सादी से पहली चुदाई – Sex Stories

सादी से पहली चुदाई – Sex Stories

हर माँ अपनी बच्चियों के बारे अच्छा ही सोचती है और जब बात उसकी शादी की हो और ऑरेन्ज मेरिज की हो; तो वो सबसे अच्छा लड़का ढूंढ़ती है. मेरी माँ भी कुछ ऐसा ही चाहती थी; लेकिन उस विश को पूरा करने के लिए उसने मुझे ऐसा कुछ करने को कहा, जो शायद कोई-कोई माँ ही कर पाती है. मेरा नाम नीलिमा है और मेरी शादी को अब ५ साल से ऊपर का वक़्त हो चूका है. लेकिन, जब भी मुझे शाम याद आती है और सुमित के साथ सोफे पर बिताया वो वक़्त याद आता है, तो मुझे यकीन ही नहीं होता; कि मैने सुमित को पाने के लिए वो सब किया. कैसे मैंने अपनी पहली चुदाई के लिए उसे पटाया था.
सुमित मेरी मौसी की ननद का लड़का था और मेरी माँ उससे मेरी शादी की बात चलाना चाहती थी और सब कुछ बात हो गयी और सुमित और मैने एक दूसरे को पसंद कर भी लिया. हम दोनों ने एक दो डेट भी मार ली, लेकिन उसके बाद ना- जाने सुमित की मम्मी को क्या हुआ, कि उन्होंने शादी के लिए मना कर दिया. मेरी माँ और मौसी ने काफी कोशिश की बात करने की; लेकिन वो किसी बात के लिए तैयार ही नहीं थी. फिर, एक दिन मेरी मुझे अपने कमरे में बुलाया और सुमित और मेरे रिलेशनशिप के बारे में पूछा. मैने उनको सच बता दिया, लेकिन उन्होंने मुझे कुछ समझाते हुए कहा, कि तुम अगर सुमित से प्यार करती हो और उसको पाना चाहती हो, तो तुम्हे उसके साथ प्यार करना होगा; मै उनकी तरफ आश्चर्य से देख रही थी और समझने की कोशिश कर रही थी. उन्होंने और सिंपल वे में कहा, कि मुझे सुमित के साथ सेक्स करना होगा; तभी वो तुमसे शादी करेगा.
मै बड़ी मुश्किल से अपने आप को इस सब के लिए तैयार किया और एक शाम को सुमित को खाने के लिए घर बुलाया. प्लान पहले से ही तय था, कि उस समय घर पर कोई भी नहीं होगा और सुमित के साथ मुझे अकेले रहने का मौका मिल जाएगा. सुमित आया और मै उसे चाय देखकर आने के लिए बोलकर चली गयी. सुमित ने जब चाय खत्म की, तो मुझे अपने सामने खड़े पाया और मै एक बहुत ही सेक्सी ड्रेस पहनकर उसके सामने मटक रही थी. सुमित ने मुस्कुराना शुरू कर दिया और मुझसे इन सब के बारे में पूछने लगा; वो शायद मेरा इरादा भाप गया था, मै आगे बढ़कर उसकी गोदी में बैठ गयी और उसके हाथो को अपनी जांघो पर रख दिया और मैने उसके बालो से खेलना शुरू कर दिया. सुमित थोड़ा झिझक रहा था, तो मैने उसकी शर्ट का कालर पकड़कर उसे अपने पास खीच लिया और उसकी होठो पर अपने होठो को रख दिया, मैने उसके होठो को अपने दाँतो के बीच में भींच लिया था और उसको जोर से काट लिया और उसके होठो को चूसने लगी. सुमित के मुँह से हलकी सिसकिया निकल रही थी और मै उसके खड़े होते हुए लंड का कसाव अपनी गांड पर महसूस कर सकती थी.
सुमित गरम हो चूका था और अब उसकी गरमी को आजमाने का समय था. मै अपने घुटनो पर बैठ गयी और उसकी पेंट की जीप खोलकर उसके लंड को बाहर निकाल लिया और अपने हाथो से उसका मुठ मारने लगी. सुमित को मज़ा आ रहा है और वो कामुक सिसकिया भरता हुआ अहहः आवाज़े निकाल रहा था. उसे शायद ज़िप में से निकले लंड से तकलीफ हो रही थी, तो सुमित उठा और अपनी पेंट खोलकर नंगा हो गया और उसने मुझे अपनी जांघो पर बैठा लिया. उसने मेरे होठो को मस्ती में चूमते हुए, मेरा एक-एक करके कपड़ा उतारना शुरू कर दिया, वो एक कपड़ा उतारता और मेरे होठो को काटता. मुझे दर्द हो रहा था, लेकिन मज़ा भी आ रहा था. अब हम दोनों पुरे नंगे थे और सुमित मेरे चुचो पर टुटा हुआ, अपने होठो के बीच में मेरे निप्पलो को फसाए था और उसको मस्ती में चूस रहा था. मेरी गांड मस्ती में चल रही थी मेरी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और सुमित के लंड से भी रस निकल रहा था और मेरी गांड पर लग रहा था और मुझे गीलेपन का अहसास हो रहा था. सुमित बहुत बैचेन होकर मेरे बदन के साथ खेल रहा था और उसका लंड बार-बार मेरे गांड के छेद पर टक्कर मार रहा था.
मैने अपनी गांड को थोड़ा ऊपर उठाया और उसके लंड को अपने हाथ में लेकर अपनी चूत पर रगड़ने लगी. बहुत ही गरम और कामुक था वो. हम दोनों की साँसे कंट्रोल में नहीं थी और दोनों की गरम साँसों की गर्मी से पूरा कमरा गरम हो चूका था और पुरे कमरे में हमारी आवाज़े गूंज रही थी. अहहः ऊऊओ यस बस, फक मी, फक मी. इन आवाज़ो से हम दोनों एक दूसरे अपने आप को चोदने के लिए बोल रहे थे. सुमित ने हाथ मेरी गांड पर रख लिए और मुझे अपनी ओर खीच लिया. मेरी चूत और सुमित का लंड पूरा गीला चिकना था और सुमित का लण्ड एक ही बार में मेरी चूत को फाड़ता हुआ, सनसनाता हुआ, मेरी चुत में समां गया. उसका लंड मेरी चूत में चिपक गया और मेरा शरीर हिल भी नहीं पा रहा था. ऐसा लग रहा था, कि पुरे शरीर में कोई करंट दौड़ गया और और उसने पुरे शरीर का पानी चूस लिया हो. मैने दर्द के मारे अपनी आँखे बंद कर ली और सुमित के कंधे पर सिर टिका दिया. मेरा रस सुमित के पहले धक्के के साथ निकल गया, लेकिन सुमित धक्के चालू थे और उसने मुझे तब तक नहीं छोड़ा, जब तक उसने अपना रस मेरी चूत मे नहीं टपका दिया. सुमित धक्के पर धक्के मार रहे थे और मेरी गांड पर मेरी कमर लाल पद चुकी थी और मुझे लग रहा था, कि वो सूज चुकी है. लेकिन, सुमित का प्यार पाने के खातिर मै सब सहने को तैयार थी. मै सुमित को बार-बार बोल रही थी, प्यार करो मुझे और भी ज्यादा. सुमित ने मुझे २ बार चोदा और फिर अपने घर चले गया. उसके बाद तो हमारी शादी हो गयी और सुमित अब मुझे हर रात चोदकर, मुझे मेरी पहली चुदाई का अहसास करवाते है.

समाप्त

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