पंजाबन लड़की चूत की सील टूटते टूटते रह गई
मेरा नाम विक्की है, मेरी उम्र 23 साल है और मैं छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूँ। मैं दिखने में गोरा हूँ मेरी हाइट 5 फुट 7 इंच है। मेरा जिस्म गठीला है और मेरा लंड भी लम्बा है।
मैं अपने घर का एकलौता बेटा हूँ और मेरी एक बहन भी है। घर में ज्यादातर में अकेला ही रहता हूँ.. क्योंकि मेरे मॉम-डैड.. दीदी सब जॉब करते हैं।
बात तब की है जब मैं 20 साल का था।
मेरे पड़ोस में एक पंजाबी लड़की रहती है.. जिसका नाम मनप्रीत है। उसकी उम्र 18 साल की है और वो 12 वीं में पढ़ती है।
उसका रंग एकदम दूध सा गोरा है.. वो पतली कमर वाली एक बहुत ही सुन्दर लड़की है।
उसकी इतनी प्यारी सूरत है कि क्या बताऊँ.. आपको उसे देखते ही प्यार हो जाएगा।
हम दोनों ने कभी ज्यादा बात नहीं की थी, बस हमारे घर वालों का आना-जाना रहता था।
वो हाफ इयरली एग्जाम में फेल हो गई और उसकी माँ ने उसे मेरे पास टयूशन के लिए भेजना कर दिया।
शुरू में तो मैंने उसे कभी बुरी नजर से नहीं देखा था पर जब से वो मेरे पास पढ़ने आने लगी.. तब से हमारी दोस्ती हो गई, हम अच्छे मित्र बन गए थे।
एक दिन वो जब मेरे घर में पढ़ने आई, तब मेरे घर में कोई नहीं था।
मैंने सोच लिया इसके साथ आज कुछ न कुछ तो करके रहूँगा।
तो मैं उसे पढ़ाते-पढ़ाते उसे सवाल देने लगा, साथ ही इसी बहाने से मैं उसके कपड़ों के अन्दर झाँकने लगा।
उसके मम्मे ज्यादा बड़े तो नहीं थे, पर बड़े बनने ज़रूर वाले थे।
उसने मुझे उसके मम्मों को निहारते हुए पकड़ लिया था, वो थोड़ा घबरा सी गई थी और अपने दुपट्टे से छुपाने लगी।
जब वो छिपाने लगी.. तो मुझे थोड़ा डर लगा कि कहीं यह अपने घर में न बता दे।
पर कुछ देर बाद मैंने कुछ और करने का सोचा और मैंने उससे पूछ लिया ‘क्या तुमने कभी किसी को किस किया है?’
वो कुछ न बोली.. पर शर्मा गई।
मैंने उसे प्यार से बोला- मैंने भी कभी किस नहीं किया.. क्या हम दोनों किस कर सकते हैं।
वो बहुत ज्यादा शर्मा गई और उसने हल्की सी स्माइल दी।
मुझे हरी झंडी मिल चुकी थी, मैंने किताबे साइड में की.. और धीरे से उसके चेहरे के पास आया।
हाय क्या महक थी.. पंजाबी कुड़ियों के बदन की एक अलग सौंधी-सौंधी खुशबू होती है।
मैंने उसके गालों को चूमा.. क्या बताऊँ.. कितना अच्छा लगा था।
पहली बार किसी को चूमना.. हाय क्या मस्त अनुभव था। फिर मैंने उसके होंठों को चूमा और चूमता ही रहा। बहुत देर तक चूमता रहा। हम दोनों के चेहरे गीले हो चुके थे.. मैं भी खो चुका था और वो भी पूरी तरह खो चुकी थी।
आँखें बंद थीं उसकी.. और मैं उसे चूमता रहा.. बहुत ही प्यार भरा एहसास हो रहा था। मेरे शरीर में रोंगटे खड़े हो गए थे।
मैं उसे चूमते-चूमते उसके गले तक पहुँचा। उसने सलवार सूट पहन रखा था। बस मैं उसे चूमता ही जा रहा था। उसके बदन की महक ‘उफ़्फ़..’
फिर उसने अचानक से मेरे लंड को पकड़ लिया। उसका हाथ मेरे लंड पर ही बना रहा और हम एक-दूसरे को चूमते रहे।
फिर मैं उसके मम्मों तक पहुँच गया। ओह्ह.. इतने मुलायम.. मखमली.. ज्यादा बड़े तो नहीं थे.. पर उनको छूने का एहसास मस्त था। उन्हें चूसने का एहसास गजब था। उसकी कुर्ती निकाले बिना मैं बड़े प्यार से उसके मम्मों को चूसता रहा। अभी भी मैं उसे नंगी करने में घबरा रहा था, मुझे डर था कि कहीं कोई आ न जाए।
करीब आधा घंटा तक उसके मम्मों को चूसने के बाद, मेरे लंड का हाल मैं आपको बता नहीं सकता था.. कितना लाल हो चुका था वो.. कितना प्यास था।
कुछ अजीब सा लगने लगा था मेरे लंड में.. तो मैंने जल्दी से बिना कुछ सोचे अपनी पैन्ट उतार दी… और चड्डी भी निकाल कर फेंक दी।
मेरा लम्बा लहराता लौड़ा देख कर वो भी हैरान और घबरा सी गई थी।
अब चूंकि मैंने अपनी पैन्ट उतार दी थी.. पर उसने सारे कपड़े पहने हुए थे तो मैंने उससे अपना लंड चूसने को कहा।
उसने मना कर दिया.. वो बहुत हिचकिचाने लगी।
मेरे बहुत बोलने पर वो मान गई और आखिरकार उसने मेरा लंड मुँह में ले ही लिया। धीरे-धीरे मैं उसके मुँह को चोदता रहा।
कुछ देर तक उसे अच्छा नहीं लगा.. फिर जब उसे अच्छा लगने लगा.. तब मैं उसके सर को पकड़ कर अपना लंड अन्दर-बाहर करने लगा।
मैंने पहली बार किसी को लौड़ा चुसाया था, हम दोनों को बड़ा मज़ा आ रहा था।
मैं काफी देर तक उसे ऐसे ही मुँह को चोदता रहा।
कुछ-कुछ अंतराल में मैं उसे किस भी कर लेता था.. इससे मेरे लंड का स्वाद मैं भी चख लेता था।
अब मुझसे और नहीं रहा जा रहा था.. मैं उसे चोदना भी चाहता था।
मैं बहुत भूखा था पर मेरे अन्दर एक डर था कि घर में कोई भी कभी भी आ सकता है।
इसलिए मैंने उसे अभी तक नंगी भी नहीं किया था पर लंड की भूख मिटाना ज्यादा जरूरी हो गई थी।
तो मैंने जब उसकी पजामी को उतारा और फिर पैन्टी भी नीचे को सरका दी।
मैंने देखा कि उसकी फुद्दी छोटी सी थी.. जो कि अब तक टूटी भी नहीं थी।
उसकी गोरी-गोरी फुद्दी पर हल्के-हल्के रेशमी बाल थे।
मैंने बस अपना मुँह उसकी फुद्दी में लगा दिया और खूब मजे से चाटने लगा।
मैं इतना बेताबी के साथ चाट रहा था कि मेरा लंड तड़पने लगा।
मुझे चोदना तो था ही उसे.. तो मैं उसकी फुद्दी काफी देर तक चाटता रहा।
मैं उसे हर हाल में चोदना ही चाहता था।
मुझे डर था कि मेरे पास कंडोम नहीं है तो कैसे होगा।
मैंने उसकी पैंटी उतार फेंकी.. और उसके ऊपर लेट गया। मैं उसके ऊपर लेट कर ऊपर-नीचे होता रहा, मैंने उसकी चूत के अन्दर अपना लंड डाला नहीं था।
बहुत देर तक ऐसे ही करता रहा।
चूत पर लौड़ा रगड़ने से मुझमें अलग सा नशा चढ़ गया था। पता नहीं क्यों पर मैं उसकी सील तोड़ना नहीं चाहता था।
मैंने जैसे-तैसे कंट्रोल किया कि उसकी सील न तोडूँ.. और बाहर से ही उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ता रहा।
आखिर में मैं थोड़ी देर में झड़ ही गया।
उस वक़्त में मैं क्या देखता हूँ कि मनप्रीत की मम्मी मेरे घर आई हुई हैं और उन्होंने हम दोनों को इस हालत में पकड़ लिया।
मेरी गांड फट कर चार हो गई.. क्या करूँ.. क्या कहूँ.. कुछ समझ नहीं आ रहा था।
मनप्रीत की चूत तो कुर्ती से ढकी हुई हुई थी.. पर मैं तो उसकी माँ के सामने पूरा नंगा खड़ा था। उसकी माँ बहुत जोर से चिल्लाई.. गुस्सा करने लगीं।
मैंने जल्दी-जल्दी उसकी माँ के सामने ही अपनी पैन्ट पहनी.. फिर शर्ट भी.. और उधर मनप्रीत ने भी जल्दी-जल्दी सलवार पहन ली। फिर उसकी माँ मनप्रीत को मारते हुए अपने घर ले गई।
मेरी गांड फट के चौहत्तर इंच की हो गई थी और फिर जिस बात का डर था.. वही हुआ। मनप्रीत की माँ ने मेरी माँ से शिकायत कर दी।
फिर जो मेरी पिटाई हुई.. वो भी क्या बताऊँ.. पर मनप्रीत की माँ ने मेरी माँ से मुझे मारने के लिए मना किया और कहने लगीं- छोड़ दीजिए बच्चे ही हैं.. ऐसे तो करते ही रहते हैं।
मुझे कुछ समझ नहीं आया कि जिसकी बेटी को मैं उसके सामने चोद रहा था.. वो मुझे बक्श देने के लिए कह रही थी।
वो शायद उसकी माँ ने इसलिए कहा था.. क्योंकि मैंने मनप्रीत की सील नहीं तोड़ी थी।
इस बात को करीब 3 साल बीत गए।
मेरे और मनप्रीत के बीच अब तक बातचीत नहीं हुई थी और अभी कुछ महीने पहले उसके कम मार्क्स आने के कारण उसकी माँ ने मेरे पास फिर से टयूशन लगा दी।
अब इस समय क्या हो रहा है.. ये जानने के लिए मेरी रियल स्टोरी का अगले पार्ट का इन्तजार कीजिएगा।
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