किसी अजीब कारण से इसकी कहानी अच्छी थी लेकिन जिस तरह से इसे टाइप किया गया था, उससे मुझे लगा कि जैसे कोई रोबोट इसे बता रहा हो, कोई संवाद नहीं, कोई भावना नहीं, बस आप जानते हैं।
अनाम पाठकप्रतिवेदन
2013-10-26 07:12:40
qBKdqO आपके ब्लॉग का हर अंश पसंद आया। पुनः बहुत-बहुत धन्यवाद। लिखते रहिए।
अनाम पाठकप्रतिवेदन
2008-11-28 05:22:40
बहुत बढ़िया…काश मेरे चचेरे भाई भी ऐसे होते 8/10
पाठकप्रतिवेदन
2007-11-12 21:53:15
मुझे आपकी अन्य 2 सीरीज पसंद हैं, लेकिन मुझे यह सीरीज बहुत पसंद नहीं आई। फिर भी मैं पढ़ता रहूंगा। 7/10
अनाम पाठकप्रतिवेदन
अनाम पाठकप्रतिवेदन
अनाम पाठकप्रतिवेदन
पाठकप्रतिवेदन
पाठकप्रतिवेदन