चूर हो गई थी। मैंने अपने 4 पैग खत्म करके बोतल बन्द कर दी और अब मुझ पर भी शराब का असर होने लगा था।
मैंने मधु को अपने शरीर से चिपका लिया, मेरा एक हाथ उसके नर्म और सुंदर चूचियों को दबा रहा था और दूसरा हाथ मधु की जीन्स के अंदर उसकी मखमली चूत को सहला रहा था। उसकी चूत फूल सी कोमल और कुंवारी थी।
मधु मेरी पैंट को खोल कर मेरे कड़क हो चुके लण्ड को आश्चर्य से देख रही थी और अपने हाथ में पकड़कर दबाने लगी। यह अहसास मुझे रोमांचित कर रहा था तो मधु भी दूसरी दुनिया का अहसास कर रही थी।
हर पल बस मेरे होठों को चूम रही थी और बोल रही थी- तुमने मुझे मेरी जिंदगी का असली पल दिया इसे कभी नहीं भूलूंगी।
मैं भी मधु को जम कर चूम रहा था और उसकी चूत और चूचियों को कसकर दबा और रगड़ रहा था जिससे वो उम्म्म मम्म आहह हहह सस्सस उन्न न्नंन्नंह जैसी मादक आवाज निकाल रही थी। उसकी चूत थोड़ा और रगड़ने पर उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया।
अब मैंने मधु की टीशर्ट और ब्रा निकाल कर उसे ऊपर से नंगी कर दिया और उसके उभारों को देख कर जोश में पागल होकर उसके चुचों को जोर से चूसने लगा। मधु मेरे लण्ड को अपनी चूत में घुसवाना चाहती थी और पूरी मस्ती में होकर उसने अपनी जीन्स उतार दी।
अब मधु अपनी जी शेप पैन्टी में थी, मैं भी अपने सारे कपड़े उतारे और नंगा हो गया था, मेरा लण्ड मधु को चोदने के लिए बेताब हो रहा था। मेरे बैग में ट्रेवल किट जिसे मैं हमेशा साथ रखता हूँ में जरुरी अन्य सामान जैसे ब्रश, पेस्ट, साबुन, शैम्पू, चार्जर और तेल की छोटी शीशी भी रखता हूँ।
आज तेल का असली काम होने जा रहा था।
मधु पूरे नशे में बिस्तर पर लेटी हुई अपने शरीर को नागिन की तरह इधर उधर हिला कर मचल रही थी।
मैंने देर ना करते हुए उसकी पेंटी उतार दी और उसकी सुन्दर और फूल जैसी चूत पर ढेर सारा तेल डाल कर उंगली से अंदर बाहर कर उसकी चूत को चिकना करने लगा। मेरी दो उंगली मधु की चूत में घुस रही थी और उसकी चूत में से काम रस टपक रहा था।
इधर मधु की सिसकारियां बढ़ती जा रही थी- उम्मम्म मम्म सस्स आआआहह चोद दो मुझे अभी, अब और सहन नहीं हो रहा।
कह कर मुझसे चिपक गयी।
मैंने भी देर न करते हुए मधु को कहा- हाँ मेरी जानेमन, आज तुम्हें असली प्यार दूंगा।
कह कर उसकी चूत के मुंहाने पर अपने लण्ड को रखकर उसे अंदर डालने के लिए रगड़ने लगा।
मैंने मधु से कहा-जानू, थोड़ा दर्द होगा, प्लीज सहन कर लेना।
मधु- बस फाड़ दो इस चूत को और मुझे कली से फूल बना कर एक औरत का सुख दे दो। अमम्म मम्म अब घुसा भी दो।
और मैंने भी एक जोर का झटका देकर मधु की चूत में आधे से ज्यादा लण्ड घुसा दिया। मधु जोर से चीखी उम्म्ह… अहह… हय… याह… और अपने हाथ पैर जोर से हिलाने लगी।
मधु- प्लीज इसे बाहर निकाल लो बहुत दर्द हो रहा है।
और अपने नाख़ून मेरी पीठ में गड़ा दिए।
मधु की सांसें तेज चल रही थी, उसकी चूत की झिल्ली फट गई थी और चूत से खून निकल रहा था। मैं तुरन्त मधु के होठों को अपने होठों में डालकर चूसने लगा और जोर से उसकी चूचियों को सहलाने लगा।
कुछ मिनट में ही मधु थोड़ी सामान्य हो गई तो मैंने उसको एक और झटका मारा और अपना सारा लण्ड उसकी चूत में घुसा दिया।
अब मधु का दर्द सहन नहीं हो रहा था, उसकी चूत दर्द से तड़प रही थी। मैंने उसे कुछ देर तक अपने शरीर से चिपकाया और उसके मुलायम होठों को चूसने लगा। मधु भी अब दर्द भूल कर मेरे होंठों को चूसने लगी और गुंगुंगु मम्म म्ममम्म उईईई ईईई सीईईई ईईईई जैसी कामुक आवाजें निकाल रही थी।
मधु की चूत से दोबारा पानी निकलने लगा, मुझे इससे चुदाई शुरू करने का संकेत मिल गया। मैं उसकी टाँगें अकड़ती देखकर लण्ड को धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा। इससे मधु की कामुक आवाजें बढ़ गई, अब उसे दर्द कम और मजा ज्यादा आने लगा।
मैं भी उसे चोदने की स्पीड तेज करते हुए जोर जोर से झटके मारने लगा और मेरा लण्ड उसकी चूत की जड़ तक जा कर पच्च पच्च जैसी तेज आवाजें कर रहा था।
मधु अब जोर जोर से ‘हाँ और चोदो, फाड़ दो ऊऊऊ, मम्म म्मम म्ममम्म मेरी जवानीईई का सारा आआआ रस पीईईई जाओ ऊऊऊऊ औरर्रर जोर से करो’ जैसी कामुक आवाजें निकाल रही थी और मैं भी पूरी स्पीड में मधु की चूत को झटके मार रहा था।
मधु का चेहरा किसी रानी के जैसा लग रहा था जिस वजह से मेरा जोश कम ही नहीं हो रहा था। मैं 20 मिनट तक मधु को पूरी स्पीड से चोदता रहा और उसकी चूत और मेरा लण्ड अंदर तक जाकर और अंदर बाहर होकर मधुर आवाज कर रहे थे। मधु अब तक एक-दो बार झड़ चुकी थी लेकिन पहली बार चुदाई होने की वजह से पूरे जोश में मेरा साथ दे रही थी और अपनी कमर जोर जोर से हिला रही थी।
कुछ देर बाद मेरा लण्ड जोर जोर से फुंफकारने लगा; मुझे अपने झड़ने का अहसास हुआ, मैं बहुत देर तक इतनी कसी हुई चूत की चुदाई कर रहा था।
अब मैंने मधु को कहा- मैं झड़ने वाला हूँ!
तो मधु ने कहा-जानूऊ अंदर हीईई झाड़ना आआआआ। मुझे तुम्हारआआ साआराआ र्ररस अपनीईईई सस्सस चुऊऊत में लेनाआ है ईई।
कह कर सिसकारियां लेने लगी।
मैंने भी देर न लगाते हुए आखिरी झटके मारे और लण्ड पूरा अंदर डालकर अपना वीर्य छोड़ दिया। मेरा सारा वीर्य एक तेज धार के साथ मधु की चूत के अंदर की गहरी दीवारों तक पहुंच गया।
मेरी सांसें तेज चल रही थी, 5 मिनट तक मेरा लण्ड मधु की चूत में ऐसे ही पड़ा रहा और फिर सिकुड़ कर बाहर आ गया। मधु की चूत से उसकी सील टूटने का खून का निशान लण्ड पर लग गया था। मेरा वीर्य खून के साथ मिक्स होकर बाहर निकल रहा था।
मधु ने खुश होकर मुझे माथे पर और होठों से चूमा और मेरे शरीर से लिपट गई; मैं भी मधु को देखता ही रहा और दोनों को कब नींद आ गई, पता ही नहीं चला।
रात करीब 2 बजे मेरी नींद खुली तो मधु बिल्कुल नंगी एक तरफ गहरी नींद में सोई हुई थी; उसकी चूत से खून और वीर्य निकल कर चादर पर आ चुका था। उसकी चूत फट कर फूल कर सूज गई थी।
मैंने मधु को थोड़ा सहलाया और उसकी चूत को मसलने लगा।
मधु अब जाग गई और धीरे धीरे गरम होने लगी। मैंने उसे थोड़ी देर में अगले राउंड के लिए तैयार कर लिया और फिर उसे चोदना शुरू कर दिया।
पूरी रात उसे 3 बार चोदा और सुबह जब वो उठी तो दर्द से हिल नहीं पा रही थी। मैंने उसे उसके कपड़े पहनने में मदद की और आराम करने को कहा, मेडिकल स्टोर से पेन किलर लेकर उसको दिया और गर्म पानी से उसकी चूत को धोने को कहा।
मधु धीरे से उठी और बाथरूम जाकर गर्म पानी से अपनी चुत को धोने लगी, मैं भी वहां आकर मधु के साथ लिपट गया और अगला राउंड बाथरूम में ही शुरू हो गया।
मधु ने भी पूरा साथ दिया।
सुबह वो अपने घर चली गयी या पता नहीं हॉस्टल में या पीजी पे… उसने अपने बारे में मुझे कुछ नहीं बताया पर रात को आने का वादा करके गयी.
इस तरह मैं तीन रात वहां रहा और वो तीनों रात मेरे साथ थी. हमारी हर रात हसीन रही और पूरी मस्ती के साथ हर तरीके से चुदाई करी।
मेरी फ्री सेक्स कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करें- [email protected]
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