शालिनी का प्यार
प्रेषक : राज आकाश
मेरा नाम राज है, अन्तर्वासना के सभी सदस्यों को मेरा प्रणाम।
मेरी उम्र 28 साल है और मैं रोज जिम जाता हूँ इसलिए मैं काफी फिट रहता हूं। मैं जब मुंबई में नया आया था। मुझे पहले काफी दिक्कत हुई पर अभी मुझे यहाँ अच्छा लगता है। मैं मुंबई के दादर इलाके में रहता हूँ। मुझे सेक्सी औरतें अच्छी लगती हैं।
मेरी जिंदगी की सबसे अच्छी कहानी सुनना चाहता हूँ जिसे मैं आज भी बहुत याद करता हूँ।
मैं एक बार नागपुर से मुंबई आ रहा था, एसी 2 टायर में बैठा था, मेरे सामने एक युगल बैठा था। हम लोगों का एक दूसरे से परिचय हुआ और हम लोग काफी घुलमिल गए। वो बन्दा, उसका नाम था प्रथमेश, सॉफ्टवेयर इंजिनियर था, मुंबई में ही जॉब करता था। काफी सारी बातें की और रात को सो गए।
अगले दिन सुबह जब मैं और वो भी उठ गए तो उसे याद आया कि उसने मेरा सेल नंबर नहीं लिया है, मुझसे सेल नंबर मांगने लगा। उसके याद आया कि उसका सेल तो बैग में है तो उसने अपनी बीवी को कहा कि अपने सेल में स्टोर करके बाद में उसे दे दे।
मैंने उसे अपना नंबर दे दिया। थोड़ी देर में ट्रेन मुंबई स्टेशन पर आ गई और हम लोग अपने अपने घर चले गए।
घर पहुँचते ही मुझे एक संदेश आया जिसमें दोस्ती करने के लिए लिखा था। मुझे ऐसे बहुत मैसेज आते रहते हैं तो मैं इन पर ध्यान नहीं देता। फिर थोड़ी देर में और एक मैसेज आया, लिखा था कि अगर दोस्ती नहीं करनी है तो साफ़ साफ बता दो ! तुम्हारी ट्रेन की दोस्त ! इस बार नाम लिखा था और उसका नाम था शालिनी।
मैं सोच में पड़ गया कि कौन है यह लड़की ? मुझे तो कुछ याद नहीं आ रहा था कि मैं किसी शालिनी से मिला हूँ।
फिर भी मैंने कोई उत्तर नहीं दिया, मुझे ऑफिस जाने की जल्दी थी तो मैंने सोचा कि शाम को बात करूँगा।
शाम को फिर मैंने कॉल किया, सामने से आवाज़ आई,”मैं आपके कॉल का कब से इंतज़ार कर रही हूँ।”
यह सुनकर मुझे अजीब लगा, फिर मैंने पूछा “क्या हम कभी मिले हैं?”
उसने कहा,”इतने जल्दी भूल गए? मैं दिखने में इतनी बुरी भी नहीं हूँ।”
मैं: मुझे याद नहीं आ रहा है आप कृपा करके अपना नाम बताइए !
उसने कहा कि उसका नाम शालिनी है और हम कल ही ट्रेन में मिले थे और उसने याद दिलाया कि वो सामने वाली सीट पर बैठी थी। फिर मुझे याद आया कि यह प्रथमेश की बीवी है और प्रथमेश ने मेरा नंबर उसे स्टोर करने के लिए कहा था।
मैं: सॉरी शालिनी जी ! मैंने आपका नाम नहीं पूछा था इसलिए मुझे याद नहीं था ! और प्रथमेश कैसा है?
शालिनी: वो ऑफिस चले गए हैं, रात को लेट आयेंगे।”
मैं: चलो छोड़ो, आप मुझसे दोस्ती क्यों करना चाहती हैं?
शालिनी: आप में मुझे अपना बॉयफ़्रेन्ड नजर आता है जो इस दुनिया में अब नहीं है।
मैं: आय एम सॉरी !
शालिनी: कोई बात नहीं ! मैं अपने बॉयफ़्रेन्ड की बात का बुरा नहीं मानती। तुम्हें पता नहीं कैसे नींद आ रही थी, मैं रात भर सो नहीं पाई।
मैं: क्यों ?
शालिनी: तुम्हें ही निहार रही थी, ऐसा लग रहा था कि मैं तुम्हारे पास आ जाऊँ !
मैंने मस्ती में कहा: तो आ जाना था !
शालिनी: कैसे आती? प्रथमेश साथ में था।
मैं: आपकी शादी को कितने साल हुए हैं ?
शालिनी: दो साल हुए हैं।
फिर हमने मिलने की योजना बनाई। उसने कहा कि वो गोरेगांव में रहती है, दो दिन बाद उसके पति जल्दी ही ऑफिस जाने वाले हैं सुबह साढ़े पाँच !
शालिनी का कद साढ़े पाँच फ़ुट है, गोरी, फ़ीगर 35-27-36, बहुत आकर्षक ! कोई भी उसे देखेगा तो उसका लण्ड वहीं खड़ा हो जायेगा। बला की खूबसूरत थी वो !
मैं समझ नहीं पा रहा था कि वो मेरे बारे में कैसे सोचने लगी क्योंकि वो इतनी सुन्दर थी कि मैं सोच ही नहीं पाया कि वो मुझसे प्रभावित होगी।
दो दिन बाद उसका कॉल आया सुबह 5 बजे, उसने मुझे याद दिलाया कि अभी आधे घंटे में उसका पति ऑफिस जाने वाला है। मेरे दिल की धड़कन तेज हो गई। मैं उठा और तैयार होकर मोटरसाईकल लेकर निकल गया।मैं उसके घर के पास उसके फ़ोन का इन्तज़ार करने लगा।
उसका कॉल आया- अभी आ सकते हो !
मैं: गुड मॉर्निंग डियर !
शालिनी: गुड मोर्निंग ऐसे नहीं करते !
फिर उसने मुझे गाल पर किस किया और गले से लगाया। जैसे ही उसने गले से लगाया मेरा लण्ड खड़ा हो गया। मैंने भी उसे किस करना शुरू कर दिया। सबसे पहले माथे पर, आंखों पर, गाल पर और अब उसके होंठों की बारी थी। जैसे ही मैंने होंठ चूमने चालू किए, उसने मुझे धक्का दिया और बोली- इतनी भी क्या जल्दी है? थोड़ा सब्र करो !
शालिनी: अभी तो आये हो ! जल्द बाजी क्यों?
मैं: आग लगा कर बोलती हो कि जल्दबाजी क्यों ?
शालिनी: आज का दिन हमें बहुत मस्ती करनी है ! क्यों ना धीरे धीरे मज़ा लें !
मैं: ठीक है ! कहाँ से शुरू करना है ?
शालिनी: नहा कर आये हो ?
मैं: पागल हो गई हो क्या ? इतने सवेरे नहा कर कौन आयेगा ?
शालिनी: मैं भी नहीं नहाई ! चलो फिर साथ में शावर लेते हैं !
मैं बहुत खुश हो गया। जिंदगी में पहली बार किसी के साथ शावर लेने का मौका मिला है, यह सुनकर ही मेरे मन में बहुत से ख्याल आने लगे और फिर हम शावर लेने चले गए।
जैसे ही मैं बाथरूम में गया तो देखा कि बाथरूम बहुत बड़ा था, बाथटब भी था। फिर मैंने उसके गुलाबी फूल की पंखुडियों जैसे होंठों को चूमना शुरू किया। इस बार वो भी मेरा साथ देने लगी। कभी मैं ऊपर का होंठ चूसता तो कभी नीचे का ! पूरी जबान उसके मुंह में डाल दी। वो भी किसी अनुभवी की तरह पूरा साथ दे रही थी। धीरे धीरे मेरे हाथ उसके वक्ष तक गए। ऊपर से ही मैं सहला रहा था उसे बहुत मजा आ रहा था। वो भी मेरा लंड पैन्ट के ऊपर से सहला रही थी। लंड तो मेरा पहले से खड़ा हो गया था।
मैं उसकी गर्दन पर किस करते करते कान के पीछे पहुंचा ही था कि वो बोली- कपड़े तन पर बोझ हैं इन्हें उतार फेंकना चाहिए।
मैंने उसकी नाईटी उतार फेंकी। अब वो मेरे सामने ब्रा और पैन्टी में थी। मैं ब्रा के ऊपर से ही उसके स्तनों पर किस कर रहा था। उसने कहा- अब और मत तड़पाओ ! ब्रा खोल दो और चूस लो मेरी चूचियों को !
मैंने तुरंत ब्रा खोल दी और चूसने लगा। उसका हाथ मेरे लंड को सहला रहा था। मैंने दोनों स्तन अच्छी तरह से चूस चूस कर और दबा दबा कर लाल कर दिए। धीरे धीरे मैं उसकी नाभि को चाटने लगा। फ़िर मैंने उसकी पैन्टी उतार दी।
वाह ! क्या चूत थी ! पूरी तरह शेव की हुई थी, बहुत ही मनमोहक खुशबू आ रही थी। मुझसे रहा नहीं गया, मैंने अपनी जबान वहाँ लगा दी।
जैसे ही मैंने जबान लगाई उसने मेरा सर अन्दर धकेला और कराहने लगी, कहा- राज चाटो इसे ! मुझे बहुत मज़ा आ रहा है !
दस मिनट चाटने के बाद वो झड़ गई। फिर उसने मुझे चूमना चालू किया। पहले मुझे होंठों पर चूमा, गर्दन से होती हुई निप्पल पर आ गई। बाद में धीरे धीरे नीचे जाने लगी। उस समय मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि मैं बता नहीं सकता।
मुझे लगा कि वो मेरा लंड चूसने वाली है। उसने मेरी नाभि को भी चाटा और वो घड़ी आ गई जिसका मुझे इंतजार था। मेरा लंड उसने पहले अपनी जबान से पूरी तरह चाट लिया, फिर उसे मुँह में लिया और अन्दर-बाहर करके चूसने लगी। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था मानो कि मैं ज़न्नत में हूँ। 10-12 मिनट बाद पूरा वीर्य उसके मुँह में छोड़ दिया जो उसने बड़े प्यार से चाट लिया। फिर हम लोग बाथत्ब में बैठ कर एक दूजे को नहलाने लगे।
हम दोनों नग्न ही पूरे घर में घूम रहे थे। बाद में हमने नाश्ता किया।
शालिनी ने कहा- अभी तो पहला भाग हुआ है ! अभी दूसरा चालू करते हैं !
फिर उसने मुझे चूमना चालू किया। इस बार उसने सीधा लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी। दो मिनट चूसने के बाद मेरा लंड खड़ा हो गया। मैंने उसे गर्म करने के लिए उसके स्तन चूसना शुरू किया। थोड़ी देर में वो गर्म हो गई। फिर मैंने उसकी चूत चाटनी चालू कर दी। मेरी जुबान पूरी अन्दर तक भ्रमण करके आ रही थी।
शालिनी बोली- अब ज्यादा मत तड़पाओ ! चोद डालो ! और इंतज़ार नहीं होता !
मैंने लंड धीरे से अन्दर डाल दिया और जोर से धक्के मारने लगा।
उसकी आवाज़ निकल रही थी- आऽऽ…हऽऽ… मेरे राजा आई लव यू ! इसी तरह चोदते रहो ! बहुत मज़ा आ रहा है !
15 मिनट बाद मुझे ऐसा लगा कि मेरा गिरने वाला है। मैंने बाहर निकाल दिया और कंट्रोल करने लगा। मैंने उसे चूमना शुरू कर दिया फिर दो मिनट बाद चूत में डाल दिया। वो बहुत खुश हो गई कि मैं कंट्रोल कर सकता हूँ।
उसने कहा कि उसका पति कंट्रोल नहीं कर पाता और जल्दी ही गिर जाता है। इसलिए वो अधूरी है।
ऐसा मैंने दो बार और किया। मैं योग करता हूँ तो मुझे पता है कि अपनी इन्द्रियों को कैसे वश में करना है।
फिर मैंने उसे पूछा- शालिनी ! ज्ब तुम तृप्त हो जाओ तो मुझे बता देना, मैं बाहर गिरा दूंगा।
उसने कहा- अन्दर ही गिराना ! गर्म गर्म वीर्य जब चूत में पड़ता है तो उसका मज़ा ही कुछ और होता है।
मैंने कहा- बच्चा हो गया तो?
उसने कहा- तुम्हारा प्यार समझ कर अपने सीने से लगा कर रखूंगी।
मैंने फिर अन्दर ही गिरा दिया। हम दोनों निढाल होकर पड़े रहे।
उसके बाद उसने मुझे प्यार से चूमा।
आपको मेरी कहानी कैसे लगी ? मुझे मेल करें !
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