भाभी ने मेरे लंड पर हाथ फेरा
हाय फ्रेंड मेंरा नाम विराज (नाम बदला हुआ) मैं इस साईट का रेग्युलर रीडर हूँ मैं आज आप लोगो को अपनी आप बीती बताऊंगा जो कुछ. इससे पहले मैं अपना और अपने रिलेटिव भाभी के बारे मैं थोड़ा बता देता हूँ. मैं देखने मैं थोड़ा बहुत ठीक ही हूँ मैं बी.एस.सी (आई.टी) का स्टूडेंट हूँ, मेरा लंड 8 इंच लंबा और 2.5″ मोटा है और मेरी भाभी वो एक बहुत ही सेक्सी लेडी है जिसकी फिगर कुछ इस तरह है 36-34-36 और गोरा गोरा बदन पूरा भरा हुआ. चलो आप लोगो को और बौर ना करते हुये कहानी पर आता हूँ ऐसे तो वो मुझसे बहुत ही खुली हुई है लेकिन वो थोड़े गुस्से वाली है. उन्हे मैं शादी वाले दिन से ही बहुत पसंद करता था. फिर शादी हो जाने के बाद हम लोग सब वापस अपने घर चले गये. उनकी शादी के बाद कुछ 2 साल बाद मैं अपने आंटी के घर गया. वहा सब मुझे देख के बहुत खुश हुये मगर पता नही क्यों सबसे ज़्यादा मेरी भाभी. वेसे ही बातचीत मैं 2 दिन गुजर गये. तीसरे दिन मैं मेरी आंटी को मेरी दीदी का फोन आया जो दुर्गापुरा से तो अचानक मेरी आंटी मेरे भैया मेरे अंकल (आंटी के पति) सब तीन दिन के लिये वहा चले गये और मुझे भाभी का ख्याल रखने के लिए छोड़ गये. सबके के जाने के बाद मैं बाथरूम गया फ्रेश होने के लिये और भाभी किचन मैं चली गई. मैं जब बाथरूम से निकला तो देखा भाभी सोफे पर बैठ कर टी.वी देख रही है. भाभी ने बाथरूम के दरवाजे की आवाज़ से पीछे मुड़ कर मेरी तरफ देखा और बात करने लगी. और अपने बड़े बड़े बोबो को साड़ी के पल्लू के पीछे से देखने लगी उसे देख कर मेरा लंड थोड़ा टाइट होने लगा और टावल के नीचे से मेरे लंड के उभार से दिखाई देने लगा. भाभी उसे तिरछी नज़र से देख कर मज़े लेते हुये मुझसे बात करने लगी. मैं उसे कंट्रोल नही कर पा रहा था इसी लिये मैं वहा से अपने रूम मैं चला गया. मैं जब रूम से कपड़े पहन कर बाहर आया तो सब कुछ चेंज चेंज हो चुका था खास कर भाभी का बरताव फिर भाभी ने मुझे खाना खाने को दिया और खुद भी खाना लेकर बैठ गई और खाना खाते खाते बात करने लगी.
भाभी विराज तुम्हारा 4 सेमेस्टर कैसा गया. मैं अच्छा भाभी तो कोर्स पूरा करने के बाद क्या करोगे मैं अभी कुछ सोचा नही ऐसे ही बात चलती रही फिर खाना खा करके हम उठ गये. लेकिन मुझे भाभी का ख्याल कुछ अच्छा नही लग रहा था क्योंकी वो बात तो मुझसे कर रही थी लेकिन उसकी नज़र बार बार मेरी पेन्ट की तरफ जा रही थी. ऐसे ही रात हो गयी और हम डिनर के लिये तैयार हो गये. डिनर के वक़्त जो हुआ मैं क्या बताऊं भाभी मुझे खाना देने के लिये थोड़ा झुकी और अपना पल्लू गिरा दिया जिससे उसके गोरे गोरे दो बूब्स मेरी नज़र के सामने आ गये और तो और कुछ देर हम दोनो रुक गये.
फिर भाभी जल्दी जल्दी अपना पल्लू ठीक करके खाने बैठ गई. और फिर बात करते करते मेरे लंड की तरफ घूरने लगी. फिर खाना खा करके हम अपने अपने रूम मैं सोने के लिये चले गये करीब 1 घन्टे बाद (11.00 बजे) भाभी मेरे रूम आई और मैंने देखा भाभी एक काले कलर की सेक्सी नाइटी पहने हुई थी मैं तो उसे देखता ही रह गया. फिर भाभी बोली की उन्हे अकेले सोने में डर लग रहा है तो मैंने उनसे कहा की आप बेड पर सो जाओ मैं नीचे सो जाता हूँ तो उसमे वो बोली की नही नही तुम भी बेड पर मेरे साथ ही सो जाओ इतना बड़ा बेड है और हम दोनो सो गये.
रात के करीब 1.30 बजे मुझे मेरे लंड पर कुछ अहसास हुआ तो मेरी नींद खुल गई मैने देखा की भाभी मेरे लंड पर हाथ फेर रही है और अपने दाये हाथ से अपने बोबो को जोर से मसल रही है मैं कुछ देर ऐसे ही पड़ा रहा फिर मुझसे सहन नही हुआ और मैंने भाभी को कस कर पकड़ लिया भाभी भी मुझे पकड़ कर कहने लगी की मुझे एक बच्चा चाहिये और जोर से रोने लगी फिर मैने जाना की मेरे भैया का वीर्य (स्पर्म) उनको बच्चा नही दे सकता है. फिर क्या मैने भाभी को अपनी बाहो मैं भर लिया और उनके होठों पर जोर से किस करने लगा और धीरे धीरे उनकी नाइटी उतार दी. फिर उनको किस करते करते में उनके बूब्स पर मैं टूट पड़ा और उनकी सफ़ेद कलर की ब्रा को अलग कर दिया और उनके बूब्स जो की पूरे सफ़ेद थे उसे चूस चूस के पूरा लाल कर दिया.
फिर बारी आई उनकी नीचे गीली चूत की जो की चूत रस से पूरा भींग चुकी थी जब मैंने उसकी पेंटी को चूत से अलग किया वहा क्या चूत थी ऐसा लग रहा था की जैसे अभी भी कुवांरी थी लेकिन एक प्रोब्लम थी उनकी चूत पर थोड़े घुमावदार बाल थे उससे उनकी चूत को और भी सुंदर बना रहा था. फिर मैंने उनकी चूत पर जेसे ही एक चुम्मा लिया वो ज़ोर से अपने हाथो से मेरे बाल कस के पकड़ लिये और हाफने लगी में समझ गया की भैया उन्हे कभी भी उनकी चूत को नही चाटा कुछ देर चूत चाटने के बाद वो धीरे धीरे कापने लगी और आहिस्ता आहिस्ता आवाज़ करने लगी वो कुछ ही देर मैं फिर अपना रस छोड़ दिया और शांत हो गई.
फिर मै उठा और अपने कपड़े उतार कर उनको अपना लंड दे दिया वो उसे हाथ मैं लेकर धीरे धीरे उपर नीचे करने लगी और मेरे मुँह से आआअ की आवाज़ निकल गई मैने उनसे कहा की भाभी एक बार लंड को चूसो ना तो उन्होंने मना कर दिया फिर मै उन्हे फोर्स करने लगा तो वो मान गई और वो चूसने लगी मेरा लंड किसी ने पहली बार इस तरह चूसा कुछ देर बाद मेरा वीर्य निकलने वाला था तो मैने उनके मुँह से लंड हटा लिया और ज़मीन पर अपना लंड का रस गिरा दिया और उनके पास जाकर उन्हे किस करने लगा और वो मेरे लंड को लेकर फिर से खेलने लगी वैसे ही मेरा लंड फिर खड़ा हो गया.
तब भाभी बोली विराज और सहन नही होता अब डाल दो ना अपना लंड मैने भाभी के माथे पर चूमा और उनके दोनो पैरो के बीच मैं चला गया और थोड़ा थूक लगा कर उनकी चूत मैं डालने लगा उनकी चूत ना चुदने कारण ठीक से नही खुली थी तो मैंने ज़ोर से जैसे धक्का मारा भाभी बोली रुको दर्द हो रहा है तो मैं रुक गया जब उनका दर्द थोड़ा कम हुआ तो भाभी बोली डालो विराज मैने फिर धक्का दिया तो भाभी बोली तुम्हारी मोटाई अच्छी है ज़रा धीरे धीरे डालो नही तो मेरी चूत फट जायेगी फिर मैने लास्ट में बहुत जोरो का झटका दिया तो भाभी ने एकदम से अपनी सांसे खीच ली और चुप हो गई मैं ऐसे ही कुछ देर पड़ा रहा फिर धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा भाभी का दर्द जैसे जैसे कम होने लगा भाभी भी हिलाने लगी और मेरा साथ देने लगी आहह……..रा……ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज हिईइईरीई हिईीईईइइर्र्र्र्र्र्रररीईईई का आअरर्र्र्र्र्र्र्रूऊऊऊओ……….नाआआआहहिईीईईईईईईईईई टूऊ म्म्म्मा आआआईयईईईईईन्न्नननणणन् माआआररर्र्ररर ज्ज्ज्ज्जाआआवउुउउन्न्ञननननगज्गगीइिईईईईई .
फिर जैसे जैसे वक़्त जाने लगा भाभी कहने लगी कम फ़्फुऊऊुऊउक्ककक मी आज मेरी चूत फाड़ दो और अपने वीर्य से मुझे अपने बच्चे की माँ बना दो मैं तुम्हारा यह उपकार कभी नही भूलूंगी तुम जब चाहो मुझे चोद सकते हो तो आज से तुम ही मेरे असली पति हो आइ लव यू विराज बोलते हुये वो झड़ गयी और कुछ देर बाद मैं भी झड़ गया उस रात मैने उन्हे और एक बार चोदा और सो गया सुबह जब वो उठी तो उसकी चाल से पता चल रहा था की वो पूरी संतुष्ट है और वो फ्रेश होने चली गई. उस दिन से मैं जब भी उनके यहा गया उन्हे चोदा और आज वो मेरे बच्चे की माँ बनने वाली है……..थैंक्स रीडर्स तो यह थी मेरी स्टोरी अगर कोई ग़लती हो तो माफ कीजियेगा क्योंकी इस पर ये मेरी फर्स्ट स्टोरी है.
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