बहन की चूत चुदाई की हवस
दोस्तो, मेरा नाम विकी है। मैं 20 साल का हूँ।
मेरे परिवार में 4 लोग हैं, मम्मी, पापा, मैं और मेरी बड़ी बहन प्रिया।
प्रिया मुझसे 3 साल बड़ी है और उसका फिगर मुझे बहुत उकसाता है।
वो थोड़ी मोटी है, लेकिन हॉट है।
उसके मम्मे बहुत बड़े-बड़े हैं और उसकी चूतड़ भी बाहर की तरफ उभरे हुए हैं।
जब भी मैं उसके मम्मे और पिछवाड़ा देखता हूँ, मेरा लण्ड खड़ा होने लगता है और मन करता है कि अभी उसके मम्मे पकड़ के दबा दूँ। लेकिन डर की वजह से अपने आपको रोक लेता हूँ।
जब वो रोटी बनाती है तो उसकी कुर्ती में से झांकते हुए मम्मे मुझे दीवाना बना देते हैं।
जब भी मैं उसके नहाने के बाद गीले कपड़े ब्रा-पैन्टी देखता हूँ, तो बाथरूम में गेट बंद करके उन्हें अपने लण्ड से रगड़ता हूँ और मेरा वीर्य निकल जाता है।
मैं घर में या बाज़ार में हमेशा उसके मम्मे और चूतड़ों को छूने के बहाने ढूँढता रहता हूँ।
अब मैं आपको मेरे जीवन की वो घटना बताता हूँ, जब मैंने जन्नत की सैर की !
उस वक्त मैं 18 साल का था और मेरी बहन 21 की थी। घर पर मेहमान आए हुए थे, इसलिए मैं और मेरी बहन छत पर सो गए।
वो तो सो रही थी लेकिन मेरी नींद उड़ी हुई थी, जिस बहन के मम्मे मैं उसे झाड़ू लगाते हुए देखता था, वो मेरे पास ही लेटी थी।
बहुत देर तक मैंने कोई हरकत नहीं की, लेकिन मेरा मन नहीं मान रहा था।
वो सीधी लेटी हुई थी और उसके पैर खुले हुए थे।
मैंने अपनी एक टांग उसकी जांघ के ऊपर रख दी।
उसकी जांघ का स्पर्श पाते ही मेरा लण्ड उत्तेजित होने लगा, पर मुझे डर भी लग रहा था लेकिन मैंने हिम्मत करके अपना कांपता हुआ हाथ उसके पेट पर रख दिया।
थोड़ी देर इंतजार करने के बाद मैंने उसके पेट से कुर्ती ऊपर कर दी और अपना हाथ उसके नंगे पेट पर रख दिया।
हाय… क्या बताऊँ दोस्तो… उसके गरम पेट का स्पर्श तो मुझे पागल ही कर रहा था!
कोई हरकत न होते देख मैंने अपना हाथ उसकी कुर्ती के अन्दर ऊपर की ओर ले गया और हल्के हाथ से उसके मम्मों को सहलाने लगा।
वो अन्दर समीज और ब्रा पहने हुए थी, फिर भी मेरा लण्ड हिलोरें मार रहा था।
कुछ देर तक मैं उसके मम्मे ऐसे ही सहलाता रहा, फिर मैंने अपना दूसरा हाथ उसकी जांघ पर रख दिया, अब मेरा एक हाथ उसके सीने पर और दूसरा उसकी जांघ पर था।
तभी वो थोड़ा हिली, तो मैंने अपने हाथ ढीले छोड़ दिए और सोने का नाटक करने लगा।
उसकी नींद खुल चुकी थी उसने अपने सीने और जांघ पर मेरे हाथ महसूस किए।
मैंने सोचा अब तो मैं गया काम से, मगर उसने धीरे से मेरा हाथ कुर्ती से निकाला और करवट बदल कर सो गई।
मैं खुश हो गया मैंने सोचा अच्छा मौका है इसे चोदने का।
थोड़ी देर तो मैंने कुछ नहीं किया, फिर मैंने अपना एक हाथ उसके कूल्हों पर रख दिया और सहलाने लगा।
फिर मैं उसके करीब सरक गया और अपना हाथ उसकी कमर में डाल दिया और उसके मम्मे सहलाने लगा।
उसने धीमी आवाज़ में कहा- विकी… क्या कर रहा है… हटा हाथ!
पर मैं कुछ नहीं बोला और उसके मम्मे को पीछे से दबाते गया, साथ-साथ मैं अपना लण्ड कपड़ों के ऊपर से ही उसकी गांड की दरार में रगड़ रहा था।
वो छटपटा रही थी मगर विरोध नहीं कर रही थी।
मैंने उसकी कुर्ती में हाथ डाल दिया और फिर से उसके मम्मे दबाने लगा।
अब धीरे-धीरे उसकी भी आवाजें निकल रही थीं, वो बोल रही थी- आह विकी… मम प्लीज मुझे छोड़ दो अअह ह्ह्ह्ह म्म्म्ह प्लीज !
मैं और जोर से दबाने लगा।
अब उस पर सेक्स का नशा चढ़ चुका था।
मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और अपना हाथ उसकी चड्डी में डाल कर चूतड़ों पर रख दिया, उसके चूतड़ बहुत ही गरम थे। मैं तो हवस में पागल हुए जा रहा था।
मैं उसकी गांड सहला रहा था और वो मादक ‘आहें’ भर रही थी।
कुछ देर मैं अपना हाथ उसकी गरम गांड पर ही रखे रहा, फिर मैं अपना हाथ उसके आगे ले गया और उसकी चूत पर रख दिया।
उसकी तो सांस ही रुक गई और मेरा लण्ड उफान पर था।
मैंने अपने हाथ से उसकी चूत को सहलाया, दबाया और खूब रगड़ा।
फिर मैंने अपनी ऊँगली उसकी चूत में डाल दी।
वो मेरा हाथ हटाने की कोशिश करने लगी मगर सेक्स की आग में वो कुछ नहीं कर पाई।
मैंने उसके कान में कहा- प्रिया… मेरी जानेमन अपना जिस्म मुझे सौंप दो… समा जाने दो मुझे.. अपनी जवानी में !
फिर मैं अपना एक हाथ उसकी पीठ पर ले गया और उसकी ब्रा का हुक खोल दिया।
उसने अपने मम्मे छुपा लिए, लेकिन मैंने अपना हाथ उसकी छाती से कुर्ती में डालकर उसके मम्मों को पकड़ लिया और उन्हें मसलने लगा।
मैंने उसे अपनी साइड घुमाया और उसकी सलवार और चड्डी नीचे सरका कर अपना खड़ा लण्ड उसकी चूत में रगड़ने लगा।
मैं अपना लण्ड पागलों की तरह उसकी चूत से रगड़ रहा था और वो कसमसा रही थी।
मुझे उसकी चूत में लण्ड डालने से डर लग रहा था क्योंकि एक तो वो कुंवारी थी और बच्चा ठहरने का भी डर था इसलिए मैं उसे ऊपर से ही प्यार करता रहा और मेरा वीर्य निकल गया।
कुछ देर बाद उसका भी निकल गया।
रात भर मैंने उसके मम्मे मसले, उसके स्तन चूसे, उसकी गांड में ऊँगली की और उसकी चूत को अपने लण्ड से रगड़ा और उसे और खुद को रजाई के अन्दर करके सो गया।
सुबह वो जल्दी उठ गई और उसने अपने कपड़े ब्रा-चड्डी वगैरह ठीक किए और मुझे भी जगाया।
फिर सब कुछ सामान्य हो गया और हम ऐसे बर्ताव करने लगे, जैसे कुछ हुआ ही नहीं।
अभी भी मैं मौका पाते ही उसके चूतड़ सहला देता हूँ और जब वो खाना बनाती है तो पीछे से जाकर उसके मम्मे दबा देता हूँ।
अभी तक मैंने उसे चोदा नहीं है, लेकिन चोदने के सारे सुख ले लिए हैं।
आप लोग मुझे प्रोत्साहित करेंगे, तो मैं एक दिन जरूर उसको चोद लूँगा।
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