बहन के साथ प्रेमलीला-5 – Antarvasna

बहन के साथ प्रेमलीला-5 – Antarvasna

Bahan Ke Sath Prem-leela-5
मैं साजन:

मुझे सोते हुए अभी कुछ ही देर हुई थी कि अचानक मुझे मेरे लण्ड पर किसी का हाथ महसूस हुआ।

आप सभी को तो पता ही है कि चाहे लड़का हो या लड़की ! उसके नाजुक अंग पर कोई भी हाथ लगाये तो वो जाग जाता है, इस तरह मैं भी जाग गया था।

जब मैंने महसूस किया कि कोई मेरे लण्ड को छू रहा है तो मैंने अपनी आँख धीरे से खोली तो देखा प्रिया ही मेरे लण्ड को छू रही है।

मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था इसलिए मैंने उसको कुछ नहीं कहा।

मुझे यह देखकर कोई हैरानी नहीं हुई क्योंकि शायद उसने, वो जो मैं देख रहा था, वही वीडियो प्रिया ने देख ली थी।

वैसे तो प्रिया जवान थी तो उसका बहकना लाजमी भी था और फिर मेरे तो मज़े ही आ गए जो बैठे बिठाये एक नई चूत का इंतजाम हो गया।

मैंने भी ऐसा कुछ नहीं किया जिससे उसको पता चल जाये कि मैं जाग रहा हूँ।

मैंने फिर से अपनी आँखें बंद कर ली और ऐसे ही लेटे हुए मज़ा लेता रहा।

प्रिया के शब्दों में:

मैंने भाई का लण्ड मुंह में लिए हुए ही अपनी सलवार और चड्डी को अपने पैरो से पूरी तरह से निकाल दिया जो कुछ देर पहले मेरे पैरों में फंसी हुई थी।

फिर अपने एक हाथ से अपनी गीली चूत को सहलाने लगी।

भाई का लण्ड अब भी मेरे मुंह में था और मैं उनके लण्ड का सुपारा चूस रही थी और एक हाथ से अपनी चूत सहला रही थी।

मदहोशी का यह आलम था कि मुझे कुछ भी याद नहीं रहा और मैं अपने भाई के लण्ड को कुछ ज्यादा ही जोर से चूस लगी।

साजन- प्रिया को लण्ड चूसना तो आता नहीं था और न ही उसने पहले कभी किसी का लण्ड चूसा था पर वो जिस तरह से भी मेरा लण्ड चूस रही थी मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।

प्रिया के दांत मेर लण्ड को बार बार लग रहे थे, जब वो लण्ड चूस रही थी।

मुझे हल्का हल्का दर्द भी हो रहा था पर मज़ा भी बहुत आ रहा था, कई बार तो मेरे मुख से चीख निकलते निकलते रह गई क्योंकि अब प्रिया बहुत जोर से मेरा लण्ड चूस रही थी और उसके दांत मेरे लण्ड पर बहुत लग रहे थे।

पर मैं सब कुछ सहन करता रहा।
इसलिए उसको मैंने कुछ नहीं कहा और न ही कुछ ऐसा किया जिससे उसको यह लगे कि मैं जाग रहा हूँ।

प्रिया- कुछ देर बाद ही मुझे मेरी चूत में ऐसा लगा कि जैसे मुझे पेशाब आने वाला है पर उस टाइम मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि मैं भाई का लण्ड भी चूसना नहीं छोड़ सकती थी और न ही अपनी चूत को सहलाना।

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कुछ देर बाद ही मुझे लगा कि मेरा पेशाब निकल रहा है और मैं जोर जोर से अपनी चूत को रगड़ने लगी और भाई का लण्ड भी जोर जोर से चूसने लगी कि तभी भाई के लण्ड से कुछ निकल कर मेरे मुंह में आ गया।

मेरी समझ में आ गया कि यह भाई का पानी है जैसे उस वीडियो में दिखाया था।

मैंने भी वैसा ही किया और मैं भाई का सारा माल पी गई।

साजन भाई के लण्ड से निकला हुआ पानी मुझे कुछ हल्का सा नमकीन और खट्टा लगा जो मुझे बहुत पसंद आया और साजन भाई के लण्ड का पानी मुझे इतना अच्छा लगा कि मन करता था कि यह लण्ड हमेशा के लिए मेरा ही हो जाए और जब जी करे उसका पानी पी लूँ।

मुझे भी लगा मेरा पेशाब निकल रहा है पर उसमें मज़ा मुझ बहुत आ रहा था, ऐसा मज़ा मुझे अपनी जिन्दगी में कभी नहीं आया।
आनन्द के मारे मेरी आँखें बंद हो चुकी थी।

जब मेरा पूरा पानी निकल गया तो देखा वो मेरा पेशाब नहीं था।

मुझे समझ आ गया कि यह मेरा माल है जो मेरी ही अपनी चूत का है इसलिए ये इतना गाढ़ा निकला।

अब मैं पूरी तरफ शान्त हो चुकी थी।

भाई को देखा तो वो अभी भी सो रहे थे।

मैंने भाई का लोअर सही से ऊपर कर दिया कि उनको कुछ भी पता न चल सके।

फिर मैंने अपनी सलवार भी पहन कर लेट गई भाई के साथ चिपक कर।

उसके बाद कब मुझे नींद आ गई मुझे कुछ पता नहीं।

सुबह को मैं अपने टाइम से थोड़ा लेट ही उठी थी पर मैं एकदम तरोताजा लग रही थी।

मुझे रात की बात याद आई तो मुझे अब कुछ अजीब सा लगा और सोचने लगी कि अगर भाई जाग जाते तो क्या होता?
फिर वो क्या सोचते मेरे बारे में, पर शुक्र था कि वो नहीं उठे थे।

अब तो मेरी साजन भाई के सामने जाने की हिम्मत भी नहीं हो रही थी।
जबकि वो अभी भी सो ही रहे थे।

मैं नहा धोकर रसोई में गई तो देखा कि मम्मी नाश्ता बना रही हैं।

मुझे आता देख मम्मी मुझसे बोली- क्या बात है आज तू इतना लेट उठी?

तो मैंने मम्मी से कहा- मम्मी आज रविवार है और आज कहीं जाना भी नहीं है, बस इसी वजह से लेट उठी।

मेरी बात सुनकर मम्मी चुप हो गई।

सुबह के आठ बज चुके थे, मम्मी ने नाश्ता बना लिया था तो मम्मी ने कहा- जा पहले अपने भाई को नाश्ता दे आ ! वो उठ गया होगा। जा जल्दी से दे आ ! ऐसा न हो उसको कहीं जाना हो और वो बिना नाश्ता करे बैगर ही चला जाए।

मम्मी ने एक प्लेट में नाश्ता और चाय दे दी।

मेरी साजन भाई के सामने जाने की हिम्मत तो हो ही नहीं रही थी और न ही मैं मम्मी को मना कर सकती थी !
वो पूछती तो मैं क्या जवाब देती?
इसलिए मज़बूरी में मुझे जाना पड़ा।

मैं साजन- प्रिया के जाने के बाद मेरी आँख खुली तो देखा प्रिया जा चुकी थी पर पारुल और मुकेश अभी भी सो रहे थे।
मैंने उन दोनों को उठाया और मैं नहाने चला गया।

मैं अभी नहा धोकर मैं बाथरूम से बाहर आया और कपड़े पहने ही थे कि प्रिया मेरे लिए नाश्ता लेकर आ रही थी।
उसने अपनी नज़र नीचे कर रखी थी।

प्रिया को देखते ही मुझे रात का वो सीन याद आ गया और मेरे चेहरे पर मुस्कान आई गई।

कहानी जारी रहेगी।

 

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