रीना और उसकी सहेली संजना
प्रेषक : जीत शर्मा
मैं जीतू दिल्ली से एक बार फिर आपकी सेवा में हाज़िर हूँ। मेरी पिछली कहानी “रीना को सन्तुष्ट किया” को पढ़कर मुझे काफी लोगों ने मेल किया, उसके लिए मैं आप सबका आभारी हूँ।
दोस्तो, आज मैं आपको अपनी एक और कहानी बताने जा रहा हूँ।
जैसा कि मैंने अपनी पिछली कहानी में कहा था कि रीना ने मुझे अपनी एक सहेली से मिलवाया था जिसको मैंने चोदा था। पहले मैं आपको उसके बारे में बता दूं- उसका नाम संजना था और वो थोड़ी सांवली थी, सुंदर तो इतनी नहीं थी जितनी कि रीना, पर हां उसमे सेक्स तो जैसे कूट-कूट कर भरा था। वो थोड़ी मोटी थी, उसकी मोटी गांड और मोटी-मोटी चूची देख कर किसी का भी लंड खडा हो जाये !
तो हुआ यह कि रीना की चुदाई के एक महीने बाद रीना का मेरे पास फ़ोन आया कि वो मुझसे मिलना चाहती है। मैंने सोचा कि दोबारा चुदवाना चाहती होगी। मैं खुश होकर गया लेकिन जब पहुँचा तो देखा कि वहां पर उसकी सहेली संजना भी थी। मैं सोचने लगा कि यार आज तो फालतू में समय ख़राब किया, इसके घर तो मेहमान आई हुई है। खैर मैं भी बैठ गया।
तब रीना ने मुझे बताया कि यह संजना है और वो भी मुझसे चुदना चाहती है।
मैंने कहा- नेकी और पूछ पूछ ! चलो बेडरूम में !
वो दोनों और मैं बेडरूम में आ गये। तो मैंने संजना के कपड़े उतारने शुरु कर दिए तो वो शरमाने लगी। मैंने कहा- जान, शरमाने से काम नहीं चलने वाला ! मेरे कपड़े उतारो और मेरा लण्ड चूसो !
मैं तो उसको नंगा करने के बाद देखता ही रह गया और रीना से कहा- जान, आज तो तुमने मुझे पूरा मजा देने का प्लान बनाया है, मुझे भरे बदन की लड़कियाँ पसंद हैं। ऐसा नहीं कि जो पतली हो वो पसंद नहीं है लेकिन दोनों के चोदने का मजा अलग-अलग है।
खैर मैंने उसकी चूत चुसाई शुरु कर दी। वो तो ५ मिनट में ही झड़ गई। मैंने उसको दुबारा गरम किया और फिर अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया। उसकी चूत बहुत टाइट थी, मेरा आधा लंड घुसते ही वो चिल्लाने लगी। तब मैंने रीना, जो कि अभी तक हमारा खेल देख रही थी और अपनी चूत में ऊँगली डाल रही थी, से कहा कि रीना डार्लिंग जरा इस कुतिया की चूचियों को दबाओ !
तो वो उसकी चूचियाँ दबाने लगी और चूसने लगी। संजना को मजा आने लगा और वो अपनी कमर हिलाने लगी। मैंने एक जोर का झटका दिया तो पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया और वो बहुत तेज चीख पड़ी।
तो मैंने कहा- साली, रीना के पड़ोसी सुन लेंगे !
तो रीना ने अपनी चूची उसके मुँह में घुसा दी। फिर मैंने बिना कोई रहम के उसकी चुदाई शुरु कर दी। मैंने नीचे देखा तो चादर पर खून लग गया था। मैंने अपनी स्पीड चालू रखी और उसको ऐसे चोदने लगा जैसे पहली बार चुदाई कर रहा हूँ। दोस्तो, टाइट चूत को चोदने का मजा ही कुछ और है।
तभी वो झड़ गई और सुस्त हो गई, पर मेरा काम अभी बाकी था। मैंने उसको घोड़ी बनाया और उसकी चूत में एक ही बार में लंड घुसा दिया जो सीधा उसकी बच्चेदानी से टकराया। वो फिर चिल्ला दी पर अबकी बार धीरे से मैंने अपनी स्पीड से चोदना शुरु कर दिया। रीना भी हमारी चुदाई देख कर गरम हो गई और संजना के बगल में लेट कर अपनी चूत खोल कर मुझे चोदने के लिए बोलने लगी। मुझे एक शरारत सूझी और मैंने संजना को छोड़ कर अचानक रीना की चूत में लंड पेल दिया। वो इस अचानक हमले के लिए तैयार नहीं थी, सो चीख पड़ी और फिर हंसती हुई कहने लगी- बहुत शरारती हो तुम !
जब संजना ने यह देखा तो वो मुझे गाली देने लगी कि मैं उसको बीच में छोड़ कर क्यों हट गया। तो मैंने फिर संजना की चुदाई की। अब मैं ५ मिनट संजना को चोदता और ५ मिनट रीना को !
तभी मुझे लगा की मेरा होने वाला है, तो मैंने दोनों से पूछा- किसकी चूत में डालूँ ?
तो रीना ने कहा- जीतू ! प्लीज़ ! मेरी गांड में डालो !
मैंने कहा- ठीक है !
और मैं उसकी गांड में लंड घुसा कर १०-१५ झटकों के बाद अपना सारा रस उसकी गांड में ही डाल दिया। हमारा यह खेल संजना बड़ी हैरान होकर देख रही थी।
मैंने पूछा- क्या हुआ ? मजा नहीं आया क्या ?
तो उसने कहा- मजा तो इतना आया कि जिन्दगी में कभी नहीं आया और ना ही कभी भूलूंगी मैं इस मजे को ! पर क्या गांड में भी लंड घुस सकता है?
इस पर रीना हँसने लगी और बोली- पागल ! गांड मरवाने में भी बहुत मजा आता है ! तू मरवा कर देख !
वो बोली- नहीं, बहुत दर्द होगा ! मेरी हालत तो चूत में लेने में ही ख़राब हो गई, खून भी निकला।
तो मैंने पूछा- तुम्हारा पति तुमको चोदता नहीं है क्या ?
वो बोली- चोदता तो है पर उसका बहुत छोटा है, कभी इतनी गहरे तक गया ही नहीं, जितना तुम्हारा गया, इसीलिए खून निकला।
फिर उसके बाद मैंने और रीना ने कैसे उसको गांड मरवाने के लिए मनाया यह अगली बार !
दोस्तो, मैं आशा करता हूँ कि आपको मेरी यह कहानी भी पसंद आएगी। कृपया मेल जरुर कीजिये ताकि मुझे पता चल सके कि अगर मेरी लिखने में कोई गलती हो तो मैं अगली बार उसे सुधार सकूँ।
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