आंटी के भोसड़े में बेलन डालकर चोदा
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अतुल है और मेरी उम्र 25 साल है. में मुंबई का रहने वाला हूँ, दोस्तों मेरी एक बड़ी मस्त हॉट सेक्सी आंटी है जो हमारे पड़ोस में ही रहती है और वो एक प्राइवेट ऑफिस में नौकरी भी करती है क्योंकि वो वो एक तलाकशुदा औरत है उसको अपने घर की और बच्चों की जरूरत के लिए नौकरी करनी पड़ी वरना उनका घर का खर्च कैसे चलता? उस मेरी आंटी की उम्र करीब 38 की है.
दोस्तों उनकी दो बेटियां है, जिसमें से बड़ी बेटी की उम्र 18 साल और छोटी बेटी की उम्र 14 साल है उनकी वो दोनों लड़कियाँ अपनी पढ़ाई करती है, मेरी उस आंटी के फिगर का आकार 38-32-38 है और में उनके घर पर जब भी जाता तो में बस उनके सुंदर गोरे चेहरे, बड़े आकार के बूब्स और मटकती हुई गांड को ही बड़ा चकित होकर देखा करता था और उनकी बड़ी बेटी के बूब्स भी आकार बहुत मनमोहक 36-28-34 था और वो भी बड़ी आकर्षक सुंदर सेक्सी लगती थी.
उसकी गांड भी बहुत ही प्यारी थी क्योंकि उनकी बेटी पर भी अभी अभी जवानी छाई थी जो जवान होने के साथ साथ बड़ी सुंदर अपनी माँ की तरह सेक्सी होने लगी थी. दोस्तों में अपनी उस आंटी को हमेशा ही अपनी सेक्स से भरी नजरों से देखा करता था, लेकिन उन्होंने कभी भी मेरी इन हरकतों पर इतना गौर नहीं किया और शायद किया भी हो तो उन्होंने मेरा कभी इन बातों का विरोध भी नहीं किया में उनकी चुदाई के विचार बना रहा था.
एक दिन जब में उनके घर पर उनसे मिलने गया तो वो मेरी अच्छी किस्मत से अपनी नौकरी पर नहीं गई थी और उस समय उनकी दोनों लड़कियाँ अपनी पढ़ाई के लिए घर से बाहर गई हुई थी इसलिए वो उनके घर में उस समय बिल्कुल अकेली थी और उन्होंने उस समय पीले रंग की सिल्क की साड़ी पहन रखी थी जिसमे वो बहुत ही हॉट, सेक्सी लग रही थी और उनका वो ब्लाउज आकार में बहुत ही छोटा था जिसमें से उनकी गोरी उभरी हुई छाती अपने दो पहाड़ो के बीच का वो सुंदर आकर्षक रोड़ मतलब उनके दोनों बूब्स के बीच की गहराई तक भी साफ साफ नज़र आ रही थी जिसको में अपनी खा जाने वाली नजर से देखा रहा था और मुझे देखकर उन्होंने बैठने के साथ साथ चाय के लिए भी कहा और मैंने उनको चाय बनाने के लिए मना कर दिया, लेकिन वो भी मेरे लिए चाय बनाने के लिए चली गई.
अब में उनके बेडरूम में उनके बेड पर बैठा हुआ था और टीवी को देख रहा था तभी उसी समय उनकी पसंदीदा हिरोइन रेखा का एक गाना जिसकी फिल्म का नाम था खिलाड़ियों का खिलाड़ी से आ रहा था जिसको में अब देख रहा था और जब उन्होंने वो गाना सुना तो वो तुरंत चली आई, लेकिन उनके आने से पहले ही मैंने उस चेनेल को बदल दिया.
अब वो मेरे पास आई और मुझसे बोली कि तुम दोबारा रेखा का वही गाना दोबारा लगा दो ना, मैंने वो गाना लगाया और वो उसको सुनकर खुश होकर वापस जाकर चाय ले आई वो उस गाने से बड़ी खुश हो गई थी और उनमे मुझे भी ध्यान नहीं रहा कि वो मुझे अब चाय का कप दे रही है और में उसको पकड़ना ही भूल गया, शायद जानबूझ कर और वो गरम गरम चाय मेरी जांघो पर आकर गिर गई, उन्होंने देखा तो वो एकदम से बहुत घबरा गई कि गरम गरम चाय मेरे ऊपर गिरने से मेरा पैर जल गया था और वो इस बात को सोचकर एकदम डर गई थी और वो बहुत घबरा रही थी. तो उन्होंने जल्दी से जाकर एक पानी से भरा हुआ गिलास लाकर मेरी जांघ पर डाल दिया और उनको जल्द बाजी में कोई भी कपड़ा या रुमाल ना मिलने पर उन्होंने उसी समय तुरंत अपनी साड़ी के पल्लू से वो उसको साफ करने लगी.
दोस्तों जब उन्होंने अपनी सारी का पल्लू हटाया तो उनके बूब्स मुझे साफ नज़र आ रहे थे जो कि उनके नीचे झुकने की वजह से मेरे घुटनों से दब भी रहे थे और छूकर महसूस करने की वजह से मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया और उसी समय गलती से पानी साफ करते समय उनका एक हाथ मेरे तने हुए लंड पर जा लगा वो उसको भी साफ करने लगी और अपने बूब्स को मेरे घुटनों के ज्यादा करीब करके ज़ोर से दबाते हुए साफ करने लगी, जिसकी वजह से अब मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसी समय उन्हे तुरंत पकड़कर ज़ोर से उनके गुलाबी होंठो पर मैंने एक फ्रेंच किस कर लिया, मेरा लंड अभी भी आंटी के हाथ में ही था और मेरे दोनों घुटने उनके बूब्स को लगातार दबाकर मज़े कर रहे थे और मेरे होंठ उनके होंठो को चूस रहे थे करीब आठ दस मिनट तक में उनके होंठो को चूसता रहा और इस बीच में दो चार बार उन्होंने और मैंने एक दूसरे को बाईट किया यानी एक दूसरे का थूक चाटा जिससे मेरा और आंटी दोनों के होंठ पूरे गीले हो गए.
जब मैंने किस करना बंद किया तब तक वो मेरा लंड मेरी पेंट से बाहर निकाल चुकी थी. तो आंटी ने मेरे लंड को पकड़कर पहले अपने नरम हाथों से उसको सहलाया और कुछ देर उसको छुकर महसूस किया और उसके बाद उन्होंने लंड को अपने मुहं में लेकर चूसना शुरू कर दिया और में आअहह्ह्हहह उफ्फ्फफ्फ्फ़ कर रहा था.
करीब 15-20 मिनट तक वो मेरा लंड लोलीपोप की तरह बड़े मज़े लेकर लगातार चूसती रही और में उसके बूब्स को अपने दोनों हाथों से ज़ोर ज़ोर से दबा भी कर रहा था. अब उसने मेरे लंड को अपने दांतों से हल्का हल्का काटना भी शुरू कर दिया था जिससे मेरे बदन में अजीब सी हरक़त होने लगी और मैंने उसके निप्पल को थोड़ा ज़ोर से दबा दिया जिसकी वजह से उनके मुहं से एक ज़ोर की चीख निकल गयी और वो जोश में आकर मेरे लंड को छोड़कर अब मेरे होंठो को से किस करने और उसके काटना शुरू कर दिया. थोड़ी देर बाद एक बार से मेरा लंड वो अपने मुहं में लेकर ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी और कुछ ही देर बाद मेरे वीर्य का फव्वारा उसके मुहं के अंदर ही निकल गया और वो बड़े मज़े से मेरे लंड को चाट रही थी. में बेड पर ही लेट गया और वो मेरे कपड़े उतारने लगी.
उसके बाद उसने मेरे पूरे जिस्म पर किस करना शुरू कर दिया, उसने अभी तक साड़ी को पहन रखी थी में उठा और मैंने उसका ब्लाउज उतारकर एक तरफ डाल दिया उसके बाद उसकी मस्त ब्रा गुलाबी रंग की सिल्की ब्रा जिसमे छोटे छोटे छेद भी थे मैंने उसको भी उतार दिया और मैंने धीरे धीरे उसको पूरा नंगा कर दिया और में उसके गोरे कामुक जिस्म को चाटने लगा. मैंने एक बर्फ का टुकड़ा लेकर उसके बदन पर में उसको घुमाने लगा और में उसकी चूत पर भी बर्फ को अपने दाँतों में लेकर उसकी चूत पर रगड़ने लगा. वो चिल्ला रही थी आहहहह और अपनी गांड को ऊपर नीचे कर रही थी कि अचानक से फिसलकर मेरे हाथ से छूटकर वो बर्फ का टुकड़ा उनकी चूत में चला गया और उसकी ठंडाई की वजह से वो चीख उठी.
में अपनी एक ऊँगली से उस बर्फ के टुकड़े को बाहर निकाल रहा था तभी वो मुझसे कहने लगी कि रहने दो मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है मैंने उसके कहने पर उस बर्फ को चूत के अंदर ही छोड़ दिया और अब में उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा. वो बर्फ चूत की गरमी से धीरे धीरे पिघलकर पानी बनकर बाहर बह रहा था और बर्फ के साथ साथ उनकी चूत का पानी साथ में मिलकर बाहर आ रहा था, जिसको में बड़े ही मज़े से चाट रहा था. मैंने चखकर देखा वो ठंडा पानी बड़े ही मज़े का था और अब आंटी ज़ोर ज़ोर से चीख चिल्ला रही थी आईईईइ मादरचोद खा जा उफ्फ्फ्फ़ तू इस चूत को अपनी आंटी की चूत को पूरा का पूरा खा जा और अब मैंने ज़ोर ज़ोर से चाटना शुरू कर दिया, उसकी चूत को में अपने दांतों से काटने लगा.
उस वजह से आंटी की सिसकियों की आवाज़ भी अब ज्यादा तेज़ हो चुकी थी और दूसरी तरफ मेरे दोनों हाथ उनके 40 साइज़ के बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबा रहे थे और वो बूब्स पूरी तरह से लाल हो गये थे और उनसे दूध भी निकलने लगा था, कुछ देर उनकी चूत को चाटने के बाद उन्होंने मुझे अपने ऊपर लेटा लिया और मुझसे कहा कि आजा मादरचोद आ आज तू मेरा दूध भी पी ले.
अब में ज़ोर ज़ोर उनके बूब्स को चूसने लगा उनका दूध भी बहुत ही स्वादिष्ट था, करीब 15 मिनट तक उनके बूब्स को चूसने और उनका दूध पीने के बाद मैंने उनको डोगी स्टाइल में बैठाकर चोदना शुरू किया और मैंने उनकी गांड पर मख्खन लगाकर अपने 6 इंच के लंड को मैंने उनकी गांड में पूरा डाल दिया और वो दर्द की वजह से बहुत ज़ोर से चीख उठी आईईईइ उफ्फ्फफ्फ्फ़ प्लीज अब बाहर निकालो मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन तब भी मैंने अपना लंड बाहर नहीं निकाला और में उनको ज़ोर ज़ोर से झटके देने लगा, थोड़ी देर बाद आंटी को भी मज़ा आने लगा था और वो भी मस्ती से अपनी गांड को आगे पीछे करने लगी. दोस्तों उस समय मेरे दोनों हाथ उनकी गांड पर और लंड उनकी गांड में था.
करीब दस मिनट धक्के देने के बाद मैंने अपने लंड का वीर्य उनकी गांड में ही निकाल दिया. उसके बाद मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो आंटी उसको अपने मुहं में लेकर चूसने और अपनी जीभ से चाटने लगी और में आंटी के ऊपर ही लेट गया और उनके होंठो को में चूसता रहा और चूत में ऊँगली भी करता रहा. थोड़ी देर बाद हम दोनों नंगे ही उठे और किचन में चले गये.
वहाँ पर हम दोनों ने कुछ जूस और दूध पिया और तभी मेरे हाथ में वहां पर रखा हुआ बेलन आ गया. उसको देखकर मेरे मन में एक शरारत सूझी और मैंने उसको वहीं पर आंटी की चूत में डाल दिया जो कुछ इंच उनकी चूत में चला गया. आंटी ने मुझसे बोला कि यह बेलन तो बहुत छोटा है इसलिए तुम अपना लंड मेरी चूत में डाल दो और मैंने आंटी को उसी समय किचन में ही नीचे लेटा दिया और आंटी के दोनों पैरों को मैंने अपने कंधे पर रख लिया.
उसके बाद मैंने अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया और पहले धीरे धीरे और थोड़ी देर के बाद में ज़ोर ज़ोर से झटके देने लगा, जिसकी वजह से वो चीख उठी मादरचोद और ज़ोर से चोद मुझे आह्ह्ह्ह आज तू फाड़ दे मेरी इस चूत को, तू अपना हथोड़ा मेरी चूत में डालकर मुझे ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोद आअहहाआहह माँ मर गई जैसी वो आवाज़ें अपने मुहं से निकाल रही थी.
में अब और भी ज़ोर ज़ोर से झटके दे रहा था करीब आठ दस मिनट धक्के देकर चोदने के बाद मैंने उनसे कहा कि में अब झड़ने वाला हूँ. उसने मुझसे बोला कि तुम उसको मेरी चूत के अंदर ही निकाल दो और मैंने आंटी के कहने पर उनकी चूत के अंदर ही अपना वीर्य निकाल दिया और में उसके बाद आंटी के ऊपर ही लेट गया. अब में और आंटी दोनों ही अब थोड़ा सा थका हुआ महसूस कर रहे थे और में उनके ऊपर लेटकर अब धीरे धीरे उनके बूब्स को चूसने लगा.
दोस्तों उस चुदाई के बाद आंटी ने मुझसे कहा कि में तुम्हारी इस चुदाई से बहुत खुश हूँ. अतुल तुमने मुझे पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया है और उस दिन की चुदाई के बाद में अपने घर चला गया और पांचवे दिन जब मुझे दोबारा वो मौका मिला तब मैंने आंटी की एक बार से बहुत जमकर चुदाई के मज़े लिए और तब वो मुझसे कहने लगी कि तुमने मेरा दिल खुश कर दिया है तुम्हे बहुत अच्छी चुदाई करना आता है और मैंने उस दिन आंटी को तीन बार चोदा जिसमें उन्होंने मेरा पूरा पूरा साथ दिया जिसकी वजह से हम दोनों बहुत खुश थे आंटी को बहुत सालों बाद अपनी चूत को मेरे लंड से चुदाई करवाने का मौका मिला था और मुझे उनकी रसभरी चूत की चुदाई करने को मिली थी इसलिए अब हम दोनों की एक बहुत बड़ी जरूरत पूरी हो चुकी थी जिसकी वजह से वो भी खुश रहने लगी थी और में भी उसकी चुदाई करके मज़े लेने लगा था.
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