एक लण्ड से बोरियत सी हो गई
Ek Lund Se Boriyat Si Ho Gai
दोस्तो, कभी-कभी ईमेल भी नशीली चूत का खजाना लेकर आ जाता है। मेरे साथ ऐसा ही हुआ। मैं मेल आईडी में दर्ज सभी लोगों को नशीले फोटो भेजता रहता हूँ।
ऐसे ही फोटो के जबाव में मुझे एक ईमेल आई कि मैं 24 साल की शादीशुदा महिला हूँ और आपके भेजे हुए फोटो मुझे बहुत पसन्द आते हैं। जब भी मैं इन तस्वीरों को देखती हूँ मैं कल्पना करती हूँ कि आप मुझे इस तरह प्यार करते और चोदते हो… क्या ऐसा नहीं हो सकता कि हम कहीं मिलें और वास्तव में मस्ती करें?
कहाँ और कैसे मिल कर चुदाई करें.. ऐसी कशमकश में 2-3 दिन निकल गए क्योंकि वो चैट नहीं करती थी, ईमेल से ही बात किया करती थी।
फिर ऐसा तय हुआ कि हम उसी के घर पर मिलें क्योंकि वो अपने पति के साथ अकेली रहती थी।
उसके पति का बिजनेस के सिलसिले में अक्सर घर से बाहर रहना होता रहता था।
उसने मेरा सेल नम्बर ले लिया और कहा- जब मैं अकेली रहूँगी तब आपको फोन कर दूँगी।
हमारी बात होने के दो दिन बाद उसका फोन आया।
उसकी क्या आवाज़ थी.. बाप.. मेरे तो होश ही उड़ गए थे!
मैं उसकी आवाज़ के नशे में डूबा जा रहा था।
वो बोली- मेरे पति आज बाहर गए हुए हैं आप करीबन एक बजे मेरे घर आ जाएँ।
उसके दिए हुए पते पर मैं वक्त से पहुँच गया और दरवाजे की घण्टी बजाई तो उसने दरवाजा खोला।
मैं तो उसे देखता ही रह गया.. क्या गदराया हुआ जिस्म था उसका.., वो एक 5’7″ की लम्बाई वाली छरहरे बदन की भरी हुई जवानी थी।
मैं तो उसे आँखें फाड़े देखता ही रह गया।
वो मदहोश करने वाली मुस्कुराहट से बोली- अन्दर भी आ जाओ..
मैं होश में आते हुए अन्दर चला गया और उसने दरवाजा बन्द कर दिया।
मुझे कमरे में बिठा कर वो पानी लाने रसोई में चली गई।
मैं उसे जाते हुए देखता रहा, उसने साड़ी नाभि के नीचे से बाँध रखी थी और जब वो चल रही थी तो उसकी अर्धनग्न पीठ कयामत ढा रही थी।
वो अपनी गाण्ड मटका कर ऐसे चल रही थी जैसे मुझे गाण्ड मारने का न्यौता दे रही हो।
उसके गोल-गोल चूतड़ देख मेरा लौड़ा पैन्ट में नहीं समा रहा था।
वो पानी लेकर आई और मेरे पास खड़े होते पूछा- घर ढूँढने में कोई परेशानी तो नहीं हुई।
तो मैं उसके कूल्हों पर हाथ फेरता हुआ बोला- नहीं..
मैं उसकी गाण्ड पर गोल-गोल हाथ फेरता रहा।
उसने कहा- क्या पियोगे.. चाय कॉफी या कोल्डड्रिंक?
मैंने कहा- आज मैं तुम्हारे होंठों का जाम पीने के मूड में हूँ।
तो उसने मीठी सी मुस्कान के साथ अपनी आँखें बँद कीं, अपने होंठ आगे किए और कहा- लो डियर.. पीलो.. बहुत प्यासे हैं।
मैंने अपने होंठ आगे बढ़ाए और हम ‘फ्रेंच-चुम्बन करने लगे।
मैं एक हाथ से उसके बालों, गर्दन और पीठ को सहलाने लगा और दूसरे हाथ से उसकी जाँघें और गाण्ड मसलने लगा।
हमारे होंठ एक-दूसरे में खो गए, काफ़ी देर तक चूमा-चाटी से वो गरम होने लगी थी। वैसे भी मैं उसके बदन को अपनी उँगलियों से सहला रहा था, तो उसने कहा- चलो कमरे में चलते हैं।
मैं झट से उठ खड़ा हुआ और उसे पीछे से बांहों में ले लिया और अपना लंड उसकी गाण्ड की दरार में घुसाए हुए, उसके गदराए मम्मों को मसलने लगा।
ऐसे ही चलते हुए हम कमरे में पहुँचे। मैं कस कर मम्मे रगड़ रहा था, पीछे से उसकी गर्दन चूम रहा था और उसकी गाण्ड पर लंड रगड़ रहा था।
मैंने एकदम से उसके कान पर ‘लव-बाइट’ किया तो वो तिलमिला उठी और घूम कर मेरे सीने से लिपट गई।
मैं उसके पीठ और चूतड़ों को सहलाता रहा और वो मुझे कस कर पकड़े रही।
फिर मैंने उसका चेहरा जो उसने मेरे सीने में छुपा लिया था, ऊपर किया और हम चुम्बन करने लगे।
मैंने उसके मम्मे सहलाते-सहलाते उसकी साड़ी निकाल दी और ब्लाउज के ऊपर से ही उसके मम्मे दबाने लगा।
वो ‘आअहह आआअहह’ करने लगी।
फिर मैंने एक हाथ उसके पेटीकोट के ऊपर से उसकी चूत पर रखा तो वो पहले से ही गीली हो गई थी।
मैंने चूत को थोड़ा सहलाया फिर उसके ब्लाउज और पेटीकोट को उतार दिया।
अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और पैन्टी में खड़ी थी।
उसके खुले रेशमी बाल देख कर ऐसा लगता था कि कोई संगमरमर का पुतला हो; वो कमाल की लग रही थी।
मैं उसे सिर से लेकर पाँव तक पूरे बदन को उसके अंग-अंग को चूमने लगा, मेरी हर चुम्मी पर वो सिसक जाती थी।
फिर वो बोली- मुझे और मत तड़पाओ डियर… अब मुझसे सब्र नहीं होता।
उसने फटाफट मेरे सारे कपड़े निकाल दिए और मेरे बदन को अपने हाथों से सहलाने लगी, वो पागलों की तरह मेरी गाण्ड और जांघ को चूमती जा रही थी।
फिर उसने अपने कोमल हाथों से मेरा लंड दबोच लिया और घुटनों के बल बैठ कर मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी।
मैं तो जैसे सातवें आसमान पर था। अपने कोमल होंठों से जैसे वो मेरा लंड चूस रही थी मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरे जिस्म में नशा बढ़ा रही हो।
मैं मदहोश हुआ जा रहा था।
क्या बताऊँ… उसके लंड चूसने से मेरी क्या हालत हुई थी…!
फिर मैंने उसे उठाया और हम बिस्तर पर आ गए।
मैंने उसकी ब्रा और पैन्टी उतार दी और उसको लिटा कर उसे चुम्बन किया।
फिर उसके मम्मे हय.. क्या कयामत थे.. उन्हें खूब दबाया और उसके मम्मों की चौंच को खूब चूसा।
जब मैं उसके चूचुक पर अपनी जीभ घुमाता था, तब वो ‘आअहह चूसऊओ और दबाओऊओ आआअ मज़ा आआअ रहह आआहए डियर..’
सच कहूँ दोस्तो, वो इतनी गोरी थी कि जब मैंने उसके मम्मे दबाए तो वो एकदम लाल हो गए।
फिर थोड़ा नीचे होकर मैंने उसकी नाभि में जीभ घुमाई तो वो मेरे बालों को पकड़ कर मुझे हटाने लगी।
फिर मैं थोड़ा और नीचे हुआ और उसकी दोनों टांगों को खोल कर उसकी चूत पर मैंने अपने होंठ रखे और एक चुम्बन किया।
वो बोली- कितना तड़पा रहे हो.. प्लीज़ जल्दी से खा जाओ इसे..
मैं उसकी क्लीन शेव्ड चूत को बड़े मज़े लेकर चाटने लगा।
मेरी जीभ से ही वो दो बार झड़ गई।
उसकी आवाजें सुन कर तो मुझे ऐसा लगा कि वो जिंदगी में पहली बार चुद रही हो, वो ऐसे तड़फ रही थी।
उसने कहा- तुमने तो मुझे चूस कर ही ढीला कर दिया।
मैंने कहा- मेरी जान, तुम्हें मस्ती ही तो करना थी ना.. बोलो हुई मस्ती या नहीं?
उसने कहा- हाँ… बहुत।
फिर मैं उसके बगल में लेट गया और वो मेरे लंड को थोड़ी देर चूसने के बाद मेरे लंड के ऊपर सवार हो गई।
अपनी चूत में लंड को घुसेड़ कर वो लौड़े की सवारी करने लगी। क्या धक्के लगा रही थी वो… मजा आ गया।
दोस्तो, जब वो मेरा लंड अपनी चूत में लिए आगे-पीछे हो रही थी और ‘आअहह कम ऑन ऊम ऊन्नणन् आअहह’ कर रही थी।
उसके मम्मे जो उछाल मार रहे थे उन्हें देख कर मेरी चुदास और बढ़ गई।
वो मेरे सीने को सहलाते हुए झटके मार रही थी और साथ-साथ में चुम्बन भी कर रही थी। मैं उसके गोरे-गोरे मम्मे भी दबा रहा था।
वो तो ‘आअहह आअहह कओं ओन्न फक डियर कम ऑन फक मी..’ कर रही थी।
मुझे समझ मैं नहीं आ रहा था कि वो मुझे चोद रही है या मैं उसे चोद रहा हूँ।
वो ऐसे ही दो बार झड़ गई और बोली- बस अब और नहीं..
तो मैंने कहा- डियर अभी तो तुम्हारा ही हुआ है.. मेरा तो कुछ इंतजाम करो।
तो वो बगल में लेट गई। अब मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसकी लाल-लाल चूत में लंड डाल कर उसे चोदने लगा।
थोड़ी देर में मेरा भी निकलने ही वाला था तो मैंने कहा- मैं झड़ने वाला हूँ।
उसने कहा- परवाह नहीं.. राजा.. अन्दर ही डाल दो.. मैं दवा ले चुकी हूँ।
मैं उसे चोदते-चोदते उसकी चूत में ही झड़ गया, मेरे वीर्य से उसकी चूत चिकनी हो गई।
फिर हम निढाल होकर एक-दूसरे से चिपक कर बिस्तर पर लेट गए।
मैं उसके जिस्म को सहला रहा था, अपनी जीभ उसके होंठों पर फेर रहा था।
मैं उसके गोरे बदन से खेल रहा था, मैंने उससे पूछा- डियर.. तुम क्या अपने पति से खुश नहीं हो?
तो उसने कहा- मैं अपने पति से बहुत खुश हूँ लेकिन एक ही मर्द से चुदते-चुदते बोरियत महसूस होती थी.. मुझे कुछ नया करना था और मैं आज तुमसे चुद कर बहुत खुश हूँ।
मैं उससे बात करते-करते उसके गोरे बदन को सहला रहा था, उसकी हर गोलाई को अपनी उँगलियों से महसूस करता जा रहा था।
तभी वो बोली- आज हमने जो किया किसी गैर मर्द के साथ वो मेरा पहला और आखरी सम्भोग था, आज के बाद हम कभी नहीं मिलेंगे।
मैंने उसको वादा किया- जो आज हुआ उसका ज़िक्र भी किसी से नहीं होगा.. तुम बेफ़िक्र रहो।
ऐसा बोल कर मैंने अपने गीले होंठों से उसके होंठ, मम्मे, नाभि और चूत को चूम लिया और बिस्तर से उठ खड़ा हुआ।
उसने मुझे बांहों में ले कर मेरे होंठों को चूम लिया और झुक कर लंड चूम कर बोला- मैं तुम्हारे साथ की गई इस चुदाई को कभी नहीं भूलूँगी।
मैंने कपड़े पहने और कहा- हम फिर कभी नहीं मिलेंगे, लेकिन जाते-जाते मैं तुम्हें कपड़े पहनाना चाहता हूँ।
फिर मैंने उसके जिस्म के हर हिस्से पर अपने होंठों की मोहर लगाते हुए उसे कपड़े पहनाए।
फिर आँखों में नमी के साथ उसने मुझे अपने घर से विदा किया।
मैं उससे किया हुआ वादा निभाऊँगा, लेकिन क्या वो उस चुदाई को भूल पाएगी?
आगे क्या होगा?
आपकी राय मेरे लिए बहुत मायने रखती है। आप मुझे इस आईडी पर ईमेल कर सकते हैं।
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