नौ इंच का गिफ्ट दिया था भैया ने रक्षाबंधन के दिन, Hindi sex story

नौ इंच का गिफ्ट दिया था भैया ने रक्षाबंधन के दिन, Hindi sex story

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मेरे हरीश भैया ने नौ इंच का लंड गिफ्ट में दिया इस रक्षा बंधन।

आज मैं आपको अपनी राखी की सेक्स कहानी सुनाने जा रही हूँ। इस कहानी से आपको बताउंगी कैसे मेरा भाई मुझे चोदा अपनी बहन को। एक एक बात आपको बताउंगी क्या और कैसे हुआ था ये सब। ये मेरी पहली कहानी है नॉनवेज पर मैं कई कहानियां पढ़ी है इस वेबसाइट पर तो आज मुझे भी लगा की मैं भी अपनी सेक्स कहानी आप सभी सेक्स कहानी के पाठक के साथ शेयर करूँ। मैं भी मजे लेती हूँ आपकी कहानी पढ़कर तो आज मैं भी आपको अपनी कहानी सुनाऊँगी।

पहले तो लग रहा था मैं ये बात किसी और से शेयर नहीं करूँ क्यों की ये घर की चुदाई का मामला है और वो भाई बहन भाई के सेक्स सम्बन्ध के बारे में। पहले ये भी सोच रही थी की शायद ये मैं भी गलत की पर जब इस वेबसाइट पर आकर कहानियां पढ़ी तो ऐसा लगा की मैं ही सिर्फ नहीं हूँ जो बहन भाई से सेक्स सम्बन्ध बना है और भी कई लड़कियों की कहानियां पढ़ी। तब जाकर लगा की मुझे भी अपनी सेक्स कहानी शेयर करने चाहिए। तो ये लीजिये हाजिर है मेरी से सेक्स कहानी।

मेरा नाम पलक है। मैं एक बैंक में काम करती हूँ। मैं अभी कुंवारी हूँ। मेरी शादी नहीं हुई मैं मैं किराए पर ही रहती हूँ। उत्तर प्रदेश के एक शहर में मैं इस शहर का नाम नहीं बताउंगी। और मेरे भैया नोएडा की एक कंपनी में काम करते हैं और मम्मी पापा दोनों कानपुर में रहते हैं।

पिछली बार जब मैं बैंक की ट्रेनिंग में थी तब राखी नहीं बाँध पाई थी इसलिए मेरा भाई नाराज था मेरे से। तो इस बार मैं सोची की क्यों ना मैं खुद जाकर अपने भाई को सरप्राइज दूँ। और मैं खुद ही रक्षाबंधन के दिन चली गयी राखी बाँधने। मेरा भाई अकेले ही रहता है नॉएडा में।

जब मैं उसके फ्लैट पर गयी तो वो दंग रह गया खुश हो गया। और मेरे से गले लगा गया और वही से उसकी नियत ख़राब हो गयी। क्यों की मेरी बड़ी बड़ी और टाइट चूचियां जब उसके बदन में सटी तो वो अपना होशोहवास खो दिया। क्यों की बार बार वो मेरी गांड को घूरता तो कभी मेरी चूचियों की घूरता। क्यों की मैं इधर एक साल में काफी गदरा गयी थी। मेरे अंग अंग जवान हो गए थे खिल गए थे। तो मेरी सुंदरता को देखकर कोई भी पागल हो जाई और मेरी चूचियों को देख ले ये गांड को देख ले तो वो पक्का ही मूठ मार कर ही सोयेगा। ऐसी मैं हो गयी थी।

राखी के दिन सुबह ही पहुंची थी तो स्नान कर के पूजा कर के राखी बाँधने के लिए तैयार हो गयी मेरा भाई भी तैयार था राखी बंधवाने के लिए। बड़े प्यार से मैं उसको राखी बांधा। मैं जब उसको अपना गिफ्ट मांगी तो उसने तुरंत ही मुझे पांच हजार निकाल कर हाथ में रख दिया और बोला की मुझे भी गिफ्ट चाहिए तुमसे। मैं बोली हां हां बोलो मैं भी कमाती हूँ मैं भी दूंगी गिफ्ट। वो बोला रात में मांगूगा। मैं भी बोली ठीक है।

मुझे लगा की कुछ मांगेगा पर मुझे नहीं पता था वो मेरी चूत मांग रहा है। शाम होते ही उसके देखने का और घूरने का स्टाइल चेंज हो गया। शामको खाना बाहर से मंगवाया और बियर की बोतल भी। वो भी बियर पीता है और मैं भी कभी कभी पी लेती हूँ। वो चार बोतल लाया। शाम को करीब आठ बजे हम दोनों ही बैठ गए।

बियर पीते पीते हम दोनों एक दूसरे को अपनी अपनी बीती बात बता ही रहे थे की उसका धड़कन तेज हो गया और वो बार बार मुझे घूरता और कुछ कहने की कोशिश करता पर वो फिर से एक घुट बियर ले लेता। मैं थोड़ा थोड़ा तो समझने लगी थी क्यों की वो बार बार मेरे प्राइवेट पार्ट के तरफ घूर रहा था और अपना दांत पीस रहा था मैं समझ गयी कुछ और चाहिए इसे।

तभी तो बोल दिया बहन तूने वादा किया था सुबह की तुम मुझे गिफ्ट दोगी मना नहीं करोगी तब समय आ गया। मैं बोली चल मांग ले जो मांगना है। उसके तुरंत कह दिया मैं एक किस करना चाहता हूँ मैं बोली बस एक किस ले लो। वो तुरंत ही मेरे करीब आ गया मैं अपना गाल आगे कर दी। उसके गाल पर किस किया और फिर मेरे होठ के तरफ बढ़ने लगा। मैं बोली ये क्या कर रहे है। पता है होठ पर किस कौन करता है। मेरा भाई बोला मैं पहले से ही जनता था की तुम मुझे गिफ्ट नहीं दोगी।

मैं बोली ठीक है ले लो। इतना कहते ही वो मेरे होठ पर अपना होठ रख दिया और मेरे ग़ुलाबी होठों को चूसने लगा। मैं कुछ देर तक तो मुट्ठी बाँध कर शांत रही पर जल्द ही मैं भी टूट गयी। मैं तुरंत ही उसके बाल को पकड़ी और जोर से उसके होठ को चूसने लगी। हम दोनों ने एक दूसरे के लिप को लॉक कर दिया।

और फिर एक दूसरे ने मुँह में जीभ डालने लगे और चूमने लगे। मैं फिसल गयी उसके इस प्यार में क्यों की उसका मोटा लंड तम्बू तान दिया दिया। और उसके हाथ मेरे दोनों चूचियों प् आ गए थे। हौले हौले से दबा रहा था जिससे मेरे पुरे शरीर में हलचल और सिहरन होने लगी थी। मैं पागल हो गयी थी। मैं भूल गयी थी की वो मेरा भाई है। उसके मुझे निचे लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गयी। कभी चूचियों को दबाता कभी वो मेरे जांघ को सहलाता कभी को मेरी जुल्फों से खेलता तो कभी वो मेरे गर्दन पर चूमता।

उसने मेरे कपडे उतारने लगा तो मैं मना कर दी। बोली तुम मेरा भाई है नहीं की मेरा पति। मैं ये करने कैसे दे सकती हूँ। उसने कहा कुछ नहीं होगा ऐसा आजकल होता है। कोई बड़ी बात नहीं है भाई भी अपने बहन की चुदाई कर सकता है।

मैं समझ गयी आज ये मुझे पेल कर ही छोड़ेगा। वो अपने कपड़े उतार दिया। मैं उसके मोटे लंड को देखकर पागल हो गयी और पाने की इच्छा जागृत हो गयी। मैं अपने आप को रोक नहीं पाई और तुरंत ही उसका मोटा लंड अपने मुँह में लेकर चाटने लगी। अब मैं धीरे धीरे करके अपने कपडे उतार दि और लेट गयी.

यानी की मैं अपने सगे भाई से सेक्स के लिए तैयार थी। मैं टांगो को अलग अलग कर दी वो मेरी चूत को पहले निहारा उसके बाद चाटने लगा मेरी चूत से गरम गरम पानी निकलने लगा और वो चाटने लगा मेरे मुँह से सेक्सी आवाज निकलने लगी। मैं पागल होने लगी। मुझे ऐसा ला रहा था की जैसे मैं जन्नत में आ गयी हूँ। मेरे तन बदन में सिहरन होने लगी थी गला सूखने लगा था।

करीब वो दस मिनट तक पागल कर दिया। कभी गांड चाटता तो कभी चूत और अपने दोनों हाथो से मेरी निप्पल को दो दो उँगलियों से मसलता जिससे मैं और भी ज्यादा पागल होने लगी थी।

तभी वो अपना लंड मेरी चूत पर लगाया। मेरी चूत पहले से ही गीली थी। उसने चूत के छेड़ पर लंड लगाया करीब नौ इंच का लंड एक झटका दिया तो आधा गया। मैं दर्द से कराहने लगी। मैं बोली बाहर निकालो मेरी चूत फट गयी पर वो मेरी एक नहीं माना। मेरी चूचियों को मसला मेरे होठ को चूसा और फिर से जोर से धक्का दिया और इस बार उसका मोटा नौ इंच का लंड मेरी चूत के अंदर दाखिल हो गया।

अब वो जोर जोर से धक्के देने लगा और मैं भी गांड उठा उठा कर हौले हौले से धक्के देने लगी। ओह्ह्ह्हह्ह क्या बताऊँ दोस्तों जन्नत में थी। हौले हौले से गांड को गोल गोल घूमना और उसके लंड को अंदर करना और फिर वो बिच बिच में जोर जोर से धक्के देना।

मजा आ गया। करीब एक घंटे तक उसने मुझे उलट कर पलट कर चोदा। जब मैं तक गयी तो वो भी अपना सारा माल मेरी चूत में ही गिरा दिया। दोस्तों क्या बताऊँ हम दोनों ऐसे सोये की पता भी नहीं चला कब नींद आ गयी। करीब दो घंटे बाद नींद खुली तो महसूस किया मेरी चूत सूज गयी थी। और मेरी चूत से हल्का हल्का खून भी निकल रहा था।

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मैं उसको जगाई और दिखाई अपनी चूत तो वो मेरे दर्द को भूल गया और फिर से अपना लंड पकड़ कर हिलाने लगा और फिर से मेरी चुदाई कर दी। सुबह जब जगी तो दोनों एक साथ नंगे ही नहाये उसने मुझे नहाते हुए भी चोदा। तीन तीन तक रही और तीन दिन में वो मेरी चूत का सत्यानाश कर दिया। मेरे पुरे शरीर पर उसके दांत के और उसके चूमने के निशान थे। मेरी चूचियों में दर्द था मेरे दोनों टांगो में बहुत दर्द था। चूत सूज गया गया। पर एहसास कमाल का था।

अब मैं अपने शहर वापस आ गयी हूँ। मेरा भाई मुझे बुला रहा है। मैं भी जाने को लेकर उत्सुक हूँ। मैं जल्द ही अपनी दूसरी कहानी इस वेबसाइट पर यानी की नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर लिखने वाली हूँ।

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