क्लासमेट की बुर की चुदाई की रियल सेक्स स्टोरी
मैंने अपनी क्लासमेट के घर में कमरा किराये पर लिया. मेरी रियल सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मैंने कैसे उसकी कुंवारी बुर की चुदाई की.
मैं उस वक़्त इंटर में था और मेरा एडमिशन लखनऊ में हुआ था, मैं हज़रतगंज एरिया में किराये का कमरा ढूंढ रहा था कि मेरी क्लास की ही एक लड़की ने बताया कि उसके घर एक कमरा खाली है.
मैंने वो कमरा दिखाने को बोला, वो मुझे अपने घर ले गयी और अपने माँ से मिलवाया और कमरा लेने वाली बात बताई- ये लड़का मेरे क्लास में है और इसे कमरा चाहिए।
उसकी माँ मान गयी और मुझे एक कमरा मिल गया.
घर बहुत बड़ा नहीं था, तीन कमरे थे जिनमें दो में साक्षी और उसके माँ बाप रहते थे और एक मुझे दे दिया था। घर में एक ही बाथरूम और टॉयलेट था, मुझे भी वही यूज़ करना था, टॉयलेट मेरे कमरे से लगा हुआ था और बाथरूम उसके बगल में था।
अब आइये मुद्दे पर… साक्षी दरम्याने कद लगभग 5 फुट तीन इंच की गोरी और खूबसूरत लड़की थी पर दिमाग से थोड़ी पैदल थी, ज़्यादा दिमाग नहीं लगाती थी किसी काम के लिए।
क्लास में बहुत सारे लड़के थे उसकी फ़िराक में… लेकिन उसे उनमें कोई इंटरेस्ट नहीं था।
शुरू शुरू में तो मुझे भी साक्षी में उतना इंटरेस्ट नहीं था लेकिन एक दिन अचानक से उसे मैंने टीशर्ट और टॉवल में देख लिया तो मेरा भी मन ठनक गया और मैंने सोचा ये भी कम नहीं है बस एक बार मिल जाये तो मज़ा आ जाये।
उस दिन से मैं उसे पटाकर उसकी कुंवारी बुर की चुदाई करने की जुगत में लग गया और तरह तरह के हथकंडे अपनाने लगा, कभी उससे नोट्स मांगता तो कभी पेन, क्लास में मैं उसके बगल में बैठने लगा तो उसने कुछ नहीं कहा।
हम घर से कॉलेज साथ आते और जाते थे।
एक दिन वो नहाने जा रही थी, मैंने देखा कि वो टॉवल और टीशर्ट पहन कर बाथरूम में जाने वाली थी, मैं चुपके से उससे पहले ही बाथरूम में चला गया और दरवाज़ा बस थोड़ा सा चिपका दिया.
वो बाथरूम में आयी और दरवाज़ा खोला तो मैंने उसे अपनी तरफ खींचा और उसके मुंह पे हाथ रख कर बोला- मैं हूं.
वो थोड़ा डर गयी लेकिन फिर तसल्ली होने पर नार्मल हो गयी.
मैं बुरी तरह से काँप रहा था, कुछ समझ नहीं आ रहा था, मैंने उसके गाल पे पप्पी ली और बाथरूम से बाहर आ गया और अपने कमरे में जा कर दरवाज़ा बंद कर लिया।
उस दिन मैं कॉलेज नहीं गया और थोड़ा डर गया था कि कहीं साक्षी अपने माँ बाप को न बता दे।
रूम खाली करने और मार खाने के डर से मेरी आँखों में आँसू आ गए, मैं कब सो गया मुझे पता नहीं चला।
तभी दरवाज़ा खटखटाने की आवाज़ आयी, मैं फिर डर गया, मैंने सोचा दरवाज़ा खोलूं या नहीं?
पर हिम्मत कर के खोल तो देखा कि साक्षी खड़ी थी तो मेरा दिल ज़ोर से धड़क गया।
वो बोली- आज कॉलेज क्यों नहीं गए?
मैं बोला- बस ऐसे ही।
उसने कहा- तुम्हें पता है आज कौन कौन सा टॉपिक पढ़ाया गया है? ऐसे ही क्लास मिस करोगे तो एग्जाम कैसे दोगे?
मैंने कहा- प्लीज मुझे बता दो कि क्या पढ़ाया गया है आज?
मेरे दिल से सवेरे वाला डर थोड़ा ख़त्म हुआ और एक नया टेंशन शुरू हो गया कॉलेज वाला।
साक्षी थोड़ी देर में नोट्स लेकर मेरे कमरे में आयी और बोली- ये लो और देख लेना।
मैंने बोला- मुझे कैसे पता लगेगा कि क्या बताया है प्लीज तुम्ही बता दो.
उसने कहा- ठीक है, लेकिन पहले ये बताओ कि सवेरे तुमने क्या किया और भाग क्यों गए?
मैंने बोला- सॉरी अब नहीं करूँगा.
वो मुस्कुराते हुए बोली- पागल मुझे भी तो रिप्लाई किस करने देते।
इतना सुनना था कि मैं नोट्स भूल गया और उसका हाथ पकड़ लिया।
उसने भी मुस्कुरा कर अपना हाथ मेरे हाथ में दे दिया, वो बोली- मुझे नहीं पता कि इसे क्या कहते हैं पर फिल्मों में देखा है इसमें मजा आता है।
अब मेरा सेक्स का कीड़ा जाग गया और मैं बोला- तुम्हें पता है साक्षी कि इसमें कितना मजा आता है?
साक्षी- नहीं… लेकिन सुना है बहुत अच्छा होता है।
मैं- मैं तुम्हें बता और दिखा सकता हूँ अगर तुम किसी से ये सब न बताओ तो।
साक्षी बोली- ठीक है, क्या करना होगा?
मैं बोला- जब घर में कोई न रहे तो मेरे पास आना, मैं बताऊंगा।
फिर साक्षी चली गयी और मैं उसके ख्यालों में खो गया और मुठ मारने लगा।
एक दिन छुट्टी थी और साक्षी दोपहर में मेरे पास आयी और बोली- आज घर पे कोई नहीं है।
मैं उठा और उसका हाथ पकड़ के अपने पास खींचा और अपना एक हाथ उसके गाल पे चिपका के सहलाने लगा, उसे कुछ हुआ और उसने मेरा हाथ चूम लिया, मैंने उसका चेहरा अपनी तरफ खींचा और अपने होंठ उसके होंठों पे रख दिये, मुझे जैसे कुछ हुआ क्योंकि मैंने पहली बार किसी को किस किया था.
वो भी थोड़ा काँप गयी.
फिर मैंने उसे किस करना शुरू किया, वो भी साथ देने लगी. हमारी सांसें तेज़ हो रही थीं और हमारे चूमने की रफ़्तार भी बढ़ रही थी, हम एक दूसरे को बस चूमे ही जा रहे थे.
तभी बाहर के दरवाज़े की घंटी बजी, हम दोनों को जैसे शॉक लग गया, साक्षी भाग कर दरवाज़े पे गयी तो कोई सेल्समेन था, उसे वापस कर के साक्षी दौड़ के मेरे कमरे में आयी.
मैं भी जैसे इंतज़ार में था, वो आयी और मुझे पकड़ के फिर से चूमना शुरू कर दिया।
अब मेरा एक हाथ उसके मम्मों पर था और मैं उसे टीशर्ट के ऊपर से ही दबा रहा था, उसने हाथों से इशारा करते हुए टीशर्ट उतारने को कहा, मैंने उसका टीशर्ट उतारा, अब वो ब्रा में थी, उसने सफ़ेद रंग का जालीदार ब्रा पहना हुआ था, पहली बार किसी लड़की को ब्रा में देख रहा था, मैंने उसकी ब्रा उतारी तो उसके टाइट मम्मे एकदम से उछलने लगे, उसके निप्पल एकदम नारंगी रंग के थे और उसका घेरा भूरे रंग का था.
भरे हुए और टाइट मम्मे सामने देख कर मैं जैसे पागल हो गया और मेरा लण्ड खड़ा हो गया, मैं अब एक हाथ से उसके चुचूक मसल रहा था और दूसरा चुचूक अपने होठों से दबा के चूस रहा था. उसे भी मजा आ रहा था और वो मेरा सर अपने मम्मों पर दबा रही थी, मैं बारी बारी से उसके मम्मे चूस रहा था।
अब वो सिसकारियां भरने लगी थी, मैंने अपना सर उठाया, उसे प्यार से देखा और उसके होंठों को चूसने लगा और अपने हाथ से उसकी पैंट खोलने लगा वो भी मेरे लंड को पैंट के ऊपर से ही सहलाने लगी, उसने पीले रंग की फूलों और गोटेदार किनारों वाली पैंटी पहनी थी, उसकी पैंटी भी हल्की सी गीली हो गयी थी।
मैंने उसे बिस्तर पे बैठाया और उसकी पैंटी को नीचे सरका के उतार दी, उसकी बुर एकदम दूध सी गोरी थी और रेशमी से बाल, उसकी झांटें, उसकी शोभा बढ़ रहे थे, ऐसा लग रहा था कि झांट अभी कुछ दिन पहले ही उगे हों, बुर की दरार गुलाबी और लाल सी थीं और बुर का रस जैसे उस पे शबनम पड़ा हो!
मैंने एक उंगली से उन शबनम के कतरों को उठाया और सूंघने लगा.
बुर रस की महक से मैं और भी उत्साहित हो गया और मैंने उसे भी सुंघाया, फिर मैंने उस रस को अपनी ज़बान पे लगाया और चाटने लगा.
साक्षी भी मुझे खींच कर मेरी उंगली चूसने लगी.
मैं वापस नीचे आया और अपनी एक उंगली उसकी बुर पर रगड़ने लगा, वो जैसे मचल गयी.
फिर मैंने अपने जुबान से अपनी अंगुली को चूस और उसकी बुर की फांकों को अलग किया और अपनी जुबान उसकी बुर की फांकों में लगा दी, वो सिसकार उठी और हल्के से उछल गयी।
फिर मैंने उसकी बुर को चूसना शुरू किया. वो मचल रही थी, सिसकार रही थी ‘आह सी सी आह…’ और अपने एक हाथ से मेरा सर अपनी बुर पे दबा रही थी.
इधर मेरे लंड का हाल ख़राब हो रहा था, वो तना हुआ था, बुर चूसते चूसते वो अचानक से अपनी दोनों टांगों के बीच मेरा सर दबाने लगी और बुर को मेरे सर में धंसाने लगी और बिस्तर पे अकड़ने लगी.
उसकी बुर ने पानी छोड़ दिया, मेरा पूरा चेहरा भर गया और मैं उसकी बुर के रस को चाटने लगा, वो अभी भी अपना बुर उचका उचका के मेरे होटों पे दबा रही थी।
मैं ऊपर उठा तो उसने मुझे अपनी तरफ खींचा और मुझे चूमने लगी।
मैंने एक हाथ से उसकी बुर से थोड़ा रस अपने हाथों पे लगाया और लंड सहलाने लगा, वो उठी और अपने हाथ पे अपना थूक लिया और मेरा लंड सहलाने लगी.
मैं एकदम जोश में आ गया और मेरा लंड जैसे किसी रॉड की तरह तन गया।
मैंने उसके होंठों पे किस किया और अपना लंड उसकी बुर की फांकों पे रगड़ने लगा तो वो फिर सिसकार उठी, मेरा लंड बुर पे रगड़ रगड़ कर पूरा गीला हो गया था, फिर मैं अपने लंड को उसकी बुर में घुसाने लगा लेकिन उसकी बुर एकदम कोरी थी, वो तड़पने लगी.
फिर मैंने अपनी एक उंगली पे थूक लगाया और उसकी बुर में घुसाने लगा, बुर एकदम टाइट थी और मेरी उंगली जैसे किसी गर्म जगह में जा रही हो, उसके मुंह से जैसे चीख निकलने वाली थी लेकिन उसने कण्ट्रोल किया हुआ था।
मैंने फिर अपने लंड पे थोड़ा थूक लगा कर लंड का सुपारा उसकी बुर के छेद पे लगाया और उसके होंठों पे अपना होंठ कस के दबाया और एक धक्का दिया, लण्ड फिसल कर बाहर आ गया और वो मचल गयी.
मैंने फिर हाथ से इशारे से ही अपना लंड बुर पे फिट किया और धक्का दिया, लंड का एक हिस्सा बुर में चला गया, साक्षी कसमसा गयी और मुझे धक्का दे के हटाने लगी.
मैंने उसे ज़ोर से पकड़ा और दूसरा धक्का लगाया, लंड उसकी बुर में जा चुका था और वो जैसे बेहोश सी हो गयी और मुझे अपने से दूर धकेलने लगी.
मैंने उसे छोड़ा नहीं और एक दूसरा धक्का लगाया, लण्ड एकदम बुर के अंदर पहुँच गया, उसने मेरे होंठों को कस के काटा, मेरी तो जैसे जान ही निकल गयी, हम एक दूसरे को किस करने लगे.
फिर धीरे से उसने अपना बुर हिलाया तो मैं समझ गया कि अब बुर की चुदाई शुरू करनी है, मैं धक्के लगाने लगा और उसे भी अब मजा आने लगा, उसका एक हाथ मेरे कूल्हों पे था और दूसरे से वो मेरे बालों को सहला रही थी.
मेरा एक हाथ उसकी कमर में था और दूसरा उसकी चूचियों से खेल रहा था, मैं धक्के लगाए जा रहा था और अब उसकी चूचियों को चूसने लगा, मैं उसके निप्पल को अपने दांतों से हल्के से काट रहा था, वो सिसकार उठी.
इतने में उसने फिर से दोनों टांगें मेरे कमर में फंसाई और उसका पूरा बदन अकड़ गया, वो झड़ चुकी थी और उसका नंगा बदन काँप रहा था, मैंने अपना लंड निकाला और मैं बिस्तर पे लेट गया और बोला- मेरे ऊपर आ जाओ!
वो मेरे ऊपर आयी और मेरा लंड फिर से अपने बुर में फिट किया और खुद ही उछलने लगी. मैं भी नीचे से धक्के लगा रहा था, अब मेरा भी टाइम होने वाला था तो मैंने उसे नीचे किया और ऊपर आकर धक्के लगाने लगा, चार छः धक्के लगाने के बाद मैंने भी उसके बुर में अपना वीर्य छोड़ दिया और उसके ऊपर ही लेट गया।
मेरा लंड अभी भी उसकी बुर में ही था, मैंने उसकी आँखों में देखा, बहुत ही सुकून नज़र आया.
वो मुझे पुचकार रही थी और फिर मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया, मैं भी उसके होंठ चूसने लगा.
मेरा लंड धीरे धीरे हरकत में आने लगा और बुर के अंदर ही तन गया और फिर से मैंने धक्के लगाने शुरू कर दिया, इस बार एक ही पोजीशन में करीब पांच मिनट चोदता रहा उसको और फिर से उसकी बुर में ही अपना वीर्य गिरा दिया वो भी इतने में दो बार झड़ी।
हम दस मिनट तक ऐसे ही पड़े रहे, फिर मैं उठा और उसको चूमा और उसके चूचियों को अपने दांतों से दबाने लगा, उसके निप्पलों से जैसे पानी निकल गया।
फिर मैंने टिश्यू पेपर से उसकी बुर को साफ़ किया और दो तीन टिश्यू पेपर इकट्ठे करके उसकी बुर पे लगाये और उसे पैंटी पहना दी.
वो उठी, मेरे पास ही रखी ब्रा और टीशर्ट पहनने लगी. मैं उसकी टांगों को चूम रहा था.
उसने पैन्ट भी पहन ली और फिर मुझे चूमने लगी. दो तीन मिनट चूमने और मेरा होंठ चूसने के बाद बोली- थैंक्स, मजा आया, इस को हम आगे भी कंटिन्यू रखेंगे और ऐसे ही मजे करेंगे.
मैंने कहा- मेरा वीर्य तुम्हारे अंदर है, तुम प्रग्नेंट हो सकती हो!
तो वो डर गयी, फिर मैंने समझाया कि मैं तुम्हें कॉन्ट्रासेप्टिव पिल ला दूंगा और नेक्स्ट टाइम से कंडोम यूज़ करेंगे।
फिर वो मुझसे कुछ देर तक लिपटी रही और मौक़ा मिलते ही बुर की चुदाई का वादा कर के चली गयी.
प्रिय पाठको, यह थी इंडियन कॉलेज गर्ल की ज़बरदस्त चुदाई!
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