रिक्शेवाले के मोटे लंड से अपनी चूत की आग शांत की
मैं आगरा की रहने वाली हूँ। मैं बहुत गोरी और जवान लड़की हूँ। मेरा बदन बहुत गोरा और सुडौल है। मेरा फिगर कमाल का है। छरहरा और बिलकुल फिट। 36, 30, 34 का फिगर है मेरा। मैं २३ साल की एक जवान, आकर्षक नवयौवना हूँ। मेरा जिस्म बहुत ही छरहरा और सेक्सी है। बदन तो इतनी गोरी और मुलायम है की स्वर्ग की अफ़सराये भी मुझसे शरमा जाए। मैं बहुत सुंदर लड़की हूँ। मेरे ओठ, मम्मे, मेरे रेशमी काले बाल, मेरी लचकती कमर और उफनती चूत सब कुछ बहुत मस्त है। मुझे सेक्स करना बहुत पसंद है और रात में नियमित रूप से चूत में मोटा लंड खाना बहुत पसंद है। लंड न मिलने पर मैं चूत में ऊँगली, अंगूठा, या डिलडो डालकर जल्दी जल्दी चला लेती हूँ और भरपूर मजा ले लेती हूँ। आज आपको अपनी स्टोरी सुना रही हूँ।
दोस्तों मेरे घर के सामने ही एक रिक्शेवाला रहता था। उसका नाम बब्बन था। मेरी मम्मी और पापा अक्सर उसके रिक्शे पर बैठा करते थे और शाम को सब्जी खरीदने जाया करते थे। मेरी मम्मी तो बब्बन को बड़ा लगाव करती थी। कई बार त्यौहार में उसे बक्शीश दे दिया करती थी। हर होली दिवाली में उसे मिठाई का डिब्बा देती थी। कई बार तो लगता था की बब्बन हमारे घर का कोई मेमबर है। वो हर बार जब हम लोगो को कॉलेज, या बजार लेकर जाता था जल्दी पैसे नही लेता था। पर मैं हर बार उसे पैसे दे देती थी। बब्बन काफी गरीब था। उसके 2 बच्चे थे। एक दिन रास्ते में मुझे कुछ लड़के छेड़ रहे थे। वो मेरे कॉलेज के लड़के थे। वो मुझे चोदना चाहते थे। “सरोज जान !! बस एक बार अपनी रसीली चूत के दर्शन करा दे हम तुझे दुबारा नही छेड़ेंगे” वो आवारा लड़के बोल रहे थे। अचानक बब्बन रिक्शेवाला वहां आ गया। उसने उन लड़को को दौड़ा लिया और 2 को तो पकड़कर लात ही लात मारा भी। उस दिन से मैं बब्बन रिक्शेवाले की बड़ी इज्जत करने लगी। अब मैं उसे कभी रिक्शेवाला कभी नही बोलती थी। मैं उसे बब्बन भैया कहकर बुलाती थी। उस रात जब मैं घर पर पहुची तो बब्बन की मेरे जहन में आ रहा था। किस बहादुरी से उसने उन गुंडों से लडाई की थी। कितनी बहादुरी से उसने मेरी बचा ली वरना मैं किसी को मुंह भी नही दिखा पाती। अंदर ही अंदर मैं बब्बन रिक्शेवाले से प्यार करने लगी थी। मैं उसको अपनी रसीली गुलाबी चूत देकर उसको थैंक यू कहना चाहती थी। मैं मौका तलाश रही थी। अगले दिन मेरे पापा मम्मी किसी रिश्तेदार के घर गये थे। दोपहर के 1 बजे थे। अचानक घर की घंटी बजी।
“कौन है????” मैंने पूछा
“सरोज बेबी मैं बब्बन। एक बोतल फ्रिज का पानी चाहिए था” बब्बन रिक्शेवाला बोला
उसकी आवाज सुनकर मैं चहक गयी। मैंने दरवाजा खोला और उसे अंदर ले गयी। दरवाजा मैंने बंद कर लिया और पीछे से उसे पकड़ लिया।
“सरोज बेबी….ये… ये क्या??” बब्बन रिक्शेवाला चौंक गया
“ओह्ह्ह्ह आई लव यू बब्बन। कमोंन फक मी टूडे!” मैंने कहा और उसे पीछे पीठ से मैंने पकड़ लिया। वो इंग्लिश नही जानता था। पर वो समझ गया था की मैं उसे चोदने के लिए बोल रही थी। फिर मैंने उसे अपनी तरफ घुमा लिया और उसके जिस्म से चिपक गयी। वो हैरान था।
“ओह्ह्ह बब्बन!! मुझे तुमसे बेपनाह प्यार हो गया है। मेरे प्यार को मत ठुकराओ। प्लीस मुझे चोद दो आज!!!!” मैं किसी चुदासी छिनाल की तरह बोली
उसके बाद वो भी मुझे किस करने लगा। वो मुझे मेरे गाल और होठो पर किस करने लगा। मुझे अच्छा लग रहा था। मैंने टॉप और स्कर्ट पहन रखा था। मैं सुंदर और जवान युवती थी। बब्बन रिक्शेवाला मुझे गरमा गर्म किस करने लगा। उसके बाद हम दोनों कमरे में चले गये। मैंने जल्दी जल्दी अपनी टॉप और स्कर्ट निकाल दी। फिर ब्रा और पेंटी भी खोल दी। बब्बन ने अपना शर्ट पेंट निकाल दिया। उसका लौड़ा 8” का था। बहुत लम्बा और बहुत मोटा। धीरे धीरे उसका गधे जैसा लौड़ा होने लगा।
दोस्तों, मेरे स्तन बहुत सुंदर थे। बड़े बड़े गोल और बिलकुल मक्कन की टिकिया जैसे नर्म। इतने सुंदर दूध को देखकर तो बब्बन बिलकुल पागल हुआ जा रहा था। मेरी अनार जैसी लाल लाल निपल्स, जो मेरे स्तनों में चार चाँद लगा रहे थे। अगर कोई भी मर्द मुझे इस तरह मेरे नग्न मम्मो को देख लेता तो मुझे बिना चोदे ना जाने देता।
मेरी मस्त गदराई और उफनती छातियों को देखकर बब्बन बेचैन हो गया और अपने हाथ से कस कसकर दबाने लगे. मैं सिसक कर बोली पर उस पर कोई असर ना हुआ। वो मजे से मेरे दूध दबा रहा था जैसे कोई मुसम्मी का रस निकालने के लिए उसे हाथ में लेकर निचोड़ देता है। इसके साथ ही वो मेरे रसीले स्तनों को मुंह में लेकर पी और चूस रहा था। इधर मेरी जो जान ही निकली जा रही थी। ऐसा लग रहा था की आज बब्बन मेरा सारा दूध पी जाएंगा और मेरे होने वाली पति के लिए कुछ नही छोड़ेंगे। उसके दांत मेरी नर्म चूचियों को बार बार चुभ जाते थे. पर उसने मुझे अनसुना कर दिया। मेरी दोनों बड़ी बड़ी मुसम्मी को वो आधे घंटे तक चूसता और पीता रहा। मुझे अभी बहुत अच्छा लग रहा था। मैं गर्म हो रही थी। अब मैं भी बब्बन से कसकर चुदना चाहती थी। वो मेरी चूचियों को अपनी औरत की चूचियां समझकर दबा रहे था। ऐसा बार बार करने से मेरी चूत गीली हो चुकी थी। मैं जल्दी से चुदना चाहती थी और चूत में मोटा लंड खाना चाहती थी।
बब्बन ने मेरे हाथ में अपना लंड दे दिया। हाय दादा!! कितना बड़ा लौड़ा था उसका। 8” लम्बा और 2” मोटा था। मैंने हाथ में लिया तो मैं डर गयी थी। मुझे डर लग रहा था की इतना बड़ा लंड मेरी चूत में कैसे अंदर जाएगा। फिर मैं जल्दी जल्दी उसका लंड फेटने लगी। कुछ ही देर में बब्बन का लंड खड़ा हो गया था। वो देखने में बहुत ही सेक्सी लंड लग रहा था। जैसे किसी गधे का लंड हो। मैं जल्दी जल्दी उसे उपर नीचे करके फेटने लगी। बब्बन को भी बहुत मजा आ रहा था। वो आह आह की आवाज निकाल रहा था। मैं और जल्दी जल्दी उसका लंड फेटने लगी। फिर मुंह में लेकर मैं चूसने लगी। बार बार मेरे बाल नीचे गिर जाते थे। बार बार मुझे बालों को उपर कान के पीछे ले जाना पड़ता था।
मेरे रिक्शेवाले का लंड तो बहुत ही रसीला था। मैं मुंह में लेकर जल्दी जल्दी चूसने लगी। बब्बन मेरी चूत और सहलाने लगा। धीरे धीरे मैं गर्म हुई जा रही थी। फिर मैंने उसके लंड को गले में अंदर तक भर लिया। बड़ी देर तक मैंने लंड बाहर ही नही निकाला। फिर कुछ मिनट बाद मैंने उसका लंड बाहर निकाला। उसे मेरा ये कारनामा बड़ा अच्छा लगा। फिर मैंने जल्दी जल्दी मेहनत से अपने रिक्शेवाले का लंड चूसने लग गयी। अब उसका लंड और जादा फूलकर बड़ा हो गया था। मैं डर रही थी की कहीं उसका लंड मेरी चूत ना फाड़ दे। बब्बन ने मेरे दोनों पैर खोल दिये। मेरी उभरी हुई रसीली चुद्दी ठीक उसके सामने थी। उसने चूत पर सिर झुका लिया और दोनों हाथ के अंगूठे से मेरा गुलाबी भोसड़ा खोल दिया। मेरी चूत मीठी चाशनी से भरी थी। फिर बब्बन जल्दी जल्दी मेरी चुद्द को चाटने लगा। उसकी लम्बी जीभ मेरी चूत के बिलकुल अंदर तक जा रही थी और बड़ी खलबली मचा रही थी। मैं “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….” बोलकर सिसक रही थी। मुझे बहुत मजा मिल रहा था। बड़ी जोर की यौन उत्तेजना हो रही थी। मुझे इतना जूनून चढ़ गया की लगा कहीं मेरी चूत फट ना जाए। बब्बन बड़ी जोर जोर से मेरी बुर पी रहा था। जैसे वो चूत नही कोई आइसक्रीम हो। फिर वो मेरे झांट को भी अपनी जीभ से चूमने लगा। फिर बब्बन जोर जोर से मेरी बुर में ऊँगली करने लगा और जल्दी जल्दी मेरी चूत फेटने लगा। मैं बड़े प्यार से उसके सर में अपना हाथ फिराने लगी। मेरी चूत बड़ी पनीली हो गयी थी, क्यूंकि बब्बन उसको जल्दी जल्दी फेट जो रहा था।
कमरे में मेरी चूत को फेटने की पनीली फच फच करती आवाज आ रही थी। मैं ये सब बर्दास्त नही कर पा रही थी। मैं जल्द से जल्द चुदवाना चाहती थी। “…उई..उई..उई…. माँ…माँ….ओह्ह्ह्ह माँ….अहह्ह्ह्हह..” मैं चिल्ला रही थी। अपनी दोनों गोरी गोरी टाँगे उठा उठाकर बब्बन से चूत में ऊँगली करवा रही थी। मैं जानती थी की मुझसे बड़ी छिनाल इस दुनिया में दूसरी नही मिलेगी। दोस्तों, ये बात मैं अच्छी तरह से जानती थी। मेरे भोसड़े में जैसा सुनामी आ रही थी। फिर बब्बन ने अपने सीधे हाथ की बीच की 2 ऊँगली मेरे भोसड़े में पेल दी और चूत के छेद में डालने लगा और बार बार अंदर बाहर करने लगा। उसके बाद बब्बन ने मेरी कमर के नीचे २ मोटे तकिया लगा दिए जिससे मेरी रसीली चुद्दी अब उपर आ गयी। उसने अपना 8” का मोटा लंड मेरी चूत पर रख दिया और उपर नीचे करके मेरे चूत के दाने को घिसने लगा। फिर बब्बन ने मेरी चूत के छेद पर लंड रख दिया और हल्का सा धक्का मारा। लंड अंदर चूत में चला गया। मेरा रिक्शेवाला बब्बन अब मुझे चोदने लगा। उसका लौड़ा २ इंच मोटा था। इसलिए मुझे उसकी मोटाई अपनी चुद्दी में महसूस हो रही थी। बब्बन जल्दी जल्दी मुझे चोदने लगा। मैंने आँखें बंद कर ली थी। मेरे मुंह से “…..ही ही ही ही ही…….अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह….. उ उ उ…” की आवाज ही निकल रही थी। मैं बार बार अपने ओठो को चबा रही थी। मेरा गला बार बार सूख रहा था क्यूंकि मेरा रिक्शेवाला जल्दी जल्दी मुझे चोद रहा था। उनका लौड़ा तो बहुत मोटा ताजा लग रहा था, जल्दी जल्दी मेरे भोसड़े में घुस जाता था। वो मुझे सट सट करके चोदने लगा। मुझे लग रहा था की मुझे हजारों चींटे एक साथ काट रहे हो। उसके बाद तो बब्बन बहुत तेज तेज धक्के मेरी चूत में मारने लगा। 25 मिनट बाद वो मेरी चुद्दी में ही झड़ गया। मैंने उसे किस करने लगी।
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