पहली ही मुलाकात में शाहीन की चुदाई
जिम में चुदाई की शुरुआत से आगे
प्रेषक : रवीश सिंह
दोस्तो, आपको मेरी कहानी बहुत पसंद आई इसके लिए शुक्रिया ! जैसा मैंने बताया था, मैं रिया के लिए काम करने लगा। जब कोई काम नहीं होता तो रिया चुदवाती थी। अन्य महिलाओं के साथ सम्भोग कथा कभी और बताऊँगा, आज शाहीन के साथ की चुदाई कहानी बताता हूँ।
रिया को हफ्ते में 4 दिन प्राइवेट योगा क्लास लेने जाना होता है लेकिन जाने से पहले एक बार मेरा लंड चूस कर रसपान ज़रूर करती थी।
मैंने एक दिन रिया को कहा- यार तुम लंड चूस कर और प्यासा कर देती हो। साला ठोकने के लिए तरसता रहता है।
“भेनचोद, अगर रोज़ चोदने के लिए चाहिए तो एक फंटी पटा ले, लेकिन काम मत भूल जाना !” रिया मम्मे ब्रा के अंदर डालते हुए बोली।
“तू ना, गुस्सा बहुत जल्दी हो जाती है, मैंने कब बोला तेरे क्लाइंट को नहीं चोदूँगा? लेकिन सोच जवान लंड है तेरे क्लाइंट तो अपने वक़्त पर ही बुलाएगी जब उसका पति बाहर गया होगा। तू मेरी फंटी क्यूँ नहीं बन जाती है?” मैंने पूछा।
“चूतिये, विक्की मेरा बॉयफ्रेंड है !” रिया ने खुलासा किया- जितना मिल रहा है, उसमें खुश रह !
विक्की हमारे जिम का ओनर है और लोकल पॉलिटिशियन भी। रिया की बातों से मूड बिगड़ गया तो इमरान से मिलने गया।
इमरान और मैं पान की टपरी पर सिगरेट पी रहे थे कि एक क़यामत की सेक्सी लड़की ने इमरान के हाथ से सिगरेट ले ली और बोली, “अकेले अकेले पी रहे हो?”
वो शाहीन थी, उसने भी कश लिया और सिगरेट फेंक दी।
“चल कहीं चलते हैं, यहाँ कोई देख लेगा तो मुसीबत हो जायेगी।” शाहीन मुझे अनदेखा करते हुए इमरान से मुखातिब थी।
इमरान को ध्यान आया तो बोला- जान, इनसे मिलो, यह रवीश है, रवीश यह शाहीन है।”
शाहीन ने हाथ बढ़ाया तो मैंने भी सिगरेट फेंक दी शाहीन से हाथ मिलाया।
क्या मखमली हाथ थे ! पर मेरी नज़र तो उसकी छाती पर गड़ी थी।
“तो चलें इमरान?” शाहीन बोली, तो तन्द्रा भंग हुई, वो मुड़ी तो साली के चूतड़ों पर निगाह गड़ गई।
इमरान ने जो फ़ोटो दिखाए थे उससे भी ज्यादा सेक्सी ! मेरे फ्लैट पर जाना तय हुआ।
“यार, हमें छोड़ कर तू मेरी बाइक ले और थोड़ा घूम आ !” इमरान आँख मारते हुए बोला। हम बाइक पर ट्रिपल सीट सवार हुए, शाहीन बीच में और मैं सबसे पीछे।
फ्लैट नज़दीक ही था मगर रास्ते में शाहीन की कमनीय जांघों पर हाथ फिराता रहा।
फ्लैट से निकले 10 मिनट भी नहीं हुए इमरान का फ़ोन आ गया- भाई, जल्दी आ !
फ्लैट पर गया तो शाहीन सिगरेट पी रही थी, टॉप के कुछ बटन भी खुले थे।
“यार, विक्की भाई का फ़ोन आया है, मुझे ऑफिस जाना होगा। तू थोड़ी देर शाहीन के के साथ बैठ वो अभी घर नहीं जा सकती है। बाद में छोड़ देना भाई !” इमरान बोला और चला गया।
“तो बहुत हाथ फिरा रहा था दोस्त की माल पे?” शाहीन ने सिगरेट बढ़ाते हुए बोला।
हाथ उठाया तो ब्रा में कैद मम्मों की झलक दिखी, नज़रें फिर वहीं गड़ गई।
शाहीन ने भी भांप लिया कि मैं नज़रों से चोद रहा हूँ। वैसे भी विक्की भाई के फ़ोन से इमरान के साथ चुदाई खेल शुरू ही नहीं हो सका, शाहीन भी प्यासी थी।
“बुरा लगा?” मैंने पूछा और तपाक से बात बदलते हुए बोला- यह सिगरेट इतनी मीठी कैसे है? ओह, तुम्हारे होटों से छूकर मीठी हो गई।
“साले, अपने दोस्त की गर्ल फ्रेंड को तो छोड़ !”
“आज गर्मी बहुत है !” कहते हुए मैंने अपना शर्ट खोल दिया, मेरे स्वेट टी-शर्ट से मेरी मस्त बॉडी दिख रही थी। शाहीन की प्यास बढ़ाने के लिए काफी था, उसने खींच कर अपने पास बिठा लिया।
“क्या बोल रहे थे? यह सिगरेट मेरे होंठ छूने से मीठी हो गई? तो सोचो मेरे होंठ कितने मीठे होंगे?” एक लम्बा कश लेते हुए शाहीन मेरी छाती और एब्स पर हाथ फिराने लगी।
मैंने उसे अपने बाहुपाश में जकड़ा और उसके होटों पे जीभ फेरने लगा और बोला- वाकयी मिशरी है, जरूर अंदर शहद होगा ! यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
शाहीन मेरी बाँहों में पिंघल गई और सिगरेट के स्वाद वाला थूक एक दूसरे के मुँह से पीने लगे। हर मिनट अलग होते और फिर ज़ोर से चिपक जाते।
शाहीन ने मेरे कान, गर्दन, बाइसेप्स और छाती सब चूम चूम के गीले कर दिए। मेरे हाथ भी उसके टॉप में जा चूचों का मर्दन कर रहे थे साथ ही उसकी गर्दन, कंधे सब को नंगा कर चूम रहे थे।
15 मिनट के बाद दोनों खड़े हुए और आनन-फानन में पूर्ण नग्न हो एक बार फिर आलिंगनबद्ध हो एक दूसरे को चूस रहे थे।
शाहीन कभी मेरा लौड़ा पकड़ कर मसल रही थी कभी गांड में उंगली करते हुए टट्टे मसलती। शाहीन के बोबे कड़क, जवान, बड़े और मस्त थे। मैं कभी दायां चूसता कभी बायां ! साथ ही बारी बारी हिप्स भी रगड़ता, बीच बीच में एक दूसरे को चाटते चूमते।
अपनी मजबूत बाँहों में उठा उसको अंदर बिस्तर पर पटका और पलंग के किनारे खड़े हो गया। उसकी दोनों टांगें उठा कर चौड़ी की और अपने कंधों पर रख ली। उसकी जांघों पर हाथ फिराते हुए चूत चाटने लगा। शाहीन की फांक के नीचे से शुरू कर मेरी जुबान उसकी रसीली फुद्दी पर रेंगते हुए भग्नासा को छेड़ती, कभी गांड से चाटते हुए चूत का रसपान करती।
शाहीन मेरी जकड़ में कामवासना से थिरक रही थी।
शाहीन के हाथ मेरा लंड आ गए तो अपने मुंह की ओर खींचने लगी। अपनी नंगी टांगें नीची कर बिस्तर से उतरी और मुख चूमने लगी। मेरे चेहरे पर लगा काम रस चाट कर इकट्ठा किया और अपनी जुबान से मुझे पिलाया। फिर ज़मीन पर पैर चौड़े कर बैठ गई और मलंग हो मेरा लण्ड चूसने लगी।
शाहीन कभी टट्टे चूसती, कभी जांघें चाटती फिर लौड़ा चूसती।
सच बोलता हूँ, रोज रिया चूसती है पर शाहीन लंड चूसने की गुरु है।
मस्त टन-टनाता लंड अब चूत में धूम मचाने के लिए तैयार था। शाहीन को उठाया मुख चुम्बन दिया और बिस्तर पर लिटा लंड पेल दिया। शाहीन की चूत मस्त गीली थी। हर धक्के के साथ शाहीन की चूत की नई गहराइयाँ छू रहा था। शाहीन भी मज़े लेकर चुद रही थी। साथ ही मैं उसके चुचों का मर्दन कर रहा था। थोड़ी देर बाद शाहीन करवट के बल लेटी और मैं पीछे से आ अपना लंड चूत में डाल चोदने लगा। शाहीन का मुँह अपनी ओर किया और चोदते हुए चूमने लगे।
“जानू, मेरा निकलने वाला है !” मैंने गति बढ़ाते हुए कहा।
“अन्दर मत आना र…. राजा, मुह में दे दे !” शाहीन बोली।
चंद झटके और मारे एन मौके पे निकाल शाहीन के मुँह में दे दिया, ढेर सारा रस शाहीन के मुँह में भर गया। कुछ गटक गई बाकी अपनी ठुड्डी और बोबों पर गिरने दिया, फिर मेरा लंड चूस के साफ़ किया।
हम वहीं पलंग के सहारे बैठ गए और सिगरेट पीने लगे। साथ में नहाए और शाहीन को घर छोड़ा और मैं भी जिम में अपनी ड्यूटी पर निकल गया।
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एक अनुरोध: प्लीज जिगोलो बनने के लिए मेल ना करें, आखिर कम्पटीशन किसे पसंद है 😉
लिखता रहूँगा !
रवीश सिंह
[email protected]
प्रकाशित : 06 दिसम्बर 2013
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